It is impossible to believe that such big drug syndicates could work without any support from those in power. #BJPDrugGate pic.twitter.com/8ajXzxDywv— Congress (@INCIndia) August 1, 2022
ट्रेड इंटरसेप्टर
अवरोधक मीनिंग : Meaning of अवरोधक in Hindi - Definition and Translation
- ShabdKhoj
- अवरोधक Meaning
- English to Hindi
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- Sentence Usages
अवरोधक MEANING - NEAR BY WORDS
Usage : The interceptors destroyed the battalion of the enemies.
उदाहरण : वृद्धि अवरोधक का प्रयोग अत्यधिक वानस्पतिक वृद्धि को रोकने के लिए पौधों पर करें
Usage : Insulator is used for insulating against loss of electricity.
उदाहरण : दिल्ली सरकार को समय-समय पर दिल्ली की सडकों वशेषकर मुख्य सड़कों पर अवरोधक पार्किग से संबंधित शिकायतें होती हैं।
Usage : The drug regimen for hypertrophic cardiomyopathy often ट्रेड इंटरसेप्टर includes beta - blockers and calcium channel blockers to help the heart function properly.
उदाहरण : सफलता का सबसे प्रमुख अवरोधक क्रोध है|
Usage : Tourniquet is used for temporarily arresting the flow of blood in the vessels for the collection of blood
Information provided about अवरोधक:
अवरोधक meaning in ट्रेड इंटरसेप्टर Hindi : Get meaning and translation of अवरोधक in Hindi language with grammar,antonyms,synonyms and sentence usages by ShabdKhoj. Know answer of question : what is meaning of अवरोधक in Hindi? अवरोधक ka matalab hindi me kya hai (अवरोधक का हिंदी में मतलब ). अवरोधक meaning in Hindi (हिन्दी मे मीनिंग ) is अवरोधक.
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कैमूर के पांच प्रखंडों में आज होगा व्यापार मंडल का चुनाव
जिला प्रशासन ने चुनाव के दौरान शांति व्यवस्था के मद्देनजर सुरक्षा का किया है पुख्ता इंतजाम सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा मे तैनात रहेंगे पुलिस अफसर, सेक्टर तथा जोनल.ट्रेड इंटरसेप्टर
जिला प्रशासन ने चुनाव के दौरान शांति व्यवस्था के मद्देनजर सुरक्षा का किया है पुख्ता इंतजाम
सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा मे तैनात रहेंगे पुलिस अफसर, ट्रेड इंटरसेप्टर सेक्टर तथा जोनल दंडाधिकारी
07 बजे से बूथों पर शुरू होगी मतदान की प्रक्रिया
भभुआ, हिंदुस्तान संवाददाता। कैमूर जिले के भभुआ, चैनपुर, दुर्गावती, अधौरा एवं कुदरा प्रखंड में शनिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच व्यापार मंडल का चुनाव होगा। जिला प्रशासन द्वारा शांतिपूर्ण एवं भयमुक्त वातावरण में चुनाव को संपन्न कराने को लेकर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया है। सुबह 7:00 बजे से शाम 4:30 बजे तक मतदान होगा। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर सभी मतदान केंद्रों पर पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी के साथ-साथ सेक्टर एवं जोनल दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है। इसके अलावा जिले के वरीय पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी भी समय-समय पर मतदान केंद्रों पर पहुंचकर चुनाव प्रक्रिया की जायजा लेते रहेंगे।
