Blockchain Technology , Hash , Data , Mining in Hindi | ब्लॉकचैन तकनीक , हैश ,डाटा माइनिंग क्या होते है ?
ब्लॉकचैन दो शब्दों से मिलकर बना है, पहला ब्लॉक (Block) और दूसरा चेन (Chain) | ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी ( Blockchain Technology) में बहुत सारे डेटा ब्लॉक होते है| इन ब्लॉक्स में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) यानी की डेटा रखा जाता है| अलग-अलग बॉक्स में अलग-अलग करेंसी यानी डेटा होते हैं, और ये एक-दूसरे से जुड़े होते हैं|
यहां हम आपको cryptocurrency के उस तकनीक के बारे में बतायेगे जिसके जरिए यह चलती है| यानी Blockhain के बारे में |
बिटकॉइन क्या है ( What is Bitcoin )
यह एक तरह की क्रिप्टोकरेंसी है| क्रिप्टोकरेंसी प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी यानी वर्चुअल करेंसी, क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर कार्य करती है | पिछले कुछ समय से बिटकॉइन नाम हर किसी ने सुना है| आप यह जानकर हैरान होंगे कि साल 2020 जहां देश-दुनिया के लिए परेशानियों भरा साल था वहीं दूसरी और बिटकॉइन होल्डर के लिए यह साल बहुत अच्छा रहा | Bitcoin के वैल्यू का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि 2010 में 1 Bitcoin की कीमत महज 0.06 अमेरिकी डॉलर ( 2.85 रुपये) से भी कम थी, लेकिन अब एक Bitcoin की कीमत 50 लाख रुपये है| हमारे एक्सपर्ट बताते हैं कि यह Blockchain की वजह से हो पाया है क्योंकि ब्लॉकचेन की वजह से ही बिटकॉइन इतना कीमती, सुरक्षित और प्रसिद्ध हुआ|
ब्लॉकचेन दो शब्दों से मिलकर बना है| पहला ब्लॉक (Block) और दूसरा चेन (Chain) | ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी ( Blockchain Technology) ब्लॉक का मतलब डेटा ब्लॉक से है| इन ब्लॉक्स में क्रिप्टोकरेंसी यानी की डेटा रखा जाता है| ये एक-दूसरे जुड़े होते हैं| और डेटा की एक लंबी चैन बनते जाती है| जैसे ही नया डेटा आता है, उसे एक नए ब्लॉक में दर्ज किया जाता है| एक बार जब ब्लॉक डेटा से भर जाता है तो उसे पिछले ब्लॉक से जोड़ दिया जाता है| इसी तरह सभी ब्लॉक्स एक-दूसरे जुड़ते जाते हैं|
डेटा क्या होता है ( What is Data )
हर एक ब्लॉक में डेटा, हैश और पिछले ब्लॉक का हैश होता है| अब ये तीनों चीजें क्या होती हैं? ब्लॉकचेन में जो डेटा store रहता है उसमें ट्रांजैक्शन की डीटेल्स होती हैं| इसमें सेंडर, रीसिवर और अकाउंट से सम्बंधित जानकारियां दर्ज रहती हैं| इन Data Blocks में क्रिप्टोग्राफी टेक्नोलॉजी के जरिए डेटा को Encode किया जाता है और ये ब्लॉक एक-दूसरे से जुड़कर लंबी चैन बनाते हैं| प्रत्येक Block में उससे पिछले Block का एक क्रिप्टोग्राफी हैश, एक टाइमस्टैम्प और लेनदेने का डेटा इत्यादि होता है| हर ब्लॉक अपने से अगले ब्लॉक से जुड़ा रहता है|
हैश क्या होता है ( What is Hash )
हैश को आप एक तरह से बायोमेट्रिक समझ सकते हैं जो हर किसी के लिए युनीक होता है| यह एक तरह का कोड होता है, जो आपके Thumb इम्प्रेशन की तरह युनीक होता है| अगर आप Block में किसी तरह का छेड़छाड़ करते है, तो ये हैश यानी कोड बदल देता है| ये सभी ब्लॉक्स एक दूसरे से वर्चुअली कनेक्टेड होते हैं| यह ऐसा सिस्टम होता है, जिसमें छेड़छाड़ की गुंजाइश नहीं होती | अगर आप एक ब्लॉक का डेटा बदलते है, तो फिर आपको दूसरे ब्लॉक का भी डेटा बदलना होगा|
हैश खोजने के बाद क्या करते है
जब कोई माइनर कोई solid hash खोजकर उससे ब्लॉक को सिक्योर कर देता है तो उस हैश को ब्लॉकचेन से जोड़ देते है और नेटवर्क में दूसरे नोड के जरिए उसे वेरिफाई करते है| इस प्रक्रिया को आम सहमति कहते है|
आम सहमति मिलने के बाद क्या करते है?
