EMA (n) = (CLOSE (n) * K) + (EMA (n-1) * (1 – K))
Swing Trading क्या है ? और कैसे करे स्विंग ट्रेडिंग यहाँ जाने पूरी जानकारी
Swing Trading शेयर बाजार मे मुनाफा कमाने का एक और बढ़िया विकल्प है। लेकिन स्विंग ट्रेडिंग को बुनियादी तौर पर समझे बिना इसका प्रयोग करने से आपको कभी लाभ नहीं मिल सकता। अगर आप शेयर बाजार मे नए है और निवेश की शुरवात कर रहे है तो आपको इसे अपनाने के पहले ठीक से जानना जरुरी है।
- स्विंग ट्रेडिंग को आप इंट्राडे ट्रेडिंग भी नहीं कह सकते और डिलीवरी ट्रेडिंग भी नहीं कहा जा सकता।
- स्विंग ट्रेडिंग मे ख़रीदे हुए शेयर 1 दिन से ज्यादा और उसके बाद 2 से 3 दिन या फिर 1 सप्ताह कर होल्ड किये जाते है।
- इंट्राडे मे होल्ड की गयी शेयर पोजीशन उसी दिन सेल की जाती है और डिलीवरी ट्रेडिंग शेयर खरीदने के बाद उन्हें लम्बे समय तक होल्ड किया जाता है।
- स्विंग ट्रेडिंग के जरिये छोटे समय मे मुनाफा कामबे का उद्देश्य होता है।
- ऐसे समय शेयर के छोटे से कीमत के बदलाव पर मुनाफा कमाया जाता है।
- स्वाँग ट्रेडिंग मे लाभ कमाने के लिए रणनीति के आधार पर ट्रेड किया जाता है।
- इसे आप डिलीवरी ट्रेडिंग का एक उप प्रकार भी कह सकते है।
- स्विंग ट्रेडिंग करने वाले निवेशक शेयर की कीमतों का अंदाज़ा लगाने के लिए तकनिकी विश्लेषण करते है
- इसी समय निवेशक उस शेयर के बारे मे बारीकी दिन मूविंग एवरेज से अभ्यास करते है जैसे की कंपनी का प्रोडक्ट और छोटे समय मे कंपनी मे होने वाले बदलाव जो शेयर पर असर डालते है।
- बिना विश्लेषण किये स्विंग ट्रेडिंग करना काफी जोखिम भरा है विश्लेषण के जरिये स्टॉप लॉस लगाकर जोखिम को कम किया जा सकता है।
कैसे करे स्विंग ट्रेडिंग :(How To Start Swing Trading)
- सबसे पहले ट्रेडिंग या निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट और ट्रेडिंग खाता होना चाहिए जिसे आप किसी भी ब्रोकर के जरिये खोल सकते है।
- स्विंग ट्रेडिंग करना काफी जोखिम भरा साबित हो सकता है स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए आपको सबसे पहले सही शेयर को चुनना चाहिए। (जिसेक लिए स्विंग ट्रेडिंग के रणनीतियों को इस्तेमाल कर सकते है )
- स्विंग ट्रेडिंग करते समय जब शेयर बाजार मे उतार चढाव होता है ऐसे समय ट्रेड करना चाहिए।
- स्विंग ट्रेडिंग मे कम समय मे कीमत बढ़ने पर लाभ होता है इसलिए ज्यादा लिक्विडिटी वाले शेयर चुनने चाहिए।
- शेयर को चुनने के बाद उस शेयर का तकनिकी और कंपनी का अंतर्गत विश्लेषण काफी ज्यादा मायने रखता है।
- स्विंग ट्रेडिंग के लिए सही शेयर चुना है या नहीं ये जानने के लिए आप स्विंग ट्रेडिंग के लोकप्रिय राणिनीतिया अपना सकते है जो की तकनिकी संकेतो के जरिये शेयर के कीमत के बारे मे अंदाज़ा लगाने मे मदत करते है।
- आप दिन मूविंग एवरेज चार्टिंग के जरिये विश्लेषण के लिए इंट्राडे टूल्स का इस्तेमाल कर सकते है इसी समय सामन्य चार्टिंग से भी 1 सप्ताह के संकेतो का विश्लेषण किया जा सकता है।
- स्विंग ट्रेडिंग शेयर निवेश करने के बाद आपको आपके विश्लेषण के अनुसार स्टॉप लॉस रखना चाहिए इससे रिस्क कम होती है।
