(द) डॉक्यूमेंट में चार्ट किस प्रकार का दिखाई देगा, इसके लिए प्रेस एण्ड होल्ड टू व्यू सेम्पल विकल्प पर क्लिक करते हैं जिससे डॉक्यूमेंट में वांछित चार्ट का रूप दिखाई देता है।

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एक फ्लो चार्ट बनाएं

एक फ्लोचार्ट एक प्रक्रिया का दृश्य प्रतिनिधित्व है। फ्लोचार्ट का लक्ष्य प्रक्रिया के प्रवाह को चरण-दर-चरण तरीके से प्रदर्शित करना है, विभिन्न संभावित परिणामों के आधार पर विभिन्न संभावित परिणामों को हाइलाइट करना। फ़्लोचार्ट बनाने और विश्लेषण करने से आप वहां पहुंचने के लिए कहां से शुरू कर सकते हैं, अपना अंतिम लक्ष्य, और प्रत्येक कार्य को पूरा करने की आवश्यकता है। आसानी से समझने योग्य दस्तावेज़ में पेपर पर प्रक्रिया को कम करने में सक्षम होने से आप चरणों को बर्बाद करने और अपने अंतिम उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे प्रभावी मार्ग बनाने में मदद कर सकते हैं।

  1. टर्मिनेटर - टर्मिनर आपके प्रवाह चार्ट में आपकी शुरुआत और अंत बिंदु हैं। प्रारंभ टर्मिनेटर उस बिंदु को इंगित करता है जिस पर प्रक्रिया शुरू होती है, चाहे वह किसी निश्चित राशि या किसी विशिष्ट तिथि तक पहुंच जाए। अंत टर्मिनेटर तब होता है जब आपका लक्ष्य, समय सीमा या उद्देश्य तक पहुंच जाता है। चूंकि वे दोनों टर्मिनेटर हैं, इसलिए उन्हें संगठनात्मक उद्देश्यों के लिए फ्लोचार्ट में आकार / रंग साझा करना चाहिए।
  2. प्रक्रिया - प्रारंभ टर्मिनेटर के बाद अगला कदम प्रक्रिया है। आप अपने अंतिम टर्मिनेटर तक पहुंचने के लिए पहले क्या करेंगे? उसके बाद क्या है? ये क्रियाशील वस्तुएं हैं जो बाद में आपकी प्रक्रिया का मार्गदर्शन करेंगे।
  3. डेटा - प्रक्रिया पूरी होने के बाद, इसका विश्लेषण करने का समय है। अपनी प्रक्रिया से एकत्रित डेटा संकलित करें और ध्यान दें कि किस मीट्रिक पर ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण है।
  4. निर्णय - अब जब आपके पास अपना पूरा डेटा है और आपने तय किया है कि कौन से नंबर सबसे ज्यादा मायने रखते हैं, तो आप निर्णय ले सकते हैं। आपके पास मौजूद डेटा के आधार पर, आप अब कौन सा पथ लेंगे? अपने फ्लोचार्ट से शाखाओं को बंद करने के संभावित पथ निर्धारित करने के लिए कनेक्टर का उपयोग करें।
  5. दस्तावेज़ - यह सुनिश्चित करना सुनिश्चित करें कि प्रयोग कैसे चला गया, आपने क्या सीखा, और अंतिम निर्णय लिया। इस सारी जानकारी को दस्तावेज करना महत्वपूर्ण है ताकि आप इसी तरह के भविष्य के परीक्षणों के लिए इसका उल्लेख कर सकें।

गोपनीयता और सुरक्षा

Storyboard That प्रत्येक संस्करण में एक अलग गोपनीयता और सुरक्षा मॉडल है जो अपेक्षित उपयोग के अनुरूप है।

सभी स्टोरीबोर्ड सार्वजनिक हैं और इसे किसी भी व्यक्ति द्वारा देखा और कॉपी किया जा सकता है वे Google खोज परिणामों में भी दिखाई देंगे।

व्यक्तिगत संस्करण

लेखक स्टोरीबोर्ड को सार्वजनिक करने या अनलिस्टेड के रूप में चिह्नित करने का विकल्प चुन सकता है। असूचीबद्ध स्टोरीबोर्ड को एक लिंक के माध्यम से साझा किया जा सकता है, लेकिन अन्यथा छिपी रहेंगे