अगर आम सहमति हो गया तो समझिए ब्लॉक के सिक्योर होने की पुष्टि हो गई| यदि वह सही पाया जाता है तो उसे सिक्योर करने वाले माइनर को क्रिप्टोक्वॉइन दिए जाते हैं| यह एक तरह का रिवार्ड होता है जिसे काम का सबूत माना जाता है|
माइनिंग क्या होती है ( What is Mining)
क्रिप्टोग्राफी के जरिए खरीदी को क्रिप्टो माइनिंग कहते है यहां पर हर जानकारी का डिजिटल रूप से डेटाबेस तैयार करना पड़ता है| तथा जिनके द्वारा यह माइनिंग की जाती है, उन्हें माइनर्स कहते है|
Blockchain Technology क्या है
यह एक तरह का एक्सचेंज प्रोसेस है| जोकि डेटा ब्लॉक पर काम करता है| प्रत्येक ब्लॉक को एंक्रिप्शन के द्वारा सुरक्षित किया जाता हैं| ये ब्लॉक एक दूसरे से प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी इलेक्ट्रॉनिक के माध्यम से कनेक्ट रहते हैं| इस तकनीक को सबसे पहले स्टुअर्ट हबर और डब्ल्यू स्कॉट स्टोर्नेटो ने 1991 में अपनाया था| इस तकनीक का मुख्य उद्देश्य डिजिटल डॉक्यूमेंट्स को टाइमस्टैम्प करना था, ताकि इन डॉक्यूमेंट्स के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ न की जा सके| सतोशी नाकामोतो ने 2009 में ब्लॉकचेन का इस्तेमाल से Bitcoin का आविष्कार करके दुनिया में क्रांति ला दी|
Bitcoin और Blockchain में अंतर
Blockchain Technology और Bitcoin दोनों में जमीन-आसमान का फर्क है| दरअसल, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी, एक तरह का प्लेटफॉर्म है जहां हम ना सिर्फ डिजिटल करेंसी बल्की किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर उसका रिकॉर्ड रख सकते है| यानी ब्लॉकचेन एक डिजिटल लेजर हैं| वहीं Bitcoin एक डिजिटल माध्यम है, जिसके जरिए कुछ चीजों को ख़रीदा और बेचा जा सकता हैं| हालांकि इसे करेंसी कहना गलत हैं, क्योंकि इसकी असल दुनिया में कोई भौतिक वैल्यू नहीं हैं|, बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी का बस एक उदाहरण है; कई अन्य क्रिप्टोकरेंसी नेटवर्क भी ब्लॉकचेन तकनीक द्वारा संचालित होते हैं|
क्रिप्टोकरेंसी की किन देशों में क्या है स्थिति?
