उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधिमंडलों ने विदेशी निवेशकों को राज्य में निवेश के लिए आमंत्रित किया
लखनऊ, 14 दिसम्बर (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार निवेशकों के सर्कल का विस्तार के प्रतिनिधिमंडलों को विभिन्न देशों में निवेशकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। कई देशों ने उत्तर प्रदेश में निवेश की इच्छा जाहिर करने के साथ ही अगले साल फरवरी में राज्य में होने वाले वैश्विक निवेशक सम्मेलन में भाग लेने का इरादा भी जताया है। एक निवेशकों के सर्कल का विस्तार आधिकारिक बयान में बुधवार को यह जानकारी दी गई। बयान के मुताबिक मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों के दलों ने अमेरिका, कनाडा, दक्षिण कोरिया, बेल्जियम, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात और ब्राजील में निवेशकों से मुलाकात की और उन्हें उत्तर प्रदेश में अवसंरचना, रक्षा, पर्यटन समेत
बयान के मुताबिक मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों के दलों ने अमेरिका, कनाडा, दक्षिण कोरिया, बेल्जियम, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात और ब्राजील में निवेशकों से मुलाकात की और उन्हें उत्तर प्रदेश में अवसंरचना, रक्षा, पर्यटन समेत अनेक क्षेत्रों में निवेश के लिए आमंत्रित किया। इस दौरान निवेशकों को प्रदेश में सुरक्षित निवेश, बेहतर माहौल और सरकार की ओर से दी जा रही सब्सिडी के विषय में विस्तृत जानकारी निवेशकों के सर्कल का विस्तार दी गई।।
निवेशकों ने अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश की रुचि जाहिर की। वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी ने दो महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। वहीं एग्रिस्टो बेल्जियम ने प्रदेश के खाद्य क्षेत्र में 2023 में 300 करोड़ रुपए के निवेश का इरादा जताया।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने फरवरी में होने वाले वैश्विक निवेशक सम्मेलन के माध्यम से प्रदेश में 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश को आकर्षित करने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रदेश के मंत्रियों और अधिकारियों के दल विदेशों में रोड शो कर रहे हैं और आमने-सामने की कारोबारी बैठकों के जरिए निवेशकों को लुभा रहे हैं।
बयान के मुताबिक विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना एवं पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह की अगुवाई में कनाडा के मांट्रियल में प्रतिनिधिमंडल ने रोड शो का आयोजन किया और उत्तर प्रदेश में निवेश के अवसरों व सरकार की नीतियों के बारे में जानकारी दी। प्रतिनिधिमंडल ने एक्सपोर्ट डेवलपमेंट कनाडा (ईडीसी), इन्वेस्टमेंट क्यूबेक, कनाडा इंडिया ग्लोबल फोरम और इंडो कनाडा ओटावा बिजनेस चैंबर के साथ उत्तर प्रदेश में निवेश को लेकर चर्चा की।
उत्तर प्रदेश सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री आशीष पटेल की अगुवाई में एक निवेशकों के सर्कल का विस्तार प्रतिनिधिमंडल ने दक्षिण कोरिया में रोड शो किया। इस दौरान कोरिया की रक्षा विनिर्माण इकाइयों को उत्तर प्रदेश में बन रहे रक्षा गलियारे में निवेश के लिए प्रेरित किया गया।
बयान के मुताबिक उत्तर सरकार में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और पूर्व मंत्री व विधायक सिद्धार्थनाथ सिंह की अगुवाई वाला प्रतिनिधिमंडल अमेरिकी एयरक्राफ्ट निर्माता सिकोर्सिकी के मुख्य संयंत्र को देखने कनेक्टिकट के स्ट्राटफोर्ड पहुंचा।
जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी पहुंचा और यहां वाइस चांसलर प्रो. बार्ने ग्लोवर एओ व अन्य वरिष्ठ प्राध्यापकों से मिला। इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार और यूनिवर्सिटी के बीच विभिन्न क्षेत्रों में भागीदारी को लेकर भी चर्चा हुई।
विदेशी निवेशकों ने दिसंबर महीने में अब तक आठ हजार छह सौ करोड़ रूपये से अधिक निवेश किया
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने दिसंबर महीने में अब तक आठ हजार छह सौ करोड़ रूपये से अधिक भारतीय बाजारों में निवेश किया है। विदेशी निवेशकों ने कुल दस हजार 555 करोड़ रूपये इक्विटी बाजार में निवेश किए, जबकि दो हजार 180 करोड़ रूपये डेट बाजार से बाहर निकाले।