सभी स्टोरीबोर्ड और छवियां निजी और सुरक्षित हैं शिक्षक अपने सभी छात्रों के स्टोरीबोर्ड को देख सकते हैं, लेकिन छात्र केवल अपने स्वयं का ही विचार कर सकते हैं। कोई भी और कुछ भी नहीं देख सकता है। यदि वे साझाकरण की अनुमति देना चाहते हैं तो शिक्षक सुरक्षा को कम करने का विकल्प चुन सकते हैं।

Pareto chart kya hai in hindi | परेटो चार्ट क्या है

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Pereto Chart को “Bar” ग्राफ और “Line” ग्राफ की मदद से बनाया जाता है, जिसमें Bar का उपयोग वैल्यू को दर्शाने के लिए किया जाता है, जिससे कि हम घटते हुए क्रम में लिखते हैं, इसे Vilfredo Pareto ने खोजा था। इसलिए उन्हीं के नाम पर Pareto चार्ट कहा जाता है।

80-20 Ruel क्या है?

Pareto chart को समझने के लिए हमें सबसे पहले एक 80-20 रूल को समझना जरूरी है, तो आइए जान लेते हैं कि 80- 20 रूल है क्या :-

इस नियम के हिसाब से 80% डिफेक्ट होने की वजह सिर्फ 20 % मुख्य कारण होते हैं, तो हम उन 20 % मुख्य कारण के बारे में पता लगा लें और उन मुख्य कारणों को खत्म कर दे तो 80% जो डिफेक्ट है, वह खत्म हो जाएंगे।

Pareto चार्ट क्यों उपयोगी है

जब कोई कंपनी किसी प्रोडक्ट का प्रोडक्शन करती है, तो बहुत सी प्रॉब्लम आती है, कुछ समस्याएं ऐसी होती है, जिन पर कि तुरंत ध्यान देना होता है, और कुछ इस प्रकार की समस्याएं भी होती है जिससे अभी तो काम चल जाएगा लेकिन उन्हें बाद में ठीक करना पड़ेगा।

परेटो चार्ट को बनाने का मुख्य उद्देश्य यही है, कि वह कौन से ज्यादा जरूरी मुख्य कारण हैं, जिन्हें की तुरंत अभी ठीक किया जाना है, और वह कारण ठीक हो जाएंगे तो हमारी आधी से अधिक समस्या खत्म हो जाएगी।

इसके अलावा इस साइड डिफेक्ट के सिम्टम्स को समझने में मदद मिलती है, और जब हम डिफेक्ट को ठीक कर देते है, तो रिजल्ट कितना कारगर रहा यह भी पता चलता है।

Pareto Chart को कैसे बनाएं?

Pareto Chart को बनाने के लिए हमें सबसे पहले चेक शीट के द्वारा डेटा को कलेक्ट करते हैं, और फिर उसे एनालाइज करते हैं। एक कॉलम में प्रॉब्लम को नोट कर लेते हैं, फिर उनमें से सभी कि फ्रीक्वेंसी (डिफेक्ट कितनी बार आया है) को विश्लेषण चार्ट करना भी उसके सामने लिख लेते है। यहां होगा हमारा Raw डेटा जो कि Chek Sheet से प्राप्त हो जाएगा। अब आगे इस डेटा का क्या करेंगे हम देखते है :-

X- Axis पर हम डिफेक्ट को ले लेंगे और Y- Axis पर इफेक्ट की फ्रीक्वेंसी मतलब कि वह कितने बार आ रहा है।

pareto-chart

चेक सीट से हमें डिफेक्ट के नाम ओर विश्लेषण चार्ट करना उनकी फ्रीक्वेंसी को अलग-अलग कॉलम में लिख लिया है, इसके बाद हम इसका कम्युलेटिव % कैलकुलेट कर लेंगे। Pareto चार्ट बनाने के लिए इन तीनों चीजों का होना बहुत जरूरी है। इनके बिना हम चार्ट नहीं बना सकते। सबसे पहले हमने डेटा फ्रीक्वेंसी का सब टोटल कर लिया है, जो कि 275 हुआ।

Pareto chart kya hai in hindi | परेटो चार्ट क्या है

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Pereto Chart को “Bar” ग्राफ और “Line” ग्राफ की मदद से बनाया जाता है, जिसमें Bar का उपयोग वैल्यू को दर्शाने के लिए किया जाता है, जिससे कि हम घटते हुए क्रम में लिखते हैं, इसे Vilfredo Pareto ने खोजा था। इसलिए उन्हीं के नाम पर Pareto चार्ट कहा जाता है।

80-20 Ruel क्या है?

