एसआईपी का यह है सबसे बड़ा फायदा
एसआईपी में निवेश करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें आपको चक्रवृद्धि ब्याज (Compound Interest) मिलता है. यानी इसमें आप जितने ज्यादा समय तक निवेश करेंगे उतना ही ज्यादा आपको फायदा मिलेगा. इस तरह आपके पास प्लान की मैच्योरिटी के समय एकसाथ बड़ी राशि मिलती है.
फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस क्या हैं? निवेश करने से पहले आसान भाषा में समझें
हर कोई अपने निवेश करने से पहले आसान भाषा में समझें निवेश से मुनाफा कमाना चाहता है. मार्केट (बाजार) में निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं. आज हम वित्तीय साधनों (फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट) के बारे में बात करेंगे, जिन्हें फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस के तौर पर जाना जाता है. फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस के जरिए न केवल शेयरों में, बल्कि सोने, चांदी, एग्रीकल्चर कमोडिटी और कच्चे तेल (क्रड ऑयल) सहित कई अन्य डेरिवेटिव सेगमेंट में भी कारोबार करके पैसा कमाया जा सकता है. फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस को निवेश करने से पहले आसान भाषा में समझें समझने से पहले उस मार्केट को समझना जरूरी है, जिसमें ये प्रोडक्ट्स खरीदे और बेचे जाते हैं.
इन दोनों प्रोडक्ट का डेरिवेटिव मार्केट में कारोबार होता है. ऐसे कई प्लेटफॉर्म हैं, जहां से ये ट्रेड किए जा सकते हैं. अगर आप भी इसमें शुरुआत करना चाहते हैं, तो 5paisa.com (https://bit.ly/3RreGqO) वह प्लेटफॉर्म है जो डेरिवेटिव ट्रेडिंग में आपका सफर शुरू करने में मदद कर सकता है.
डेरिवेटिव्स क्या होते हैं?
डेरिवेटिव वित्तीय साधन (फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट) हैं, जो एक अंतर्निहित परिसंपत्ति (अंडरलाइंग एसेट) या बेंचमार्क से अपनी कीमत (वैल्यू) हासिल करते हैं. उदाहरण के लिए, स्टॉक, बॉन्ड, करेंसी, कमोडिटी और मार्केट इंडेक्स डेरिवेटिव में इस्तेमाल किए जाने वाले कॉमन एसेट हैं. अंतर्निहित परिसंपत्ति (अंडरलाइंग एसेट) की कीमत बाजार की स्थितियों के मुताबिक बदलती रहती है. मुख्य रूप से चार तरह के डेरिवेटिव कॉन्ट्रेक्ट हैं – फ्यूचर (वायदा), फॉरवर्ड, ऑप्शन और स्वैप.
फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट के जरिए खरीदार (या विक्रेता) भविष्य में एक पूर्व निर्धारित तिथि पर एक पूर्व निर्धारित मूल्य पर संपत्ति खरीद या बेच सकता है. वायदा कारोबार (फ्यूचर ट्रेडिंग) करने वाले दोनों पक्ष अनुबंध (कॉन्ट्रैक्ट) को पूरा करने के लिए बाध्य होते हैं. इन अनुबंधों का स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार होता है. वायदा अनुबंध की कीमत अनुबंध खत्म होने तक मार्केट के हिसाब से बदलती रहती है.
समझें IPO का पूरा गणित, ऐसे कर सकते हैं निवेश, बस ध्यान रखें ये 7 बातें!
वर्ष 2021 को अगर IPO का साल कहें तो कुछ गलत नहीं होगा. अभी तक मार्केट में करीब 40 से ज्यादा नए IPO लॉन्च हो चुके है, और एक बड़ी लंबी लाइन बाकी है. हालत ये है कि पिछले कुछ हफ्तों में 4 IPO तक एक साथ लॉन्च हुए. अब ऐसे में आपके मन में सवाल होगा कि इनमें निवेश कैसे करें, क्या होता है IPO का गणित, तो बस इसके लिए आपको जाननी है ये 7 बातें.
