Economic Survey 2020-21: कोरोना महामारी के चलते पिछले साल 2020 में दुनिया भर में कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ था. भारत की बात करें तो चालू वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही के दौरान, भारत के निर्यात और आयात में भी तेज गिरावट रही थी. आयात में गिरावट निर्यात के मुकाबले अधिक रही जिसके कारण 2020-21 की पहली तिमाही में व्यापार घाटा महज 980 करोड़ डॉलर रह गया जो उसके पिछले साल पिछले वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में 4920 करोड़ डॉलर था. इसके अलावा भारत को 18 साल के बाद किसी महीने में ट्रेड सरप्लस हुआ था. जून 2020 में आयात के मुकाबले भारत का निर्यात अधिक रहा. जून से इकोनॉमी खुलने लगी और कारोबार बढ़ा. अप्रैल-दिसंबर 2020 में ट्रेड डेफिसिट 5750 करोड़ डॉलर था तो उसके पिछले साल अप्रैल-दिसंबर 2019 में 12590 करोड़ डॉलर का था.
डिजिटल साइनेज सिस्टम डीएसएस
डिजिटल साइनेज प्रणाली की परिकल्पना एलईडी डिसप्ले स्क्रीन पर ग्राफिकल सूचनाओं का उपयोग करके ग्राहकों को नवीनतम एवं प्रासंगिक उत्पादों की जानकारी प्रदान करने की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए की गई है.
डिजिटल साइनेज सिस्टम, वृहद डिस्प्ले एलईडी स्क्रीन (46” और उससे ज्यादा) पर वीडियो सामग्री, बैनर, टेक्स्ट/ग्रैफिकल सूचना के माध्यम से ग्राहकों को आकर्षक तरीके से नवीनतम एवं प्रासंगिक उत्पाद की जानकारी पहुंचाने की बैंक की आवश्यकता को पूरा करने के लिये तैयार की गई है.
यह प्रणाली आम जनता के भीड़-भाड़ वाले स्थानों जैसे की बैंकिंग हॉल, लॉबी या कार्यालय परिसर आदि में उच्च गुणवत्ता पूर्ण सामग्री को प्रदर्शित करने के लिये तैयार की गई है. ये इंड्रस्टियल ग्रेड की एलईडी स्क्रीन हैं जिसके साथ सामग्री को स्टोर करने के लिये मीडिया प्लेयर लगा हुआ होता है, जिसे थिन विदेशी मुद्रा विकल्प ट्रेडिंग ब्रेकिंग करें विदेशी मुद्रा विकल्प ट्रेडिंग ब्रेकिंग करें क्लाइंट भी कहते हैं.
डिजिटल साइनेज सिस्टम डीएसएस : सूचना प्रसारण सामग्री का दायरा
डीएसएस का उपयोग बैंक के नये उत्पाद या उत्पाद विशेषताओं को दृश्य-श्रव्य / 2डी एनिमेशन के माध्यम से प्रसारण करने के लिये किया जा सकता है, क्योंकि यह केन्द्रीकृत रुप से नियंत्रित किया जाता है, अतः सामग्री को पूरे भारत में स्थापित डीएसएस या चयनित डीएसएस पर बहुत ही कम समय में प्रसारण के लिये भेजा जा सकता है.
डीएसएस का उपयोग सावधि जमा, आवर्ती जमा, ऋण की नवीनतम ब्याज दर, विदेशी मुद्रा विनिमय दर, एनएसई/ बीएसई सूचकांक पर बैंक के शेयर मूल्य और वास्तविक समय आधारित अन्य उत्पादों की जानकारी प्रदर्शित करने के लिये भी किया जा सकता है.
बैंक ऑफ़ बड़ौदा के डीएसएस पर शॉकवेव फाइल (.एसडब्ल्यूएफ) , जेपीईजी इमेज, बिटमैप इमेज (.बीटीएम) जैसे फाइल फॉर्मेट प्रदर्शित किए जा सकते हैं.
इसमें सामग्री को न केवल दृश्य फॉर्मेट में प्रदर्शित किया जा सकता है बल्कि टेक्स्ट फॉर्म में भी प्रदर्शित किया जा सकता है जो स्क्रीन के नीचे लगातार टिकर के रुप में चलता रह सकता हैं.
डिजिटल साइनेज सिस्टम डीएसएस : डीएसएस से बैंक को लाभ
लोगों के साथ संपर्क करने के लिये आपको उनका ध्यान आकर्षित करना होता है. टेलीविजन देखने और कम्प्यूटर के उपयोग करने के कारण हमें किसी जानकारी के लिये स्क्रीन देखने की आदत हो गई है, इसलिए डिजिटल संकेतक बड़े पैमाने पर दर्शकों तक पहुंच के लिये एक खास विकल्प हैं. यह ईमेल, प्रिंटेड पोस्टर और नोटिस बोर्ड से भी बेहतर है, क्योंकि :
हम वास्तविक समय आधार पर ब्रेकिंग न्यूज भेज सकते हैं
जैसे अद्यतन वास्तविक समय आधारित बुलियन मार्केट, स्टॉक मार्केट दर, विदेशी मुद्रा दर आदि.