एफपीआई ने 261 करोड़ रूपये डेट बाजार में विभिन्न माध्यमों के जरिए लगाए। इससे पहले नवंबर में विदेशी निवेशकों ने 33 हजार 847 करोड़ रूपये भारतीय पूंजी बाजार में लगाए थे। अगस्त महीने के लिए ये आंकड़ा 56 हजार 521 करोड़ रूपये का था। ये लगातार चौथा महीना है, जब विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों में पैसे लगाए ज्यादा हैं और निकाले कम हैं।
खुलने के साथ ही इस IPO को मिला तगड़ा रिस्पॉन्स, विदेशी निवेशकों ने लगाई जमकर बोलियां, 21 दिसंबर तक मौका
आईपीओ के तहत 2,37,75,215 शेयरों की पेशकश पर 1,29,84,840 शेयरों के लिए बोलियां मिलीं। बता दें कि इस डिजिटल फाइनेंस सर्विस कंपनी के आईपीओ में आप 21 दिसंबर तक बोली लगा सकेंगे।
KFin Technologies IPO: केफिन टेक्नोलॉजीज के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) को निर्गम के पहले दिन सोमवार को 55 प्रतिशत अभिदान मिला। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, आईपीओ के तहत 2,37,75,215 शेयरों की पेशकश पर 1,29,84,840 शेयरों के लिए बोलियां मिलीं। बता दें कि इस डिजिटल फाइनेंस सर्विस कंपनी के आईपीओ में आप 21 दिसंबर तक बोली लगा सकेंगे।
FII ने लगाई जमकर बोलियां
पहले दिन 50% से ज्यादा पब्लिक ऑफर सब्सक्राइब हुआ है। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने योग्य संस्थागत खरीदारों (QIB) सेगमेंट के लिए रिजर्व हिस्से को 91% सब्सक्राइब किया। जबकि रिटेल निवेशकों (RII) के हिस्से को 26 प्रतिशत सब्सक्राइब किया गया। वहीं गैर-संस्थागत निवेशकों की श्रेणी में एक प्रतिशत सब्सक्रिप्शन मिला है।
1,500 करोड़ रुपये का है आईपीओ
कंपनी के 1,500 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए प्राइस बैंड 347-366 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। कंपनी का आईपीओ शुद्ध रूप से बिक्री पेशकश (ओएफएस) पर आधारित है। वित्तीय सेवा मंच केफिन टेक्नोलॉजीज ने एंकर निवेशकों से 675 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
मेक इन इंडिया
भारतीय अर्थव्यवस्था देश में मजबूत विकास और व्यापार के समग्र दृष्टिकोण में सुधार और निवेश के संकेत के साथ आशावादी रुप से बढ़ रही है । सरकार के नये प्रयासों एवं पहलों की मदद से निर्माण क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है । निर्माण को बढ़ावा देने एवं संवर्धन के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितम्बर 2014 को 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम की शुरुआत की जिससे भारत को महत्वपूर्ण निवेश एवं निर्माण, संरचना तथा अभिनव प्रयोगों के वैश्विक केंद्र के रुप में बदला जा सके।
'मेक इन इंडिया' मुख्यत: निर्माण क्षेत्र पर केंद्रित है लेकिन इसका उद्देश्य देश में उद्यमशीलता को बढ़ावा देना भी है। इसका दृष्टिकोण निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाना, आधुनिक और कुशल बुनियादी संरचना, विदेशी निवेश के लिए नये क्षेत्रों को खोलना और सरकार एवं उद्योग के बीच एक साझेदारी का निर्माण करना है।
'मेक इन इंडिया' पहल के संबंध में देश एवं विदेशों से सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। अभियान के निवेशकों के सर्कल का विस्तार शुरु होने के समय से इसकी वेबसाईट पर बारह हजार से अधिक सवाल इनवेस्ट इंडिया के निवेशक सुविधा प्रकोष्ठ द्वारा प्राप्त किया गया है। निवेशकों के सर्कल का विस्तार जापान, चीन, फ्रांस और दक्षिण कोरिया जैसे देशों नें विभिन्न औद्योगिक और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में भारत में निवेश करने हेतु अपना समर्थन दिखाया है। 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत निम्नलिखित पचीस क्षेत्रों - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है की पहचान की गई है:
सरकार ने भारत में व्यवसाय करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कई कदम उठाये हैं। कई नियमों एवं प्रक्रियाओं निवेशकों के सर्कल का विस्तार को सरल बनाया गया है एवं कई वस्तुओं को लाइसेंस की जरुरतों से हटाया गया है।
सरकार का लक्ष्य देश में संस्थाओं के साथ-साथ अपेक्षित सुविधाओं के विकास द्वारा व्यापार के लिए मजबूत बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना है। सरकार व्यापार संस्थाओं के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने के लिए औद्योगिक गलियारों और स्मार्ट सिटी का विकास करना चाहती है। राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में निवेशकों के सर्कल का विस्तार खुलती है के माध्यम से कुशल मानव शक्ति प्रदान करने के प्रयास किये जा रहे हैं। पेटेंट एवं ट्रेडमार्क पंजीकरण प्रक्रिया के बेहतर प्रबंधन के माध्यम से अभिनव प्रयोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
