भास्कर एक्सप्लेनर: क्रिप्टोकरेंसी पर न बैंक और न ही किसी देश का कंट्रोल; क्या भारत सरकार चाहकर भी इसे बैन नहीं कर सकती?
23 नवंबर को लोकसभा का बुलेटिन जारी हुआ और भारत के क्रिप्टो मार्केट में उथल-पुथल मच गई। बुलेटिन में कहा गया कि संसद सत्र में सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर कानून लेकर आने वाली है। खबर फैलते ही भारत के करीब 10 करोड़ प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या है क्रिप्टो इन्वेस्टर्स पैनिक में आ गए और क्रिप्टो मार्केट गिरने लगा। अगले दिन सबसे प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में 17% तक की गिरावट आई।
भास्कर ने क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े पूरी कॉन्ट्रोवर्सी को समझने के लिए क्रिप्टो एक्सपर्ट जसकरन सिंह मनोचा से बात की है। जसकरन लंबे समय से क्रिप्टोकरेंसी पर काम कर रहे हैं।
समझते हैं, क्रिप्टोकरेंसी होती क्या है? नए बिल का क्रिप्टो इन्वेस्टर्स पर क्या असर होगा? बिल में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी की बात हो रही है ये क्या होती है? क्या वाकई सरकार क्रिप्टो को बैन कर सकती है? कैसे तैयार होती है क्रिप्टोकरेंसी और इसका इतिहास क्या है.
सबसे पहले समझते हैं क्रिप्टो करेंसी क्या है?
यह ठीक रुपए, डॉलर या किसी भी दूसरी करंसी की तरह ही है बस फर्क इतना है कि ये डिजिटल है। यानी इसे आप नोट या सिक्के की तरह जेब में नहीं रख सकते, क्योंकि यह पूरी करंसी क्रिप्टोग्राफी के सिद्धांत पर आधारित ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से बनी है, इसलिए इसे क्रिप्टोकरेंसी कहते हैं।
प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या होती है?
प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी वो करेंसी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या है होती है, जिसके लेनदेन की जानकारी सार्वजनिक नहीं होती। यानी उस करेंसी को लेकर क्या चल रहा है और उसका बैकग्राउंड आप चेक नहीं कर पाते।
पब्लिक क्रिप्टोकरेंसी वो होती है, जिसके लेनदेन की जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध रहती है। इस वजह से इनका बैकग्राउंड चेक किया जा सकता है और ये ज्यादा भरोसेमंद होती है।
हालांकि सरकार जो बिल लाने वाली है उसमें प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को किस तरह से परिभाषित किया जाएगा वो भी समझना होगा। सरकार चाहें तो सभी तरह की क्रिप्टोकरेंसी को प्राइवेट का दर्जा दे सकती है।
बिल में क्रिप्टो को लेकर संभावित क्या-क्या हो सकता है, वो प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या है भी जान लीजिए
- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) एक नई डिजिटल करेंसी जारी कर सकता है। ये सरकारी या पब्लिक क्रिप्टोकरेंसी होगी।
- सरकार प्राइवेट और पब्लिक क्रिप्टोकरेंसी को अलग-अलग कर प्राइवेट को पूरी तरह बैन कर दें और पब्लिक के लिए कुछ नियम कायदे लेकर आएं। वैसे भी मार्केट में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी ज्यादा नहीं है, इस वजह से मार्केट पर ज्यादा असर नहीं आएगा।
- सरकार बहुत सामान्य तरह के रेगुलेशन लाकर क्रिप्टो को रेगुलेट कर सकती है और इस पर टैक्स लगा सकती है। लॉन्ग टर्म, शॉर्ट टर्म या कितने क्रिप्टो आप खरीद/बेच रहे हो उस हिसाब से टैक्स लगाया जा सकता है।
- सरकार अपना खुद का वॉलेट लेकर आ सकती है। इस वॉलेट को RBI जारी करेगा और इसके जरिए आप क्रिप्टोकरेंसी को खरीद/बेच पाएंगे। इससे क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े सारे लेनदेन का रिकॉर्ड मेंटेन रहेगा। इससे क्रिप्टोकरेंसी इन्वेस्टर्स का सरकार पर भरोसा भी बढ़ जाएगा।
क्या सरकार क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह बैन नहीं कर सकती?
