रुपया 20 पैसे की गिरावट के साथ 82.85 प्रति डॉलर पर
मुंबई, 27 दिसंबर (भाषा) अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले मंगलवार को रुपया 20 पैसे की गिरावट के साथ 82.85 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। विदेशी पूंजी की बाजार से निकासी और आयातकों की मासांत की डॉलर मांग के कारण रुपये में यह गिरावट देखने को मिली।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 82.71 के स्तर पर कमजोर खुला और कारोबार के अंत में यह 20 पैसे की गिरावट दर्शाता 82.85 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान रुपये ने 82.69 के उच्चस्तर और 82.87 के निचले स्तर को छुआ। सोमवार को रुपया 82.65 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की कमजोरी या मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.27 प्रतिशत घटकर 104.02 रह गया।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.83 प्रतिशत बढ़कर 84.62 डॉलर प्रति बैरल हो गया।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 361.01 अंक बढ़कर 60,927.43 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा खाता खोलने विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने सोमवार को 497.65 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
रुपया जल्द बनने वाला है इंटरनेशनल करेंसी! रूस, श्रीलंका होंगे इंटरनेशनल ट्रेड के लिए इस्तेमाल करने वाले पहले देश
जुलाई 2022 से भारत सरकार डॉलर की कमी वाले देशों को अपने रुपये सेटलमेंट मैकेनिज्म में लाने की कोशिश कर रही है.
डॉलर की तंगी वाले श्रीलंका और प्रतिबंधों से प्रभावित रूस, इंडियन रुपी ट्रेड सेटलमेंट मैकेनिज्म (Indian Rupee Trade Settlement Mechanism) का इस्तेमाल करना चाहते हैं. यह बात खलीज टाइम्स की एक रिपोर्ट में कही गई है. अगर ऐसा हुआ तो ये दोनों ऐसा करने वाले पहले देश होंगे. यह एक गेम-चेंजिंग पहल होगी, जो अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के लिए डॉलर और अन्य प्रमुख मुद्राओं के बजाय भारतीय रुपये का उपयोग करने की अनुमति देती है. जुलाई 2022 से भारत सरकार डॉलर की कमी वाले देशों को अपने रुपये सेटलमेंट मैकेनिज्म में लाने की कोशिश कर रही है.
भारत के केंद्रीय बैंक RBI ने इंडियन रुपी ट्रेड सेटलमेंट मैकेनिज्म के माध्यम से श्रीलंका के साथ व्यापार के लिए बैंकों को 05 विशेष रुपया व्यापार खाते खोलने की मंजूरी दी है, जिन्हें वोस्त्रो खाते Vostro कहा जाता है. इसी तरह, आरबीआई ने बैंकों को रूस के साथ रुपये में व्यापार के लिए 12 Vostro खाते खोलने की मंजूरी दी है. मॉरीशस के साथ व्यापार के लिए एक और खाता भी आरबीआई द्वारा अधिकृत किया गया है.
नए मैकेनिज्म में रूस के साथ जल्द शुरू हो सकता है व्यापार समझौता
रिपोर्ट में भारत सरकार के एक विदेशी मुद्रा खाता खोलने अधिकारी के हवाले से कहा गया कि भारत सरकार ऐसे और देशों को इस मैकेनिज्म में लाना चाहती है, जिनके पास डॉलर की कमी है. अब तक 5 से 6 बैंकों को रुपये में इंटरनेशनल ट्रेड सेटलमेंट की सुविधा के लिए Vostro खाते खोलने की अनुमति दी गई है. फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (FIEO) के महानिदेशक अजय सहाय का कहना है कि कई मुद्दों को सुलझा लिया गया है. निर्यातकों और आयातकों ने खातों को खोलने के लिए बैंकों से संपर्क करना शुरू कर दिया है. इसलिए, नई भुगतान प्रणाली के तहत रूस के साथ व्यापार समझौता कुछ शिपमेंट के लिए जल्द शुरू होने की उम्मीद है.
