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केरल हाईकोर्ट ने कहा, लड़कियों के लिए कर्फ्यू क्यों? लड़कों पर प्रतिबंध क्यों नहीं, वही परेशानी पैदा करते हैं

पांच लड़कियों ने हाईकोर्ट में अपील करते हुए प्रतिबंध को रद्द करने की मांग की थी.

Thiruvanathapuram : कोझिकोड के सरकारी मेडिकल कॉलेज हॉस्टल में छात्राओं को रात 9.30 बजे के बाद कहीं आने-जाने की अनुमति नहीं दी गयी है. जब यह मामला केरल हाईकोर्ट में पहुंचा, तो कोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए पूछा कि अकेले लड़कियों के लिए कर्फ्यू क्यों? लड़कों पर ऐसा कोई प्रतिबंध क्यों नहीं है. लड़कों को बंद करो, क्योंकि वही परेशानी पैदा करते हैं. लड़कियों को आजादी मिलनी जाहिए. जस्टिस देवन रामचंद्रन ने यह बात कोझिकोड गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज स्टूडेंट्स की याचिका पर सुनवाई करते हुए कही.

मामला 15 दिसंबर के लिए लिस्टेड किया गया

पांच लड़कियों ने हाईकोर्ट में अपील करते हुए प्रतिबंध को रद्द करने की मांग की थी. हाईकोर्ट ने काउंटर एफिडेविट दाखिल करने के लिए मामले को 15 दिसंबर के लिए लिस्टेड किया गया है. कोझिकोड के सरकारी मेडिकल कॉलेज हॉस्टल में छात्राओं के लिए यह आदेश 2019 में जारी किया गया था. उन्हें रात 9.30 बजे के बाद आने-जाने की अनुमति नहीं दी गयी थी. इसके खिलाफ 5 लड़कियों ने हाईकोर्ट में अपील कर इसे रद्द करने की मांग की थी. केरल हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान उच्च शिक्षा विभाग ने दलील दी कि हॉस्टल कर्फ्यू लगाने का फैसला अभिभावकों की मांग पर लिया गया है.

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कैम्पस को सुरक्षित बनाना सरकार की जिम्मेदारी है

सुनवाई के क्रम में जस्टिस रामचंद्रन ने कहा कि कैम्पस को सुरक्षित बनाना सरकार की जिम्मेदारी है. गर्ल्स हॉस्टल में कर्फ्यू लगाने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होता है. न ही लड़कियों पर बैन लगाने से कुछ हासिल होने वाला है. हम कब तक अपने स्टूडेंट्स को बंद रख सकते हैं जस्टिस रामचंद्रन का कहना थाकि कि पिछली सदियों में उन्हें बंद करके हमें क्या मिला है? क्या आप वाकई सोचते हैं कि अब चीजें बेहतर हैं? यह आम राय है कि अब और ज्यादा बुरा वक्त है.

बच्चों पर अविश्वास कर हमने क्या हासिल किया

अपने बच्चों पर अविश्वास करके हमने क्या हासिल किया है, कुछ भी नहीं. हमें बैन लगाने में कोई समस्या नहीं है, हालांकि ऐसे प्रतिबंध सभी के लिए समान रूप से लागू होने चाहिए न कि किसी एक लिंग विशेष के लिए.जस्टिस देवन इस बात पर बिफरे कि हम हॉस्टल के लिए नियम बनाते हैं, लेकिन लड़कों को इसमें ढील दे देते हैं. इससे लगता है कि लड़कियां ही सारी समस्या हैं. मैं सरकार पर आरोप नहीं लगा रहा, बस इतना कह रहा हूं कि सरकार समाज का प्रतिबिंब है. जब माता-पिता चाहते हैं कि उनकी बेटियों को बंद कर दिया जाए, तो सरकार इसे कैसे मना कर सकती है.

