नाबालिग भी कर सकते हैं निवेश
चूंकि इस रकम की जरूरत उसे तत्काल नहीं पड़नी है, मैं उसे किसी इक्विटी आधारित फंड में निवेश करना चाहता हूं। जो अगले दस या उससे ज्यादा साल में काफी बढ़ जाए। क्या यह काम इस तरह से किया जा सकता है कि मैं आगे अपने बेटे की ओर से बतौर अभिभावक लेनदेन कर सकूं?
जी हां, कोई भी नाबालिग अपने अभिभावक के जरिए फंड में निवेश कर सकता है। कोई भी वयस्क, जो उसके माता पिता या कानूनी तौर पर अभिभावक हों, म्युचुअल फंड के यूनिट रख सकते हैं और उस बच्चे की ओर से लेनदेन कर सकते हैं।
आपको अपने एएमसी को अपने बेटे की उम्र का प्रमाण देना होगा और यह बताना होगा कि आप किस हैसियत से उसके पैसे को रखना चाहते हैं।
एसआईपी सही तरीका है
हमने हाल में एक वित्तीय अखबार में बयान पढ़ा कि अगर आप समझदार निवेशक हैं तो ब्रॉड मार्केट में हर पांच फीसदी या उससे ज्यादा की गिरावट पर थोड़ी थोड़ी रकम का निवेश करें या फिर एसआईपी का रास्ता अपनाएं। क्या यह सही है? इसके अलावा ब्रॉड मार्केट से क्या तात्पर्य है?
अगर कोई निवेशक इतना समझदार हो सकता है कि वह गिरावट पर खरीदे और ऊंचे में बेच सके तो यह बहुत बड़ी बात होगी। लेकिन गिरावट को परिभाषित करना मुश्किल काम है।
जनवरी 2008 से बाजार लगातार गिरता ही गया है। ज्यादा प्रोफेशनल और व्यक्तिगत निवेशक बाजार को टाइम करने यानी उसके रुख का आकलन कर पाने में नाकामयाब रहे हैं।
इक्विटी में पैसा बनाने का रास्ता है अच्छे शेयरों का पोर्टफोलियो बनाना और सब्र के साथ उसे रखे रहना। अच्छे शेयरों से हमारा मतलब उन कारोबारों से है जिनका प्रबंधन मजबूत हो और कमाई करने की कूवत हो।
लेकिन इसके लिए निवेशक में समझने की इच्छा और समय देना जरूरी है। दूसरा विकल्प है म्युचुअल फंड के जरिए किसी तैयार पोर्टफोलियो में लगातार निवेश करें।
एसआईपी में अनुशासन रहता है और गिरावट में होने वाली चिंता भी कम हो जाती है। यह इक्विटी से कमाने का दूसरा सबसे सही तरीका है। ब्रॉड मार्केट से मतलब आमतौर से सूचकांकों की दिशा से होता है।
पोर्टफोलियो पुनर्संतुलित करें
अगर कोई एसआईपी का नियमित निवेशक हो तो उसे अपना पोर्टफोलियो रीबैंलेंस कैसे करना चाहिए? मैं मासिक निवेश की रकम में 60 फीसदी डेट में और 40 फीसदी इक्विटी में निवेश करता हूं। दोनों ही निवेश एसआईपी के जरिए किए गए।
एक समय हमारे इक्विटी निवेश की वैल्यू डेट में निवेश केबराबर हो गई थी लेकिन हाल में बाजार में आई गिरावट के बाद हमारे पोर्टफोलियो में इक्विटी निवेश की वैल्यू घटकर 30 फीसदी रह गई है। हमें अब अपने पोर्टफोलियो को कैसे रीबैलेंस करना चाहिए जो वही अनुपात (60-40) बरकरार रह सके।
क्या हम अपने डेट से एक रकम एकमुश्त इक्विटी में हस्तांतरित करें? या अपने मासिक निवेश का अनुपात बदलें ताकि वह अनुपात फिर से हासिल हो सके।