क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग पर चीन और थाइलैंड जैसे देशों में प्रतिबंध लगा हुआ है| चाइना ने जब प्रतिबंध लगाया था तो bitcoin और अन्य Alt coin के रेट तेजी से गिर गए थे| बाद में थाईलैंड ने भी इस पर प्रतिबंध लगा दिया | थाई सिक्योरिटी और एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने क्रिप्टोकरेंसी और नॉन-फन्जिबल टोकन (NFTs) पर अत्यधिक सट्टेबाजी की चिंता जताते हुए इन पर प्रतिबंध लगाया है| |
भारत में क्रिप्टो को लेकर अनेक खबरे समाचारो में चलती रहती है। सभी के नजर इसी पर है कि सरकार कब और कैसे इसको विनियमित करने का कार्य करेगी।
एक Bitcoin की कीमत सुन चौंक जाएंगे आप, 2020 के दौरान कीमत में आया 350 प्रतिशत का उछाल
बिटक्वाइन एक डिजिटल करेंसी है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है। इस तकनीक के जरिए करेंसी के ट्रांजेक्शन का पूरा लेखा-जोखा होता है।
Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: December 21, 2020 13:11 IST
Photo:FILE PHOTO
crypto king’s Bitcoin reached new high
नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) की कीमत अब तक के अपने ऑलटाइम हाई पर पहुंच गई है। सोमवार को एक बिटक्वाइन की कीमत 23,919 डॉलर से अधिक हो गई। 24 घंटे में दुनिया की सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी बीटक्वाइन की कीमत में 1.93 प्रतिशत का उछाल आया है। वर्तमान में Bitcoin 1.93 प्रतिशत की तेजी के साथ 23,919 डॉलर प्रति बिटक्वाइन के भाव पर ट्रेड कर रहा है। यानी अभी एक बिटक्वाइन की कीमत 17 लाख 64 हजार 303 रुपये है। आपको बता दें कि इस साल दुनिया की सभी करेंसी का रिकॉर्ड तोड़ते हुए Bitcoin की कीमत में 350 प्रतिशत का इजाफा दर्ज हुआ है। किसी भी मुद्रा की यह अब तक की सबसे ज्यादा ग्रोथ है।
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आपको बता दें कि दिसंबर 2017 के बाद पहली बार इस साल 15 दिसंबर को बिटक्वाइन की कीमत ने 21,000 डॉलर के आंकड़े को पार किया था। दिसंबर 2017 में एक बिटक्वाइन की कीमत 23,000 डॉलर तक पहुंच गई थी। पिछले एक सप्ताह में इसकी कीमतों में 3204 डॉलर यानी 2.36 लाख रुपये की बढ़ोतरी हुई है। बिटकॉइन का मार्केट कैप बढ़कर 31 लाख करोड़ रुपये के पार चला गया है। लॉकडाउन खुलने के बाद करेंसी में 200 गुणा की तेजी देखने को मिली है। 2009 में लॉन्च हुई बिटक्वाइन की हिस्सेदारी दुनियाभर के कुल क्रिप्टोकरेंसी में 65.6% है। इस क्रिप्टोकरेंसी को स्टारबक्स और माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी कंपनियां पेमेंट के तौर पर स्वीकार करती है।
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क्या है बिटक्वाइन
बिटक्वाइन एक डिजिटल करेंसी है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है। इस तकनीक के जरिए करेंसी के ट्रांजेक्शन का पूरा लेखा-जोखा होता है। बिटकॉइन ट्रेडिंग का कोई निर्धारित समय नहीं है। यह ऐसी करेंसी है जिसको आप ना तो देख सकते हैं और न ही छू सकते हैं। यह केवल इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर होती है। यह पूरी तरह से बैंकों के झंझट से मुक्त है। इसमें लेन-देन ओपन है और कोई भी इसमें हैकिंग नहीं कर सकता है। अगर किसी के पास बिटकॉइन है तो वह आम मुद्रा की तरह ही सामान खरीद सकता है।
बिटक्वाइन पर टैक्स लगेगा या नहीं