Pareto chart को समझने के लिए हमें सबसे पहले एक 80-20 रूल को समझना जरूरी है, तो आइए जान लेते हैं कि 80- 20 रूल है क्या :-

इस नियम के हिसाब से 80% डिफेक्ट होने की वजह सिर्फ 20 % मुख्य कारण विश्लेषण चार्ट करना होते हैं, तो हम उन 20 % मुख्य कारण के बारे में पता लगा लें और उन मुख्य कारणों को खत्म कर दे तो 80% जो डिफेक्ट है, वह खत्म हो जाएंगे।

Pareto चार्ट क्यों उपयोगी है

जब कोई कंपनी किसी प्रोडक्ट का प्रोडक्शन करती है, तो बहुत सी प्रॉब्लम आती है, कुछ समस्याएं ऐसी होती है, जिन पर कि तुरंत ध्यान देना होता है, और कुछ इस प्रकार की समस्याएं भी होती है जिससे अभी तो काम चल जाएगा लेकिन उन्हें बाद में ठीक करना पड़ेगा।

परेटो चार्ट को बनाने का मुख्य उद्देश्य यही है, कि वह कौन से ज्यादा जरूरी मुख्य कारण हैं, जिन्हें की तुरंत अभी ठीक किया जाना है, और वह कारण ठीक हो जाएंगे तो हमारी आधी से अधिक समस्या खत्म हो जाएगी।

इसके अलावा इस साइड डिफेक्ट के सिम्टम्स को समझने में मदद मिलती है, और जब हम डिफेक्ट को ठीक कर देते है, तो रिजल्ट कितना कारगर रहा यह भी पता चलता है।

Pareto Chart को कैसे बनाएं?

Pareto Chart को बनाने के लिए हमें सबसे पहले चेक शीट के द्वारा डेटा को कलेक्ट करते हैं, और फिर उसे एनालाइज करते हैं। एक कॉलम में प्रॉब्लम को नोट कर लेते हैं, फिर उनमें से सभी कि फ्रीक्वेंसी (डिफेक्ट कितनी बार आया है) को भी उसके सामने लिख लेते है। यहां होगा हमारा Raw डेटा जो कि Chek Sheet से प्राप्त हो जाएगा। अब आगे इस डेटा का क्या करेंगे हम देखते है :-

X- Axis पर विश्लेषण चार्ट करना हम डिफेक्ट को ले लेंगे और Y- Axis पर इफेक्ट की फ्रीक्वेंसी मतलब कि वह कितने बार आ रहा है।

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चेक सीट से हमें डिफेक्ट के नाम ओर उनकी फ्रीक्वेंसी को अलग-अलग कॉलम में लिख लिया है, इसके बाद हम इसका कम्युलेटिव % कैलकुलेट कर लेंगे। Pareto चार्ट बनाने के लिए इन तीनों चीजों का होना बहुत जरूरी है। इनके बिना हम चार्ट नहीं बना सकते। सबसे पहले हमने डेटा फ्रीक्वेंसी का सब टोटल कर लिया है, जो कि 275 हुआ।

विश्लेषण चार्ट करना

उत्तर- किसी सारणीबद्ध डेटा को चित्र रूप में प्रदर्शित करने पर डेटा का विश्लेषण सरल हो जाता है। किसी टेबल में उपस्थित संख्यात्मक वैल्यूज का आनुपातिक रेखाचित्र एक चार्ट या ग्राफ कहलाता है। जिस सारणी के अनुसार चार्ट तैयार किया जाता है, उसे डेटा टेबल कहते हैं।

एम.एस. वर्ड में चार्ट को बनाने के लिए निम्नलिखित चरणों का अनुसरण किया जाता है –

(i) चार्ट के लिए टेबल को सिलैक्ट करना (Selecting the Table for Chart) - टेबल डेटा पर आधारित चार्ट को निर्मित करने के लिए निम्नलिखित चरणों का अनुसरण किया जाता है-