यह कदम रूस और भारत के बीच बढ़ते व्यापार अंतर के बीच महत्वपूर्ण है. वैसे तो रूस तेजी से भारत का शीर्ष तेल आपूर्तिकर्ता बन गया है, लेकिन रूस को भारतीय निर्यात घट रहा है क्योंकि निर्यातक पश्चिमी प्रतिबंधों और एक सुचारू भुगतान तंत्र की कमी से सावधान हैं. ताजिकिस्तान, क्यूबा, लक्ज़मबर्ग और सूडान सहित अन्य देशों से भी भारत के रुपी ट्रेड सेटलमेंट मैकेनिज्म में रुचि प्राप्त हो रही है.
UAE के लिए तैयार हुआ कॉन्सेप्ट पेपर
भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के तीसरे सबसे बड़े व्यापारिक भागीदार संयुक्त अरब अमीरात के साथ भारतीय रुपये में ट्रेड सेटलमेंट के लिए एक कॉन्सेप्ट पेपर तैयार किया है. संयुक्त अरब अमीरात में भारत के राजदूत संजय सुधीर का कहना है, संयुक्त अरब अमीरात का सेंट्रल बैंक इस मामले को देख रहा है और मैकेनिज्म को संचालित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारियों के साथ विदेशी मुद्रा खाता खोलने चर्चा कर रहा है.
वोस्त्रो खाते खोलने के बाद, श्रीलंकाई नागरिक भौतिक रूप में 10,000 डॉलर (8,26,823 रुपये) रख सकते हैं. इसका अर्थ यह भी है कि श्रीलंकाई और भारतीय एक दूसरे के साथ अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के लिए अमेरिकी डॉलर के बजाय भारतीय रुपये का उपयोग कर सकते हैं. श्रीलंका में रुपये को कानूनी मुद्रा के रूप में नामित करने से देश को डॉलर की अपर्याप्त उपलब्धता के बीच अपने आर्थिक संकट से निपटने में बहुत आवश्यक लिक्विडिटी सपोर्ट मिलेगा. जब निवेशक घरेलू मुद्रा में बिक्री शुरू करते हैं तो देश की अर्थव्यवस्था, भुगतान संकट के संतुलन को और अधिक तीव्र होने से रोक सकती है.
IBA और FIEO शुरू करेंगे जागरूकता अभियान
भारत के वित्त मंत्रालय ने भारतीय बैंक संघ (IBA) और FIEO को रुपये के व्यापार के बारे में हितधारकों को जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान शुरू करने के लिए भी कहा है. भारतीय रिजर्व बैंक ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 के तहत रुपये में सीमा पार व्यापार लेनदेन के लिए विस्तृत रूपरेखा तैयार की है. इसके अनुसार, इस व्यवस्था के तहत सभी निर्यात और आयात को रुपये में अंकित और चालान किया जा सकता है. दो व्यापारिक भागीदार देशों की मुद्राओं के बीच विनिमय दरें बाजार द्वारा निर्धारित की जा सकती हैं. इस व्यवस्था के तहत व्यापार लेनदेन का सेटलमेंट रुपये में होना चाहिए.
इस मैकेनिज्म के माध्यम से आयात करने वाले भारतीय आयातकों को रुपये में भुगतान करने की आवश्यकता होती है. इस पेमेंट को विदेशी विक्रेता या आपूर्तिकर्ता से माल या सेवाओं की आपूर्ति के चालान/इनवॉइस के एवज में भागीदार देश के प्रतिनिधि बैंक के वोस्त्रो खाते में जमा किया जाना चाहिए. इसी तरह, इस मैकेनिज्म के माध्यम से वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात करने वाले भारतीय निर्यातकों को भागीदार देश के प्रतिनिधि बैंक के नामित वोस्त्रो खाते में बैलेंस से रुपये में एक्सपोर्ट प्रोसीड्स का भुगतान किया जाना चाहिए.