इनकम टैक्स विभाग की पैनी नजर बिटक्वाइन में निवेश करने वालों पर है। आयकर विभाग की कार्रवाई और नोटिस से बचना है तो इसका एक ही उपाय है कि आप अपने आईटी रिटर्न में बिटकॉइन का भी निवेश दिखाएं। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो आईटी विभाग के झंझट में आसानी से फंस सकते हैं। लोगों ने बिटकॉइन के निवेश में मोटा मुनाफा कमाया है तो उन्हें प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी इसे आईटी रिटर्न में भी दिखाना चाहिए। हालांकि, अभी बिटकॉइन के कैपिटल गेन्स, स्पेक्यूलेटिव बिजनेस या अन्य स्रोत से आय पर लोगों में कन्फ्यूजन बना हुआ है। जानकारों के मुताबिक, जब तक इनकम टैक्स विभाग की तरफ से कोई रूलिंग नहीं आती, तब तक बिटकॉइन में निवेश करने वाले लोगों को 30% के आधार पर टैक्स चुकाना चाहिए। इनकम टैक्स विभाग जिस दिन इस पर स्पष्टीकरण देगा, उसके बाद सबकुछ साफ हो जाएगा।
क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी होती है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है। इस तकनीक के जरिए करेंसी के ट्रांजेक्शन का पूरा लेखा-जोखा होता है। क्रिप्टोकरेंसी का परिचालन केंद्रीय बैंक से स्वतंत्र होता है, जो कि इसकी सबसे बड़ी खामी है।
ऐसे होती है बिटक्वाइन में ट्रेडिंग
बिटकॉइन ट्रेडिंग डिजिटल वॉलेट (Digital wallet) के जरिए होती है। बिटकॉइन की कीमत दुनियाभर में एक समय पर समान रहती है। इसे कोई देश निर्धारित नहीं करता बल्कि डिजिटली कंट्रोल होने वाली करंसी है। बिटकॉइन ट्रेडिंग का कोई निर्धारित समय नहीं है जिसके कारण इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव भी तेजी से होता है।
प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी
eCash एक अग्रणी डिजिटल-आधारित प्रणाली है जिसने गुमनाम रूप से धन हस्तांतरित करने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाया है। eCash क्रिप्टोक्यूरेंसी उद्योग में काफी प्रसिद्ध है। इसका मुख्य उद्देश्य उन व्यक्तियों की समग्र गोपनीयता को सुरक्षित करना है जो सूक्ष्म भुगतान सुनिश्चित करने के लिए वेब का उपयोग कर रहे हैं।
डॉ डेविड चाउम ने 1990 में अपनी स्वामित्व वाली कंपनी "डिजीकैश" के तहत ईकैश की अवधारणा का आविष्कार किया। जबकि वहां के बड़े बैंक दी गई अवधारणा में रुचि रखते थे, ईकैश इसे इतना बड़ा बनाने में सक्षम नहीं था। वर्ष 1998 में, DigiCash ने दायर कियादिवालियापन. कंपनी, अपने अन्य ईकैश पेटेंट के साथ, अंततः बिक गई।
वर्ष 2018 में, डॉ डेविड चाउम ने एक और स्टार्टअप पेश किया जो पूरी प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी तरह से क्रिप्टोग्राफी पर केंद्रित था।
ईकैश को समझना
eCash अर्थ के अनुसार, इसका विचार डॉ. चाउम द्वारा शुरू किया गया था। उन्हें अपने समय से काफी आगे माना जाता था क्योंकि इस विचार की अवधारणा 1983 के समय में की गई थी। इंटरनेट के युग से पहले भी, डॉ. चाउम ने व्यक्तियों की सुरक्षा और गोपनीयता की चिंताओं के बारे में कल्पना की थी। वह गोपनीयता की वकालत करने में सक्षम नहीं थे, लेकिन आधुनिक डिजिटल युग के लिए कुछ अनाम भुगतान प्रणाली के निर्माण की दिशा में प्रभावी कदमों को लागू करने में भी सफल रहे।
यह सब दुनिया में सार्वजनिक उपयोग के लिए इंटरनेट के आने से बहुत पहले हो चुका था। वर्ष 1990 में, चाउम ने eCash की अवधारणा को साकार करने के लिए DigiCash नाम की एक कंपनी बनाई थी।