जिला सहकारिता पदाधिकारी नयन प्रकाश ने बताया कि व्यापार मंडल चुनाव को लेकर भभुआ में प्रखंड मुख्यालय स्थित बहुद्देशीय भवन, चैनपुर में प्रखंड कार्यालय, अधौरा में बहुद्देशीय भवन, दुर्गावती में प्रखंड मुख्यालय में स्थित सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र ट्रेड इंटरसेप्टर एवं कुदरा में प्रखंड मुख्यालय स्थित बीआरजीएफ भवन में मतदान केंद्र बनाया गया है। सभी मतदान केंद्रों पर चुनाव सामग्री के साथ शुक्रवार की शाम में मतदान कर्मी पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि डीएम नवदीप शुक्ला एवं एसपी राकेश कुमार के द्वारा मतदान कार्य में लगाए जाने वाले मतदान कर्मी पुलिस एवं प्रशासनिक पदाधिकारी तथा सेक्टर एवं जोनल दंडाधिकारियों को उनके कर्तव्य एवं दायित्व का बोध करा दिया गया है, ताकि मतदान के दौरान मतदान कर्मियों एवं सुरक्षा व्यवस्था में प्रतिनियुक्त किए गए पदाधिकारियों को किसी भी तरह की कठिनाई नहीं हो सके।
मतदान के बाद प्रखंड मुख्यालयों में होगी मतगणना
भभुआ। व्यापार मंडल का चुनाव संपन्न होने के बाद सभी प्रखंड मुख्यालयों में इसी दिन शाम में ही वोटों की गिनती कराई जाएगी। जिला प्रशासन द्वारा मतदान के साथ-साथ मतगणना कर्मियों की प्रतिनियुक्ति भी संबंधित प्रखंडों में कर दी गई है। मतगणना कर्मियों को वोटों की गिनती के लिए एक सप्ताह पूर्व प्रशिक्षण भी दिया गया है। जिला सहकारिता पदाधिकारी ने बताया कि मतगणना कार्य को लेकर प्रशासन द्वारा सभी केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
जिला मुख्यालय में बनाया गया है नियंत्रण कक्ष
भभुआ। कैमूर जिले के 5 प्रखंडों में होने वाले व्यापार मंडल चुनाव को लेकर प्रशासन द्वारा कलेक्ट्रेट स्थित जिला आपदा प्रबंधन शाखा में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। नियंत्रण कक्ष में पुलिस एवं प्रशासनिक अफसरों की प्रतिनियुक्ति की गई है। चुनाव के दौरान जिला नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त पदाधिकारी मतदान केंद्रों पर तैनात पुलिस एवं प्रशासनिक अफसरों से संपर्क स्थापित कर पल-पल की सूचना संग्रह करेंगे। जिला प्रशासन द्वारा 06189, 22 2080 दूरभाष नंबर सर्वजनिक किया गया है।
फोटो 2 सितंबर भभुआ- 10
कैप्शन- व्यापार मंडल चुनाव को लेकर शुक्रवार को बहुद्देशीय भवन में योगदान करते मतदानकर्मी।
कैमूर के पांच प्रखंडों में आज होगा व्यापार मंडल का चुनाव
जिला प्रशासन ने चुनाव के दौरान शांति व्यवस्था के मद्देनजर सुरक्षा का किया है पुख्ता इंतजाम सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा मे तैनात रहेंगे पुलिस अफसर, सेक्टर तथा जोनल.
जिला प्रशासन ने चुनाव के दौरान शांति व्यवस्था के मद्देनजर सुरक्षा का किया है पुख्ता इंतजाम
सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा मे तैनात रहेंगे पुलिस अफसर, सेक्टर तथा जोनल दंडाधिकारी
07 बजे से बूथों पर ट्रेड इंटरसेप्टर शुरू होगी मतदान की प्रक्रिया
भभुआ, हिंदुस्तान संवाददाता। कैमूर जिले के भभुआ, चैनपुर, दुर्गावती, अधौरा एवं कुदरा प्रखंड में शनिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच व्यापार मंडल का चुनाव होगा। जिला प्रशासन द्वारा शांतिपूर्ण एवं भयमुक्त वातावरण में चुनाव को संपन्न कराने को लेकर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया है। सुबह 7:00 बजे से शाम 4:30 बजे तक मतदान होगा। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर सभी मतदान केंद्रों पर पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी के साथ-साथ सेक्टर एवं जोनल दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है। इसके अलावा जिले के वरीय पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी भी समय-समय पर मतदान केंद्रों पर पहुंचकर चुनाव प्रक्रिया की जायजा लेते रहेंगे।