किसी भी सरकार का कंट्रोल उसके देश तक ही सीमित होता है, लेकिन इंटरनेट की दुनिया की कोई सीमा नहीं है। इंटरनेट पर कोई किस सर्वर पर क्या कर रहा है ये किसी को पता नहीं होता। साथ ही क्रिप्टो इन्क्रिप्टेड फॉर्म में होती है और इसकी इंटरनेशनल मार्केट में बहुत ज्यादा वैल्यू है। इसलिए सरकार कभी भी पूरी तरह इसे बैन नहीं कर सकती। अगर सरकार बैन करती भी है तो भी लोग अलग-अलग तरीकों से इसकी ट्रेडिंग कर सकते हैं। क्रिप्टो की एक खासियत ये भी है कि इस पर न किसी सरकार न बैंक और न ही किसी एक व्यक्ति का कंट्रोल होता है।
साथ ही ज्यादातर ऐसे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज हैं, जो भारत में रजिस्टर्ड ही नहीं है। अगर भारत सरकार कोई कानून बनाती भी है, तो हो सकता है उन पर इससे बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़े।
कैसे तैयार होती है क्रिप्टोकरेंसी?
क्रिप्टोकरेंसी को माइनिंग के जरिए तैयार किया जाता है। यह वर्चुअल माइनिंग होती है, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी पाने के लिए एक बेहद जटिल डिजिटल पहेली को हल करना पड़ता है। इस पहेली को हल करने के लिए अपने खुद के एल्गोरिद्म (प्रोग्रामिंग कोड) और साथ ही बहुत ज्यादा कंप्यूटिंग पावर की जरूरत पड़ती है। इसलिए सैद्धांतिक तौर पर कह सकते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी को कोई भी बना सकता है, लेकिन व्यावहारिक रूप से देखें तो इसे बनाना बहुत ही मुश्किल काम है।
क्रिप्टोकरेंसी को रिस्की क्यों माना जाता है?
जब आप रुपए, डॉलर, येन या पाउंड की बात करते हैं तो उस पर उसे जारी करने वाले देश के केंद्रीय बैंक का नियंत्रण होता है। यह करेंसी कितनी और कब छपेगी, वह यह देश की आर्थिक परिस्थिति को देखकर तय करते हैं। पर क्रिप्टोकरेंसी पर किसी का कंट्रोल नहीं है, यह पूरी तरह से डीसेंट्रलाइज्ड व्यवस्था है। कोई भी सरकार या कंपनी इस पर नियंत्रण नहीं कर सकती। इसी वजह से ये रिस्की भी है।
भारत में क्या है क्रिप्टो का खेल, सरकार करेगी कंट्रोल, सदन में आ रहा है क्रिप्टोकरेंसी बिल
हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक मीटिंग बुलाई गई थी जिसमें उन्होंने इसे लेकर चिंता जाहिर की थी. अब इसी कड़ी में सरकार एक ऐसा बिल लाने वाली है जो क्रिप्टोकरेंसी को कंट्रोल कर सकेगा. केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ़ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill) लेकर आने वाली है. इससे सभी प्रकार की क्रिप्टकरेंसी को कंट्रोल किया जा सकेगा.
प्रतीकात्मक तस्वीर
gnttv.com
- नई दिल्ली,
- 24 नवंबर 2021,
- (Updated 24 नवंबर 2021, 12:25 PM IST)
केंद्र सरकार Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021 लेकर आने वाली है.