ईकैश के काम करने के पीछे मूल अवधारणा नेत्रहीन हस्ताक्षर का उपयोग करना था। एक नेत्रहीन हस्ताक्षर को इसके डिजिटल रूप में एक प्रकार के हस्ताक्षर के रूप में संदर्भित किया गया था। इस प्रकार के हस्ताक्षर में, हस्ताक्षर करने से पहले संदेश की सामग्री अदृश्य रहती है। जैसे, कोई भी खर्च और निकासी लेनदेन के बीच संबंध बनाने में सक्षम नहीं था। दिए गए सिस्टम में उपयोग किए गए धन को "साइबरबक्स" कहा जाता था।
eCash और आधुनिक युग में ऑनलाइन सुरक्षा का परिदृश्य
डिजीकैश की विफलता और ईकैश की इसकी अवधारणा के बाद भी, ऑनलाइन सुरक्षा डिजिटल डोमेन में आज तक एक प्रमुख मुद्दा बना हुआ है। महत्वपूर्ण वित्तीय जानकारी जो कंप्यूटर सिस्टम या किसी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पर संग्रहीत होती है, संभावित हैकर्स द्वारा हमलों के लिए अत्यधिक संवेदनशील होती है। बिटकॉइन जैसी प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी काफी लोकप्रिय हैं। इन सभी के लॉन्च का श्रेय eCash की अवधारणा को जाता है। दरअसल, डॉ. चाउम को डिजिटल करेंसी का जनक माना जाता है।
वर्ष 2018 में डॉ. चाउम ने एलिक्सक्सिर नाम का एक और स्टार्टअप लॉन्च किया। इसका प्राथमिक उद्देश्य एक समर्पित क्रिप्टोग्राफी नेटवर्क का निर्माण था जो संचार गुमनामी सुनिश्चित करने पर केंद्रित था। दिए गए नेटवर्क को अंतिम उपयोगकर्ताओं द्वारा उनकी जानकारी की सुरक्षा के लिए नियंत्रित किया जाता है। यह वर्तमान स्थिति के बिल्कुल विपरीत है जिसमें कंपनियां अधिक राजस्व उत्पन्न करने के लिए विज्ञापनों को लक्षित करने के लिए इसका उपयोग करते हुए उपभोक्ता-केंद्रित जानकारी तक गहन पहुंच रखती हैं।
मशहूर कार कंपनी Tesla ने Bitcoin में किया डेढ़ अरब डॉलर का निवेश, क्रिप्टो करेंसी में जबरदस्त उछाल
एलन मस्क (Elon Musk) की इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला (Tesla) ने बिटकॉइन (Bitcoin) में 1.5 अरब डॉलर का निवेश किया। कंपनी पेमेंट के तौर पर क्रिप्टो करेंसी (Crypto currency) को अपनाने का सोच रही है। टेस्ला के निवेश के बाद बिटकॉइन की कीमत उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक टेस्ला के निवेश की घोषणा के बाद लंदन में बिटकॉइन की कीमत 10 फीसद के उछाल के साथ 42,595 डॉलर पर पहुंच गई। एक फाइलिंग के मुताबिक टेस्ला ने अपनी निवेश पॉलिसी में अपडेट देने के एक पार्ट में यह घोषणा की है। ऑटोमोबाइल कंपनी के मालिक एलन मस्क भविष्य की सोच और नए विचारों के लिए प्रसिद्ध है। टेस्ला द्वारा बिटकॉइन में निवेश बताता है क्रिप्टो करेंसी एक बड़े स्तर पर उभर के सामने आई है।
जानें क्या है क्रिप्टो करेंसी?
क्रिप्टो करेंसी (Crypto currency) एक मुद्रा है जो कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी है। यह एक इंडिपेंडेंट मुद्रा होती है, जिसका कोई मालिक नहीं होता। यह करेंसी किसी भी एक के काबू में नहीं होती। रुपए, डॉलर, यूरो व अन्य मुद्राओं की तरह ही इस का इस्तेमाल किसी देश या सरकार द्वारा नहीं किया जाता। इसका इस्तेमाल ज्यादातर खरीदारी व कोई सर्विस खरीदने के लिए किया जा सकता है। बता दें क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत 2009 में हुई थी। इसे जापान के इंजीनियर सतोषी नाकमोतो (Satoshi Nakamoto) ने बनाया है।
प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी
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