जिला सहकारिता पदाधिकारी नयन प्रकाश ने बताया कि व्यापार मंडल चुनाव को लेकर भभुआ में प्रखंड मुख्यालय स्थित बहुद्देशीय ट्रेड इंटरसेप्टर भवन, चैनपुर में प्रखंड कार्यालय, अधौरा में बहुद्देशीय भवन, दुर्गावती में प्रखंड मुख्यालय में स्थित सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र एवं कुदरा में प्रखंड मुख्यालय स्थित बीआरजीएफ भवन में मतदान केंद्र बनाया गया है। सभी मतदान केंद्रों पर चुनाव सामग्री के साथ शुक्रवार की शाम में मतदान कर्मी पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि डीएम नवदीप शुक्ला एवं एसपी राकेश कुमार के द्वारा मतदान कार्य में लगाए जाने वाले मतदान कर्मी पुलिस एवं प्रशासनिक पदाधिकारी तथा सेक्टर एवं जोनल दंडाधिकारियों को उनके कर्तव्य एवं दायित्व का बोध करा दिया गया है, ताकि मतदान के दौरान मतदान कर्मियों एवं सुरक्षा व्यवस्था में प्रतिनियुक्त किए गए पदाधिकारियों को किसी भी तरह की कठिनाई नहीं हो सके।
मतदान के बाद प्रखंड मुख्यालयों में होगी मतगणना
भभुआ। व्यापार मंडल का चुनाव संपन्न होने के बाद सभी प्रखंड मुख्यालयों में इसी दिन शाम में ही वोटों की गिनती कराई जाएगी। जिला प्रशासन द्वारा मतदान के साथ-साथ मतगणना कर्मियों की प्रतिनियुक्ति भी संबंधित प्रखंडों में कर दी गई है। मतगणना कर्मियों को वोटों की गिनती के लिए एक सप्ताह पूर्व प्रशिक्षण भी दिया गया है। जिला सहकारिता पदाधिकारी ने बताया कि मतगणना कार्य को लेकर प्रशासन द्वारा सभी केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
जिला मुख्यालय में बनाया गया है नियंत्रण कक्ष
भभुआ। कैमूर जिले के 5 प्रखंडों में होने वाले व्यापार मंडल चुनाव को लेकर प्रशासन द्वारा कलेक्ट्रेट स्थित जिला आपदा प्रबंधन शाखा में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। नियंत्रण कक्ष में पुलिस एवं प्रशासनिक अफसरों की प्रतिनियुक्ति की गई है। चुनाव के दौरान जिला नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त पदाधिकारी मतदान केंद्रों पर तैनात पुलिस एवं प्रशासनिक अफसरों से संपर्क स्थापित कर पल-पल की सूचना संग्रह करेंगे। जिला प्रशासन द्वारा 06189, 22 2080 दूरभाष नंबर सर्वजनिक किया गया है।
फोटो 2 सितंबर भभुआ- 10
कैप्शन- व्यापार मंडल चुनाव को लेकर शुक्रवार को बहुद्देशीय भवन में योगदान करते मतदानकर्मी।
गुजरात नशे के कारोबार का हब, मुंद्रा पोर्ट की जांच एनआईए को क्यों?
गुजरात नशीले पदार्थों का नया हब बन गया है। मुंद्रा पोर्ट पर बार-बार हेरोइन बरामद हो रही है। यहां पकड़ी गई सबसे बड़ी खेप की जांच एनआईए को पिछले साल सौंपी गई थी। वो इसे टेरर फंडिंग के नजरिए से देख रही है। लेकिन इन सबके बीच मूल सवाल रह गया कि गुजारत में पोर्ट प्राइवेट होने के बाद कैसे नशीले पदार्थों का केंद्र बन गया। ट्रेड इंटरसेप्टर पढ़िए तमाम तथ्यों से भरपूर यह रिपोर्ट।
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गुजरात ड्रग्स सिंडिकेट का हब बनता जा रहा है। आखिर क्या वजह है कि ट्रेड इंटरसेप्टर ट्रेड इंटरसेप्टर मुंद्रा पोर्ट पर बार-बार ड्रग्स पकड़ी जा रही है और केंद्रीय जांच एजेंसियां मामले की तह तक नहीं पहुंच पा रही हैं। कांग्रेस ने सीधा आरोप लगा दिया है कि गुजरात को नशे की तरफ धकेलने में कुछ बीजेपी नेताओं का हाथ है। एकाध मामले ऐसे सामने आए हैं, जिनमें बीजेपी नेता या उनके रिश्तेदार ड्रग्स के साथ पकड़े गए हैं।
