Broker Meaning in Hindi

Share Broker या Stock Broker क्या होता है? Stock Broker कैसे बने? जानिए Stock Broker बनने से जुड़ी सभी जानकारी हिंदी में

आज हम जानेंगे स्टॉक ब्रोकर (Stock Broker) कैसे बने पूरी जानकारी (How to Become Share Broker/Stock Broker In Hindi) के बारे में क्योंकि आपने कभी ना कभी टीवी पर या फिर अखबारों में शेयर मार्केट, स्टॉक ब्रोकर, स्टॉक एक्सचेंज, सेंसेक्स या फिर निफ़्टी के बारे में अवश्य सुना होगा। ऐसे कई लोग हैं, जो कम समय में ज्यादा पैसा कमाने के लिए स्टॉक एक्सचेंज में अपने पैसे इन्वेस्ट करते हैं। स्टॉक एक्सचेंज को सामान्य भाषा में शेयर मार्केट कहा जाता है। दुनिया के अधिकतर विकसित और विकासशील देशों में शेयर बाजार होता है, जिसे हिंदी में शेयर बाजार और अंग्रेजी में Share Market कहा जाता है।

शेयर मार्केट में एक पोस्ट होती है Stock Broker की। स्टॉक ब्रोकर शेयर मार्केट में पैसे इन्वेस्ट करने वाले और शेयर मार्केट बाजार के बीच एक मेडिएटर का काम करता है। अगर आप स्टॉक ब्रोकर बनना चाहते हैं या फिर शेयर ब्रोकर बनना चाहते हैं, तो आर्टिकल को अंत तक पढ़े। आज के इस लेख में जानेंगे कि Stock Broker Kaise Bane, स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए क्या करे, Stock Broker Meaning In Hindi, Stock Broker Kaun Hota Hai, स्टॉक ब्रोकर बनने का तरीका, Stock Broker Kaise Bante Hain, आदि की सारी जानकारीयां विस्तार में जानने को मिलेंगी, इसलिये पोस्ट को लास्ट तक जरूर पढे़ं।

Top five stock broker accounts in India : (स्टॉक ब्रोकर ट्रेंडिंग)

stock broker

नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले हैं शेयर मार्केट से जुड़े एक बहुत ही रोचक और जरूरी विषय के बारे मे। जैसा की stock broker, meaning, stock broker india, हम सभी जानते हैं की आजकल शेयर मार्केट किस कदर चर्चे का विषय बना हुआ है।

हर कोई शेयर मार्केट मे निवेश करना चाहता है। लेकिन यदि आपको किसी बड़ी कंपनी मे निवेश (invest) करना है जैसे की apple, google, facebook, इत्यादि, तो आपको एक broker/ legal advisor की आवश्यकता होगी।

यह वोह इंसान या संस्था होती है जो की निवेशकों को राय देती है की उन्हे किस सतो आईये जानते हैं की ब्रोकर क्या है, यह आपके लिए कैसे सहायक है और top 5 broker accounts कौन कौन से हैं।

Table of Contents

क्या है ब्रोकर? (What is a broker?)

ब्रोकर किसी third party का नाम है जो आपके और आपके द्वारा खरीदे गए शेयर के बीच का लिंक बनता है। यह आपके सभी trading transactions को आसान बनाता है।

एक ब्रोकर का काम होता है आपके behalf पर शेयर मार्केट मे शेयर्स खरीदना और बेचना। आपका ब्रोकर आपको यह भी suggest करता है की आपको कौनसा शेयर खरीदना चाहिए और कौनसा नही। इस काम के लिए यह ब्रोकर आपसे अपनी commission मांगता स्टॉकब्रोकर क्या हैं स्टॉकब्रोकर क्या हैं है।

एक ब्रोकर कोई इंसान भी हो सकता है और कोई financial body भी, जैसे की बैंक जो की आपके बदले मे
आपके सारे स्टॉक मार्केट के transactions करता है।

यह सारे काम हालाँकि आपकी मर्ज़ी सेही किये जाते हैं पर इनको करने वाली याही third party होती है।

Collateral Meaning in Hindi

अगर आप स्टॉक मार्केट में ट्रेड करते है तो आपका स्टॉकब्रोकर आपको लोन की सुविधा भी प्रदान करता है जिसके अंतर्गत आप अपने ट्रेडिंग मार्जिन को बढ़ा ज़्यादा ट्रेडिंग कर सकते है। लोन में मिले हुए अमाउंट को कोलैटरल मार्जिन कहा जाता है। इसके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो यहाँ पर collateral meaning in hindi में जाने की कब और कैसे ये अमाउंट शेयर बाजार में ट्रेड करने में लाभदायक है।