आपकी गलतियां जो क्रेडिट स्कोर को कम करती हैं।

आपकी गलतियां जो क्रेडिट स्कोर को कम करती हैं।

क्रेडिट स्कोर क्या हैं ?
भारत में चार क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनी या क्रेडिट ब्यूरो जैसे - ट्रांसयूनियन सिबिल, इक्विफैक्स, एक्सपेरियन और सीआरआईऍफ़ हाईमार्क काम करते हैं। इन कंपनियों को लोगो से जुड़ी वित्तीय रिकॉर्ड जमा करने और बनाए रखने और डाटा के आधार पर क्रेडिट रिपोर्ट / क्रेडिट स्कोर जेनरेट करने का लाइसेंस प्राप्त है। क्रेडिट रिपोर्ट और उनके द्वारा लिए गए क्रेडिट स्कोर का उपयोग बैंकों या बिज़नेस लोन कंपनियों द्वारा किसी व्यक्ति की वित्तीय जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है। व्यक्ति भी आसानी से नए क्रेडिट कार्ड और लोन के लिए अपनी योग्यता तय करने के लिए अपने क्रेडिट स्कोर को जान सकते हैं।

गलतियाँ जो क्रेडिट स्कोर को कम करती हैं:-
हम बिना समझे अनजाने कुछ ऐसे काम कर देते हैं, जिनका असर हमारे क्रेडिट स्‍कोर पर पड़ता है और क्रेडिट स्‍कोर खराब हो जाता है। बिज़नेस लोन लेने के लिए क्रेडिट स्‍कोर अच्छा होना जरूरी है। जब आप किसी बैंक से लोन लेने जाते हैं। तब लोन देते समय कोई भी बैंक आपकी आमदनी के अलावा आपके क्रेडिट स्‍कोर को भी देखता है क्‍योंकि आपका क्रेडिट स्‍कोर ये तय करता है कि आपको लोन में सक्षम हैं या नहीं। आप इसे इस प्रकार भी समझ सकते हैं की क्रेडिट स्‍कोर आपके लोन की पात्रता को तय करने में अहम भूमिका निभाता है। आमतौर पर 750 या इससे अधिक के सिबिल स्‍कोर को अच्‍छा माना जाता है लेकिन कई बार हमारा सिबिल स्कोर 750 से कम हो जाता हैं, जिनका असर हमारे क्रेडिट स्‍कोर पर पड़ता है । ऐसे काफी कारण हैं :-

कार्ड लिमिट को बार-बार बढ़ाना:-
जब भी कोई व्यक्ति क्रेडिट जब व्यापार करने के लिए नहीं? कार्ड लेते हैं तो वो अपनी कार्ड की लिमिट अच्‍छी खासी चाहते हैं। कई बार तो लोग खर्चों से परेशान होकर क्रेडिट कार्ड लिमिट को काफी बार बढ़वाते हैं। पर कार्ड लिमिट को बढ़वाने से ये पता चलता हैं की आपके खर्चे बहुत ही ज्यादा हैं। इस तरह में आप जितना क्रेडिट कार्ड से खर्च करते हैं, वो बिल आपको ही चुकाना होता हैं। कई बार बिल अगर ज्यादा हो जाए और आप अपने बिल को समय पर नहीं चूका पाते हैं, तो आपका क्रेडिट स्‍कोर खराब हो सकता है ।

लोन सेटलमेंट करने पर:-
अगर आपने किसी बैंक से बिज़नेस लोन लिया हैं और आप उस लोन को नहीं चुका पा रहे हैं, तो ऐसे में आप अपने लोन का सेटलमेंट कर लेते हैं। जब आप अपने लोन का सेटलमेंट करवाते हैं तब उस समय तो आपको काफी राहत मिल जाती है, लेकिन इसका जिक्र आपकी क्रेडिट हिस्‍ट्री में भी होता है। ऐसे में आपके क्रेडिट स्‍कोर पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए अगर आप कभी भी लोन सेटलमेंट करते हैं तब जब भी आपको मौका मिले, तो आपको लोन क्‍लोजर करना चाहिए और बैंक से नो ड्यूज का सर्टिफिकेट ले लेना चाहिए। अगर आप लोन क्लोज़र नही करवाते हैं और नो ड्यूज का सर्टिफिकेट नही लेते हैं तब आपका सिबिल स्कोर ख़राब हो सकता हैं।

