Bitcoin के फायदे क्या हैं

Btc डॉक्टर द्वारा लिखी जाने वाली दवा है, जो टैबलेट के रूप में उपलब्ध है। इसे मुख्यतः कान में संक्रमण, टॉन्सिल, निमोनिया के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। Btc का उपयोग कुछ अन्य स्थितियों के लिए भी किया जा सकता Bitcoin के फायदे क्या हैं है, जिनके बारे में नीचे बताया गया है।

आयु, लिंग और रोगी की पिछली स्वास्थ्य जानकारी के अनुसार Btc की खुराक दी जाती है। इसकी खुराक मरीज की समस्या और दवा देने के तरीके पर भी आधारित की जाती है। इस बारे में और अधिक जानने के लिए खुराक वाले खंड में पढ़ें।

Btc के सबसे सामान्य दुष्प्रभाव मतली या उलटी, दस्त, सिरदर्द हैं। Btc के कुछ अन्य नुकसान भी हैं जो साइड इफेक्ट के खंड में लिखे गए हैं। Btc के ये दुष्प्रभाव आमतौर पर अस्थायी होते हैं और इलाज के पूरा होने के साथ ही समाप्त हो जाते हैं। अपने डॉक्टर से संपर्क करें अगर ये साइड इफेक्ट और ज्यादा बदतर हो जाते हैं या फिर लंबे समय तक रहते हैं।

गर्भवती महिलाओं पर Btc का प्रभाव मध्यम होता है और स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर इस दवा का प्रभाव मध्यम है। आगे Btc से जुड़ी चेतावनियों के सेक्शन में बताया गया है कि Btc का लिवर, हार्ट, किडनी पर क्या असर होता है।

अगर आपको पहले से कुछ चिकित्सीय समस्याएं हैं जैसे लिवर रोग, एनीमिया तो Btc दवा की सलाह नहीं दी जाती है, इससे दुष्परिणाम हो सकते हैं। आगे ऐसी अन्य समस्याएं भी बताई गई हैं जिनमें Btc लेने से आपको दुष्प्रभाव अनुभव हो सकते हैं।

इन उपरोक्त परिस्थितियों के अलावा Btc कुछ अन्य दवाओं के साथ लिए जाने पर गंभीर प्रतिक्रिया कर सकती है। इन प्रतिक्रियाओं की विस्तृत सूची नीचे दी गई है।

उपरोक्त सभी जानकारीयों के साथ-साथ यह भी ध्यान रखें कि ड्राइविंग करते समय Btc दवा लेना असुरक्षित है। यह भी ध्यान रखें कि इस दवा की लत नहीं लग सकती है।

क्या आप Bitcoin के फायदे क्या हैं भी Bitcoin में निवेश करने का बना रहे प्लान, तो जानिए यहां क्या करें.

टेस्‍ला की ओर से निवेश की घोषणा के बाद क्रिप्‍टोकरेंसी बिटक्‍वाइन में हर दिन उछाल दर्ज किया जा रहा है.

टेस्‍ला की ओर से निवेश की घोषणा के बाद क्रिप्‍टोकरेंसी बिटक्‍वाइन में हर दिन उछाल दर्ज किया जा रहा है.

क्या आप भी बिटकॉइन में पैसा लगाने का सोच रहे हैं. अगर ऐसा है तो उससे पहले आप इसके बारे में अच्छे से जान लीजिए कि आखिर . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : February 09, 2021, 13:42 IST

नई दिल्ली: क्या आप भी बिटकॉइन (Bitcoin) में पैसा लगाने का सोच रहे हैं… अगर ऐसा है तो उससे पहले आप इसके बारे में अच्छे से जान लीजिए कि आखिर ये बिटकॉइन क्या है और इसमें कैसे ट्रेडिंग होती है. इन दिनों ये दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है. इसके रिटर्न ने निवेशकों को हैरान कर दिया है, लेकिन इसमें जिस तरह का रिटर्न मिलता है रिस्क भी उसी हिसाब से होता है.