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सबसे पहले आपको ये जानना होगा कि IPO होता क्या है? देश में कई प्राइवेट कंपनियां काम कर रही हैं. इनमें कई कंपनियां परिवार या कुछ शेयर होल्डर आपस में मिलकर चलाते हैं. जब इन कंपनियों को पूंजी की जरूरत होती है तो ये खुद को शेयर बाजार में लिस्ट कराती हैं और इसका सबसे कारगर तरीका है IPO यानी Initial Public Offer जारी करना.
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Investment Tips : विदेशी शेयर बाजार में पैसा लगाने से पहले समझें जरूरी बातें, फिर यूं करें शुरुआत
विदेशी बाजार में पैसा लगाने से पहले कुछ जरूरी बातें जरूर समझ लें.
निवेशक जागरूक हुए हैं और डायवर्सिफिकेशन के लिए विदेशों बाजारों में पैसा लगाना पसंद कर रहे हैं. आरबीआई के आंकड़ों को देख . अधिक निवेश करने से पहले आसान भाषा में समझें पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : October 24, 2022, 17:30 IST
भारत के लोगों का विदेशी बाजारों में निवेश लगाता बढ़ रहा है.
तकनीक ने ओवरसीज़ निवेश करना काफी आसान बना दिया है.
भारत में कई म्यूचुअल फंड हाउस विदेशी निवेश का विकल्प मुहैया कराते हैं.
नई दिल्ली. निवेशक इन दिनों विदेशी शेयरों में भी निवेश कर रहे हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के आंकड़ों के हिसाब से 2021-22 में भारतीयों ने 19,611 मिलियन डॉलर का निवेश विदेशी बाजारों में किया है. इससे पिछले साल यह महज 12,684 निवेश करने से पहले आसान भाषा में समझें मिलियन डॉलर था.
भारत सरकार की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत एक भारतीय एक वित्त वर्ष में निवेश करने से पहले आसान भाषा में समझें 2,50,000 (ढाई लाख) डॉलर विदेश भेज सकता है. रिजर्व बैंक ने समय के साथ इस सीमा में बढ़ोतरी की है. साल 2004 में जब यह स्कीम निवेश करने से पहले आसान भाषा में समझें शुरू हुई थी, तब इसकी सीमा महज 25 हजार डॉलर थी. म्यूचुअल फंड में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निवेश करना आसान हो गया है. इसका प्रोसेस कुछ यूं है…
अगर आप भी म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं या इसमें निवेश करना चाहते हैं तो इसके लिए 15×15×15 के नियम का पालन करके आप कर . अधिक पढ़ें
- News18 हिंदी
- Last Updated : December 11, 2022, 15:56 IST
15×15×15 का नियम म्यूचुअल फंड में निवेश करके ज्यादा रिटर्न लेने का एक आसान तरीका है.
लंबी अवधि के निवेश में आपको 12 फीसदी का रिटर्न आराम से मिल जाता है.
एसआईपी में निवेश करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें आपको चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है.
नई दिल्ली. म्यूचुअल फंड निवेश करने के पसंदीदा विकल्पों में से एक है जिसमें लोगों की दिलचस्पी और बढ़ रही है. ज्यादातर लोग अपनी इनकम का कुछ हिस्सा बचाकर इसमें रेगुलर निवेश करते हैं ताकि उन्हें अच्छा रिटर्न मिल सके. अगर निवेश करने से पहले आसान भाषा में समझें आप भी म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं या इसमें निवेश करना चाहते हैं तो हम आपको निवेश करने से पहले आसान भाषा में समझें एक ऐसा तरीका बता रहे हैं जिसकी मदद से आप जल्द ही करोड़पति बन सकते हैं. इसके लिए आपको बस एक आसान से नियम का पालन करना है.
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