इन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने भी अपने एक्सचेंज पर मान्यता नहीं दी हुई है। विदेश में इनका बिजनेस ठप सा पड़ गया है, इसलिए अब इन्होंने अपना रूख भारत की तरफ मोड़ विकल्प ट्रेडिंग क्या हैं लिया है। यह एक तरह का जुआ है, जिसमें 98 फीसदी लोग अपनी रकम को डूबा देते हैं। केवल दो फीसदी लोग ही कुछ पैसा कमा पाते हैं।
ओवरट्रेडिंग से मुनाफा कमाना आसान नहीं, अनुशासन में रहकर ट्रेड करें ट्रेडर्सः निखिल कामत, को-फाउंडर, Zerodha
Zerodha के निखिल कामत ने कहा FIIs भारतीय बाजारों में लगातार बिकवाली कर रहे हैं। जबकि DIIs ने खरीदारी करके भारतीय बाजारों को सपोर्ट किया है
नया साल अब करीब आ गया है। नये साल में नये संकल्प लेते हैं। नये साल से लोगों की उम्मीदें और आशाएं जुड़ी रहती हैं। इसी तरह शेयर बाजार के ट्रेडर्स और इनवेस्टर्स को भी बाजार से उम्मीदें हैं। आज मार्केट आउटलुक 2023 में शेयर बाजार कैसा रहेगा इस विकल्प ट्रेडिंग क्या हैं बारे में देश के सबसे बड़े ब्रोकरेज हाउस Zerodha के को-फाउंडर निखिल कामत ने सीएनबीसी-आवाज़ से एक्सक्लूसिव बात की। उन्होंने जीरोधा द्वारा जारी की एक रिपोर्ट पर भी बात की। जिरोधा द्वारा जारी इस रिपोर्ट में ओवरट्रेडिंग के बारे में आंकड़े प्रकाशित किये गये हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ओवरट्रेडिंग करने वाले 1% से भी कम ट्रेडर्स बैंक FD से ज्यादा रिटर्न कमाते हैं। जबकि 99% ट्रे़डर्स बैंक FD से कम रिटर्न कमाते हैं।
ग्वारसीड में ऑप्शन ट्रेडिंग की हुई शुरुआत, वित्त मंत्री ने कहा किसानों को होगा फायदा
Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: January 14, 2018 14:50 IST
Option trading launched in Guarseed
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कमोडिटी एक्सचेंज एनसीडीईएक्स पर ग्वारसीड में विकल्प कारोबार का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि इस नई पहल से किसानों को फायदा होगा और उन्हें आगामी दिनों में बेहतर मूल्य मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों पर कुछ कृषि जिंसों के ऊंचे उत्पादन की वजह से कीमतों में गिरावट आई है। वित्त मंत्री ने कहा कि विकल्प कारोबार किसानों को इस स्थिति से बाहर निकालने के लिए एक प्रमुख कदम है। एमसीएक्स के बाद एनसीडीईएक्स जिंसों का विकल्प कारोबार शुरू करने वाला दूसरा एक्सचेंज है।
F&O Stocks: HAL समेत 10 स्टॉक्स की फ्यूचर एंड ऑप्शंस सेग्मेंट में होगी एंट्री, 27 अगस्त से ट्रेडिंग की शुरुआत
स्टॉक्स को बाजार नियामक सेबी द्वारा तय मानकों के आधार पर ही सेग्मेंट में शामिल करने का फैसला लिया गया है.