ईएमआई या क्रेडिट कार्ड पेमेंट की आखिरी तारीख भूलना:-
अगर आपने कार लोन, होम लोन, पर्सनल लोन या किसी भी प्रकार ला लोन लिया है और उसकी ईएमआई आप समय पर नहीं भर पाए या क्रेडिट कार्ड के बिल पे करने की आखिरी डेट भूल जाते हैं, तो आपकी भूल आप पर काफी भारी पड़ सकती है। समय पर आप अगर ईएम्आई नही भर पाते हैं तो इसके कारण भी आपका क्रेडिट स्‍कोर प्रभावित हो सकता है और आपका सिबिल स्कोर ख़राब हो सकता हैं।

क्रेडिट कार्ड से बड़ी खरीददारी:-
अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड से बड़ी खरीददारी करते हैं तो आपको बेशक उस समय आपको अपने अकाउंट से पेमेंट करने की जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन आपका डेट-टू-क्रेडिट रेशियो अनुपात, ये बताता है कि आप क्रेडिट कार्ड पर उपलब्‍ध राशि की तुलना में कितने का इस्‍तेमाल करते हैं। आमतौर पर क्रेडिट यूटिलाइजेशन 30 प्रतिशत से कम होना चाहिए क्‍योंकि कार्ड पर हाई बैलेंस को बरकरार रखने से आपका क्रेडिट स्‍कोर प्रभावित होता है। इसलिए कभी आपको अगर क्रेडिट कार्ड से बड़ी खरीददारी करनी भी पड़े तो बिलिंग साइकिल खत्‍म होने से पहले इसका भुगतान कर देना चाहिए। जब व्यापार करने के लिए नहीं? अगर आप बिलिंग साईकिल खत्म होने से पहले भुक्तं नही करते हैं तो आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता हैं।

एक साथ कई लोन के लिए अप्लाई करने पर:-
सरकारी बैंक और एनबीएफसी कम्पनियां एक साथ कई लोन के लिए अप्लाई करने वाले ग्राहकों को अच्छा ग्राहक नही मानती हैं। एक साथ कई लोन के लिए अप्लाई करने की वजह से लोन देने वाली कंपनिया का मानना होता है कि ग्राहक एक बार ही सभी लोन की मंथली ईएमआई नहीं भर पायेगा इससे लोन के एनपीएस होने का खतरा अधिक हो जाता है। इसलिए कोशिश करना चाहिए कि एक बार में एक ही लोन एप्लीकेशन भरा जाये। इस वजह से आपका क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता हैं।

एक से अधिक क्रेडिट के लिए पूछताछ करना:-
अगर आपने अभी-अभी क्रेडिट कार्ड का उपयोग करना शुरू किया है, तो बेहतर होगा कि आप एक-एक करके क्रेडिट कार्ड का उपयोग करें। कई क्रेडिट कार्ड के मालिक होने की वजह से आप पर ये भारी पड़ सकता है क्योंकि आप खर्चों का ट्रैक खो सकते हैं। इसके साथ ही, कई क्रेडिट कार्डों के भुगतान की देय तिथि याद रखना भी मुश्किल हो जाता है। इसलिए, एक ही समय में कई क्रेडिट पूछताछ नहीं करना चाहिए क्योंकि जब व्यापार करने के लिए नहीं? कई पूछताछ आपके सिबिल स्कोर पर प्रभाव डाल सकती हैं। यह आपके लुक को क्रेडिट का भूखा भी बनाता है। क्रेडिट पूछताछ आपके कुल सिबिल स्कोर का 10% होता है। जिससे बिज़नेस लोन की ब्याज़ दर पर भी प्रभाव पड़ता हैं।

पुराने क्रेडिट कार्ड बंद करना:-
आपके पुराने क्रेडिट कार्ड का एक लंबा क्रेडिट हिस्ट्री हो सकता है जिसे बंद करने पर आप खो देंगे। एक लंबा क्रेडिट हिस्ट्री होना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपके क्रेडिट कार्ड या लोन आवेदन को महत्व देता है। इसलिए, जब तक संभव हो, पुराने क्रेडिट कार्ड या क्रेडिट खातों को बंद करने से आपको बचना चाहिए इससे भी आपके स्कोर पर प्रभाव पड़ सकता हैं।