साल 2017 में, दिल्ली के 37 साल के राहुल मिश्रा ने अपने कार्यालय के सहयोगियों को देखकर बिटकॉइन में निवेश किया. बता दें उस वर्ष की शुरुआत में बिटकॉइन की कीमत पहले ही 65,000 रुपये से बढ़कर 3.61 लाख रुपये हो गई थी. हर महीने, वह 25,000 रुपये का निवेश करते रहे. उन्होंने अपनी चल रही म्यूचुअल फंड व्यवस्थित निवेश योजनाओं को बिटकॉइन में बदल दिया था.

बता दें उसके ठीक छह महीने बाद, उन्हें एक झटका लगा. भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग का एक परिपत्र जारी किया. इसने आरबीआई द्वारा विनियमित सभी कानूनी संस्थाओं को निर्देश दिया कि वे आभासी मुद्राओं का सौदा न करें या क्रिप्टोकरेंसी में काम करने वाले किसी व्यक्ति या व्यवसाय को सेवाएं प्रदान न करें. इससे निवेशक घबरा गए. भारत में बिटकॉइन की कीमत दुर्घटनाग्रस्त हो Bitcoin के फायदे क्या हैं गई. सात दिनों के अंदर, इसकी कीमत 5.2 लाख रुपये प्रति बिटकॉइन के उच्च स्तर से गिरकर 3.07 लाख रुपये हो गई. नोटबंदी से पहले 1.50 लाख रुपये के बिटकॉइन में उनका अपना निवेश 30,000 रुपये तक गिर गया था.

क्या होता है बिटकॉइन?
यह एक किस्म का डिजिटल या वर्चुअल टोकन होता है, जिसे काफी जटिल एल्गोरिदम को हल कर हासिल किया जाता. इस विख्यात क्रिप्टोकरेंसी का ट्रांसफर आसानी से मुफ्त में एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क में संभव है.

बिटकॉइन कैसे करता है काम?
अगर किसी भी व्यक्ति के पास बिटकॉइन है, तो इसकी कीमत और वैल्यू ठीक उसी तरह मानी जाएगी जैसे ईटीएफ में कारोबार करते समय सोने की कीमत मानी जाती है. इस बिटकॉइन से आप ऑनलाइन शॉपिंग भी कर सकते हैं और इसे निवेश के रूप में भी संभाल कर रख सकते हैं. आपको बता दें बिटकॉइन एक पर्सनल ई-वॉलेट से दूसरे पर्सनल ई-वॉलेट में ट्रांसफर कर सकते हैं.

कई बार होता है भारी उतार-चढ़ाव
बिटकॉइन में कई बार भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है. बता दें पिछले 5 सालों में बिटकॉइन करीब 40 से 50 फीसदी तक गिर गया है. साथ ही साल 2013 में बिटकॉइन की कीमत 233 डॉलर पर पहुंच गई थी और फिर अचानक गिरकर 67 डॉलर पर आ सकती है.

भारत में कहां से खरीद सकते है बिटकॉइन?
भारत में बिटकॉइन की खरीद-फरोख्त के लिए 11 ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म हैं. इसमें उनोकॉइन, जेबपे, कॉइनसिक्योर, कॉइनमामा, लोकलबिटकॉइन और बिटकॉइन एटीएम जैसे नाम शमिल हैं.

कहां होता है बिटकॉइन का इस्तेमाल?
आपको बता दें इंडिया में आप फ्लिपकार्ट, अमेजन और मेकमायट्रिप जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां बिटकॉइन उपभोक्ताओं के लिए वाउचर प्रोग्राम चलाती है, लेकिन बिटकॉइन को स्वीकार नहीं करती है. इसके लिए एक्सचेंज बिटकॉइन को सामान्य करेंसी में बदलते हैं.