शीतकालीन सत्र में पेश होगा नया बिल
पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने पर हो रहा है विचार
पिछले 4-5 साल से क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) को लेकर चर्चा तेज हुई है, इसे एक ऐसी करेंसी के रूप में देखा जाता है जिसके ऊपर किसी का कंट्रोल नहीं होता है. जैसे यूएस डॉलर को यूएस का सेंट्रल बैंक कंट्रोल करता है, भारतीय रुपये को रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया कंट्रोल करता है, ऐसे ही बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी को कोई सेंट्रल बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन कंट्रोल नहीं करता है. अब इसी को लेकर भारत सरकार चिंता में है.
हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक मीटिंग बुलाई गई थी जिसमें उन्होंने इसे लेकर चिंता जाहिर की थी. अब इसी कड़ी में सरकार एक ऐसा बिल लाने वाली है जो क्रिप्टोकरेंसी को कंट्रोल कर सकेगा. केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ़ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill) लेकर आने वाली है. इससे सभी प्रकार की क्रिप्टकरेंसी पर बैन लगाया जा सकेगा.
18 नवंबर को भी सिडनी डायलॉग में भाषण देते हुए, पीएम मोदी ने सभी देशों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया था कि क्रिप्टोकरेंसी “गलत हाथों में न जाये.”
शीतकालीन सत्र में पेश होगा नया बिल
केंद्र सरकार 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट करने और 25 अन्य कानूनों के साथ सभी तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने के लिए एक विधेयक पेश करेगी.
क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ़ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल को अभी तक आधिकारिक तौर पर कैबिनेट द्वारा अप्रूव नहीं किया गया है. इस बिल के माध्यम से भारतीय रिजर्व बैंक देश में आधिकारिक डिजिटल करेंसी के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करेगा.
पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने पर हो रहा है विचार
सेंट्रल बैंक जल्द ही ऑफिशियल डिजिटल करेंसी के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने पर विचार कर रहा है. लोकसभा बुलेटिन में प्रस्तुत किये गए इस नए बिल के अनुसार, बिल भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करेगा. हालांकि, इसमें कुछ अपवाद के चलते क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग में लाई जाने वाली टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा सकेगा.
हालांकि, अब तक, इस विधेयक के बारे में ज्यादा जानकारी किसी को नहीं है. अभी तक इसकी कोई सटीक रूपरेखा पब्लिक डोमेन में नहीं है और न ही इसपर अभी कोई सार्वजनिक परामर्श किया गया है.
बिटकॉइन की कीमत पहुंची 60 हजार डॉलर के पास
गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को लेकर "गंभीर चिंता" व्यक्त की है. इस वक्त दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉइन की कीमत, 60,000 डॉलर के आसपास पहुंच गयी है. इस साल की शुरुआत से इसकी कीमत दोगुनी से अधिक हो गई है, जो इन्वेस्टर्स को काफी आकर्षित कर रही है.
देश में इस वक्त 1.5 से 2 करोड़ क्रिप्टो इन्वेस्टर्स
दरअसल, कई लोग जहां क्रिप्टो करेंसी को इन्वेस्टमेंट के रूप में प्रयोग करते हैं तो कुछ लोग इसे अल्टरनेटिव करेंसी (Alternative currency) के रूप में लेते हैं. इंडस्ट्री का अनुमान है कि भारत में 1.5 करोड़ से 2 करोड़ क्रिप्टो इन्वेस्टर्स हैं, जिनकी कुल क्रिप्टो होल्डिंग्स लगभग ₹40,000 करोड़ रुपये तक है.