सिबिल स्कोर की नियमित जाँच नहीं करने पर:-
जब आपके क्रेडिट स्कोर को नियमित तौर पर जांचा नही जाता है तो उसके बारे में कोई जानकारी नही मिल पाती है। जिसके वजह से ग्राहक को पता ही नही चल पाता है कि उसका क्रेडिट स्कोर क्या है। इसीलिए ग्राहकों को यह सलाह दी जाती है कि वह अपने क्रेडिट स्कोर की जाँच नियमित तौर पर करते रहें इससे अगर क्रेडिट स्कोर कम भी हुआ तो उसमे सुधार किया जा सकता हैं।

चीन की कोरोना वैक्सीन निकली "फालतू", लगाने के बाद भी नहीं हो रहा कोई असर

चीन की कोरोना वैक्सीन निकली

डीएनए हिंदी: कोरोना महामारी के बीच चीन की कोरोना वैक्सीन (Coronavaccine) सिर्फ उसी के लिए नहीं ​बल्कि दुनिया के दूसरे कई देशों के लिए भारी बन गई. चीन द्वारा कोरोना को थामने के लिए बनाई गई, वैक्सीन इस पर बेअसर साबित हुई. यही वजह है कि चीन में कोरोना थमने का नाम नहीं ले रहा है. चीन ने फाइजर और मॉडर्ना के इस्तेमाल को हतोत्साहित किया था. इसकी जगह पर सिनोवैक वैक्सीन को बढ़ावा दिया था, लेकिन यह वैक्सीन बेअसर साबित हुई. इसे बुरी दुनिया में समस्या पैदा हुई है.

कोरोना से मात्र 61 प्रतिशत सुरक्षा दे रही चीन की सिनोवैक

समाचार आउटलेट सिंगापुर पोस्ट के अनुसार, हाल में सामने आंकड़ों की मानें तो चीन की कोरोना से लड़ने के लिए बनाई गई सिनोवैक इसके खिलाफ मात्र 61 प्रतिशत ही काम कर सकती है. अस्पताल में भर्ती कोविड मरीजों के लिए 55 प्रतिशत कारगार है. वहीं फाइजर और मॉडर्ना की बात करें यह कोविड से 90 प्रतिशत की सुरक्षा प्रदान करती हैं. रिपोर्ट का दावा है कि जिस समय विश्वक निर्माता कोरोना को खत्म करने के लिए टीके तैयार करने पर ध्यान दें रहे थे. तब चीत एमआरएनए टीकों को के खिलाफ षड़यंत्र करने में व्यस्त था.

रिसर्च जब व्यापार करने के लिए नहीं? सामने आने पर लोगों की बढ़ी चिंता, इंडोनेशिया ने भी बदला बयान

चीन के कोरोना के खिलाफ बनी सिनोवैट टीकों के परिणाम सामने आने पर लोगों ने इसे खारिज करना शुरू कर दिया. रिपोर्ट देखकर लोगों की चिंताएं बढ़ गई. चीन के अंदर भी विवाद खड़ा हो गया, जिसके बाद चीन को अपनी विवादास्पद शून्य कोविड नीति लानी पड़ी. तुर्की भी चीन द्वारा तैयार सिंकोवैक बायोटेक द्वारा बनाए गए टीकों का इस्तेमाल किया, लेकिन इनके बेअसर होने पर ​तुर्की ने भी इनका इस्तेमाल बंद कर दिया. वहीं इंडोनेशिया ने भी दिसंबर 2020 में चीनी टीकों को कोरोना से लड़ने के लिए 97 प्रतिशत प्रभावशाली बताया था, लेकिन एक साल बाद ही इंडोनेशिया ने 2021 में पलटी मार दी. उन्होंने कहा कि चीन की सिंकोवैक बायोटेक कोरोना से लड़ने में मात्र 65 प्रतिशत क्षमता है.