इसमें करना चाहिए निवेश या नहीं
आपको बता दें खुदरा निवेशकों को बिटकॉइन से बचना चाहिए. फाइनेंशियल एजुकेटर और फिनसफे इंडिया के संस्थापक मृणाल अग्रवाल ने बिटकॉइन में निवेश को जुए के बराबर बताया है. वह कहती हैं कि ”यहां कोई अंडरलाइंग संपत्ति नहीं है, यह अन-रेगुलेटिड है. इसके अलावा मूल्य की खोज अप्रत्याशित है तो इससे दूर रहो.’

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Digital Rupee क्या देसी Cryptocurrency है या फिर कुछ और? बिटकॉइन से कितना अलग है

Digital Rupee: 1 दिसंबर से RBI डिजिटल रुपया की लॉन्चिंग के साथ करेंसी के एक नए दौर में प्रवेश कर रहा है. बहुत से लोग इसे देसी क्रिप्टोकरेंसी जैसा समझ रहे हैं. आइए जानते हैं डिजिटल रुपया क्रिप्टोकरेंसी से कितना अलग है. पहले ये सेवा देश के चार शहरों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च की जा रही है.

Digital Rupee क्या है और क्रिप्टोकरेंसी से ये कैसे अलग है?

अभिषेक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 01 दिसंबर 2022,
  • (अपडेटेड 01 दिसंबर 2022, 7:37 PM IST)

RBI का डिजिटल रुपया यानी देश में करेंसी का एक नया दौर शुरू हो चुका है. आज से दिल्ली समेत देश के चार शहरों में आम लोग इसका इस्तेमाल कर सकेंगे. हालांकि, इस डिजिटल करेंसी को लेकर लोग काफी ज्यादा कन्फ्यूज हैं. लोग इसे क्रिप्टोकरेंसी समझ रहे हैं. हालांकि, आप इसे कमोबेश वैसा ही समझ सकते हैं, लेकिन Bitcoin के फायदे क्या हैं मूल रूप से दोनों में काफी ज्यादा अंतर है.

डिजिटल रुपया का ऐलान इस साल के बजट में किया गया था. गुरुवार यानी 1 दिसंबर को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC), जिसे डिजिटल रुपया कहा जा रहा है, को पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया गया है. पहले फेज में इस प्रोजेक्ट को दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में शुरू किया गया है.

इन शहरों में कस्टमर और मर्चेंट्स डिजिटल रुपया का इस्तेमाल कर सकेंगे. दूसरे चरण में इसका विस्तार कई अन्य शहरों में भी किया जाएगा. मगर डिजिटल रुपया है क्या? ये Bitcoin के फायदे क्या हैं अभी भी बहुत से लोगों के लिए सवाल बना हुआ है. आइए जानते हैं इसका आसान जवाब.

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क्या है डिजिटल रुपया?

इसे आप कैश का डिजिटल वर्जन समझ सकते हैं और इसे शुरुआत में रिटेल ट्रांजेक्शन के लिए पेश किया गया है. इसे खर्च करना ठीक वैसा ही होगा, जैसे आप अपने पर्स से पैसे खर्च करते हैं. हालांकि, ये डिजिटल वॉलेट या UPI से भी काफी अलग है. भविष्य में इसका इस्तेमाल सभी प्राइवेट सेक्टर, नॉन- फाइनेंशियल कस्टमर्स और बिजनसेस द्वारा किया जा सकेगा.

इस सीधा कंट्रोल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास होगा. आसान भाषा में कहें तो जिस तरह से आप आज के वक्त में कैश इस्तेमाल करते हैं, ये ठीक वैसा ही रहेगा, लेकिन इसका रूप डिजिटल होगा. e₹-R डिजिटल टोकन के रूप में होगा और इनको आप सिक्कों व नोट की तरह ही कर काम में ले सकेंगे.