(अ) सर्वप्रथम मेन्यू बार में स्थित टेबल मेन्यू पर क्लिक करते हैं जिससे विभिन्न विकल्पों की एक ड्रॉप डाउन लिस्ट खुल जाती है ।

(ब) प्राप्त विकल्पों में से सिलैक्ट ऑइकन पर क्लिक करते हैं जिससे विभिन्न विकल्पों की एक लिस्ट प्राप्त होती है।

Share market chart kaise samjhe | शेयर मार्किट चार्ट एनालिसिस

Share market chart kaise samjhe– दोस्तों अगर आपको सही समय पर अच्छा मुनाफा कमाई करना है तो शेयर मार्किट चार्ट एनालिसिस करना जरुर आना चाहिए। इससे आप कम समय में ही अपने नुकशान को कम करके बहुत अच्छा रिटर्न कमाई कर चकते हो।

अगर आप बिना सीखे शेयर मार्केट में ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट करते हो तो आप एकतरह से जुआ खेल रहे हो इससे आपको नुकशान होने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाता हैं। आपको पता होना चाहिए कब स्टॉक को खरीदना चाहिए और कब प्रॉफिट कमाई करके बेचना चाहिए।

इसी को जानने के लिए आपको Share Market के चार्ट को अच्छी तरह समझना बहुत जरुरी हैं। क्यूंकि इसी से ही आपको पता लगेगा स्टॉक ऊपर या नीचे जाने की कितने ज्यादा संभावना हैं।

Share market chart kaise samjhe

ज्यादातर रिटेल निवेशक किसी भी चार्ट को खोलते ही उनके मन में इस चार्ट में देखे किया और शुरु कहा से करे ये सवाल जरुर आता हैं। शेयर मार्केट में किसी भी चार्ट को समझने के लिए सबसे पहले बहुत ज्यादा अभ्यास की जरुरत पड़ती हैं। उसके बाद ही काम आएगा आपका विश्लेषणात्मक कौशल जो आपको प्रयोग करना होगा उस चार्ट में।

Chart का Trend देखना चाहिए:- किसी भी स्टॉक के चार्ट अच्छी तरह से समझने के लिए आपका सबसे पहला काम होना चाहिए उस शेयर के Trend किस तरफ जा रहा हैं। उसको अच्छी तरह से देखना बहुत जरुरी हैं। वैसे तो चार्ट में 3 तरह का Trend देखने को मिलेगा। इन तीनो Trend के अन्दर से कोई ना कोई विश्लेषण चार्ट करना एक Trend में वो स्टॉक या Chart जरुर फॉलो कर रहा होगा। और इन ट्रेन्ड में काम करने के तरीका भी अलग अलग होता हैं।

  • Up Trend:- इस Trend का मतलब है Higher Top and Higher Bottom। जब भी चार्ट इस Trend को फॉलो करेगा आपको लगातार स्टॉक सीढ़ी की तरह ऊपर जाते ही नजर आएगा। तब आपको हमेसा उस स्टॉक को खरीदना चाहिए।

शेयर मार्केट चार्ट कैसे समझे और कमाई

रिस्क और रिवॉर्ड विश्लेषण:- अगर आप ऊपर दिए गए स्टेप को फॉलो करके कोई चार्ट को सेलेक्ट किया हो तो आपको उस चार्ट का Support और Resistant को ध्यान से देखना चाहिए। उसके बाद आपका Stop Loss वोही होना चाहिए जहा उस चार्ट ने हाल ही में कोई Support लेके ऊपर की तरफ गया हैं।

जहा पर Support लिया है स्टॉक ने, वहा आपको Stop Loss लगाना चाहिए। लेकिन ध्यान में रखना चाहिए आपका Stop Loss बहुत दूर ना हो। अगर आपको लगता है की रिस्क बहुत कम है और रिवॉर्ड बहुत ज्यादा मिल चकता है तभी आपको उस चार्ट में ट्रेड लेना चाहिए।

पतियोगी स्टॉक के चार्ट:- आप जिस भी स्टॉक के चार्ट को सेलेक्ट किया हो बाकि पतियोगी कंपनी को भी देखना चाहिए कैसा पदर्शन कर रहा हैं। आपको ध्यान में रखना चाहिए वो स्टॉक उस सेक्टर में बाकि पतियोगी कंपनी से बेहतर पदर्शन दिखा रहा हैं।

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