कुछ प्रमुख क्षेत्रों को अब प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए खोल दिया गया निवेशकों के सर्कल का विस्तार है। रक्षा क्षेत्र में नीति को उदार बनाया गया है और एफडीआई की सीमा को 26% से 49% तक बढ़ाया गया है। अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के लिए रक्षा क्षेत्र में 100% एफडीआई को अनुमति दी गई है। रेल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निर्माण, संचालन और रखरखाव में स्वचालित मार्ग के तहत 100% एफडीआई की अनुमति दी गई है। बीमा और चिकित्सा उपकरणों के लिए उदारीकरण मानदंडों को भी मंजूरी दी गई है।
29 दिसंबर 2014 को आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में विभिन्न हितधारकों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद उद्योग से संबंधित मंत्रालय प्रत्येक क्षेत्र के विशिष्ट लक्ष्यों पर काम कर रहे हैं। इस पहल के तहत प्रत्येक मंत्रालय ने अगले एक एवं तीन साल के लिए कार्यवाही योजना की पहचान की है।
कार्यक्रम 'मेक इन इंडिया' निवेशकों और उनकी उम्मीदों से संबंधित भारत में एक व्यवहारगत बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है। 'इनवेस्ट इंडिया' में एक निवेशक सुविधा प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। नये निवेशकों को सहायता प्रदान करने के लिए एक अनुभवी दल भी निवेशक सुविधा प्रकोष्ठ में उपलब्ध है।
निर्माण को बढ़ावा देने के लिए लक्ष्य
- मध्यम अवधि में निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर में प्रति वर्ष 12-14% वृद्धि करने का उद्देश्य
- 2022 तक देश के सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण की हिस्सेदारी में 16% से 25% की वृद्धि
- विनिर्माण क्षेत्र में वर्ष 2022 तक 100 मिलियन अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा करना
- समावेशी विकास के लिए ग्रामीण प्रवासियों और शहरी गरीबों के बीच उचित कौशल का निर्माण
- घरेलू मूल्य संवर्धन और निर्माण में तकनीकी गहराई में वृद्धि
- भारतीय विनिर्माण क्षेत्र की वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ाना
- विशेष रूप से पर्यावरण के संबंध में विकास की स्थिरता सुनिश्चित करना
- भारत ने अपनी उपस्थिति दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप दर्ज करायी है
- 2020 तक इसे दुनिया की शीर्ष तीन विकास अर्थव्यवस्थाओं और शीर्ष तीन निर्माण स्थलों में गिने जाने की उम्मीद है
- अगले 2-3 दशकों के लिए अनुकूल जनसांख्यिकीय लाभांश। गुणवत्तापूर्ण कर्मचारियों की निरंतर उपलब्धता।
- जनशक्ति की लागत अन्य देशों की तुलना में अपेक्षाकृत कम है
- विश्वसनीयता और व्यावसायिकता के साथ संचालित जिम्मेदार व्यावसायिक घराने
- घरेलू बाजार में मजबूत उपभोक्तावाद
- शीर्ष वैज्ञानिक और तकनीकी संस्थानों द्वारा समर्थित मजबूत तकनीकी और इंजीनियरिंग क्षमतायें
- विदेशी निवेशकों के लिए खुले अच्छी तरह विनियमित और स्थिर वित्तीय बाजार
भारत में परेशानी मुक्त व्यापार
'मेक इन इंडिया' इंडिया' एक क्रांतिकारी विचार है जिसने निवेश एवं नवाचार को बढ़ावा देने, बौद्धिक संपदा की रक्षा करने और देश में विश्व स्तरीय विनिर्माण बुनियादी ढांचे का निर्माण करने के लिए प्रमुख नई पहलों की शुरूआत की है। इस पहल नें भारत में कारोबार करने की पूरी प्रक्रिया को आसान बना दिया है। नयी डी-लाइसेंसिंग और ढील के उपायों से जटिलता को कम करने और समग्र प्रक्रिया में गति और पारदर्शिता काफी बढ़ी हैं।
अब जब व्यापार करने की बात आती है तो भारत काफी कुछ प्रदान करता है। अब यह ऐसे सभी निवेशकों के लिए आसान और पारदर्शी प्रणाली प्रदान करता है जो स्थिर अर्थव्यवस्था और आकर्षक व्यवसाय के अवसरों की तलाश कर रहे हैं। भारत में निवेश करने के लिए यह सही समय है जब यह देश सभी को विकास और समृद्धि के मामले में बहुत कुछ प्रदान कर रहा है।
नए साल में यूपी में खुलेगा निवेश का पिटारा, एक दर्जन से अधिक देशों ने दिखाई दिलचस्पी
UP Global Investors Summit : योगी सरकार ने नए निवेशकों के सर्कल का विस्तार साल के फरवरी में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिए राज्य में 10 लाख करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य रखा है.