Collateral Meaning in Share Market in Hindi

जैसे की ऊपर बताया गया है collateral amount एक तरह का लोन है जो आप अपने होल्डिंग और शेयर्स के आधार पर अपने स्टॉकब्रोकर से प्राप्त कर सकते है ।

लोन लेने की प्रक्रिया को pledge of shares कहा जाता है और मिले हुए अमाउंट को कोलैटरल मार्जिन कहा जाता है । इस मार्जिन अमाउंट से आप अपनी ट्रेडिंग लिमिट के साथ ज़्यादा ट्रेड कर अपने मुनाफा कमाने के मौके को भी कई गुना तक बढ़ा सकते है।

इस अमाउंट के बदले स्टॉकब्रोकर आपसे एक निर्धारित इंटरेस्ट रेट प्राप्त करते है ।

अब जब भी आप अपने शेयर pledge करते है तो वह शेयर्स कोलैटरल की तरह अकाउंट में होल्ड कर अस्थायी रूप से ब्लॉक कर दिए जाते है ।

यहाँ पर जब तक आप मार्जिन का भुगतान नहीं करते है तब तक आप ब्लॉक शेयर को बेच नहीं सकते । और यहाँ पर अगर आप मार्जिन अमाउंट वापिस करने में असफल होते है तो स्टॉकब्रोकर आना अमाउंट वापिस पाने के लिए प्लेज़ शेयर्स को बेच कर अपने अमाउंट की वसूली करता है।

कोलैटरल मार्जिन कैसे काम करता है?

Collateral meaning को समझने के बाद अब जानते है कि ये किस तरह से काम करता है । मान लेते है कि आपका एक डीमैट खाता है जिसमे 1,00,000 रुपए के शेयर्स है। अब आप एक कंपनी के 100 शेयर में ट्रेड करना चाहते है जिसकी वैल्यू 1000 रुपये प्रति शेयर है, लेकिन आपके पास अभी इतना फण्ड नहीं है।

यहाँ पर अब अपने शेयर्स को प्लेज़ कर ट्रेडिंग कर सकते है, तो मान लेते है की आपने अपने 80,000 रुपये के शेयर प्लेज़ करने का आवेदन किया ।

अब यहाँ पर स्टॉकब्रोकर प्लेज़ शेयर का मूल्यांकन कर एक वैल्यू निर्धारित करेगा जिसका मूल्य करंट मार्केट प्राइस से थोड़ा कम होता है । ये स्टॉकब्रोकर नुकसान से बचने के लिए करता है, जिससे की अगर स्टॉक का प्राइस आगे चलकर कम भी हो जाए तो ब्रोकर को उसका नुकसान न उठाना पड़े।

इस अमाउंट को स्टॉक मार्केट में हेअरकट (haircut in share market) कहा जाता है । ये स्टॉक कुछ प्रतिशत होता है और स्टॉक के वर्तमान प्रदर्शन और अस्थिरता के अनुसार निर्धारित किया जाता है।

मान लेते है की आपकी होल्डिंग्स पर 5 % हेअरकट लगा यानी की 4000 रुपये तो यहाँ पर आपके ट्रेडिंग अकाउंट में ₹76000 collateral मार्जिन ऐड हो जायेगा ।

यहाँ पर अगर आप अपने ट्रेड में सफल होते है तो आप collateral margin का भुगतान कर अपने होल्डिंग्स को अन-प्लेज़ कर सकते है ।

लेकिन अगर आपको नुकसान होता है या किसी कारणवश आप अपने होल्डिंग को अन-प्लेज़ करने में असमर्थ होते है तो वहां पर ब्रोकर एक सीमित अवधि के बाद आपके शेयर्स को बेच अपनी रकम को वसूलेगा ।

कोलैटरल मार्जिन के फायदे

स्टॉक मार्केट में कोलैटरल मार्जिन के साथ स्टॉकब्रोकर क्या हैं ट्रेड करने से बहुत सारे फायदे जुड़े हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं।