यूजर्स डिजिटल रुपया का यूज पार्टिसिपेटिंग बैंक के जरिए कर सकेंगे. इन्हें मोबाइल फोन्स और डिवाइसेस में स्टोर भी किया जा सकेगा. इसका इस्तेमाल पर्सन-टू-पर्सन और पर्सन-टू-मर्चेंट दोनों तरह के ट्रांजेक्शन में किया जा सकता है.

आरबीआई ने डिजिटल रुपया को दो कैटेगरी में लॉन्च किया है. बैंक ने इसे जनरल पर्पज (रिटेल) और होलसेल दो रूप में पेश किया है. 1 नवंबर को RBI ने डिजिटल रुपया को होलसेल सेगमेंट में लॉन्च किया था.

क्रिप्टोकरेंसी से कितना अलग है?

एक सवाल ये भी मन में आता है कि क्या डिजिटल रुपया भी क्रिप्टोकरेंसी ही है. वैसे तो ये है भी और नहीं भी. क्रिप्टोकरेंसी मूल रूप से डिसेंट्रलाइज्ड डिजिटल करेंसी होती है. यानी इसका कंट्रोल किसी एक बैंक या ऑर्गेनाइजेशन के पास नहीं होता है और इसे ब्लॉकचेन के जरिए मैनेज किया जाता है.

वहीं डिजिटल रुपया जिसे आरबीआई ने लॉन्च किया है, एक सेंट्रलाइज्ड डिजिटल करेंसी है. इसके सेंट्रल बैंक द्वारा कंट्रोल किया जाएगा. यानी ये मौजूदा करेंसी का डिजिटल रूप है.

क्या हैं इसके फायदे?

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने शुरुआत में कहा था कि डिजिटल करेंसी को एक्सप्लोर करने का मूल मकसद फिजिकल कैश मैनेजमेंट में ऑपरेशनल कॉस्ट को कम करना है. इसके अलावा डिजिटल रुपया का इस्तेमाल ऑनलाइन फ्रॉड्स को कम करने में किया जा सकेगा. साथ ही लोगों को प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी की ओर जाने से रोकने में भी मदद मिलेगी.

जहां प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी अस्थिर हैं, वहीं डिजिटल रुपया के साथ ऐसा नहीं होगा. इसमें आपको रुपये की तरह ही स्थिरता देखने को मिलेगी. इसे उसी वैल्यू पर जारी किया गया है, जो आज हमारे रुपये की है. लोग डिजिटल रुपया को फिजिकल कैश में भी बदल सकेंगे. इसके सर्कुलेशन Bitcoin के फायदे क्या हैं पर आरबीआई का कंट्रोल होगा.

कौन-कौन से बैंक हैं शामिल?

इस प्रोजेक्ट में 8 बैंक शामिल होंगे. शुरुआत में चार बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, ICICI बैंक, Yes बैंक और IDFC First बैंक इस पायलेट प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं. बाद में बैंक ऑफ बड़ोदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, HDFC बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक भी इस प्रोजेक्ट में शामिल होंगे.

बिटकॉइन क्या है किसने बनाया और कैसे खरीदें | Bitcoin In Hindi

Bitcoin Kya Hai In Hindi: बिटकॉइन का नाम तो आप लोगों ने जरुर सुना होगा, क्योंकि आज के समय में यह Crptocurrency बहुत चर्चा में है इसलिए सभी लोग बिटकॉइन के बारे में जानना चाहते हैं. बिटकॉइन या टेक्नोलॉजी में रूचि रखने वाले लोग अक्सर इंटरनेट पर सर्च करते हैं कि Bitcoin क्या होता है.

अगर आपको भी बिटकॉइन के बारे में जानना है तो यह लेख आपके लिए ही है. हमने इस लेख के द्वारा कोशिस की है कि आपको बिटकॉइन के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करा सकें.

इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि Bitcoin क्या है इन हिंदी, बिटकॉइन का आविष्कार किसने किया, बिटकॉइन का उपयोग कहाँ किया जाता है, आप कैसे एक बिटकॉइन खरीद सकते हैं, बिटकॉइन के फायदे और नुकसान क्या हैं और क्या भारत में बिटकॉइन लीगल है.