F&O Stocks: अगर आप Futures and Options (F&O) segment में ट्रेडिंग करते हैं तो 27 अगस्त से 10 और विकल्प उपलब्ध हो जाएंगे. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के मुताबिक 27 अगस्त से इस सेग्मेंट में 10 और स्टॉक्स की ट्रेडिंग शुरू हो जाएगी. इसमें डिक्सॉन टेक्नोलॉजीज, कैन फाइनेंस होम्स, इंडियामार्ट, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), पॉलीकैब इंडिया, इप्का लैब, ओरेकल फाइनेंशियल, सिंजीन इंटरनेशनल, इंडियन एनर्जी एक्सचेंज और एमसीएक्स शामिल हैं. एनएसई के मुताबिक मार्केट लॉट की जानकारी इन स्टॉक्स की F&O segment में एंट्री के एक दिन पहले उपलब्ध होगी. इन स्टॉक्स को बाजार नियामक सेबी द्वारा तय मानकों के आधार पर ही सेग्मेंट में शामिल करने का फैसला लिया गया है.
F&O में शामिल होने के लिए ये हैं मानक
- रोलिंग कैलकुलेशन के आधार पर पिछले छह महीनों में डेली बैसिस पर औसतन मार्केट कैप और औसतन डेली ट्रेडेड वैल्यू के आधार पर टॉप 500 स्टॉक्स में शामिल होना चाहिए.
- पिछले छह महीनों में स्टॉक का मीडियन क्वार्टर सिग्मा ऑर्डर साइज 25 लाख रुपये से अधिक होना चाहिए. मीडियन क्वार्टर सिग्मा का मतलब है कि ऑर्डर साइज कम से कम इतना होना चाहिए कि इससे स्टॉक के प्राइस पर असर पड़ सके. इस क्राइटेरिया को लेकर सेबी की मंजूरी लेनी होती है.
- रोलिंग बेसिस पर स्टॉक की मार्केट वाइड पोजिशन लिमिट 500 करोड़ रुपये से अधिक होनी चाहिए. इसके तहत ये देखा जाता है कि स्टॉक सक्रिय रूप से ट्रेड हो रहा है या सिर्फ कुछ ही लोगों के पास सीमित है.
- सेबी के मुताबिक अगर लगातार तीन महीनों तक एलिजिबिलिटी शर्तें नहीं पूरी होती हैं तो उस सिक्योरिटी के नए मासिक कांट्रैक्ट नहीं जारी होंगे. हालांकि जो वर्तमान कांट्रैक्ट हैं और एक्सपायर नही हुए हैं, उन्हें एक्सपायरी तक ट्रेडिंग की मंजूरी रहेगी. इसके अलावा चालू कांट्रैक्ट महीने में फ्रेश स्ट्राइक्स को इंट्रोड्यूस किया जा सकता है.
फ्चूयर और ऑप्शंस कांट्रैक्टस क्या हैं?
- फ्यूचर कांट्रैक्ट में दो पार्टियों के बीच एक फ्यूचर डेट पर एक प्राइस में सिक्योरिटीज को बेचने या खरीदने के लिए कांट्रैक्ट होता है. इस प्राइस का निर्धारण कांट्रैक्ट के समय ही हो जाता है. यह कांट्रैक्ट बीएसई या एनएसई के जरिए होता है. वहीं दूसरी तरफ ऑप्शंस कांट्रैक्ट में एक अंडरलाइंग एसेट को किसी खास दिन या प्राइस पर बिक्री या खरीदने के राइट्स मिलते हैं और इसमें कोई ऑब्लिगेशन नहीं होता है.
- फ्यूचर कांट्रैक्ट्स का अधिकतम तीन महीनों का ट्रेडिंग साइकिल होता है, जिसमें नियर (Near), नेक्स्ट (Next) और फार (Far) मंथ हैं. नए कांट्रैक्ट नियर मंथ कांट्रैक्ट्स के एक्सपायरी के बाद आते हैं. किसी भी कारोबारी दिन तीनों कांट्रैक्ट उपलब्ध रहते हैं. ऑप्शंस कांट्रैक्ट्स का भी तीन महीनों का साइकिल होता है.
- F&O contracts तीसरे महीने के अंतिम गुरुवार को समाप्त होते हैं और अगर इस दिन छुट्टी पड़ती है तो उसके एक कारोबारी दिन पहले यह कांट्रैक्ट एक्सपायर होगा.