  • एक कोलैटरल मार्जिन आपके खरीदने की लिमिट को बढ़ाता है।
  • यह आपको आपने ऑनलाइन डीमैट में अच्छे उपयोग के लिए निष्क्रिय (Idle) शेयर रखने की अनुमति देता है।
  • कोलैटरल मार्जिन आपके कैपिटल पर रेट ऑफ़ रिटर्न बढ़ा सकता है।
  • यह आपको बाजार में शार्ट-टर्म कीमत के उतार-चढाव से लाभ कमाने की अनुमति देता है ।

निष्कर्ष


कोलैटरल अमाउंट आपको कई लाभ प्रदान करता है लेकिन आपको यह ध्यान रखना चाहिए की यदि आप वापस भुगतान करने में असमर्थ हो जाते है, तब आप उस स्थिति में अपने प्लेज्ड किए हुए शेयर खो सकते हैं ।


डीमैट अकाउंट में कोलैटरल अमाउंट एक लोन की तरह उपयोग किया जाता है जैसाकि यह डीमैट अकाउंट में यह निष्क्रिय (Idle) स्टॉकब्रोकर क्या हैं संपत्ति की तरह है ।

यह ब्रोकर और निवेशक के लिए संपत्ति बनाने के लिए अच्छा’ जरिया हो सकता है ।

कोलैटरल मार्जिन से जुड़े हुए आवश्यक तथ्य


अब आप अपने ऑनलाइन डीमैट अकाउंट में कोलैटरल अमाउंट के अवधारणा (Concept) को समझ चुके हैं । आइए अब कोलैटरल मार्जिन से जुड़े आवश्यक चीजों के बारे में समझते हैं ।


1. कोलैटरल मार्जिन का लाभ उठाने के लिए क्या कोई शर्त है?


एक निवेशक के तौर पर अपने स्टॉकब्रोकर से कोलैटरल मार्जिन का लाभ लेने के लिए कुछ विशेष शर्तों का पालन करने की जरुरत होती है । कई स्टॉकब्रोकर यह ऑफर देते हैं और इसके लिए आपको आपने ट्रेडिंग अकाउंट में मार्जिन मूल्य के विशेष प्रतिशत को बनाए रखने की आवश्यकता होती है ।

2. कोलैटरल मार्जिन का उपयोग आप किन चीजों के लिए कर सकते हैं?


आप अपने स्टॉकब्रोकर द्वारा ऑफर की गयी गई कोलैटरल मार्जिन का उपयोग स्टॉक मार्केट में इक्विटी शेयर (equity meaning in hindi) खरीदने के लिए कर सकते हैं । इसके अतिरिक्त आप डेरीवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स (derivative meaning in hindi) में ट्रेड करने के लिए कर सकते हैं जैसेकि स्टॉक खरीदने और बेचने के लिए।

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शेयर मार्केट में Broker भाग जाए तो, शेयर का क्या होगा

अक्सर बहुत सारे शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने वाले लोगों के मन में ये सवाल जरूर आता है। अगर (Broker भाग जाए तो) Upstox, Zerodha, Groww, Paytm Money भाग जाए या बंद हो जाए तो Demat Account में पड़े आपका शेयर का क्या होगा।

लोग अपना पैसा शेयर मार्केट इस कारण लगाते है कि आने वाले समय में उसको अच्छा मुनाफा कमाई। लेकिन जब आपका Stock Broker जहा पर आप Trading & Demat Account खोला है, भाग जाता है या बंद हो जाता हैं तो ऐसे में आपका शेयर का क्या होगा। आज हम इस पोस्ट की माध्यम से जानेंगे शेयर मार्केट में Broker भाग जाए तो, शेयर का क्या होगा।

आपको सबसे पहले जानना बहुत जरूरी है Demat और Trading Account होता क्या है

Demat और Trading Account दोनों अलग अलग अकाउंट होता हैं। जब आप किसी Stock Broker के पास Demat & Trading Account स्टॉकब्रोकर क्या हैं खोलते है तो आपको एक ही डॉक्यूमेंट से दोनों अकाउंट खोल देते हैं।

Trading Account का काम होता है शेयर खरीदना और बेचना। लेकिन Demat Account का काम होता है जो होल्डिंग में खरीदा गया शेयर उसको स्टोर करना।

आपका स्टॉक ब्रोकर आपके जो Demat Account है उसको Stock Depository के पास ले जाकर खोल देता हैं। भारत के अंदर दो Stock Depository है एक CDSL और दूसरा NSDL। आपका Stock Broker जिस भी Stock Depository से जुड़ा होगा उसमे Demat Account खोलेगा। आप जब शेयर खरीदेंगे और बेचेंगे उसके 2 दिन बाद देखेंगे आपको CDSL या NSDL से Mail आएगा। जिससे आपको Mail आ रहा है आप समझ जाए उसमे आपका Demate Account खुला हैं।