- स्विंग ट्रेडिंग निवेश समय आपके होल्डिंग पोजीशन को हर समय नजर रखनी चाहिए और हर बदलाव का असर समझाना चाहिए।
- आखिर दिन मूविंग एवरेज मे आपके स्विंग ट्रेड रणनीति के अनुसार मुनाफा आने पर होल्डिंग बेचनी चाहिए।
- स्टॉप लॉस हिट होने के बाद होल्डिंग स्क्वायर ऑफ कर लेनी चाहिए।
स्विंग ट्रेडिंग के लाभ :(Benifits Of Swing Trading)
- स्विंग ट्रेडिंग एक छोटे समय याने 1 हफ्ते से लेकर 1 महीने तक की जाती है इसमे छोटे समय मे आप ट्रेडिंग मुनाफा कमा सकते है।
- शेयर के लम्बे समय तक का रिसर्च करने की जरुरत नहीं पड़ती है क्यों की आपको इसमे सिर्फ कुछ दिनों के लिए ही निवेश करना होता है।
- स्विंग ट्रेडिंग मे जोखिम है लेकिन इंट्राडे के मामले मे यह जोखिम काफी कम है।
- अच्छी शेयर मे स्विंग ट्रेडिंग करने पर ज्यादा लॉस होने की संभावना कम होती है क्यों की इसे दिन मूविंग एवरेज आप रणनीति बदलकर होल्ड भी कर सकते है।
- स्विंग ट्रेडिंग मे आपको 1 से 2 दिन मे अच्छा मुनाफा भी मिल जाता है जो की इंट्राडे ट्रेडिंग आपको नहीं देती है।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए रणनीति बनाकर कम समय मे अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.रणनीति मे मुनाफा कमाने की कीमत तय की जाती है इसी समय स्टॉप लॉस पर भी ध्यान दिया जाता है जिससे जोखिम नियंत्रित होती है।
दिन मूविंग एवरेज
बोलिंगर बैंड तकनीकी नजरिये से सौदे करने का एक औजार है, जिसे जॉन बोलिंगर ने 1980 की शुरुआत में बनाया था।
बोलिंगर बैंड एक संकेतक है, जिससे निवेशक एक खास समय के दौरान उतार-चढ़ाव और कीमतों के स्तर की तुलना कर सकते हैं। यह मूविंग एवरेज यानी चर औसत के इस्तेमाल से बना उन्नत औजार है।
मूविंग एवरेज की अपनी सीमाएँ हैं। बोलिंगर बैंड इनके साथ-साथ शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव के पहलू को भी शामिल करके इन सीमाओं का समाधान करता है। किसी मूविंग एवरेज के ऊपर या नीचे एक निश्चित प्रतिशत तय करने के बजाय बोलिंगर बैंड की गणना बंद भावों के आधार पर किसी मूविंग एवरेज के ऊपर और नीचे मानक विचलन (स्टैंडर्ड डेविएशन) के आधार पर की जाती है। इन्हें इस सिद्धांत के आधार पर बनाया गया है कि जब उतार-चढ़ाव कम होता है तो बोलिंगर बैंड संकरे होते हैं और जब उतार-चढ़ाव ज्यादा होने पर वे फैल जाते हैं। इसके विभिन्न स्तरों की गणना का सूत्र यह है -
2 मध्यम बैंड = 20 दिनों का मूविंग एवरेज
2 ऊपरी बैंड = मध्यम बैंड + 2 मानक विचलन
2 निचला बैंड = मध्यम बैंड - 2 मानक विचलन
माना जाता है कि 20 दिनों का मूविंग एवरेज छोटी अवधि में महत्वपूर्ण समर्थन या बाधा स्तर का काम करता है। इसलिए हमने 20 दिनों के मूविंग एवरेज को आधार के तौर पर इस्तेमाल किया है। बहुत-से विश्लेषक अपनी पसंद के आधार पर 10, 14 या 26 दिन वगैरह के मूविंग एवरेज को पैमाना बनाते हैं।