- निफ्टी50 कांट्रैक्ट्स के लिए लॉट साइज 50 है. इसके अलावा अन्य स्टॉक्स का लॉट साइज 40 है.
(सोर्स: ब्रोकरेज एंड रिसर्च फर्म एंजेल वन)
करते हैं लाखों रुपये कमाने का वादा
कम निवेश में यह बाइनरी ट्रेडिंग एप लोगों को ज्यादा पैसा कमाने का वादा करते हैं। इन कंपनियों का कहना होता है कि लोग 10 डॉलर (700 रुपये) के छोटे से निवेश से एक माह बाद 10000 हजार डॉलर (7 लाख रुपये) तक कमा सकते हैं। हालांकि ऐसा हकीकत में कुछ भी नहीं होता है। यह एक तरह का छलावा है, जैसा हाल ही में क्लिक एंड लाइक, बाइक बोट, स्पीक एशिया ने लोगों के साथ किया था और लाखों लोगों के करोड़ों रुपये डूब गए थे।
बाइनरी ट्रेडिंग एप इसलिए भी खतरनाक हैं, क्योंकि इनको भारत में व्यापार करने के लिए किसी भी तरह की मान्यता सेबी, आरबीआई या सरकार से नहीं मिली है। वहीं अगर कोई व्यक्ति थोड़े बहुत पैसे भी इन बाइनरी एप से कमा लेता है, तो वो फेमा कानून के तहत फंस सकता है। दूसरी तरफ इन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन टैक्स हैवेन देशों में हैं, जहां से आप किसी तरह की कोई मदद नहीं पा सकते हैं।
ऐसे काम होता है बाइनरी ट्रेडिंग में
बाइनरी ट्रेडिंग में विदेशी मुद्रा, क्रिप्टोकरेंसी और सोने-चांदी जैसी कमोडिटी में ट्रेडिंग करने का ऑप्शन दिया जाता है। यहां पर लोगों को अनुमान लगाना होता है कि फलां कमोडिटी कितना आगे या फिर नीचे जाएगी। मान लीजिए आपने डॉलर पर अनुमान लगाया कि वो अगले एक से पांच मिनट में नीचे जाएगा, और आपने 10 डॉलर के साथ स्ट्राइक लगाई। अब एक मिनट में जो डॉलर नीचे जा रहा था, वो एकदम से ऊपर चला जाएगा। इससे आपके वो 10 डॉलर भी डूब जाएंगे। आप जितना भी पैसा लगाएंगे वो डूबता ही चला जाएगा।
शुरुआत में यह कंपनियां रजिस्ट्रेशन करने के बाद 10 हजार डॉलर का वर्चुअल पैसा डालती हैं, जिससे लोग इसके बारे में पूरी तरह से ज्ञान ले लें। लोग वर्चुअल में जब खेलकर थोड़ा भी ज्ञान ले लेते हैं, तब इसमें पैसा निवेश करते हैं।
कम से कम 3000 डॉलर का निवेश
अगर आपने यहां से थोड़ा सा भी पैसा कमा लिया तो वो आप निकाल नहीं पाएंगे। इन ट्रेडिंग एप पर आपको कम से कम तीन हजार डॉलर (करीब 2,10,000 रुपये) का निवेश करना होगा, तभी वो व्यक्ति इन खातों से जीता हुआ पैसा निकाल सकेगा। अगर उसने इतना पैसा नहीं निवेश किया तो उसको खाते से पैसा निकालने के लिए अनुमति नहीं मिलेगी।
हालांकि लोगों को निवेश करने के लिए अपने डेबिट या फिर क्रेडिट कार्ड (वीजा या मास्टरकार्ड) से पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। एक बार जहां आपने अपने कार्ड की विकल्प ट्रेडिंग क्या हैं डिटेल्स दे दी, तो समझ लीजिए कि आपका खाता हैक होने में देर नहीं लगेगी।
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