दुनिया की बन रही है पहली बिटकॉइन सिटी
आज लाखों लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. कुछ लोगों का मानना है कि जिस तरह से हम सोने का उपयोग करेंसी के रूप में करते हैं ठीक उसी तरह क्रिप्टो का कर पाएंगे. हालांकि, कई विशेषज्ञों का मानना है कि इसपर भरोसा नहीं किया जा सकता है. आपको बता दें, वर्तमान में, एल साल्वाडोर अकेला ऐसा देश है जिसने क्रिप्टोकुरेंसी को कानूनी मान्यता दी है, उन्होंने हाल ही में दुनिया की पहली बिटकॉइन सिटी बनाने की भी घोषणा की है.
क्या है पब्लिक और प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी! Private Vs Public Cryptocurrency
निजी या ‘प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी’ शब्द का अर्थ दृष्टिकोण के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। वैसे क्रिप्टो कॉइन वास्तव में सुरक्षित और गुमनाम हैं लेकिन फिर भी, कुछ अन्य क्रिप्टोकॉइन्स लेनदेन को और भी अधिक निजी रखती हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, प्राइवेट क्रिप्टो वे हैं जो प्राइवेट प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या है ब्लॉकचेन पर चलते हैं और जिनका लेनदेन सार्वजनिक खाता बही पर नहीं होता। जैसे Monero (XMR), ZCash आदि।
या इसका सीधा मतलब, कुछ भी जो सरकार द्वारा जारी नहीं किया जाता है। जो सरकार द्वारा नियंत्रित केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा के दायरे से बाहर है।
पब्लिक और प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी में अंतर!
पब्लिक सार्वजनिक क्रिप्टो वे हैं जो पब्लिक ब्लॉकचेन पर चलते हैं, और ब्लॉकचैन लेज़र पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सत्यापन योग्य लेनदेन का डाटा होता है। जैसे एथेरियम, बिटकॉइन, शिबा-इनु इत्यादि।
जबकि प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी वे हैं जिनके लेनदेन का खाता बही सार्वजनिक नहीं होता है। इनके ब्लॉकचैन लेज़र को पब्लिक के द्वारा प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या है नहीं देखा जा सकता।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
क्या बिटकॉइन (BTC) प्राइवेट क्रिप्टो है?
बिटकॉइन प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी नहीं है, ये पूरी तरह से पब्लिक क्रिप्टोकरेंसी हैं क्योंकि ये सार्वजनिक ब्लॉकचेन नेटवर्क पर बनी हैं। यह सार्वजनिक खाता बही पर उपलब्ध होता है जिसका लेनदेन ट्रेस किया जा सकता है।
ब्लॉकचेन (Blockchain) क्या है?
ब्लॉकचैन नेटवर्क एक डिजिटल बही खाता होता है जो क्रिप्टो-ग्राफी द्वारा 100% सिक्योर्ड हैं। इस प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या है नेटवर्क में डेटा कई Blocks में स्टोर रहते है और एक ब्लाक कई दुसरे ब्लाक से जुड़े होते हैं। इस तरह यह डेटा या ब्लाक का चेन बनाते हैं, इसीलिए इस नेटवर्क को प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या है ‘Blockchain’ कहते हैं.
इसके प्लेटफॉर्म पर ना सिर्फ डिजिटल-करेंसी बल्की किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता है।
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Cryptocurrency पर खुशखबरी, राहत दे सकती है सरकार
आज हम बात करने वाले हैं दो- तीन दिनों से भारतभर में तहलका मचाने वाली Cryptocurrency के बारे में …Cryptocurrency पर भारत में बैन लगाने की बात हो रही है और इसका मार्केट तेजी से नीचे आ गया है…इसी बीच चर्चा गरम है कि क्या सचमुच इस मार्केट पर रोक लगेगी या फिर सरकार इसे कानूनी रूप से रेगुलेट करेगी….
कल तक सरकार के कानूनी कदम उठाने की जानकारी मिलने से इंवेस्टर्स की सांसें अटकी हुई थी पर अब जो जानकारियां मिल रही हैं उससे लगता है कि भारतीय इंवेस्टर्स को कुछ राहत मिल सकती है… कम से कम उनकी इंवेस्टमेंट को बड़ा खतरा फिलहाल नहीं दिख रहा है….हां सरकार की पूरी जानकारी के साथ यह कारोबार हो सकेगा…तो कम से कम इंवेस्टर्स को अपनी अटकी हुई सांस अभी लेना चाहिए….