Broker भाग जाए तो, शेयर का क्या होगा:-

आपको पता चल ही गया होगा आपने जो भी शेयर खरीदा वो स्टॉक ब्रोकर के पास नहीं होता Stock Depository (NSDL, CDSL) के पास जाता हैं। अगर आपका Stock Broker भाग जाए तो आपको बिल्कुल चिंता करने की जरुरत नहीं हैं। आपका शेयर सही सलामत Stock Depository के पास हैं।

शेयर कैसे अपने पास लाए:-

जब आपका स्टॉक ब्रोकर भाग जाता है तब आपको एक नया Demat Account खोलना है उसके बाद आप Stock Depository के पास एक एप्लीकेशन भेजेंगे। आपके पास Pard Card और DP id होना चाहिए. आप Pan card और DP id के आधार पर DIS Slip भरने के बाद आप Stock Depository भेजेंगे पुराने अकाउंट से नए Demat Account में शेयर को ट्रांसफर करने के लिए। इस एप्लीकेशन देने के बाद आपका शेयर नए Demat Account में आ जायेगा. उसके बाद आप जब साहे शेयर बेच सकते हैं

Trading बैलेंस का क्या होगा:-

मान लीजिये आपने शेयर खरीदने के लिए Trading Account में पैसा भरा लेकिन शेयर खरीदने से पहले ही Broker भाग गया या बंद हो गया। इसके लिए SEBI ने बनाया है Investor Protection Fund अगर आप ज्यादा समय खर्च करे बिना तुरंत Claim कर दोगे तो आपको Maximum 15 लाख तक मिल सकता हैं। आपने यदि Claim थोड़ा देर से किया लेकिन 3 साल के पहले तो आपको claim देना चाहिए या नहीं फैसले लेने के बाद ही होगा। 3 साल बाद आप यदि Claim करोगे तो आपको कोई भी पैसा नहीं मिलेगा।

ज्यादातर ट्रेडर का पैसा हर समय Trading Account में रहता हैं। इन्वेस्टर को इसका ज्यादा फर्क नहीं पड़ता।

शेयर मार्केट में Broker भाग जाए तो, शेयर का क्या होगा

Demat और Trading Account खोलने से पहले ध्यान रखे:-

बड़े ब्रोकर को ही सुने:-

आपको ऐसे ब्रोकर के साथ Demat Account बिल्कुल नहीं खुलाना चाहिए जिसका ग्राहक कम हो ऐसे ब्रोकर कभी भी बंद हो सकता हैं। जिसका नाम और काम अच्छा है आपको एसी ब्रोकर के साथ अपना Demat और Trading Account खोल सकते हैं।

Demat Account खोलने के लिए भरोसेमंद Broker Upstox पर अकाउंट खोल सकते हैं। Open Account here

रजिस्टर ब्रोकर है या नहीं:-

Demate Account खोलने के लिए आपको जरूर ध्यान रखना चाहिए SEBI के साथ ब्रोकर का रजिस्टर हुआ है या नहीं। आपको Broker का रजिस्टर नंबर जरुर देखना चाहिए।

किसी भी Broker के साथ जुड़ने से पहले आपको जागृत होना बहुत जरुरी है। आपको पता होना चाहिए शेयर मार्केट में Broker भाग जाए तो, शेयर का क्या होगा। कैसे अपना पैसा निकाल सकते हैं।

आशा करता हु आप पोस्ट की जरिये अच्छी तरह से समझ गयी हैं। शेयर मार्केट से जुडी और भी बातें सीखने के लिए आप हमारे और भी पोस्ट को पढ़ सकते हैं।

Broker Meaning in Hindi

Who is Broker meaning in Hindi ब्रोकर किसे कहते हैं और इनके क्या कार्य होते हैं। स्टॉक ब्रोकर कौन होते हैं और इन्हें कौन नियुक्त करता है। शेयर बाजार में ब्रोकर की क्या भूमिका होती है। इनका रेगुलेटर कौन है और इनकी शिकायत कहां की जा सकती है। यह सब समझेंगे आसान भाषा में। कैसे खोज सकते हैं BSE और NSE के लिये ब्रोकर। साथ ही Broker meaning in Hindi में समझेंगे किस तरह आप भी ब्रोकर के पास अपना ट्रेडिंग खाता खोल सकते हैं। शेयर मार्केट के सभी पहलुओं को समझने के लिये शेयर मार्केट इन हिंदी पढ़िये हमारी साइट पर।