मानक विचलन बाजार के उतार-चढ़ाव का अच्छा संकेत देते हैं। मानक विचलन के इस्तेमाल से सुनिश्चित होता है कि इन बैंड यानी धारियों में कीमतों में बदलाव के प्रति तेजी से प्रतिक्रिया होगी। साथ ही इनसे उतार-चढ़ाव ज्यादा और कम होने की अवधि का पता चल सकेगा। कीमतें तेजी से ऊपर या नीचे होने पर उतार-चढ़ाव बढऩे से ये बैंड ज्यादा चौड़े होंगे।
जब बैंड संकरे हो जाते हैं तो कीमतों में आगे तेज बदलाव आने की प्रवृत्ति बनती है। इसे दूसरे शब्दों में इस तरह कहा जा सकता है कि जब कीमतें एक छोटे दायरे में रहती हैं और उतार-चढ़ाव कम रहता है तो माँग और आपूर्ति में एक अच्छा दिन मूविंग एवरेज दिन मूविंग एवरेज संतुलन रहता है।
बैंड का संकुचन हमेशा हाल के बीते समय की चाल के संदर्भ में होता है। इसीलिए बोलिंगर बैंड इस संकुचन प्रक्रिया को साफ तौर पर देखने में मदद करते हैं। इनसे हमें यह भी संकेत मिलता है कि नयी चाल (ब्रेकआउट) कब आ सकती है, क्योंकि नयी चाल किसी भी दिशा में बढऩे पर वे फैलने लगते हैं।
अगर कीमत ऊपरी बैंड या धारी के ऊपर चलने लगती है तो यह तब तक मजबूती का संकेत होता है, जब तक कि वह मध्यम बैंड के नीचे बंद न हो। इसका मतलब यह है कि अगर कीमत बीच की मूविंग एवरेज रेखा के ऊपर बनी हुई है और कई बार ऊपरी बैंड को भी पार कर चुकी हैं तो इसे लगातार तेजी के रुझान का संकेत माना जा सकता है। कारोबारी मध्यम बैंड के नीचे घाटा काटने का स्तर तय करके सौदे बनाये रख सकते हैं। निचले बैंड के मामले में इसका उलटा होता है। अगर शेयर निचले बैंड से टकरा रहा है और मध्यम बैंड के ऊपर बंद होने में नाकाम रहता है तो यह उस शेयर में कमजोरी जारी रहने का संकेत हैं। ऐसे में वह शेयर मध्यम बैंड के ऊपर बंद होने तक बिकवाली सौदों में बना रहा जा सकता है।
जब कीमतें बैंड के बाहर चली जाती हैं दिन मूविंग एवरेज तो माना जाता है कि वही रुझान जारी है। अगर कीमत ऊपरी बैंड से नीचे आने लगती है और निचले बैंड के करीब या मध्यम बैंड के काफी नीचे बंद होती है तो रुझान पलट सकता है। दूसरी ओर अगर भाव निचले बैंड से चढऩा शुरू करे और ऊपरी बैंड के करीब या मध्यम बैंड के काफी ऊपर बंद हो तो इसे गिरावट का रुझान पलटना कह सकते हैं।
अलग-अलग विश्लेषक अपने विश्लेषण को सही साबित करने के लिए अलग-अलग मानदंडों और तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में निवेशकों को मेरी सलाह है कि वे अपनी रणनीति के मुताबिक बाजार में सौदे करने से पहले उनका कागज पर परीक्षण कर लें। मतलब यह कि कुछ समय तक उसी रणनीति के आधार वास्तविक सौदे करने के बदले काल्पनिक सौदे करके कागज पर लिखते रहें और अंत में देखें कि क्या परिणाम आ रहा है।
(निवेश मंथन, अगस्त 2013)
Zomato का शेयर बन गया रॉकेट, 15% तक उछला स्टॉक, एक्सपर्ट बोले- खरीदो, शानदार मुनाफा होगा
Zomato Share Price :- फ़ूड डिलेवेरी कंपनी Zomato के शेयर में सोमवार के दिन शानदार तेजी मिली थी Zomato का शेयर BSE पर 14.75% की तेजी के साथ 71.20 रुपये पर बंद हुए. पिछले दो दिनों में Zomato के शेयर में 12.43 फीसदी की तेजी आई है. Zomato के शेयर 5-दिन और 20-दिन की मूविंग एवरेज से अधिक लेकिन 50-दिन, 100-दिन और 200-दिवसीय मूविंग एवरेज से कम हैं.
