पारदर्शिता की कमी शेयर बाजार की एक और कमी है। निवेशक को लेनदेन की वास्तविक दर का पता नहीं होता है। निवेशक को अनुबंध पर नोट करके दर और ब्रोकरेज के बारे में सूचित किया जाना चाहिए।

प्रतिकूल हालात में देश के पूंजी बाजार से 100 अरब डॉलर तक की निकासी संभवः आरबीआई लेख

मुंबई, 20 जून (भाषा) देश में पोर्टफोलियो प्रवाह यानी प्रतिभूतियों में निवेश वैश्विक स्तर पर जोखिम धारणा में होने वाले बदलावों के प्रति सबसे संवेदनशील है और प्रतिकूल भारत में पूँजी बाजार स्थिति में संभावित पोर्टफोलियो निकासी एक साल में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का करीब 3.2 प्रतिशत यानी 100 अरब डॉलर तक हो सकती है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नवीनतम बुलेटिन में प्रकाशित एक लेख में यह आशंका जताई गई है। ‘जोखिम में पूंजी प्रवाहः भारत का अनुभव’ शीर्षक लेख में कहा गया है कि कई तरह के आघातों से जुड़ी ‘ब्लैक स्वान’ घटना में संभावित पूंजी निकासी जीडीपी के 7.7 प्रतिशत तक जा सकती है। इस तरह तरलता अधिशेष बनाए रखने की जरूरत पर बल दिया गया है ताकि भारी भारत में पूँजी बाजार उठापटक का सामना किया जा सके।

एक ‘ब्लैक स्वान’ घटना भारतीय इतिहास भारत में पूँजी बाजार में अनुभव किए गए सभी प्रतिकूल झटकों के एक साथ घटित होने की स्थिति हो सकती है, जो किसी आर्थिक तूफान का सबब बन सकती है।

भारत का पूंजी बाज़ार विदेशी निवेशकों के लिए बन रहा है आकर्षण का केंद्र

भारत का पूंजी बाज़ार विदेशी निवेशकों के लिए बन रहा है आकर्षण का केंद्र

भारत का पूंजी बाज़ार विदेशी निवेशकों के लिए असीम संभावनाओं का खज़ाना है। 400 से अधिक नए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का अप्रैल-मई में सेबी में पंजीकरण हुआ जो इस बात का संकेत है कि भारत एफपीआई का आकर्षक गंतव्य बना हुआ है। बाजार नियामक के नवीनतम आंकड़ों से यह बात सामने आई है।
आर्थिक प्रगति के पथ पर दौड़ रहे भारत के पूंजी बाजार में कहीं ज्यादा संभावनाएं हैं।
निवेश के मामले में भारत के पूंजी बाज़ार में अलग अलग क्षेत्रों में निवेश करने के बहुत से विकल्प मौजूद है।

इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि 400 अधिक नए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का अप्रैल-मई में सेबी में पंजीकरण हुआ है। सेबी के आंकड़े के अनुसार एफपीआई की संख्या मई, 2017 के आखिर में 8,214 तक पहुंच गयी।

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पूंजी बाजार में निवेशकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इनमें से कुछ समस्याओं पर नीचे चर्चा की गई है:

1. अपर्याप्त प्रकटीकरण

निवेशक सुरक्षा प्रणाली विकसित करने के लिए पूर्ण और सही जानकारी की उपलब्धता आवश्यक है। लेकिन सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स (रेगुलेशन) एक्ट, 1956 के तहत आवश्यक खुलासे, प्रॉस्पेक्टस में किए जाने वाले खुलासे के बारे में बहुत सारी खामियां छोड़ते हैं। इसलिए, कुछ कंपनियां अपने प्रॉस्पेक्टस में झूठे या भ्रामक बयान देती हैं ताकि निर्दोष निवेशकों को आकर्षित किया जा सके और धोखा दिया जा सके।

2. इनसाइडर ट्रेडिंग

इनसाइडर ट्रेडिंग का अर्थ है उन व्यक्तियों द्वारा प्रतिभूतियों की बिक्री या खरीद जिनके पास कंपनी के बारे में उनकी भरोसेमंद क्षमता के कारण मूल्य संवेदनशील जानकारी है। उदाहरण के लिए लाभांश की उच्च दर की घोषणा, बोनस जारी करना के अधिकार शेयर आदि के बारे में जानकारी, कंपनी के वित्तीय परिणामों से संबंधित जानकारी, समामेलन विलय और अधिग्रहण, उपक्रम का निपटान और ऐसी अन्य जानकारी।