Global Investors Summit : उत्तर प्रदेश में रक्षा निर्माण जैसे क्षेत्रों में कई देशों ने निवेश करने में रुचि दिखाई है और अगले साल फरवरी में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में भी भाग लिया है. यूपी सरकार (UP Sarkar) के विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों ने मंगलवार को अमेरिका, कनाडा, दक्षिण कोरिया, बेल्जियम, ऑस्ट्रेलिया, यूएई और ब्राजील सहित देशों की यात्रा की और निवेशकों से यूपी में बुनियादी ढांचे, रक्षा और निवेशकों के सर्कल का विस्तार पर्यटन सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश (Investment) करने का आग्रह किया. कई निवेशकों ने दूसरों के बीच रक्षा निर्माण में निवेश करने में रुचि दिखाई, जबकि पश्चिमी सिडनी विश्वविद्यालय द्वारा दो महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (समझौता ज्ञापन) पर भी हस्ताक्षर किए गए. साथ ही एग्रिस्टो बेल्जियम ने 2023 तक यूपी के फूड सेक्टर में 300 करोड़ रुपए निवेश करने की मंशा जताई है.
योगी आदित्यनाथ सरकार ने अगले साल फरवरी में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिए राज्य में 10 लाख करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य के मंत्रियों और अधिकारियों की एक टीम रोड शो और वन-टू-वन बिजनेस मीटिंग के जरिए विदेशों में निवेशकों को आमंत्रित कर रही है.
यूपी में निवेश पर चर्चा
कनाडा के मॉन्ट्रियल में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह के निवेशकों के सर्कल का विस्तार नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने एक रोड शो आयोजित किया और निवेशकों को सरकार की निवेश अनुकूल नीतियों के बारे में जानकारी दी. प्रतिनिधिमंडल ने एक्सपोर्ट डेवलपमेंट कनाडा (ईडीसी), इन्वेस्टमेंट क्यूबेक, कनाडा इंडिया ग्लोबल फोरम और इंडो कनाडा ओटावा बिजनेस चैंबर के साथ उत्तर प्रदेश में निवेश पर चर्चा की.
राज्य के तकनीकी शिक्षा मंत्री आशीष पटेल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने दक्षिण कोरिया में एक रोड शो आयोजित किया, जहां कोरियाई रक्षा निर्माण इकाइयों को राज्य में बनाए जा रहे रक्षा औद्योगिक गलियारे में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया गया.
महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों पर किए गए हस्ताक्षर
राज्य के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और पूर्व मंत्री और विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल अमेरिकी विमान निर्माता सिकोरस्की के मुख्य संयंत्र (प्लांट) का दौरा करने के लिए स्ट्रैटफोर्ड, कनेक्टिकट पहुंचा. जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिमी सिडनी विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया के कुलपति प्रोफेसर बार्ने ग्लोवर एओ और अन्य वरिष्ठ प्रोफेसरों से मुलाकात की. उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में साझेदारी पर चर्चा की और बैठक के दौरान जल संसाधन प्रबंधन और कौशल विकास और आपदा प्रबंधन में आम भागीदारी के लिए दो महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर किए गए.
डिप्टी सीएम किया निवेश करने का आग्रह
ब्राजील में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और मत्स्य मंत्री संजय निषाद के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने ब्राजील के रक्षा उद्योग के साथ बैठक की और उनसे उत्तर प्रदेश में रक्षा औद्योगिक गलियारे में निवेश करने का आग्रह किया. ब्रजेश पाठक ने ट्वीट कर कहा कि यूपी में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना के लिए ब्राजील के रक्षा विशेषज्ञ जनरल ब्रिटो, वरिष्ठ अधिकारियों और उद्योगपतियों से विभिन्न विषयों पर प्रभावी और सार्थक चर्चा हुई है.
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English News Headline : UP Global Investors Summit Many countries interest in investing in UP.
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