इन सभी देशों ने बंद किया था चीनी टीकों का इस्तेमाल

कोरोना के खिलाफ शुरुआत में इंडोनेशिया, थाईलैंड, तुर्की, ब्राजील और मलेशिया ने चीनी सिंकोवैक बायोटेक का इस्तेमाल किया, लेकिन सभी इसे बदल दिया. इंडोनेशिया से लेकर थाईलैंड व अन्य देशों ने चीनी टीकों को भी खारिज कर दिया. हालांकि इसके बाद एस्ट्राजेनेका के टीकों का इस्तेमाल किया गया. वहीं हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए इन देशों ने मॉडर्ना टीकों का लगवाया. मलेशिया ने भी चीनी टीकों को बंद कर फाइजर के टीकों कोक इस्तेमाल करना शुरू कर दिया.

चीन ने रिपोर्ट के साथ की छेड़छाड़

खबरों की मानें तो चीन ने डेटा के साथ छेड़छाड़ का दूसरे देशों को बरगलाकर अपने टीकों को बेहतर बताया, ताकि दूसरे देश उसके टीकों इस्तेमाल करें. हालांकि जब मौतों का आंकड़ा बढ़ा तो चीनी का टीकों लेकर बोला गया झूठ सामने आया गया.

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भारत-इस्राइल द्विपक्षीय व्यापार 8 बिलियन अमरीकी डालर के करीब है : इजरायली दूत

गिलॉन ने कहा, "जब हमने 30 साल पहले पूर्ण राजनयिक संबंध शुरू किए थे, तब हमारे व्यापार में 200 मिलियन अमरीकी डालर थे। इसलिए अब हम 8 बिलियन अमरीकी डालर के करीब हैं। और यह बिना रक्षा के है। हमारी संख्या काफी अच्छी चल रही है।"

भारत में निवेश की बात करते हुए गिलॉन ने कहा कि करीब 300 इजरायली कंपनियों ने भारत में निवेश किया है. पुणे में, Amdocs इज़राइली कंपनी लगभग 14,000 भारतीय कर्मचारियों के साथ यहाँ की सबसे बड़ी इज़राइली कर्मचारी है

"जब डॉ जयशंकर इज़राइल में थे, तो उन्होंने एफटीए के साथ आगे बढ़ने के बारे में बात की थी। लेकिन दुर्भाग्य से, यह थोड़ा ढेर है क्योंकि हम समानांतर में बहुत सी चीजें कर रहे हैं, एफटीए सहित अन्य देशों के साथ। मुझे उम्मीद है कि यह जल्द ही ट्रैक पर वापस आ जाएगा और हम एफटीए को अंतिम रूप दे सकता है," इजरायल के राजदूत नोर गिलोन ने कहा।

भारत और इस्राइल के संबंध मैत्रीपूर्ण और अच्छी शर्तों पर हैं। जुलाई 2018 में, भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इज़राइल का दौरा किया, जो किसी भारतीय सरकार के प्रमुख की पहली यात्रा थी। यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने मोशे होल्जबर्ग से मुलाकात की। जनवरी 2019 में, तत्कालीन प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू होल्ज़बर्ग और सैमुअल के साथ मुंबई की यात्रा पर गए थे, द जेरूसलम पोस्ट ने बताया।

रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में, भारत अब इजरायल के सैन्य उपकरणों का सबसे बड़ा खरीदार है, जिसका भारत को निर्यात इजरायल के कुल हथियारों के निर्यात का 46 प्रतिशत है। रूस, नई दिल्ली के पारंपरिक हथियार के बाद इजरायल भारत को सैन्य उपकरणों का दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है।

बढ़ते संबंध रक्षा क्षेत्र तक ही सीमित नहीं हैं। जेरूसलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, कृषि और जल प्रबंधन के क्षेत्र में, भारतीय अधिकारियों ने एक उभरते जल संकट से निपटने के तरीकों को विकसित करने के लिए इजरायल के अंतर्राष्ट्रीय विकास संगठन मशव के साथ भागीदारी की है। (एएनआई)