भारत में पूंजी बाजार की समस्याओं के लिए सुधार

सेबी ने निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए प्राथमिक बाजार में सुधार लिए कुछ कदम उठाए हैं। तदनुसार, कंपनी अधिनियम के तहत किए जाने वाले खुलासे के अलावा, कंपनियों को प्रकटीकरण और निवेशक संरक्षण के संबंध में सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार प्रकटीकरण करना होगा।

सेबी ने सेबी इनसाइडर रेगुलेशन, 1992 तैयार किया है जो इनसाइडर ट्रेडिंग से संबंधित मामलों पर डीलिंग, संचार या परामर्श पर रोक लगाता है। विनियम के अनुसार, कोई भी अंदरूनी सूत्र अप्रकाशित मूल्य संवेदनशील जानकारी के आधार पर किसी भी कंपनी की अप्रकाशित मूल्य संवेदनशील जानकारी और परामर्श या किसी अन्य व्यक्ति को किसी कंपनी की प्रतिभूतियों में सौदा करने के लिए संचार नहीं करेगा।

सेबी ने विभिन्न प्रकार की कंपनियों द्वारा शेयर जारी करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसके अलावा, इसने स्टॉक एक्सचेंजों के सहयोग से कीमतों में असामान्य उतार-चढ़ाव की निगरानी के लिए एक अलग डिवीजन की स्थापना की है।

📊भारतीय पूंजी बाजार में आज के कारोबार को प्रभवित करने वाले प्रमुख कारक❗

देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी के चेयरमैन और भारत में पूँजी बाजार प्रबंध निदेशक गुरदीप सिंह को बिजली क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए प्लैट्स ग्लोबल एनर्जी अवार्ड्स में 'सीईओ ऑफ द ईयर' पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। बयान के अनुसार, पुरस्कार वैश्विक चुनौतियों के बीच अपने क्षेत्र को बनाये रखने भारत में पूँजी बाजार के साथ संगठन को आगे बढ़ाने वाले कर्मचारियों का पूर्ण रूप से समर्थन देने की काबिलियत को बताता है।

सर्दी के सीजन में शुरु करें ये मुनाफेदार बिजनेस, होगी लाखों की कमाई

सर्दी के सीजन में शुरु करें ये मुनाफेदार बिजनेस, होगी लाखों की कमाई

सर्दी के मौसम में मसालों की मांग तेजी से बढ़ रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार आपको मसाले का यूनिट शुरू करने भारत में पूँजी बाजार के लिए 3.50 लाख रुपये खर्च करने होंगे इसके अलावा यूनिट के लिए कम से कम 300 वर्ग फीट की जगह और कच्चे माल के लिए कुल मिलाकर 1 लाख रुपये खर्च करने होंगे। इस बिजनेस शुरु करके आप 10 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं। ऐसे में आपको सालाना 5 लाख रुपये की कमाई हो जाएगी।

जल्द ही लगेगी भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौते पर मुहर

जल्द ही लगेगी भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौते पर मुहर

भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर एक बहुत अच्छी खबर आ रही है। स्वीडन ने संकेत दिया है कि जल्द ही भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर एक बहुत अच्छी खबर आ रही है। स्वीडन ने संकेत दिया है कि जल्द ही भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौते पर मुहर लग सकती है। दरअसल अगले कुछ सप्ताह में स्वीडन यूरोपीय संघ (ईयू) की अध्यक्षता संभालने जा रहा है।

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पीएमइंडिया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय भारत में पूँजी बाजार बोर्ड (सेबी) और पूंजी बाजार प्राधिकरण (सीएमए), कुवैत द्वारा पारस्‍परिक सहयोग और तकनीकी सहायता से संबंधित समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर किए जाने को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है।

इस एमओयू से दो विनियामकों के बीच आर्थिक संबंधों के विकास और सहयोग बढ़ने की सम्‍भावना है और इसका लक्ष्‍य दोनों देशों भारत में पूँजी बाजार में प्रतिभूति बाजारों के प्रभावी विकास के लिए वातावरण तैयार करना है।

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