आप जानते हैं कि Cryptocurrency पिछले करीब 15 सालों में निवेश के लिए एक और जरिया के रूप में सामने आई है…यह डिजीटल करेंसी है… इसे डिजिटल रुपया कह सकते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने 2018 में इस पर बैन लगाया था लेकिन 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी से ट्रेड प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या है को मंजूरी दे दी थी। कोर्ट के आदेश के बाद वर्चुअल करेंसी या Cryptocurrency में कानूनी रूप से लेन-देन किया जा सकता है। इस समय दुनियांभर में कई तरह की वर्चुअल करेंसी चल प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या है रही हैं और उनमें सबसे पापुलर नाम बिटक्वाइन का है… एक बिटक्वाइन की कीमत अब लाखों में पहुंच चुकी है…कहते हैं कि इसका मार्केट कैप 161 अरब डॉलर है। जबकि यह लांच हुआ था तो महज कुछ ही रूपयों में मिल रहा था…खैर अब दुनियांभर में दर्जनों Cryptocurrency चल रही हैं और इस कारोबार के लिए कई एक्सचेंज भी खुल चुके हैं…आपके बैंक से पैसे लेकर आपकी इस Crypto या वर्चुअल currency को खरीदने और उसे संभालकर आपके वॉलेट में रखने का काम ऐसे एक्सचेंज कर रहे हैं….
2019 में सरकार एक कानून का प्रस्ताव लेकर आई थी जिसमें Cryptocurrency से प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या है लेनदेन करने पर 10 साल की सजा का प्रावधान करने की सिफारिश थी…हालांकि सुप्रीम कोर्ट से प्रतिबंध हटा दिए जाने के बाद यह कानून नहीं बन पाया है…इसके बाद से कई सेलिब्रिटीज और इन्फ्लुएंसर्स cryptocurrency का प्रचार प्रसार करते नजर आते हैं …कई एक्सचेंज इसके विज्ञापन करते हैं।
खैर भारत में cryptocurrency की बैन की खबर से इस मार्केट में भूचाल आ गया है। क्या अब भारत में cryptocurrency पर पूरी तरह से पाबंदी लग जाएगी? और अगर ऐसा होता है तो मौजूदा currency होल्डर्स का क्या होगा? इसको लेकर लोग सवाल पूछ रहे हैं…अभी तक जो खबरें आई हैं उनके मुताबिक भारत सरकार Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021…लेकर आ रही है… यह इस कारोबार को नियंत्रित करने के लिए लाया जा रहा है…. अभी सरकार के पास इसको नियंत्रित रखने के लिए कोई विशेष कानून नहीं है….बताया गया है कि इस नए प्रस्तावित बिल में ऑफिशियल डिजिटल करेंसी का प्रावधान होगा, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया इसको जारी करेगा. इस बिल के अनुसार भारत में कुछ करेंसी को छोड़कर सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर रोक लगा दी जाएगी….