भारत को क्या होगा फायदा
कहा जा रहा है कि रुपये के अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बनने से भारत का व्यापार घाटा कम होने की संभावना है. वैश्विक बाजार में रुपया मजबूत होगा. अन्य देश रुपये को अपनी व्यापारिक मुद्रा के रूप में अपनाना शुरू कर सकते हैं. एक मुद्रा को आम तौर पर 'अंतर्राष्ट्रीय' तब कहा जाता है, जब इसे व्यापार के विनिमय के माध्यम के रूप में दुनिया भर में व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है. इससे पहले 1960 के दशक में कतर, यूएई, कुवैत और ओमान जैसे खाड़ी देशों में रुपये को स्वीकार किया गया था. भारत का पूर्वी यूरोप के साथ भुगतान समझौता भी था और इन भुगतान समझौतों के तहत खाते की यूनिट के रूप में रुपये का उपयोग किया जाता था. हालांकि 1960 के दशक के मध्य विदेशी मुद्रा खाता खोलने में इन व्यवस्थाओं को समाप्त कर दिया गया था.
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और आगे बढ़े भारत
दुनिया में डी-डॉलराइजेशन (बिना अमेरिकी डॉलर का इस्तेमाल किए अंतरराष्ट्रीय कारोबार को संपन्न करना) की आगे बढ़ रही प्रक्रिया के बीच यह खबर उत्साहवर्धक है कि अनेक देश भारतीय रुपये में भुगतान में दिलचस्पी दिखा रहे हैँ। बताया जाता है कि दुनिया के कई देशों ने इस संबंध में भारत से संपर्क किया है। उनमें ताजिकिस्तान, क्यूबा, लग्जमबर्ग और सूडान आदि शामिल हैं। इन देशों ने भारत से यह जानने के लिए बातचीत शुरू की है कि वह डॉलर या दूसरी बड़ी मुद्राओं को छोड़ भारतीय मुद्रा में अंतरराष्ट्रीय लेनदेन कैसे कर रहा है। जब यूक्रेन युद्ध शुरू होने पर रूस पर वित्तीय प्रतिबंध लगे थे, तब रूस और भारत ने इस प्रक्रिया से ही कारोबार शुरू किया था। भारतीय रिजर्व बैंक ने जुलाई में यह प्रक्रिया शुरू की थी। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया है कि अब भारत सरकार ऐसे देशों को भी इस प्रक्रिया के तहत लाने की कोशिश कर रही है, जिनके पास डॉलर यानी अमेरिकी मुद्रा की कमी है। उनमें से कम से कम चार देशों ने भारत में रुपये में भुगतान स्वीकार करने के लिए खाता खोलने में दिलचस्पी दिखाई है।
इन खातों को वोस्तरो अकाउंट कहा जाता है। मॉरिशस और श्रीलंका ने भी इस प्रक्रिया में दिलचस्पी दिखाई है। उनके वोस्तरो खातों को तो रिजर्व बैंक ने मंजूरी भी दे दी है। दस्तावेजों के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक ने 12 वोस्तरो खाते मंजूर किए हैं, जो रूस के साथ रुपये में कारोबार के लिए खोले गए हैं। छह अन्य खाते श्रीलंका और मॉरिशस के लिए हैं। इनमें से श्रीलंका के लिए पांच खाते हैं। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद जिस तरह अमेरिका ने वहां के बैंकों में रखी रूस की विदेशी मुद्रा और सोने को जब्त किया, उससे दुनिया भर के देशों में अमेरिकी मुद्रा और अमेरिकी नेतृत्व वाली भुगतान व्यवस्था को लेकर भरोसा कमजोर पड़ा है। इस वजह से डॉलर में भुगतान घटाने की सायास कोशिश में अनेक देश जुटे हुए हैँ। चीन और रूस ने इसमें काफी बढ़त ले ली है। मगर भारत भी इसमें एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस दिशा में भारत को बेहिचक आगे बढ़ना चाहिए।
Stock Market Opening: शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन रौनक गुलजार, आज के टॉप गेनर में टाटा मोटर्स तो सिपला पर दवाब
