एलन मस्क जैसे पैरोकार, क्रिप्टो के तकनीकी और डिजिटल संपत्ति के आधुनिक पहलू पर जोर देते हैं। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के अनुसार आमजन और अर्थव्यवस्था के लिए क्रिप्टो बेहद खतरनाक है। देश-विदेश में बिटकॉइन समेत सैकड़ों तरह की क्रिप्टो करेंसी चलन में हैं।
स्टॉक मार्केट से कितना अलग है Cryptocurrency का बाजार, कम पैसे में कहां मिल रहा ज्यादा रिटर्न
यह सवाल आज हर क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा? उस आदमी के मन में उठ रहा है जो बिटकॉइन (Bitcoin), इथीरियम (Ethereum) और डोजकॉइन (Dogecoin) जैसी क्रिप्टोकरंसी (Cryptocurrency) में निवेश कर रहे हैं. लोग अपने इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में क्रिप्टोकरंसी को शामिल करना चाहते क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा? हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि दोनों का अस्तित्व अलग है और बाजार भी. खरीदने-बेचने का तरीका भी एक दूसरे से भिन्न है. दोनों का एसेट क्लास भी अलग है और बाजार में इनका बर्ताव देखें तो दोनों के बीच 36 का आंकड़ा होता है. ऐसे में स्टॉक में क्रिप्टोकरंसी को शामिल क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा? करना कितना जायज है?
दोनों को समझना जरूरी
स्टॉक और क्रिप्टोकरंसी में निवेश के लिए दोनों को समझना जरूरी है. स्टॉक के जरिये किसी कंपनी में शेयर खरीदने के साथ ही कुछ अधिकार आपके हाथ में आ जाता है. हो सकता है कि कंपनी के ऑपरेशन पर आपका हक नहीं है, लेकिन उस कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में कौन बैठेगा, इसके लिए जब वोटिंग होगी तो आप उसमें हिस्सा ले सकते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कंपनी की प्रोपर्टी के आप भी हकदार हैं. जैसे ही कोई और व्यक्ति उस कंपनी का सामान खरीदता है, आपके शेयर में कुछ और प्रोपर्टी जुड़ जाती है. स्टॉक का सारा खेल इसी आधार पर चलता है.
कोई कॉरपोरेशन स्टॉक बेचता है और कंपनी का कुछ कंट्रोल दूसरे को दे देता है ताकि फंड जुटाया जा सके. इस फंड से कंपनी का बिजनेस बढ़ता है. कंपनी बिकती है तो कर्मचारी भी बाहर हो सकते हैं. इन कर्मचारियों को कंपनी की तरफ से कुछ शेयर दिए जा सकते हैं. कैश दिए जाने से बचा जाता है क्योंकि वह कैश कंपनी के बिजनेस में इस्तेमाल हो सकता है. कोई कंपनी पब्लिक स्टॉक ऑफरिंग लाती है ताकि और फंड जुटाया जा सके. कभी-कभी ऐसा भी होता है कि कंपनी अपने पुराने शेयरहोल्डर्स को शेयर क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा? बेचती है और उसके बदले कैश लेती है.
क्रिप्टो का बाजार क्या है
क्रिप्टोकरंसी में ऐसी बात नहीं होती. क्रिप्टोकरंसी का सीधा मतलब है डिजिटल करंसी. यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित है. यह टेक्नोलॉजी खरीदारों को सिक्योर पेमेंट की सुविधा देती है. क्रिप्टोकरंसी कभी भी सेंट्रल बैंक के सहारे नहीं चलती बल्कि इसका धंधा कंप्यूटर के नेटवर्क के जरिये चलता है और उसी के माध्यम से ट्रांजेक्शन होता है. आप जो भी ब्लॉकचेन इस्तेमाल करेंगे, उससे क्रिप्टोकरंसी खरीद सकते हैं.
उदाहरण के लिए बिटकॉइन का ब्लॉकचेन कुछ सिक्के खरीदारों के लिए जारी करता है. ब्लॉकचेन पर ये सिक्के एक ही बार में जारी नहीं होते बल्कि कुछ-कुछ की मात्रा में एक खास ब्लॉक में जारी किया जाता है. जब उस ब्लॉक के सिक्के की बिक्री हो जाती है तो दूसरे ब्लॉक में सिक्के उतारे जाते हैं. ब्लॉकचेन पर क्रिप्टो की खरीदारी के लिए ट्रांजेक्शन के रूप में क्रिप्टोकरंसी ही दी जाती है. इथीरियम क्रिप्टोकरंसी इथीरियम ब्लॉकचेन पर चलती है. लेकिन इस ब्लॉकचेन का अन्य क्रिप्टो कॉइन भी इस्तेमाल करती हैं. यूनीस्वैप (uniswap) नाम का प्रोजेक्ट इथीरियम ब्लॉकचेन पर चलता है. इसका अपना कोई एक्सचेंज नहीं है, इसलिए यह इथीरियम के ब्लॉकचेन का उपयोग करता है.
