Power Breakfast: Fed Policy के बाद अमेरिकी बाजार में भारी उतार-चढ़ाव; Dow Jones 500 अंक फिसला
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने लगातार चौथी बार इंटरेस्ट रेट में 75 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की. फेड प्रमुख जेरोम पॉवेल ने साथ में यह भी कहा कि अभी इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी जारी रहेगा. फेड के एक्शन के बाद अमेरिकी बाजार में भारी गिरावट आई है. Dow Jones 500 अंक फिसला, ऊंचाई से 925 अंक टूटा, Nasdaq में 3.4% की गिरावट है और S&P 500 में 2.5% की गिरावट देखी जा रही है. 10 साल की बांड यील्ड 4.1% के पार पहुंच गया. यूरोप में 0.5-1% की गिरावट आई. डॉलर इंडेक्स 112 के पास पहुंच गय. गोल्ड 1% गिरा.
Dow Jones Vs S&P 500 vs Nasdaq 100 : विदेशी बाजारों का हाल कैसा - शोमेश कुमार
चाहे डॉव जोंस हो या एस ऐंड पी 500 या नैस्डैक सभी प्रमुख बाजार मंदी की आशंका से सहमे हुए नजर आ रहे हैं। फेड के फैसले से भी बाजार की चाल पर असर पड़ता है। ऐसे में इन बाजारों का भारतीय बाजार पर कैसा असर होगा? इस विषय पर देखिये बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार के साथ निवेश मंथन के संपादक राजीव S&P500 किसके लिए है? रंजन झा की बातचीत।
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US Stock Market: अमेरिकी शेयर बाजार में पूरे साल तेजी के आसार, S&P 500 ETF में निवेश दे सकता है बेहतर रिटर्न
अमेरिका के S&P 500 Index में पूरे साल तेजी बने रहने की S&P500 किसके लिए है? संभावना पर फंड मैनेजर्स को काफी भरोसा है, उनका मानना है कि 2021 के अंत तक इस इंडेक्स में कम से कम 10% की तेजी देखने को मिल सकती है.
S&P 500 Index में इस साल यानी जनवरी 2021 से अब तक 19.22% का उछाल आ चुका है.
Investing in US Market, S&P 500 Index: भारतीय निवेशक अगर अमेरिकी शेयर बाजार की तेजी का फायदा उठाना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें क्या करना होगा? इस सवाल का सबसे सीधा जवाब है, S&P 500 ETF में निवेश करके वे अपने इस लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं. जैसा कि इसके नाम से भी पता चलता है, S&P 500 इंडेक्स में अमेरिका के न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड टॉप 500 कंपनियां शामिल हैं. जाहिर है, S&P 500 इंडेक्स को ट्रैक करने वाले किसी ईटीएफ में निवेश का मतलब है, आपका निवेश इस इंडेक्स में आने वाली तेजी के साथ-साथ बढ़ने की पूरी संभावना रहेगी.
S&P 500 पर फंड मैनेजर्स को क्यों है इतना भरोसा?
अमेरिका की टॉप S&P500 किसके लिए है? कंपनियों के शेयर्स की चाल को दर्शाने वाले S&P 500 इंडेक्स में जनवरी से अब तक 19.22 फीसदी की तेजी दर्ज की जा चुकी है. इसके मुकाबले भारत के Nifty 50 इंडेक्स में इसी दौरान 12.86 फीसदी की तेजी देखने को मिली है. फंड मैनेजर्स का मानना है कि S&P 500 में 2021 के अंत तक अभी और 10 फीसदी की तेजी आ सकती है.
बैंक ऑफ अमेरिका के जुलाई महीने के फंड मैनेजर सर्वे के मुताबिक 82 फीसदी निवेशकों को उम्मीद है कि S&P 500 इंडेक्स इस साल के अंत तक कम से कम 10 फीसदी और बढ़ेगा. इतना ही नहीं, कई निवेशक तो यह उम्मीद भी कर रहे हैं कि अगरे छह महीने में अमेरिकी बाजार में बुल रन यानी शानदार तेजी का दौर भी देखने को मिल सकता है.