Zomato Share Price में इस साल लगभग 50% तक की गिरावट मिली है.लेकिन सोमवार के तेजी के बाद इसका Market Cap बढ़कर 54.43TCr का हो गया है.स्टॉक 16 नवंबर, 2021 को 52-सप्ताह के हाई 169.10 रुपये और 11 मई, 2022 को 50.35 रुपये के 52-सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गया था. फर्म ने 31 मार्च, 2022 को समाप्त चौथी तिमाही में 360 करोड़ रुपये के नुकसान की सूचना दिन मूविंग एवरेज दी. यह एक साल पहले की अवधि में 134 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा है. परिचालन से जोमैटो का समेकित राजस्व पिछले वित्त वर्ष दिन मूविंग एवरेज की इसी तिमाही में 692 करोड़ रुपये के मुकाबले 75 प्रतिशत बढ़कर 1,212 करोड़ रुपये हो गया.
Zomato Share Target Price
चौथी तिमाही के बाद Zomato के स्टॉक की संभावनाओं पर ब्रोकरेज तेजी से बढ़ रहे थे. UBS ने Zomato के शेयर को 130 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ बाय कॉल किया. ब्रोकरेज ने कहा कि इस तिमाही में फर्म में सुधार हुआ है, जो कि सकारात्मक है. ग्रोथ ड्राइवर कंपनी के लिए मजबूत बने रहेंगे.
बता दें कि फूड डिलिवरी फर्म द्वारा अपनी चौथी तिमाही की आय की घोषणा के बाद मॉर्गन स्टेनली ने इसका टारगेट प्राइस 135 रुपये रखा है. ब्रोकरेज ने कहा कि फर्म ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए बेहतर आउटलुक दिया है। कंपनी सही दिशा में आगे बढ़ रही है.
2023 में कमाई वाला शेयर! एक्सपर्ट ने कहा- तुरंत करें खरीदारी, 12 महीने में मिलेगा तगड़ा रिटर्न
New Year Pick 2023: मार्केट एक्सपर्ट और JM फाइनेंशियल के राहुल शर्मा (Rahul Sharma) ने बिड़ला कॉरपोरेशन के स्टॉक को अपनी न्यू ईयर पिक्स में शामिल किया है. उन्होंने अगले एक साल से ज्यादा के नजरिए से इस शेयर में निवेश की सलाह दी है.
New Year Pick 2023: साल 2023 शुरू होने में कुछ दिन बचे हैं. नए साल में निवेशक अपने पोर्टफोलियो में दमदार कमाई कराने वाले स्टॉक्स को शामिल करना चाहते हैं. अगर आप भी 2023 के लिए के लिए किसी दमदार शेयर की तलाश में हैं, तो सीमेंट सेक्टर की कंपनी बिड़ला कॉरपोरेशन लिमिटेड (Birla Corporation) के स्टॉक्स पर दांव लगा सकते हैं. मार्केट एक्सपर्ट और JM फाइनेंशियल के राहुल शर्मा (Rahul Sharma) ने इस स्टॉक को अपनी न्यू ईयर पिक्स में शामिल किया है. उन्होंने अगले एक साल से ज्यादा के नजरिए से इस शेयर में निवेश की सलाह दी है. निवेशकों को इस अवधि में मौजूदा भाव से 15 फीसदी का रिटर्न मिल सकता है. इस साल अब तक शेयर में करीब 27 फीसदी का निगेटिव रिटर्न रहा है.