कोरोना के कहर से फिर सहमा शेयर बाजार, 2020 जैसे हालात होने का डर, पर सरपट भाग रहे हैं ये स्टॉक्स
2020 में कोरोना की वजह से शेयर बाजार क्रैश हो गया था. एक बार फिर से चीन में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और लोग डरे हुए हैं कि आगे क्या होगा. इसी बीच फार्मा कंपनियों के शेयर तेजी से ऊपर भाग रहे हैं.
कोरोना वायरस ने चीन (Covid-19 in China) में एक बार फिर से तबाही मचा दी है. चीन के स्वास्थ्य अधिकारी आशंका जता रहे हैं कि आने वाले कुछ महीनों में वहां कोरोना के मामले 80 करोड़ का आंकड़ा पार कर सकते हैं. चीन के अलावा जापान, दक्षिण कोरिया में भी कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. बताया जा रहा है कि ओमिक्रॉन सबवेरिएंट बीएफ7 (Omicron bf.7 variant) की वजह से मामले बढ़ रहे हैं. भारत में भी इस वायरस के 4 मामले सामने आ चुके हैं और अब भारत सरकार भी अलर्ट हो गई है. इस बीच एक बार फिर से शेयर बाजार (Share Market) में भारी उथल-पुथल शुरू हो गई है. बाजार में गिरावट का रुख देखने को मिल रहा है. हालांकि, फार्मा स्टॉक्स में तेजी दिख रही है. शेयर बाजार के इस अजीब से बर्ताव से हर कोई हैरान है.
कोरोना का बढ़ता प्रकोप डरा रहा है
मार्च 2020 का वह दौर कोई कैसे भूल सकता है, जब भारत में कोरोना के मामले बढ़ना शुरू हुए थे. देखते ही देखते शेयर बाजार क्रैश हो गया था. निवेशकों के लाखों करोड़ों रुपये डूब गए. अब कोरोना एक बार क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा? फिर से भयावह रूप लेता दिख रहा है. चीन की नाक में यह पहले ही दम कर चुका है, जैसा पिछली बार किया था. धीरे-धीरे यह बाकी देशों में फैल रहा है, जैसा पिछली बार हुआ था. बाजार भी धीर-धीरे गिर और चढ़ रहा है, जैसा पिछली बार हो रहा था. अब डर ये है कि कहीं मार्केट क्रैश ना कर जाए, क्योंकि पिछली बार के नुकसान की ही अभी तक ठीक से भरपाई नहीं हो पाई है तो फिर ये नया नुकसान कैसे सहा जाएगा. बुधवार को ही सेंसेक्स करीब 635 अंक गिरा है. गुरुवार को भी बाजार लाल निशान में कारोबार कर रहा है. यहां से हर निवेशक को संभल कर कदम बढ़ाने की जरूरत है.
कोरोना काल में जब वैक्सीन बनना शुरू हुई थीं तो शेयर बाजार में सबसे तगड़ी तेजी फार्मा कंपनियों के शेयरों में देखी गई थी. सहमे हुए बाजार में एक बार फिर से फार्मा स्टॉक्स सरपट भागते हुए दिख रहे हैं. बुधवार को डॉ. लाल पैथलैब्स के शेयर 6 फीसदी चढ़े, मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर लिमिटेड में भी 3 फीसदी की तेजी आई. वहीं विजया डायग्नोस्टिक के शेयर 3.16 फीसदी तक चढ़ गए. अपोलो हॉस्पिटल्स और फोर्टिस हेल्थकेयर के शेयरों में भी तेजी का रुख देखने को मिला. दरअसल, मामले बढ़ने का मतलब है कि फार्मा कंपनियों की सेल्स बढ़ेगी, जिसके चलते उनकी कमाई बढ़ेगी. इसी वजह से निवेशक अब फार्मा कंपनियों पर दाव लगा रहे हैं.