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ETF के जरिए आसान है S&P 500 इंडेक्स में निवेश
सवाल यह है कि अमेरिकी कंपनियों के S&P 500 इंडेक्स में शानदार तेजी की संभावना का फायदा भारतीय निवेशक कैसे उठा सकते हैं? इसका एक आसान रास्ता एक अच्छे S&P 500 ETF में निवेश करना हो सकता है. यानी एक ऐसा एक्सचेंज ट्रेडेड फंड जो न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड टॉप 500 कंपनियों के S&P 500 इंडेक्स को ट्रैक करता हो. एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के रिटर्न आम तौर पर उस इंडेक्स की चाल के साथ ही चलते हैं, जिसे वे ट्रैक करते हैं. हालांकि इसमें कई बार थोड़ा-बहुत ट्रैकिंग एरर आ सकता है.
ये हैं S&P 500 में निवेश करने वाले टॉप ETF:
S&P 500 में शामिल कंपनियों में निवेश करने वाले तीन सबसे बड़े ETF हैं :
Vanguard S&P 500 ETF: 753 अरब अमेरिकी डॉलर के नेट एसेट्स वाला Vanguard सबसे बड़ा S&P 500 ETF है. इसका औसत ट्रेडिंग वॉल्यूम 39.8 लाख है. जनवरी 2021 से अब तक इसमें 19.27 फीसदी का इजाफा हो चुका है.
SPDR S&P 500 ETF Trust: 374.03 अरब अमेरिकी डॉलर के नेट एसेट वाला SPDR S&P 500 ETF Trust दूसरा सबसे बड़ा S&P 500 ETF है. इस साल में यह अब तक 19.29 फीसदी बढ़ चुका है. जनवरी 1993 में लॉन्च किया गया SPDR S&P 500 ETF अमेरिकी शेयर बाजार में लिस्ट हुआ पहला एक्सचेंज ट्रेडेड फंड है.
iShares Core S&P 500 ETF: 286.99 अरब डॉलर के नेट एसेट वाला iShares Core S&P 500 ETF अमेरिका का तीसरा सबसे बड़ा S&P 500 ETF है. इस फंड में इस साल अब तक 19.32 फीसदी का इजाफा हो चुका है. इसका औसत वॉल्यूम 45.3 लाख का है.
इन तीनों टॉप ईटीएफ के अलावा कई और एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) के लीवरेज्ड (leveraged) और इक्वल-वेटेड (equal-weighted) जैसे अलग-अलग वैरिएंट भी बाजार में मौजूद हैं.
ETF के जरिए निवेश का फायदा
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या ETF को ईटीएफ ब्रोकर्स की मदद से शेयर बाजार के कारोबारी समय के दौरान कभी भी खरीदा या बेचा जा सकता है. शेयर्स की तरह ही इनका भी अपना खास टिकर सिंबल होता है. इसका एक बड़ा फायदा यह है कि निवेशक शेयर बाजार के कारोबारी घंटों के दौरान इनके भाव पर लगातार नज़र रख सकते हैं. साथ ही ETF में निवेश करने की लागत भी काफी कम होती है. S&P 500 ETF जिस S&P 500 इंडेक्स को ट्रैक करते हैं, उसमें माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft), ऐपल (Apple), अमेजन (Amazon), फेसबुक (Facebook), गूगल (Google) और बर्कशायर हैथवे (Berkshire Hathaway) जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल हैं.
Share Market Today: कैसा रहेगा शेयर मार्केट, किस IPO और शेयर्स पर रखे नजर
Landmark Cars Limited (IPO) के शेयर्स बीएसई और एनएसई पर आज लिस्ट होने जा रहे हैं.
एक दिन पहले भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) हरे निशान के साथ बंद हुए. बीएसई (BSE) का सेंसेक्स (Sensex) 241 अंक या 0.39% की गिरावट के साथ 60,826.22 पर बंद हुआ. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी इंडेक्स (NSE Nifty 50) 71.75 अंक या 0.39% गिरकर 18,127.35 अंक पर बंद हुआ.
विदेशी बाजारों का क्या हाल?