पुलिस ने देह व्यापार का किया भंडाफोड़, 14,000 से ज्यादा लड़कियों को बचाया

देह व्यापार से जुड़ी साइबराबाद पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने 14,000 से ज्यादा लड़कियों को छुड़ाया है। इसमें विदेशी महिलाएं भी शामिल थीं।

Ravi Prashant

Edited By: Ravi Prashant @iamraviprashant
Published on: December 07, 2022 7:38 IST

 साइबराबाद पुलिस- India TV Hindi

Image Source : SOCIAL MEDIA साइबराबाद पुलिस

साइबराबाद पुलिस ने मंगलवार को 17 लोगों की गिरफ्तारी के साथ एक बड़े देह व्यापार का भंडाफोड़ किया है। पुलिस बताया कि 14,000 से अधिक पीड़िताओं को छुड़ाया गया है, जिनमें कुछ विदेशी महिला भी शामिल थी। साइबराबाद के पुलिस आयुक्त स्टीफन रवींद्र ने कहा कि रैकेट दिल्ली, बेंगलुरु और हैदराबाद से ऑनलाइन ऑपरेट किया जा रहा था।

ग्राहकों से ऐसे करते करते थे संपर्क

वहीं पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी भारत भर में अलग-अलग जगहों से महिलाओं को खरीद करने का काम करते थे, वेबसाइटों पर विज्ञापन पोस्ट कर, कॉल सेंटर और व्हाट्सएप के माध्यम से ग्राहकों से संपर्क कर रहे थे। ग्राहकों को विभिन्न होटलों, ओयो रूम्स में पीड़िताओं तक पहुंचाने की सुविधा दे रहे थे और इस संगठित वेश्यावृत्ति रैकेट के लिए पैसे इकट्ठा कर रहे थे।

इन देशों की महिलाएं भी शामिल
इस वेश्यावृत्ति में कुल 14,190 पीड़िताएं शामिल थीं। पचास प्रतिशत पीड़िताएं पश्चिम बंगाल से, 20 प्रतिशत कर्नाटक से और 15 प्रतिशत महाराष्ट्र से, तीन फीसदी बांग्लादेश, नेपाल, थाईलैंड, उज्बेकिस्तान और रूस जैसे देशों से थीं। रैकेट कॉल सेंटर दिल्ली, बेंगलुरु और हैदराबाद से संचालित किए गए थे और संचार का मुख्य साधन व्हाट्सएप समूह थे।

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ किया दर्ज
आरोपियों पर साइबराबाद के चार पुलिस स्टेशनों में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 370 (गुलाम के रूप में किसी व्यक्ति को खरीदना या निपटाना) और अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम की धारा 3, 4 और 5 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले साइबराबाद और हैदराबाद कमिश्नरेट में 15 आयोजकों के खिलाफ 40 मामले दर्ज किए गए थे और ज्यादातर मामलों में वे फरार थे।

इस तरह से चलता था रैकट
कमिश्नर ने आरोपी के तौर-तरीकों के बारे में बताते हुए कहा कि दलाल (पीड़ित आपूर्तिकर्ता) पीड़िता से संपर्क करते थे और आयोजकों के व्हाट्सएप ग्रुप में उसकी तस्वीरें डालते थे, जो पीड़ितों का चयन करते थे, होटल, फ्लाइट टिकट आदि बुक करते थे। होटलों में चेकिंग की। आयोजकों ने व्हाट्सएप ग्रुपों में पीड़ितों की तस्वीरें पोस्ट कीं और उन्हें कॉल गर्ल वेबसाइटों पर अपलोड किया। जब भी ग्राहकों ने व्हाट्सएप नंबर पर कॉल किया या संदेश भेजा, कॉल सेंटर के लोगों ने आयोजकों के साथ संपर्क विवरण साझा किया। इसके बाद आयोजकों ने पीड़िता की सेवा में मदद की। ग्राहकों ने नकद या डिजिटल भुगतान ऐप के माध्यम से भुगतान किया। आयोजकों ने पीड़ितों को 30 फीसदी पैसा, विज्ञापन पोस्टिंग के लिए 35 फीसदी और 30 फीसदी अपने पास रखा।

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