वर्ष 2021 में आरबीआई ने कहा था कि अधिकांश देशों के केंद्रीय बैंकों ने समझा है कि डिजिटल आगे बढऩे का रास्ता है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने इसमें बढ़त ली है और यह कुछ प्रमुख केंद्रीय बैंकों में से एक है जो पायलट चरण में पहुंच गया है। इससे बैंकिंग के पारंपरिक रूप से संचालन के तरीके में डिजिटल परिवर्तन का एक नया युग सुनिश्चित होगा। रिटेल पेमेंट तंत्र को भी आवश्यक डिजिटल बढ़ावा मिलेगा,जिससे ग्राहक के साथ-साथ व्यापारी को भी लाभ होगा।

RBI ने बताया कि डिजिटल करेंसी के सामने क्या चुनौती है, कहा- बढ़ सकता है साइबर फ्रॉड

RBI जल्द लॉन्च करेगा ई-रुपया, डिजिटल करेंसी पर जारी किया कॉन्सेप्ट नोट

नई दिल्ली: जल्द ही घरेलू करंसी अपने डिजिटल अवतार में लॉन्च हो सकती है. दरअसल रिजर्व बैंक ने आज जानकारी दी है कि वह ई-रुपया का पायलट लॉन्च करने की तैयारी जानें डिजिटल करेंसी की 6 प्रमुख बातें में है. रिजर्व बैंक के मुताबिक इस पायलट प्रोजेक्ट में ई-रुपये का इस्तेमाल सिर्फ खास स्थितियों के लिए ही किया जाएगा.

इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी पर कॉन्सेप्ट नोट भी जारी कर दिया है. इस नोट का उद्देश्य डिजिटल करंसी को लेकर और खास तौर पर डिजिटल रुपये की खासियतों को लेकर लोगों के बीच जागरुकता फैलाना है. जिससे आने वाले समय में डिजिटल करंसी का सही तरीके से इस्तेमाल सुनिश्चित किया जा सके.

यह भी पढ़ें | सेना के किसी अंग में पहली बार विशेष बल में कमांडो बनेंगी महिलाएं, नौसेना जल्द कर सकती है एलान

जल्द शुरू होगा पायलट लॉन्च
भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि वह जल्द ही विशेष उपयोग के लिए ई-रुपये की पायलट आधार पर लॉन्च करेगा. केंद्रीय बैंक भारत में डिजिटल मुद्रा का परीक्षण कर रहा है.

आरबीआई ने ‘केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा’ (CBDC) के बारे में पेश अपने एक कॉन्सेप्ट नोट में कहा कि पायलट आधार पर इस तरह की पेशकश की सीमा और दायरे का विस्तार होने के साथ ही समय-समय पर ई-रुपये की विशिष्ट विशेषताओं और लाभों के बारे में जानकारी दी जानें डिजिटल करेंसी की 6 प्रमुख बातें जाएगी.

इस संकल्पना टिप्पणी में डिजिटल मुद्रा की प्रौद्योगिकी और डिजाइन विकल्प, डिजिटल रुपये के संभावित उपयोग, और डिजिटल मुद्रा को जारी करने की व्यवस्था जैसे प्रमुख मुद्दों पर भी चर्चा की गई है. इसमें सीबीडीसी की शुरूआत के चलते बैंकिंग प्रणाली, मौद्रिक नीति और वित्तीय स्थिरता पर पड़ने वाले प्रभावों की पड़ताल की गई है. साथ ही जानें डिजिटल करेंसी की 6 प्रमुख बातें गोपनीयता के मुद्दों का विश्लेषण भी किया गया है.

Crypto Vs Digital जानें डिजिटल करेंसी की 6 प्रमुख बातें Currency: क्रिप्टो करेंसी और डिजिटल करेंसी में क्या हैं अंतर, समझें यहां

Published: February 2, 2022 3:45 PM IST

https://www.india.com/car-and-bike/budget-2022-govt-pushes-for-stronger-ev-infrastructure-offers-battery-swapping-policy-to-promote-green-mobility-5217538/

Crypto Vs Digital Currency: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने अपने बजट 2022-2023 के भाषण के दौरान घोषणा की कि डिजिटल संपत्ति (Digital Assets), जिसमें क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) और एनएफटी (NFT) शामिल हैं, उनके हस्तांतरण से किसी भी आय पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा. वित्त मंत्री की घोषणा ने अधिकांश क्रिप्टो और एनएफटी निवेशकों जानें डिजिटल करेंसी की 6 प्रमुख बातें को अपनी संपत्ति के भविष्य के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया, लेकिन कइयों ने इसे ज्यादातर सकारात्मक घोषणा के तौर पर लिया. उनका कहना है कि किसी भी तरह का टैक्स लगाने का मतलब है कि देश में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा, हालांकि, इसका मतलब नियमितीकरण भी नहीं है. अभी यह देखना बाकी है जानें डिजिटल करेंसी की 6 प्रमुख बातें कि सरकार देश में क्रिप्टोकरेंसी पर आगे किस तरह का कदम उठाने का फैसला करती है.

Also Read:

वित्त मंत्री ने यह भी जानें डिजिटल करेंसी की 6 प्रमुख बातें घोषणा की कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जल्द ही अपनी डिजिटल मुद्रा लाएगा, जिसे सीबीडीसी (CBDC) या सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी कहा जाएगा. आरबीआई डिजिटल मुद्रा पर कई महीनों से काम कर रही है और सीतारमण के मुताबिक, इसे अगले वित्तीय वर्ष में पेश किया जाएगा.

