बंद के समय कीमत यानी क्लोज: दिन के आखिरी सौदे में जो कीमत रही। ये कीमत काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि इससे पता चलता है कि दिन में शेयर कितना मजबूत रहा। अगर बंद कीमत ऊपर है खुलने वाली कीमत से तो तेजी का दिन माना जाता है। इसी तरह अगर बंद एसेट क्लास के समय की कीमत अगर खुलने के समय एसेट क्लास की कीमत से नीचे रहे तो उसे मंदी का दिन माना जाता है।
Acid Attack Rules: दिल्ली में 12वीं क्लास की छात्रा पर एसिड अटैक, जानिए क्या है इस अपराध से जुड़ा कानून
एसिड अटैक (प्रतिकात्मक तस्वीर)
शताक्षी सिंह
- नई दिल्ली,
- 14 दिसंबर 2022,
- (Updated 14 दिसंबर 2022, 6:24 PM IST)
NCRB के आंकड़ों में सच
दिल्ली के द्वारका इलाके में 12वीं क्लास में पढ़ने वाली छात्रा के साथ जो हुआ. उस पर दुख से ज्यादा गुस्सा आना चाहिए. क्योंकि इस तरह के हमलों को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बनाया गया कानून नाकाफी साबित हो रहा है. जी एसेट क्लास हां, एसिड अटैक को रोकने के लिए पहले से सख्त कानून मौजूद है. फिर भी इंसानियत को शर्मसार करने वाली इस तरह की घटनाओं को रोकने पाना बेहद मुश्किल साबित हो रहा है.
ये हाल तब है, जब एसिड अटैक को लेकर अब अलग से कानूनी प्रावधान मौजूद है. पहले अलग से कोई कानूनी व्यवस्था नहीं एसेट क्लास थी. आईपीसी की धारा 326 के तहत ही तेजाब हमले से जुड़े मामलों में केस दर्ज एसेट क्लास होते थे. पुराने कानून के मुताबिक पहले एसिड अटैक के मामले में 10 साल या उम्र कैद की सजा का प्रावधान था. अब इस तरह के मामलों में IPC की धारा 326A और 326B के तहत मुकदमा दर्ज होता है.
क्या कहती है धारा 326A?
326A में प्रावधान है कि अगर किसी व्यक्ति ने जानबूझकर किसी पर तेजाब फेंका और पीड़ित को स्थाई या आंशिक रूप में नुकसान पहुंचता है तो अपराध गैर जमानती होगा. तब दोषी को कम से कम 10 साल और अधिकतम उम्र एसेट क्लास कैद की भी सजा हो सकती है. उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है. फिर जुर्माने की रकम को पीड़िता के हवाले किया जाएगा.
हर एसेट क्लास की पोर्टफोलियो में है खास भूमिका, जानिए कैसे
सभी एसेट क्लास में एक साथ गिरावट की आशंका कम रहती है. जब कोई एक एसेट क्लास नुकसान उठाता है तो दूसरा उसकी भरपाई कर देता है.
1. शेयर, इक्विटी फंड, इंडेक्स फंड और इक्विटी PMS का एसेट क्लास शानदार रिकॉर्ड रहा है. इनमें जोखिम जितना ज्यादा है, रिटर्न भी उतना ही अधिक है. लंबी अवधि में यह एसेट क्लास पोर्टफोलियो को मजबूत करता है. किसी भी एसेट क्लास के मुकाबले इनमें सबसे ज्यादा रिटर्न की अपेक्षा की जा सकती है.
2. बॉन्ड, फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे डेट इंस्ट्रूमेंट नियमित रिटर्न देते हैं. ये पोर्टफोलियो में नियमित आय का स्रोत होते हैं.
3. कैश और सेविंग अकाउंट में बैलेंस के अलावा लिक्विड फंड पोर्टफोलियो में लिक्विडिटी बनाकर रखते हैं. इसकी जरूरत आपको इमर्जेंसी में पड़ती है. पोर्टफोलियो में इनके रहने से अचानक पैसे की जरूरत पड़ने से आपके दूसरे लक्ष्य प्रभावित नहीं होते हैं.
'वेल्थ बनाने के लिए इक्विटी से बेहतर कोई दूसरा एसेट क्लास नहीं
क्या निवेशक फॉरेन इक्विटीज में निवेश को लेकर सहज हैं?
निवेशक इसे बिल्कुल अलग फंड समझते हैं। भारत का एसेट क्लास मार्केट कैपिटलाइजेशन वर्ल्ड मार्केट कैप का केवल 2 पर्सेंट है। लिहाजा 98 पर्सेंट अवसर हमारी सीमाओं के बाहर होते हैं। गूगल और एपल जैसी कंपनियां भारत में निवेश के लिए उपलब्ध नहीं हैं। निवेशकों को अहसास हो रहा है कि उन्हें ऐसे अवसरों की जरूरत है। भारत का प्रदर्शन खराब हो तो भी हमारा फंड आउटपरफॉर्म करेगा। इस पर खराब मॉनसून या चुनावों का असर नहीं पड़ेगा।
फॉरेन स्टॉक्स में ज्यादा निवेश को देखते हुए क्या ग्लोबल ट्रेड वॉर और मिडल ईस्ट में तनाव जैसी स्थितियां निवेश प्रक्रिया पर एसेट क्लास एसेट क्लास असर डालती हैं?
2.4- बाजार पर नजर रखने का तरीका (The Trade Summary)
भारतीय शेयर बाजार सुबह 9:15 से 3:30 बजे तक खुले रहते हैं। इन 6 .15 घंटों में लाखों ट्रेड होते हैं। किसी एक शेयर में भी हर मिनट कोई ना कोई सौदा हो रहा होता है। सवाल यह उठता है कि बाजार के भागीदार के तौर पर क्या हमें हर सौदे पर नजर रखनी चाहिए?
इसपर गहराई से नजर डालने के लिए हम एक काल्पनिक शेयर की बात करते हैं। नीचे के चित्र पर नजर डालिए , हर बिंदु एक ट्रेड को दिखलाता है। अगर हम हर सेकंड होने एसेट क्लास वाले वाले हर सौदे को इस ग्राफ पर दिखाएंगे तो इस ग्राफ में कुछ भी नहीं दिखेगा। इसलिए यहां केवल कुछ महत्वपूर्ण बिंदु ही एसेट क्लास दिखाए जा रहे हैं।
Daily Trade Pattern: दैनिक ट्रेड पैटर्न
बाजार सुबह 9 :15 बजे खुला और शाम के 3:30 बजे बंद हुआ। बाजार का रूख समझने के लिए , इस दौरान जितने भी ट्रेड हुए उन सब को देखने के बजाय उनका एक संक्षिप्त विवरण देख लेना ही काफी होगा।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 174