प्रमुख अमेरिकी बाजारों में बड़ी गिरावट देखने को मिली-
S&P 500 में 1.5 फीसदी की गिरावट
NASDAQ में 2.2 फीसदी धड़ाम हुआ
Dow Jones 1.1% फिसदी गिर गया
एशियाई बाजार कर रहे अच्छा प्रदर्शन-
सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज में सुबह 7 बजकर 50 मिनट पर 82 अंक या 0.45% फीसदी की गिरावट दर्ज हुई
जापान का निक्केई में 1.07 फीसदी गिरा
ताइवान का शेयर बाजार 1.30 फीसदी फिसला
साउथ कोरिया के कॉस्पी में 1.52 फीसदी गिरा
एनएसई पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, 22 दिसंबर को, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने 2,206.59 करोड़ रुपये के शेयर्स खरीदे, वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने भी 928.63 करोड़ रुपये के शेयर्स खरीदे हैं.
खबरों में हैं ये स्टॉक्स
आज शेयर बाजार में इन स्टॉक्स पर नजर रख सकते हैं जो खबरों में बने हुए हैं-
जुबिलियंट फूड वर्क्स, विजिया डाइग्नोस्टिक, ज्योति लैब्ज, एबोट इंडिया.
इसके अलावा लैंडमार्क कार्स लिमिटेड (IPO) के शेयर्स बीएसई और एनएसई पर आज लिस्ट होने जा रहे हैं.
डिस्क्लेमर: यहां दिए गए किसी भी तरह के इन्वेस्टमेंट टिप्स या सलाह एक्सपर्ट्स और एनालिस्टस के खुद के हैं. और इसका क्विंट हिंदी से कोई लेना-देना नहीं है. कृपया कर किसी भी तरह के इन्वेस्टमेंट डिसिजन लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य ले.
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Mutual Fund: अगले 10 साल में 1.5 करोड़ रुपये जोड़ने के लिए किन म्यूचुअल फंड की ले सकते हैं मदद?
Mutual Fund की बहुत सी स्कीम में निवेश कर रहे हैं. अगर आप अपने Mutual Fund पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करना चाहते हैं और अधिकतम रिटर्न चाहते हैं तो आपको 4 से अधिक स्कीम में निवेश नहीं करना चाहिए. अगर आप थोड़ा जोखिम उठा सकते हैं तो आप फ्लैक्सिकैप म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं.
एक पाठक ने हमसे यह सवाल S&P500 किसके लिए है? पूछा है कि अगले 10 साल में 1.5 करोड़ रुपए का फंड जुटाने के लिए वह किस म्यूचुअल फंड की मदद ले सकते हैं. उन्होंने लिखा है कि वह थोड़ा जोखिम उठा सकते हैं और अब तक उन्होंने 10 म्यूचुअल फंड में ₹3.8 लाख का निवेश किया है.
उनके निवेश का विवरण इस तरह है:
Quant Tax Plan: Rs 50,000
Nippon India Pharma Fund: Rs 45,000
HDFC Sensex Index Fund: Rs 45,000
Aditya Birla Sun Life Corporate Bond Fund: Rs 35,000
Edelweiss Arbitrage Fund: Rs 35,000
ICICI Prudential Short Term Fund: Rs 35,000
Motilal Oswal S&P 500 Index Fund: Rs 30,000
ICICI Prudential Technology Fund: 30000
UTI Flexi Cap Fund: Rs 30000
Nippon India US Equity Opportunities: Rs 20000
उन्होंने लिखा है कि वह हर 6 महीने में Mutual Fund में ₹300000 का निवेश कर सकते हैं. निवेश की अवधि, वित्तीय लक्ष्य और Risk प्रोफाइल के हिसाब से इस पोर्टफोलियो की जांच करने की बात भी लिखी गई है. इस सवाल का जवाब हमारे म्यूच्यूअल फंड एक्सपर्ट ने दिया है.
उन्होंने कहा है, "अगर सालाना 12 फ़ीसदी रिटर्न के हिसाब से बात करें तो अगले 10 साल में ₹1.5 cr का फंड जुटाने के लिए आपको ₹45,500 प्रति महीने का निवेश करने की जरूरत है."
एक्सपर्ट्स ने कहा है कि इस समय वह बहुत से Mutual Fund स्कीम में निवेश कर रहे हैं. अगर आप अपने Mutual Fund पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करना चाहते हैं और अधिकतम रिटर्न चाहते हैं तो आपको 4 से अधिक स्कीम में निवेश नहीं करना चाहिए. अगर आप थोड़ा जोखिम उठा सकते हैं तो आप फ्लैक्सिकैप म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं.
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