” कहा गया है कि यह बिल भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने का प्रयास करेगा, हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी की तकनीक और इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए ये बिल कुछ एक्सेप्शन्स यानी अपवाद को अनुमति भी देगा। भारत में cryptocurrency के मार्केट ने पिछले साल उस वक्त काफी ऊंची छलांग लगाई थी जब सुप्रीम कोर्ट ने crypto पर बैन के निर्णय को पलट दिया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक़ इस फैसले के बाद से भारतीय crypto बाजार में करीब 600% का उछाल देखने को मिला था। Blockchain and Crypto Assets Council यानी BACC की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ आज भारत में करीब 1.5 से 2 करोड़ लोगों के पास crypto currency है। बताया जाता है कि देश में करीब 40 हजार करोड़ का कारोबार cryptocurrency के जरिए हो रहा है….यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ये कह चुके हैं कि cryptocurrencies युवाओं को बिगाड़ सकती हैं। RBI ने भी कई बार चेतावनी दी है कि इससे “व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता पर गंभीर चिंताएं” पैदा हो सकती हैं।
अब बड़ा सवाल ये है कि क्या सरकार cryptocurrency पर कितना और किस तरह का बैन लगाएगी और क्या इंवेस्टर्स को नुकसान न हो इसका ध्यान रखा जाएगा…? तो इसका जवाब है कि हां ….सरकार इस बात का ध्यान रखेगी कि इंवेस्टर्स को किसी तरह का नुकसान न हो…कहा जा रहा है कि इसका रास्ता निकालने के लिए सरकार क्रिप्टो को करेंसी ना मानकर इसे शेयर, गोल्ड या बॉन्ड की तरह एसेट मान सकती है…..अगर सरकार क्रिप्टोकरेंसी को बैन करती है तो इनवेस्टर्स को अपने एसेट्स बेचने के लिए कुछ समय भी दिया जा सकता है.
बता दें कि बिटकॉइन और एथेरियम जैसे जाने-माने क्रिप्टो टोकन ब्लॉकचैन नेटवर्क पर आधारित हैं जो public हैं private नहीं … जिससे इन्हें ट्रेस करना आसान है। मगर कुछ cryptocurrency ऐसी भी हैं जिनके जारीकर्ता transaction डिटेल्स को प्राइवेट रखते हैं …ऐसे में सरकार इन पर बैन लगा सकती है। ज़्यादातर निवेशक cryptocurrency को खरीदने और बेचने के लिए जिन क्रिप्टो एक्सचेंजों का इस्तेमाल करते हैं, सरकार उनको जांच के दायरे में ला सकती है। यह भी कहा जा रहा है कि सरकार कानूनी करंसी के रूप में उनके उपयोग पर पाबंदी लगाते हुए डिजिटल करंसी में निवेश के लिए न्यूनतम राशि भी निर्धारित कर सकती है।
आपको बता दें कि अभी दुनियां में मात्र दो देश ऐसे हैं जो इन cryptocurrency में लेनेदेने को मान्यता देते हैं इनमें अल साल्वाडोर और क्यूबा शामिल हैं और इन देशों पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के आरोप लगते हैं….. बाकी देशों में सीधे cryptocurrency से आप कुछ खरीद नहीं सकते…इधर कई क्रिप्टो एक्सचेंज ने अपने निवेशकों से आग्रह किया है कि वो घबराहट में आकर अपनी क्रिप्टोकरेंसी को आननफानन में ना बेचें।
जानकार कह रहे हैं कि भारत में cryptocurrency का बाजार काफी बड़ा हो चुका है और अब इस पर पूरी तरह बैन लगाया जाता है तो अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान होगा। यहां करीब 20 cryptocurrency एक्सचेंज काम कर प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या है रहे हैं….जानकार कह रहे हैं कि सरकार ऐसा कुछ करेगी जिससे मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गलत क्षेत्र में इसका उपयोग नहीं हो….बस इसका ध्यान रखने के बाद इंवेस्टर्स को राहत दे दी जाएगी…यानी मार्केट के एक्सपर्ट कह रहे हैं कि अगर आप cryptocurrency के इंवेस्टर हैं तो फिलहाल आपको बहुत ज्यादा चिंता नहीं करनी चाहिए….
