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Bitcoin में रिकवरी के लिए लंबे इंतजार का संकेत दे रहे टेक्निकल इंडिकेटर्स

बिटकॉइन के प्राइस में बड़ी गिरावट से क्रिप्टो मार्केट से जुड़ी फर्मों और इनवेस्टर्स को काफी नुकसान हुआ है

Bitcoin में रिकवरी के लिए लंबे इंतजार का संकेत दे रहे टेक्निकल इंडिकेटर्स

बिटकॉइन में दोबारा बड़ी गिरावट आने की आशंका भी बन रही है

खास बातें

  • इन्फ्लेशन बढ़ने का भी बिटकॉइन के प्राइस पर असर पड़ रहा है
  • यह पिछले एक महीने से अधिक से 200 सप्ताह के मूविंग एवरेज के आसपास है
  • बिटकॉइन में गिरावट से इनवेस्टर्स को काफी नुकसान हुआ है

मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में रिकवरी का इंतजार के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है. यह संकेत कुछ टेक्निकल इंडिकेटर्स से मिल रहा है. बिटकॉइन के प्राइस में बड़ी गिरावट से क्रिप्टो मार्केट से जुड़ी फर्मों और इनवेस्टर्स को काफी नुकसान हुआ है.

लगभग दो महीने से इस सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट के बड़े कारणों में स्लोडाउन और अमेरिका के फेडरल रिजर्व सहित बहुत से देशों के सेंट्रल बैंक की ओर से इंटरेस्ट रेट्स में की गई बढ़ोतरी है. इसके अलावा इन्फ्लेशन बढ़ने का भी इस पर असर पड़ रहा है. Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, इस क्रिप्टोकरेंसी का प्राइस लगभग 22,600 डॉलर के इसके 200 सप्ताह के मूविंग एवरेज और लगभग 35,500 डॉलर के इसके 200 दिन के मूविंग एवरेज से नीचे आ गया है. यह पिछले एक महीने से अधिक से 200 सप्ताह के मूविंग एवरेज के आसपास है.

Valkyrie Investments का कहना है कि इंडिकेटर्स से इसमें तेजी आने का संकेत मिल रहा है लेकिन ऐसा कब तक होगा यह स्पष्ट नहीं है. आमतौर पर 200 सप्ताह के मूविंग एवरेज के आसपास रहने के तीन से छह महीने के बाद प्राइस में तेजी आने की संभावना होती है. लगभग तीन वर्ष पहले भी बिटकॉइन लगभग तीन महीने तक 200 सप्ताह के मूविंग एवरेज के आसपास रहा था. हालांकि, स्लोडाउन और क्रिप्टो मार्केट में बिकवाली जैसे अन्य कारणों से इसमें तेजी आने में लगभग एक वर्ष भी लग सकता है. कुछ अन्य टेक्निकल इंडिकेटर्स बिटकॉइन के लिए सपोर्ट के कुछ लेवल्स दिखा रहे हैं. यह 12,000 डॉलर से लगभग 20,000 डॉलर के बीच हैं. इससे बिटकॉइन में दोबारा बड़ी गिरावट आने की आशंका भी बन रही है.

बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों पर स्पॉट ट्रेडिंग जून में लगभग 27.5 प्रतिशत घटकर लगभग 1.41 लाख करोड़ डॉलर की रही. यह पिछले लगभग डेढ़ वर्ष का लो लेवल है. बिजनेस एनालिटिक्स फर्म MicroStrategy के CEO और क्रिप्टोकरेंसीज के समर्थक Michael Saylor ने हाल ही में बिटकॉइन की वास्तविक वैल्यू पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था कि अमेरिका में इन्फ्लेशन के 9.1 प्रतिशत के साथ रिकॉर्ड लेवल पर पहुंचने और डॉलर के मुकाबले अन्य करेंसीज के कमजोर होने के साथ बहुत से लोगों को यह समझ नहीं आ रहा कि 1 बिटकॉइन की वैल्यू 1 बिटकॉइन से अधिक नहीं है. उन्होंने इससे यह स्पष्ट कर दिया कि वह क्रिप्टोकरेंसीज के प्राइस की तुलना सामान्य करेंसीज के साथ नहीं करते और बिटकॉइन के प्राइस पर मैक्रो इकोनॉमिक स्थितियों के कड़े दबाव के बावजूद इसकी वास्तविक वैल्यू पर असर नहीं पड़ा है.