Share Market Update: चीन में कोरोना के बढ़ते कहर के कारण दुनियाभर के देश अलर्ट मोड पर आ गए हैं। इसका असर भारत समेत दुनियाभर के सर्राफा बाजार पर देखने को मिल रहा है। अंतर्राष्ट्रीय और अमेरिकी बाजार विदेशी मुद्रा खाता खोलने से मिल रहे कमजोर संकेतों के बीच आज लगातार दूसरे दिन भारतीय घरेलू शेयर बाजार में तेजी का रूख है। आज सेंसक्स और निफ्टी दोनों में तेजी देखी जा रही है। सेंसेक्ट और निफ्टी दोनों हरे निशान पर कारोबार कर रहा है। आज सेंसेक्स में 295 और निफ्टी में 75 अंकों से ज्यादा की तेजी के साथ ट्रेडिंग की शुरुआत हुई।
सेंसेक्स मंगलवार को 295 अंकों के उछाल के साथ 60861 के लेवल पर, निफ्टी 75 अंकों की तेजी के साथ 18089 पर ओपन हुआ। बैंक निफ्टी में 197 अंकों की तेजी के साथ 42827 के लेवल पर कारोबार की शुरुआत हुई।
इस कारोबारी हफ्ते के लगतार दूसरे दिन भारतीय शेयर बाजार में कोरोबार की शुरुआत हरे निशान के साथ हुई। आज बीएसई (BSE) का 30 शेयरों वाला इंडेक्स सेंसेक्स (Sensex) 295 अंकों की तेजी के साथ 60,861 के स्तर पर है, जबकि एनएसई (NSE) का 50 शेयरों वाला इंडेक्स निफ्टी (Nifty) 75 अंकों की उछाल के साथ 18,089 के स्तर पर खुला।
बाजार का आज का हाल
आज सुबह शुरुआत में बीएसई में कुल 1,585 कंपनियों में कारोबार की शुरुआत हुई। इसमें करीब 1,241 शेयर तेजी तो 274 गिरावट के साथ खुलीं। जबकि 70 कंपनियों के शेयर के दाम स्थिर हैं। वहीं 18 शेयर 52 हफ्ते के ऊपरी स्तर को 10 शेयर 52 हफ्ते के सबसे निचले स्तर पर कारोबार कर रहे हैं।
आज के चढ़ने-गिरने वाले शेयर्स
– आज के चढ़ने वाले शेयर्स की बात करें तो टाटा मोटर्स, हिन्डाल्को, ओएनजीसी, पॉवर ग्रिड कार्पोरेशन, टाटा स्टील समेत कई कंपनियों के शेयर्स में तेजी देखी जा रही है।
– वहीं गिरने वाले शेयर्स पर नजर डालें तो सिपला, डा रेड्डी लैब, सन फार्मा समेत कई कंपनियों शेयर में गिरावट देखी जा रही है।
डॉलर के मुकाबले 6 पैसे की कमजोरी के साथ खुला रुपया
इस हफ्ते कारोबारी दूसरे विदेशी मुद्रा खाता खोलने दिन आज विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोरी के साथ खुला है। आज शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया 6 पैसे की कमजोरी के साथ 82.71 रुपये के स्तर पर खुला। जबकि पिछले कारोबारी दिन सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 21 पैसे की मजबूती के साथ 82.65 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था।
पिछले दिनों बाजार का ये रहा था हाल
सोमवार (26 December): सेंसेक्स 721 अंकों की बड़ी तेजी के साथ 60,566 अंक पर बंद हुआ था। जबकि निफ्टी 208 अंकों की तेजी के साथ 18,015 अंक पर बंद हुआ था।
शुक्रवार (23 December): सेंसेक्स 980 अंकों की भारी गिरावट के साथ 59,845 प्वाइंट पर बंद हुआ था। जबकि निफ्टी 320 अंकों की नरमी के साथ 17,806 अंक पर बंद हुआ था।
गुरुवार (22 December): सेंसेक्स 241 अंकों की गिरावट के साथ 60,826 प्वाइंट पर बंद हुआ था। जबकि निफ्टी 71 अंकों की नरमी के साथ 18,127 अंक पर बंद हुआ था।
बुधवार (21 December): सेंसेक्स 636 अंकों की गिरावट के साथ 61,067 प्वाइंट पर बंद हुआ था। जबकि निफ्टी 186 अंकों की नरमी के साथ 18,199 अंक पर बंद हुआ था।
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