माइक्रो-कैप कॉइन ख़रीदना
एक गलती जो नए लोगों से अक्सर क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा? होती है वह यह कि सिर्फ इसलिए कोई कॉइन खरीदना क्योंकि वह बहुत सस्ता है या किसी व्यक्ति या समूह द्वारा समर्थित है। इस श्रेणी में आने वाले अधिकांश कॉइन या तो किसी काम के नहीं होते हैं या बहुत सीमित उपयोग होते हैं, या सबसे अच्छी स्थिति में अभी तक उनकी क्षमता साबित नहीं हुई है। इस गलती से बचने के लिए टोकन की कीमत के बजाए किसी कॉइन के मार्केट कैप की जांच करें। ऐसा इसलिए है क्योंकि मार्केट कैप ही वह होता है जो यह निर्धारित करता है कि किसी क्रिप्टो की कीमत कितनी बढ़ सकती है।
यदि आप इस बारे में निश्चित नहीं हैं कि वृद्धि के मामले में क्रिप्टो की कितनी क्षमता है, तो अन्य कॉइन की जांच करें जो समान कॉइन श्रेणी में हैं और उनके दैनिक कारोबार की मात्रा, मार्केट कैप और ऑनलाइन जुड़ाव की तुलना करके देखें कि वह कहां है।
प्रचार के कारण कोई कॉइन ख़रीदना
आपको क्रिप्टोकरेंसी में कभी भी सिर्फ इसलिए निवेश नहीं करना चाहिए क्योंकि इसे किसी लोकप्रिय व्यक्ति द्वारा प्रचारित किया जा रहा है। इसकी बहुत संभावना होती है कि वे बाजार की आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा रखते हों। यदि काफी लोग उस कॉइन को खरीदते हैं जो वे कम करते हैं, तो लोकप्रिय व्यक्ति अपने कॉइन को बेचकर अच्छा लाभ कमाने का फैसला कर सकता है, जिससे नियमित निवेशकों को नुकसान हो सकता है।
प्रसिद्ध व्यक्तियों द्वारा प्रचारित सभी कॉइन से बचें क्योंकि उच्च गुणवत्ता वाले कॉइन को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए विज्ञापन की आवश्यकता नहीं होती है। किसी कॉइन को खरीदने से पहले उसके व्हाइटपेपर को पढ़ना बेहतर होता है, और यह आपको किसी भी धोखेबाजी का शिकार होने से बचा सकता है।
सोशल मीडिया की वजह से कोई कॉइन ख़रीदना
सोशल मीडिया साइट्स जैसे रेडिट, ट्विटर और इंस्टाग्राम उन कॉइन के शिलिंग क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा? पेज से भरे हुए होते हैं जिनके बारे में आपने शायद कभी नहीं सुना होगा या जोखिम वाले कॉइन होंगे। यदि आप लंबे समय तक होल्ड कर के रखें तो कीमतों के ‘आसमान में जाने’ की बात करते हैं। आपको ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी जो किसी एक ख़ास कॉइन के लिए प्रचार करता है, उसे या तो डेवलपर्स द्वारा भुगतान किया जाता है या उसने प्रोजेक्ट में बहुत अधिक समय और पैसा लगाया है, जिसके परिणामस्वरूप वे इसके पक्ष में झुके हुए हैं।
सोशल मीडिया पर प्रचार के बहकावे में आने से बचने के लिए, DYOR या अपना खुद का शोध करना महत्वपूर्ण है। अपना खुद का शोध करना यह पता लगाने का एक तरीका है कि कॉइन में भविष्य क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा? की क्षमता है या नहीं या सिर्फ नए लोगों को लुभाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा? कोई घोटाला है।
विराग गुप्ता का कॉलम: सख्त कानून से क्रिप्टो करेंसी को लॉक किया जाए, क्रिप्टो पर कानून व्यवस्था लागू करने में हो रहे विलंब से बढ़े अनेक संकट
तीस साल पहले अमेरिका में एमआईटी के कंप्यूटर वैज्ञानिक डेविड क्लार्क की चेतावनी अब क्रिप्टो करेंसी के संकट से सच साबित होने लगी है। टेक्नोलॉजी के दमखम और लालच की पिटारी से लैस क्रिप्टो की सुनामी के आगे भारत समेत दुनिया की सभी सरकारों का सिस्टम फेल सा दिख रहा है।
यूपीए शासन काल में रिजर्व बैंक ने क्रिप्टो के आसन्न संकट पर बैंकों, एनबीएफसी और पेमेंट सेवा कंपनियों को चेताया था, लेकिन अभी तक कानून नहीं क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा? बन पाया। लॉकडाउन की वजह से काम धंधा बंद होने से जब अर्थव्यवस्था निढाल हो गई, तब अधाधुंध रिटर्न के चक्कर में क्रिप्टो की गिरफ्त में करोड़ों लोग फंस गए और उनकी आड़ में इसके नियमन की मांग होने लगी।
भारत में Cryptocurrency Ban की खबर से क्रिप्टो मार्केट क्रैश, बिटकॉइन में 25 फीसदी तक की गिरावट
बिजनेस डेस्क। देश में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध (Cryptocurrency Ban) लगाने के लिए एक बिल लिस्ट होने के बाद भारतीय एक्सचेंजों पर डिजिटल करेंसी ग्लोबल एक्सचेंजों के मुकाबले 25 फीसदी तक क्रैश हो गई। भारत में क्रिप्टो की कीमतें (Cryptocurrency Price in India) आमतौर पर वैश्विक बाजारों के मुकाबले प्रीमियम पर कारोबार करती हैं। सरकार ने मंगलवार को पुष्टि की कि वह 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान क्रिप्टोकरेंसी और रेगुलेशन आधिकारिक डिजिटल करेंसी विधेयक, 2021 पेश करेगी।
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