आपके पास Cryptocurrency है? तो परेशान मत होइए… यहां जानिए क्या कहती है सरकार
नई दिल्ली: भारत सरकार सभी तरह की क्रिप्टोकरंसी (Cryptocurrency) को बैन करने की तैयारी कर रही है. संसद के शीतकालीन सत्र में आने वाले बिलों में से एक बिल क्रिप्टोकरंसी की रेगुलेशन (The Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) पर भी है. माना जा रहा है कि इस विधेयक के पारित होने पर कोई भी व्यक्ति क्रिप्टोकरंसी को माइन (Mining) नहीं कर पाएगा. न वह खरीद (Buy) सकेगा और न ही जेनरेट (Generate), होल्ड (Hold), सेल (Sell) या किसी क्रिप्टोकरेंसी में डील (Deal) कर पाएगा. न ही इसे किसी दूसरे को इश्यू (Issue), ट्रांसफर (Transfer) या डिस्पोज (Dispose) नहीं कर पाए.
खबर में खास
- क्रिप्टोकरेंसी क्या है? (What is Crypto Currency)
- कैसे काम करता है? (how it work Crypto Currency)
- देश की अपनी मुद्रा (Currency)
- आसान भाषा में समझें (Easy language)
क्रिप्टोकरेंसी क्या है? (What is Crypto Currency)
बिटकॉइन दुनिया की एक प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी (एक तरह की डिजिटल मुद्रा) है. बिटकॉइन (Bitcoin) कोई असली सिक्कों या नोट जैसी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या है नहीं होती बस आपके कंप्यूटर पर कुछ codes के रूप में स्टोर होती है. जिसका ट्रांसफर कर लोग इसे इस्तेमाल करतें है.
दरअसल, क्रिप्टोकरेंसी डिसेंट्रलाइज्ड व्यवस्था है और इस पर किसी का कोई कंट्रोल नहीं है. कोई भी सरकार या कंपनी इसे कंट्रोल नहीं कर सकती. इसी वजह से इसमें अस्थिरता भी है. यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम पर काम करती है, जिसे न तो कोई हैक कर सकता है और न ही छेड़छाड़.
देश की अपनी मुद्रा (Currency)
इसे आसान भाषा में ऐसे समझिए कि हर देश की अपनी मुद्रा (Currency) है. जैसे कि भारत के पास रुपया, अमेरिका के पास डॉलर, सउदी अरब के पास रियाल, इंग्लैंड के पास यूरो है. हर देश की अपनी-अपनी करेंसी हैं यानी एक ऐसी धन-प्रणाली जो किसी देश द्वारा मान्य हो और वहां के लोग इसके इस्तेमाल से जरूरी चीजें खरीद सकते हों. मतलब किसी देश की करेंसी हो जिसकी वैल्यू होती है.
कैसे काम करता है? (how it work Crypto Currency)
क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन सॉफ़्टवेयर के ज़रिए इस्तेमाल किया जाता है. क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) डिजिटल मुद्रा इनक्रिप्टेड यानी कोडेड होती हैं. क्रिप्टोकरेंसी एक डिसेंट्रेलाइज्ड सिस्टम के तहत मैनेज होता है. हर एक प्रत्येक लेन-देन का डिजिटल सिग्नेचर द्वारा वेरिफिकेशन किया जाता है. क्रिप्टोग्राफी की सहायता से क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) रिकॉर्ड स्टोर किया जाता है.
आसान भाषा में समझें (Easy language)
आसान भाषा में समझें तो क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारिक एक वर्चुअल करेंसी है जो क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित है. यह सारा काम पावरफुल कंप्यूटर्स के जरिए होता है. क्रिप्टोकरेंसी में जब भी कोई ट्रैंजेक्शन होता है तो इसकी जानकारी ब्लॉकचेन में दर्ज की जाती है, यानी उसे एक ब्लॉक में रखा जाता है. इस ब्लॉक की सिक्योरिटी और इंक्रिप्शन का काम माइनर्स का होता है. जिसके लिए वह एक क्रिप्टोग्राफिक (Cryptographic) पहेली को हल कर ब्लॉक के लिए सही Hash (एक कोड) सर्च करते हैं.
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