Broker Meaning in Hindi

Broker Meaning in Hindi

Broker Meaning in Hindi

Broker यानी ब्रोकर को हिंदी में दलाल या बिचौलिया भी कहते हैं। ब्रोकर कोई व्यक्ति या फर्म हो सकती है जो निवेशक द्वारा जमा किए गए ऑर्डर को खरीदने और बेचने के लिए शुल्क या कमीशन लेता है। एक ब्रोकर एक फर्म की भूमिका को भी संदर्भित करता है जब यह किसी ग्राहक के लिए एजेंट के रूप में कार्य करती है और ग्राहक से अपनी सेवाओं के लिए कमीशन लेती है। किसी भी एक्सचेंज में व्यक्तिगत ब्रोकर और कॉर्पोरेट ब्रोकर हो सकते हैं।

Stock Broker किसे कहते हैं

Stock Broker अपने स्टॉक एक्सचेंज के सदस्य होते हैं और स्टॉक एक्सचेंज का सारा व्यापार इन्हीं के जारिये होता है। स्टॉक एक्सचेंज में व्यक्तिगत सदस्यता और कॉर्पोरेट सदस्यता ली जा सकती है। बड़े और फुल सर्विस ब्रोकर मार्केट रिसर्च करते हैं और अपने क्लाईँट के लिये इन्वेस्टमेँट एडवाइजर का काम भी करते हैं।

Broker Meaning in Hindi – ऑनलाइन ट्रेडिंग के लिए भी चाहिए

पहले शेयर बाजार में निवेश करना केवल बड़े शहरों तक ही सीमित था। ऑनलाइन ट्रेडिंग ने इसकी पहुंच हर जगह बना ली है। इन ब्रोकरों के कारण लगभग कोई भी शेयर बाजार में निवेश कर सकता है। ब्रोकर के पास अपना खाता खोल कर कोई भी इनके द्वारा प्रदान किये गये ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर खुद भी ट्रेडिंग कर सकता है। इसके लिये आपको डीमैट खाते की जरूरत होती है। कई ब्रोकिंग हाउस जो बैंकों से जुड़े हैं वे थ्री इन वन खाते की सुविधा देते हैं जिसमें ट्रेडिंग खाता, डीमैट खाता और सेविंग खाता एक ही जगह खोल सकते हैं। भारत में कुछ बड़े स्टॉक ब्रोकर हैं शेयरखान, एक्सिस सिक्योरिटीज, कोटक सिक्योरिटीज, एंजल ब्रोकिंग ओर मोतीलाल ओसवाल। यहां पढ़ें किस कंपनी का शेयर खरीदें हमारी साइट पर।

Broker एक्सचेंज के नियमों के अधीन होते हैं

स्टॉक Broker किसी ना किसी सटॉक एक्सचेंज के सदस्य होते हैं। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के ब्रोकर आप यहां खोज सकते हैं और बंबई स्टॉक एक्सचेंज के सदस्य यहां खोज सकते हैं। BSE और NSE के Broker अपने एक्सचेंज के नियमों के अनुसार काम करते हैं और एक्सचेंज इन पर कड़ी निगरानी रखते हैं। इनके अलावा सेबी स्टॉक ब्रोकरों के रेगुलेटर के रूप में कार्य करती है। एक्सचेंज के ट्रेडिंग सदस्यों को एक्सचेंज के नियम, विनियम और उपनियमों और एक्सचेंज में निर्धारित अन्य आवश्यकताओं का पालन करना आवश्यक होता है।

महत्व

जिस प्रकार शेयर बाजार का महत्व है उसी प्रकार स्टॉक एक्सचेंज के सदस्यों का भी महत्व है स्टॉक एक्सचेंज को सुचारू रूप से चलाने के लिये। Broker यहां के स्तंभ के रुप में कार्य करते हैं और अपनी महत्वपूर्ण भुमिका निभाते हैं। This was information about Broker and his work in Hindi. आशा है कि में आपको स्पष्ट हो गया होगा कि ब्रोकर किसे कहते हैं और कैसे ये किसी एक्सचेंज के महत्वपूर्ण प्रतिभागी होते हैं।

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