अडानी समूह द्वारा नियंत्रित मुंद्रा पोर्ट पर सितंबर 2021 में 3000 किलोग्राम हेरोइन पकड़ी गई।इसकी बाजार में कीमत 21000 करोड़ रुपये पुलिस ने बताई थी। इस साल मई में 56 किलोग्राम हेरोइन इसी पोर्ट पर मिली, जिसकी मार्केट वैल्यू 500 करोड़ रुपये है और अभी 22 जुलाई को फिर 75 किलोग्राम हेरोइन मुंद्रा बंदरगाह पर बरामद की गई, जिसकी कीमत 375 करोड़ रुपये है। ये आंकड़े अकेले मुंद्रा पोर्ट के हैं। गुजरात के अन्य इलाकों में भी मादक द्रव्य की बरामदगी जारी है।
इस साल अभी तक ड्रग्स के 6 बड़े मामले गुजरात पुलिस और अन्य एजेंसियों ने पकड़े हैं। जिनमें 717 किलोग्राम मादक द्रव्य बरामद हुआ है। इनकी मार्केट वैल्यू 3586 करोड़ बताई गई है। 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें 16 पाकिस्तानी नागरिक हैं।
गुजरात, जो अपने बंदरगाहों की वजह से देश के समुद्री माल का लगभग एक तिहाई हिस्सा संभालता है, अंतरराज्यीय ड्रग लॉर्ड्स का एक प्रमुख गंतव्य बन गया है। ये ड्रग लॉर्ड्स पूरे भारत में नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए गुजरात के बुनियादी ढांचे का इस्तेमाल कर रहे हैं। कुछ मामले ऐसे भी सामने आए हैं, जिनके तार ड्रग्स की इंटरनेशनल स्मगलिंग तक जुड़े हैं। कभी ये काम दाऊद इब्राहिम गैंग पर संभालने का आरोप था लेकिन राज्य में 26 वर्षों से ज्यादा समय से गुजरात में बीजेपी सरकार है, ऐसे में अब कौन इस ड्रग्स रैकेट को चला रहा है? कांग्रेस ने बीजेपी पर इस मामले में सीधा आरोप लगाया है। राहुल गांधी समेत तमाम नेताओं ने सोमवार को इस मामले को उठाया।
It is impossible to believe that such big drug syndicates could work without any support from those in power. #BJPDrugGate pic.twitter.com/8ajXzxDywv
— Congress (@INCIndia) August 1, 2022
बहरहाल, कांग्रेस के आरोपों को एक तरफ रखते हुए यह मानना पड़ेगा कि गुजरात पिछले चार से पांच वर्षों में उत्तरी राज्यों और यहां तक कि विदेशों में अफ्रीकी देशों में ड्रग्स की तस्करी के लिए एक ट्रांजिट हब के रूप में उभरा है। कड़ी सुरक्षा के बावजूद तस्कर गुजरात के समुद्री मार्ग का इस्तेमाल कर रहे हैं। गुजरात के तमाम पुलिस अधिकारी तमाम मीडिया इंटरव्यू में इसे स्वीकार कर चुके हैं।
गुजरात तक अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान के रास्ते से ड्रग्स की तस्करी हो रही है। ये देश 'गोल्डन क्रिसेंट' के रूप में जाने जाते हैं, दुनिया के 80 फीसदी से अधिक हेरोइन का सोर्स इन्हीं देशों से है। पश्चिम एशिया से भारत की नजदीकी और गुजरात की सबसे बड़ी कोस्टल लाइन भारत में आने वाले मादक द्रव्य के लिए एक प्रमुख सुरक्षित परिवहन मार्ग है। गुजरात से इन ड्रग्स को में फिर पूरे देश में भेजा जाता है।
अहमदाबाद पुलिस ने पिछले साल पता लगाया था कि शहर के अपमार्केट बोपल इलाके में जब्त किए गए मादक पदार्थ को बांटने के लिए कई पान की दुकानों में भेजी गई खेप का हिस्सा था। उन्होंने एक सैलून से ड्रग्स सिंडिकेट चलाने के आरोप में विदेश में पढ़े दो युवकों को गिरफ्तार किया था।
गुजरात में 1,640 किलोमीटर लंबी कोस्टल लाइन है, जो देश में सबसे लंबी है, जिसके तट पर 144 छोटे द्वीप हैं। इस विशाल समुद्र तट की रक्षा के लिए सिर्फ 22 समुद्री पुलिस स्टेशन और तीन इंटरसेप्टर नावें हैं। पर्याप्त सुरक्षा के अभाव ने गुजरात के तट को ड्रग माफियाओं का अड्डा बना दिया है।
मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लंबे समय तक राज्य के सीएम रहे। अब वो पीएम हैं। उनसे ये सारी स्थितियां छिपी नहीं हैं। लेकिन कोस्टल लाइन पर सुरक्षा तंत्र को सरकार अभी तक मजबूत नहीं कर ट्रेड इंटरसेप्टर पाई है। हालांकि सरकार का यह कहना है कि जब मादक द्रव्य इतने बड़े पैमाने पर पकड़ा जा रहा है तो इसका मतलब है कि पर्याप्त सुरक्षा की जा रही है। लेकिन बरामदगी के मुकाबले तस्करी के जरिए आ रही नशीली वस्तुएं जिस तरह मार्केट में पहुंच रही हैं, वो ज्यादा हैं।
अभी जुलाई में मुंद्रा पोर्ट पर जो शिपमेंट पकड़ी गई। उसके तथ्य दिलचस्प हैं। सबसे पहले पंजाब पुलिस के पास सूचना आई की हेरोइन की बड़ी खेप खाड़ी देश से रवाना हो चुकी है। पंजाब पुलिस ने फौरन गुजरात पुलिस को सूचित किया। फिर यह सूचना गुजरात एटीएस को मिली। गुजरात एटीएस के मुताबिक शिपमेंट कथित तौर पर संयुक्त अरब अमीरात में अजमान फ्री जोन से आई थी और यह 13 मई को मुंद्रा बंदरगाह पर पहुंची। कंटेनर लाइन्स, जिसका कच्छ के गांधीधाम में एक कार्यालय है, उसके नाम यह शिपमेंट थी। लेकिन कंटेनर लाइन्स का मुख्यालय कोलकाता में है। इस तथ्य से साफ है कि मादक द्रव्य के तार किस तरह जुड़े हुए हैं।
यह जांच एनआईए को क्यों
गुजरात में पकड़ी गई अब तक सबसे बड़ी हेरोइन खेप सितंबर 2021 में 3000 किलोग्राम थी। लेकिन अक्टूबर 2021 में इस मामले को बहुत ही आश्चर्यजनक तरीके से राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए को सौंप दिया गया। एनआईए इस मामले की जांच अब टेरर फंडिंग के नजरिए से कर रही है। यह मामला अब कहीं पीछे छूट गया है कि आखिर मुंद्रा पोर्ट पर बार-बार नशीले पदार्थ क्यों पकड़े जा रहे हैं, अंतरराष्ट्रीय तस्कर इसे पोर्ट को किस नजरिए से सुरक्षित मान रहे ट्रेड इंटरसेप्टर हैं, अडानी समूह इस पोर्ट को नियंत्रित करता है, क्या उसकी भी कोई जिम्मेदारी है, क्या तमाम पोर्ट जब से प्राइवेट सेक्टर को मिले हैं, उससे मादक द्रव्य की तस्करी के मामले बढ़े हैं।
इन सवालों का जवाब खोजने की बजाय एनआईए को मामला सौंप दिया गया। एनआईए कब अपनी रिपोर्ट सामने लाएगी, क्या वो इसे रोक भी पाएगी, इन सवालों के जवाब आना बाकी हैं।
ऑपरेशन ओलिविया (Operation Olivia) क्या है?
ऑपरेशन ओलिविया भारतीय तटरक्षक बल (ICG) द्वारा पहली बार 1980 के दशक की शुरुआत में शुरू किया गया था। यह ऑपरेशन हर साल ओलिव रिडले कछुओं की रक्षा करने में मदद करता है जब वे नवंबर से दिसंबर के महीनों में प्रजनन के लिए ओडिशा तट पर घोंसला बनाना शुरू करते हैं। इसके तहत तटरक्षक बल की संपत्ति जैसे फास्ट पेट्रोल वेसल, इंटरसेप्टर क्राफ्ट, एयर कुशन वेसल और डोर्नियर एयरक्राफ्ट के जरिए नवंबर से मई तक चौबीसों घंटे निगरानी की जाती है।
वर्तमान परिदृश्य
नवंबर 2020 से मई 2021 के बीच, तटरक्षक बल ने 225 जहाज दिवस और 388 विमान घंटे समर्पित किए हैं। उन्होंने 3.49 लाख कछुओं की रक्षा की है।
ओलिव रिडले (Olive Ridley)
ओलिव रिडले कछुओं को International Union for Conservation of Nature (IUCN) Red List के तहत असुरक्षित (vulnerable) के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। भारत में पाए जाने वाले समुद्री कछुओं को भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची I में शामिल किया गया है। वे Convention of International Trade in Endangered Species (CITES) of Wild Fauna and Flora के परिशिष्ट I में भी सूचीबद्ध हैं। उनके सामूहिक घोंसले को अरिबाडा (Arribada) कहा जाता है। गहिरमाथा, अस्टारंगा तट, देवी नदी का मुहाना और रुशिकुल्या भारत में ओडिशा तट से 4 अरिबाडा स्थल हैं।
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