स्क्रीन प्रकाशमान और गतिशील है
एम-कनेक्ट, बड़ौदा कनेक्ट, एम-पासबुक, एम-क्लिप आदि संचालित करने की प्रक्रिया को सीखने के लिए ग्राहकों को वीडियो ट्यूटोरियल उपलब्ध कराने के लिए इस सुविधा का उपयोग किया जा सकता है.
हम कई चीजों को एक बार में स्क्रीन पर प्रदर्शित कर सकते हैं
कई सूचनाओं को स्क्रीन पर एक ही समय पर प्रदर्शित किया जा सकता है जैसे टिकर टेक्स्ट में सूचना और इमेज के माध्यम से उत्पाद सूचना और दिशा-निर्देशों विदेशी मुद्रा विकल्प ट्रेडिंग ब्रेकिंग करें को प्रदर्शित कर सकते हैं.
डिजिटल साइनेज सिस्टम डीएसएस
डिजिटल साइनेज प्रणाली की परिकल्पना एलईडी डिसप्ले स्क्रीन पर ग्राफिकल सूचनाओं का उपयोग करके ग्राहकों को नवीनतम एवं प्रासंगिक उत्पादों की जानकारी प्रदान करने की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए की गई है.
डिजिटल साइनेज सिस्टम, वृहद डिस्प्ले एलईडी स्क्रीन (46” और उससे ज्यादा) पर वीडियो सामग्री, बैनर, टेक्स्ट/ग्रैफिकल सूचना विदेशी मुद्रा विकल्प ट्रेडिंग ब्रेकिंग करें के माध्यम से ग्राहकों को आकर्षक तरीके से नवीनतम एवं प्रासंगिक उत्पाद की जानकारी पहुंचाने की बैंक की आवश्यकता को पूरा करने के लिये तैयार की गई है.
यह प्रणाली आम जनता के भीड़-भाड़ वाले स्थानों जैसे की बैंकिंग हॉल, लॉबी या कार्यालय परिसर आदि में उच्च गुणवत्ता पूर्ण सामग्री को प्रदर्शित करने के लिये तैयार की गई है. ये इंड्रस्टियल ग्रेड की एलईडी स्क्रीन हैं जिसके साथ सामग्री को स्टोर करने के लिये मीडिया प्लेयर लगा हुआ होता है, जिसे थिन क्लाइंट भी कहते हैं.
डिजिटल साइनेज सिस्टम डीएसएस : सूचना प्रसारण सामग्री का दायरा
डीएसएस का उपयोग बैंक के नये उत्पाद या उत्पाद विशेषताओं को दृश्य-श्रव्य / 2डी एनिमेशन के माध्यम से प्रसारण करने के लिये किया जा सकता है, क्योंकि यह केन्द्रीकृत रुप से नियंत्रित किया जाता है, अतः सामग्री को पूरे भारत में स्थापित डीएसएस या चयनित डीएसएस पर बहुत ही कम समय में प्रसारण के लिये भेजा जा सकता है.
डीएसएस का उपयोग सावधि जमा, आवर्ती जमा, ऋण की नवीनतम ब्याज दर, विदेशी मुद्रा विनिमय दर, एनएसई/ बीएसई सूचकांक पर बैंक के शेयर मूल्य और वास्तविक समय आधारित अन्य उत्पादों की जानकारी प्रदर्शित करने के लिये भी किया जा सकता है.
बैंक ऑफ़ बड़ौदा के डीएसएस पर शॉकवेव फाइल (.एसडब्ल्यूएफ) , जेपीईजी इमेज, बिटमैप इमेज (.बीटीएम) जैसे फाइल फॉर्मेट प्रदर्शित किए जा सकते हैं.
इसमें सामग्री को न विदेशी मुद्रा विकल्प ट्रेडिंग ब्रेकिंग करें केवल दृश्य फॉर्मेट में प्रदर्शित किया जा सकता है बल्कि टेक्स्ट फॉर्म में भी प्रदर्शित किया जा सकता है जो स्क्रीन के नीचे लगातार टिकर के रुप में चलता रह सकता हैं.