सीतारमण ने कहा कि आरबीआई की डिजिटल मुद्रा आने से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा. डिजिटल मुद्रा भी अधिक कुशल और सस्ती मुद्रा प्रबंधन प्रणाली को बढ़ावा देगी.

डिजिटल संपत्ति के लिए कराधान की घोषणा के तुरंत बाद सीबीडीसी की घोषणा ने बहुत से लोगों को यह सोचकर भ्रमित कर दिया कि सीबीडीसी पर भी कर लगाया जाना चाहिए. हालांकि, ऐसा बिल्कुल नहीं है. डिजिटल मुद्राएं क्रिप्टोकरेंसी या एनएफटी जैसी डिजिटल संपत्ति नहीं हैं. डिजिटल मुद्राएं सरकार द्वारा जारी मुद्रा के इलेक्ट्रॉनिक रूप हैं, जबकि क्रिप्टोकरेंसी मूल्य का एक भंडार है जो एन्क्रिप्शन द्वारा सुरक्षित है. लोगों ने विशेष रूप से महामारी के दौरान जिन डिजिटल वॉलेट का उपयोग करना शुरू किया, उनमें डिजिटल मुद्रा और क्रिप्टोकरेंसी दोनों हो सकते हैं, लेकिन वे वास्तव में विनिमेय नहीं हैं.

डिजिटल मुद्रा से आरबीआई की कैश मैनेजमेंट की लागत जानें डिजिटल करेंसी की 6 प्रमुख बातें होगी कम

डिजिटल मुद्रा से आरबीआई की कैश मैनेजमेंट की लागत होगी कम

नई दिल्ली, 6 नवंबर : आरबीआई ने 1 नवंबर से होलसेल सेगमेंट में डिजिटल रुपया लॉन्च करने के लिए एक पायलट परियोजना शुरू की है और बाद में एक महीने के भीतर रिटेल सेगमेंट में एक और प्रोजेक्ट लाने की योजना है. केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) को अपनाने के पीछे कई कारण हैं, जैसे वित्तीय समावेशन को बढ़ाना और कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ना.

माना जाता है कि डिजिटल रुपये की ओर बढ़ने का एक प्रमुख कारण भौतिक नकदी प्रबंधन से जुड़ी लागत को कम करना है. आरबीआई के एक कॉन्सेप्ट नोट में कहा गया है कि भारत में कैश मैनेजमेंट की लागत महत्वपूर्ण बनी हुई है. 1 अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2022 के दौरान सुरक्षा मुद्रण पर किया गया कुल खर्च 4,984.80 करोड़ रुपये था, जो पिछले वर्ष (1 जुलाई, 2020 से 31 मार्च, 2021) 4,012.10 करोड़ रुपये के मुकाबले अधिक है. यह भी पढ़ें : मोदी निर्वाचन क्षेत्र आधारित संसदीय लोकतंत्र के आधार को कमजोर कर रहे: चिदंबरम

रिटेल संस्करण का आधिकारिक लांच

भारतीय रिज़र्व बैंक पिछले जानें डिजिटल करेंसी की 6 प्रमुख बातें कुछ समय से अपनी वर्चुअल या डिजिटल मुद्रा पर काम कर रहा था और पहली दिसंबर को इसके रिटेल संस्करण का आधिकारिक लांच किया गया है। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) के रूप में जानी जाने वाली इस मुद्रा का चुनिंदा ग्राहकों और रिटेल विके्रताओं /व्यापारियों के साथ परीक्षण किया जा रहा है। आरबीआई डिजिटल रुपी क्या है जानें डिजिटल करेंसी की 6 प्रमुख बातें और कैसे काम करेगा आरबीआई द्वारा डिजिटल रुपए की पहल काफी दिलचस्प है और इसका सफल कार्यान्वयन हमारे पैसे के इस्तेमाल के तरीके में बदलाव ला सकता है।

लेखक : करुणेश देव

भारत के डिजिटल रुपी या ई-रुपी के बारे में कुछ प्रमुख बातें समझते हैं:

1. यह हमारे केंद्रीय बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल टोकन के रूप में जारी जानें डिजिटल करेंसी की 6 प्रमुख बातें की जाने वाली आधिकारिक, कानूनी मुद्रा हैए जिसे सीबीडीसीए डिजिटल रुपी या ई-रुपी के रूप में जाना जाता है।

अगले साल पायलट प्रोजेक्ट पर काम की तैयारी

उल्लेखनीय है कि RBI ने इस साल की शुरुआत में घोषणा की थी कि उसने दुनिया के अन्य प्रमुख केंद्रीय बैंकों के जानें डिजिटल करेंसी की 6 प्रमुख बातें अनुरूप सरकारी मुद्रा के रूप में सीबीडीसी पर काम शुरू किया है. रिपोर्ट के अनुसार, RBI इस मामले में अगले साल की शुरुआत में पायलट कार्यक्रम शुरू करने पर विचार कर रहा है.

शंकर ने साफ किया सीबीडीडी मौजूदा कागजी मुद्रा का इलेक्ट्रॉनिक संस्करण होगा. उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में डिजिटल धोखाधड़ी और साइबर जोखिम को लेकर बड़ी चुनौतियां हैं. उन्होंने कहा, ‘‘थोक खाता आधारित मामले में काफी काम हुआ है. खुदरा मामला जटिल है और इसमें समय लगेगा. जो भी पहले तैयार होगा, उसे पायलट आधार पर जारी किया जाएगा.’’

रेटिंग: 4.59
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 697