Top trending stock: एक घंटे में आठ परसेंट उछला यह शेयर, क्या आपके पोर्टफोलियो में है

एस्टर डीएम हेल्थकेयर (Aster DM Healthcare) का शेयर आज पहले एक घंटे के ट्रेड में आठ फीसदी से अधिक उछल गया। इसके साथ ही टेक्निकल इंडिकेटर्स भी इसमें सुधार के संकेत दे रहे हैं। इसका 14 दिन का डेली आरएसआई 34 से बढ़कर 46 हो गया है। इतना ही नहीं इसने 20-DMA को क्रॉस कर लिया है।

Top trending shares

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TECHNICAL INDICATORS KE PRAKAR?

TECHNICAL INDICATORS KE PRAKAR?

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हेल्लो दोस्तों आज एकबार फिरसे आप सभीको internet sikho में बहुत बहुत स्वागत है.आज हाम इस पोस्ट में जानेंगे की technical chart में कितने प्रकार के indicators होते है और उस अलग अलग indicators के क्या क्या काम है उसके बारे में भी जानेंगे.

TECHNICAL INDICATORS की टेक्निकल इंडीकेटर्स पूरी जानकारी

technical indiactors को दो भाग में भाग किया गया है.

तोह यह दोनों indicators के बारे बारे में निचे उल्लेख करने जा राहा हु.

  • LEADING INDICATORS– यह सुचोक नाम की तरह बर्ताब करता है.मार्केट overbought या oversold है इसकी सूचना सुचोको को देता है.वोग गति के बिना किसी स्थर पार आटके हुए बाजार में आछा काम करते है.यह सुचोक जोह कम कालाबधि की खरीदी या बिक्री करते है उनके लिए बहुत हु उपोयोगी है.यह अधिक trending signal देता है और ट्रेडर ने जाग्रति रहकर काम किया तोह बहुत ही आछा मुनाफ़ा कामा सकते है.

LEADING INDICATORS के भी 2 बिभाग में भाग किया गया है जैसे

LEADING INDICATORS इस्तेमाल करने का क्या फ़ायदा है?

खरीदी और बिक्री का मिलनेवाला पुर्बो संकेत यह इसका आसली फ़ायदा होता है.leading सुचोक यह अधिक trending संकेत निर्मान करते है जोह अधिक trading का मौका देता है.बड़ते बाजार में oversold होकर आपको खरीदी करने का मौका मिलता है.

घटते बाजार में overbought होकर आपको बिक्री करने का मौका देता है.पार इसका एक घटा यह है की अधिक संख्या में संकेत और पुर्बो संकेत wipshaw की संभाबना में बढोतरी करते है जिसमे खतरा बढ़ता है.

  • LAGGING INDICATORS – lagging सुचोक यह ट्रेंड के अनुसार चलनेवाले सुचोक है.उनकी रचना इसीलिए होता है की स्थापित ट्रेंड में ट्रेडर या निवेशक ट्रेंड के साथ निवेशित रहते है और ट्रेंड जब तक स्थापित होते है तबतक वोह उनमे शामिल होते है. ऐसे सूचक दीर्घो कलाबधि में निर्मान होनेवाला ट्रेंड में बहुत ही आछा काम आता है.यह भबिस्य में आनेवाले भाव का अंदाजा नहीं दे सकते पार बाताते है की बाजार की दिशा कोनसा है.एकसमान तेजी के कालाबधी में समय के अनुसार काहापर सपोर्ट लेते है वोह स्पष्ट करते है.हर निवेशक दीर्घो कालाबधि के लिए टेक्निकल इंडीकेटर्स शांत मन से कोई भी शेयर्स में निवेशित रह सकते है.

lagging indicators को भी 2 प्रकार में बिभाग किया गया है

Lagging indicators इस्तेमाल करने का फ़ायदा और नुक्सान क्या है?

lagging सुचोको का एक फ़ायदा उनकी ट्रेंड पकड़ने की एक खमता होता है.यह सुचोक एकसमान बढ़ते या घटते बाजार में आछा काम है.इन सुचोक में बहुत ही कम ट्रेडिंग signal तोह मिलते ही है और जब मिलते है तब थोड़े बहुत मिलते है.पड़े रहनेवाला शांत बाजार में यह आछा काम नहीं देते है.leading और lagging सुचोक अलग अलग प्रकार के भूमिका निभाते है.

दोस्तों यह था TECHNICAL INDICATORS की पूरी जानकारी जिसमे आप अलग अलग indicators के अलग अलग भूमिका के बारे में जान सकते है.उम्मीद करता हु की आपको हामारे technical analysis series से हर दिन कुछ ना कुछ सिखने को मिल राहा होगा.और हामारे आनेवाले हर एक पोस्ट की जानकारी इ mail box में प्राप्त करने के लिए internet sikho को subscribe करना ना भूले.

How to Customize the Candlestick Colours and Technical Indicators

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