डिजिटल साइनेज सिस्टम डीएसएस : डीएसएस से बैंक को लाभ
लोगों के साथ संपर्क करने के लिये आपको उनका ध्यान आकर्षित करना होता है. टेलीविजन देखने और कम्प्यूटर के उपयोग करने के कारण हमें किसी जानकारी के लिये स्क्रीन देखने की आदत हो गई है, इसलिए डिजिटल संकेतक बड़े पैमाने पर दर्शकों तक पहुंच के लिये एक खास विकल्प हैं. यह ईमेल, प्रिंटेड पोस्टर और नोटिस बोर्ड से भी बेहतर है, क्योंकि :
हम वास्तविक समय आधार पर ब्रेकिंग न्यूज भेज सकते हैं
जैसे अद्यतन वास्तविक समय आधारित बुलियन मार्केट, स्टॉक मार्केट दर, विदेशी मुद्रा दर आदि.
स्क्रीन प्रकाशमान और गतिशील है
एम-कनेक्ट, बड़ौदा कनेक्ट, एम-पासबुक, एम-क्लिप आदि संचालित करने की प्रक्रिया को सीखने के लिए ग्राहकों को वीडियो ट्यूटोरियल उपलब्ध कराने के लिए इस सुविधा का उपयोग किया जा सकता है.
हम कई चीजों को एक बार में स्क्रीन पर प्रदर्शित कर सकते हैं
कई सूचनाओं को स्क्रीन पर विदेशी मुद्रा विकल्प ट्रेडिंग ब्रेकिंग करें एक ही समय पर प्रदर्शित किया जा सकता है जैसे टिकर टेक्स्ट में सूचना और इमेज के माध्यम से उत्पाद सूचना और दिशा-निर्देशों को प्रदर्शित कर सकते हैं.
FD Rates: 3 साल के फिक्सड डिपाॅजिट पर यहां मिलेगा 7% ब्याज, चेक करें डिटेल्स
Fixed Deposit Interest Rates: अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने से डरते हैं और आप ज्यादा रिस्क लेना भी पसंद नहीं करते हैं तो आपके लिए एफडी एक बेहतर विकल्प हो सकता है। फिक्सड डिपाॅजिट में निवेश का मतलब रिटर्न की गारंटी रहती है। होली से पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और ICICI बैंक की तरफ से एफडी की दरों में बढ़ोतरी की गई है। मौजूदा समय में एक ऐसा बैंक भी है विदेशी मुद्रा विकल्प ट्रेडिंग ब्रेकिंग करें जो 3 साल के एफडी पर 7% तक ब्याज दे रहा है।
इन वस्तुओं का कारोबार भारत के पक्ष में
चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अप्रैल-नवंबर 2020 में कुछ वस्तुओं के कारोबार में भारत का ट्रेड सरप्लस रहा यानी कि आयात के मुकाबले निर्यात कारोबार अधिक हुआ. जैसे कि ड्रग फॉर्मूलेशंस, बॉयोलॉजिकल्स, मैरिन प्रॉडक्ट्स, गोल्ड व अन्य कीमती ज्वैलरी, लोहा व स्टील, चावल और पेट्रोलियम में कारोबारी सरप्लस रहा था. आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल-नवंबर 2019-20 में लोहा व स्टील का आयात अधिक हुआ था जबकि अप्रैल-नवंबर 2020-21 में निर्यात अधिक हुआ.
Budget 2019: किसानों को अब निश्चित आय, अब हर साल 6 हजार रुपये सीधे खाते में, गाय के लिए राष्ट्रीय कामधेनु आयोग
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पेट्रोलियम-क्रूड पर ट्रेड बैलेंस में कमी
इसी प्रकार पेट्रोलियम-क्रूड, गोल्ड, टेलीकॉम इंस्ट्रूमेंट्स, इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स, वेजीटेबल ऑयल्स, कंप्यूटर हार्डवेयर, प्लास्टिक रॉ मैटेरियल्स, एयरक्राफ्ट जैसे उत्पादों को लेकर भारत का ट्रेड बैलेंस पक्ष में नहीं रहा. हालांकि आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल-नवंबर 2020-21 में पेट्रोलियम-क्रूड में ट्रेड बैलेंस कम हुआ. अप्रैल-नवंबर 2020-21 में ट्रेड बैलेंस (-)3120 करोड़ डॉलर रहा जबकि अप्रैल-नवंबर 2019-20 में यह आंकड़ा 6800 करोड़ डॉलर का था.
अमेरिका के साथ कारोबार भारत के पक्ष में
अप्रैल-नवंबर 2020-21 में प्रमुख देशों के साथ भारत के कारोबारी संतुलन की बात करें तो अप्रैल-नवंबर 2019 की तुलना में सबसे बेहतर ट्रेड बैलेंस अमेरिका के साथ रहा. इसके बाद भारत का सबसे बेहतर कारोबार बांग्लादेश और नेपाल के साथ रहा जिसमें व्यापारिक संतुलन भारत के पक्ष में रहा. इस अवधि में सबसे अधिक कारोबारी घाटा चीन के साथ रहा और उसके बाद इराक और सऊदी अरब के साथ रहा.
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