Birla Corp: क्या है एक्सपर्ट की राय
JM फाइनेंशियल के राहुल शर्मा का कहना है, न्यू ईयर टॉप पिक बिड़ला कॉरपोरेशन लिमिटेड (Birla Corporation) है. पिछले कुछ महीनों में सीमेंट स्टॉक्स ने बेहतरीन परफॉर्मेंस दिखाई है. हाल ही में कंसॉलिडेशन के बाद एक राउंडअप फॉलोअप बाइंग आ सकती है. बिड़ला कार्प ने जून महीने में 825 के आसपास एक अच्छा बेस बनाया है.
एक्सपर्ट ने कहा कि पिछले 2 महीने से 900 के आसपास डबल बॉटम बनाया है. अब लगता है कि स्टॉक 200 दिन के मूविंग एवरेज यानी 1000 रुपये पार करने के बाद स्टॉक अब इमीडिएट 15-20 फीसदी का अपसाइड देने को तैयार है. इसलिए बिड़ला कॉर्प को खरीदने की सलाह है. इसमें टारगेट 1200 रुपये रखना है और स्टॉप लॉस 900 रुपये का है.
EMA की विशेषताएँ
सूत्र के जरिए, हम देख सकते हैं कि EMA का नया बिंदु, पुराने EMA पर कम निर्भर करता है क्योंकि इसमें अचर (1-K) से गुणा किया जाता है| अलग-अलग k मान वाले, कई EMA को मिलाकर हम बाजार का आकलन कर सकते हैं| रिवर्स सिग्नल पाने के लिए ट्रेडर आमतौर पर EMA-4, EMA-9, EMA-18 का साथ में उपयोग करते हैं|
SMA की तुलना में EMA का एक फायदा यह है कि यह वर्तमान मूल्यों को पिछले मूल्यों के मुकाबले अधिक वरीयता देता है| दूसरा फायदा है कि यह पिछले रैंडम म्युटेशन का प्रभाव कम करता है जिससे वर्तमान EMA की स्थिरता बढ़ती है|
सत्रों की संख्या और सत्र की अवधि कैसे चुनें
छोटी अवधि में EMA बहुत सीमित होता है, इसलिए खिलाड़ी अक्सर सत्र की अवधि एक दिन और सत्रों की संख्या 5-15 तक चुनते हैं| ट्रेडर कम्युनिटी के अनुभव के आधार पर इस रेंज में, EMA सबसे सटीक होंगे|
यदि आप फिर भी छोटी अवधि के लिए ट्रेड करना चाहते हैं, तो आपको सत्रों की संख्या 10 से अधिक तथा अवधि मिनट में रखनी चाहिए|
EMA इंडिकेटर का सिग्नल
तीन EMA को मिलाकर उपयोग करना
सिग्नल पाने के लिए आप EMA-4, EMA-9, EMA-18 या किसी अन्य EMA दिन मूविंग एवरेज त्रय का उपयोग कर सकते हैं| जहाँ तीनों EMA एक दूसरे को काटते हैं, सिग्नल बहुत साधारण होता है:
- तीनों EMA नीचे की तरफ जाते हुए एक दूसरे को काटते हैं, यह संकेत है कि कीमत गिरने वाली है, यह बेचने का समय है क्योंकि कीमत दिन मूविंग एवरेज दिन मूविंग एवरेज अपने पीक पर है|
- जब कीमत बढ़ रही होती है तो तीनों EMA मिलते हैं, यह संकेत है कि कीमत बढ़ने वाली है| यह समय खरीदने या बुलिश ऑर्डर लगाने का है|
दो छोटे और एक लंबा EMA
छोटी अवधि के लिए आप EMA-13 और EMA-26 के संयोजन का उपयोग कर सकते हैं| ऊपर दिए गए 3 EMA की तरह ही, जब दो EMA काटते हैं तो तेजी या मंदी का सिग्नल मिलता है|
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