हमें पूरी उम्मीद है कि इस लेख में आपके बिटकॉइन से सम्बंधित अनेक सारे Confusion दूर हो जायेंगे, लेकिन उसके लिए आपको इस लेख को पूरा पढना होगा. तो चलिए शुरू करते हैं आज का यह लेख और जानते हैं बिटकॉइन क्या होता है विस्तार से.

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कितना सुरक्षित है? कितना है प्रॉफिट और क्या हैं रिस्क? यहां पढ़ें

Cryptocurrencies एक तरह का eCash या डिजिटल करेंसी है. इसे इंटरनेट पर इस्तेमाल के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के जरिए क्रिएट किया जाता है. रुपये या डॉलर जैसी परंपरागत करेंसी की तरह आपको क्रिप्टोकरेंसी नोट या सिक्के में देखने को नहीं मिलेगी. आइए जानते हैं कि इसमें इंवेस्ट करना कितना सुरक्षित होता है.

Crypto

लीगल स्टेटस के बारे में जानिए
वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी भारत और दुनिया के अधिकतर देशों में लीगल टेंडर नहीं है. इसकी वजह ये है कि इन क्वाइन्स को प्राइवेट तरीके से क्रिएट किया जा सकता है और इस बात को लेकर अभी स्पष्ट समझ विकसित नहीं हो पाई है कि इस करेंसी की वजह से किस तरह का बदलाव देखने को मिल सकता है. हालांकि, भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश अवैध भी नहीं है. भारत में कई ऑनलाइन एक्सचेंज ऑपरेट कर रहे हैं, जिनके जरिए क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग और इंवेस्टमेंट किया जा सकता है.

कितना सुरक्षित है इसमें निवेश

अभी तक के ट्रेंड को देखा जाए तो क्रिप्टोकरेंसीज एक तरह से वोलाटाइल इंस्ट्रुमेंट हैं. इसका मतलब ये है कि इसमें काफी अधिक उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. अगर आप गारंटीड रिटर्न के लिए इसमें पैसे लगाने की सोच रहे हैं तो फिर ये इंवेस्टमेंट विकल्प आपके लिए नहीं है. हालांकि, अगर आप जोखिम ले सकते हैं तो आप इस तथ्य को ध्यान में रख सकते हैं कि पिछले साल कुछ माह में ही एक Bitcoin की कीमत 30,000 डॉलर से 60,000 डॉलर पर पहुंच गई थी.

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के फायदे
कई क्रिप्टोकरेंसीज निवेश के पारंपरिक माध्यम की तुलना में बेहतर रिटर्न दे देती हैं. कई लोगों ने पिछले साल इससे काफी अधिक पैसे बनाए. तब इसमें Bull Run देखने को मिला था. अप्रैल, 2020 में एक Bitcoin की कीमत 6,640 डॉलर पर थी और पिछले साल अप्रैल में एक बिटक्वाइन की कीमत 65,000 डॉलर पर पहुंच गई. इस तरह एक साल में ही लोगों को जबरदस्त मुनाफा हुआ.

इसमें निवेश करने के जोखिम
इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक क्रिप्टो मार्केट में जबरदस्त करेक्शन देखने को मिला है. अगर हम Bitcoin की ही बात करें तो यह एक बार 30,455.45 डॉलर के स्तर पर आ गया है. इस तरह आप देख सकते हैं कि इस एसेट में निवेश कितना जोखिम भरा है. इसके साथ दूसरी समस्या ये है कि आज के समय में इसे अधिकतर सामानों या सर्विसेज की खरीद के लिए यूज नहीं किया जा सकता है. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार ने अब तक कोई रेग्युलेशन नहीं बनाया है, ऐसे में एक तरह का ट्रस्ट इश्यू भी देखने को मिलता है.

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