निसार शेख
अगर आप अपने डेट और इक्विटी का अनुपात 60:40 रखना चाहते हैं तो आपको इस अनुपात के लिए अपना पैसा धीरे धीरे डेट से इक्विटी में करना होगा।
बीच बीच में ऐसा करने से आपको बाजार अनुपात बढ़ने से इक्विटी का फायदा भी मिलेगा। इसी तरह जब इक्विटी में गिरावट आने लगे तो भी डेट से इक्विटी में निवेश हस्तांतरित करना चाहिए ।
इससे आप निचले स्तरों पर खरीदारी विकल्प ट्रेडिंग रणनीतियाँ क्या हैं? कर सकेंगे और ऊंचे स्तर पर बिकवाली कर सकेंगे। पोर्टफोलियो को रीबैलेंस करने के कई तरीके हो सकते हैं। दिक्कत यह है कि रीबैलेंसिंग के समय इक्विटी या डेट से होने वाले मुनाफे पर टैक्स पड़ता है।
लिहाजा, बहुत जल्दी जल्दी रीबैंलेंस करने से बचना चाहिए जब तक कि एलोकेशन का अनुपात बहुत गड़बड़ाया न हो। सालाना रीबैलेंसिंग टैक्स के लिहाज से भी ठीक रहता है क्योंकि लांग टर्म गेन टैक्स फ्री होते हैं।
मेरा सवाल डेट लिक्विड फंड से जुड़ा है। मैं एक सॉप्टवेयर इंजीनियर हूं और मैं आमतौर पर तीन महीनों के खर्च के बराबर का कैश रिजर्व (किसी आपात जरूरत के लिए) रखता हूं।
क्या इस कैश रिजर्व का कुछ हिस्सा किसी डेट लिक्विड फंड में डालकर रखना उचित होगा? कृपया कुछ अच्छे फंड सुझाएं?
मणिकंडन चेल्लप्पन
अगर आप अपना पैसा किसी आपात स्थिति में तुरंत चाहते हैं तो उसे किसी बैंक में जमा करना मुनासिब होगा या फिर उसे किसी लिक्विड फंड में लगाया जा सकता है।
बैंक के बचत खाते से पैसा किसी भी समय निकाला जा सकता है जबकि लिक्विड फंड से पैसा निकालने में टी+1 दिन लगते हैं यानी चौबीस घंटे।
अगर इस बीच कोई त्योहार हो या नॉन ट्रेडिंग दिन हो तो रिडम्पशन उतना ही और देरी से होगा। लिहाजा आपका चुनाव इस बात पर निर्भर करेगा कि आपको पैसा कितनी जल्दी चाहिए।
अगर आप लिक्विड फंड का चुनाव करते हैं तो इसके लिए आप अच्छी रेटिंग वाले फंड चुने जैसे कैनरा रोबैको लिक्विड, एस्कॉट्र्स लिक्विड या एचडीएफसी कैश मैनेजमेंट सेविंग्स।
कंपनियों का मार्केट कैप निकालना
मार्केट कैप यानी बाजर पूंजीकरण के आधार पर कोई कैसे जान सकता है कि कंपनी किस श्रेणी की है, लार्ज कैप की, मिड कैप की या स्माल कैप की? क्या इस श्रेणी के लिए कोई सीमा है जैसे मिडकैप या अन्य के लिए 1000 करोड़ आदि?
हम शेयरों को बड़े, मझोले और छोटे यानी लार्ज, मिड और स्माल मार्केट कैपिटलाइजेशन में वर्गीकृत करते हैं जिनकी हर माह समीक्षा होती है यानी उनमें संशोधन होता है।
इसके लिए मार्केट कैप के आधार पर बीएसई के सारे सूचीबध्द शेयरों को चढ़ाव-उतार वाले क्रम में लगाया जाता है यानी जिनका कैप ज्यादा वे ऊपर।
इन शेयरों के कुल मार्केट कैप के 70 फीसदी मार्केट कैप तक केशेयर लार्ज कैप में आते हैं जबकि 70 से 90 फीसदी मिडकैप में और आखिरी के दस फीसदी स्माल कैप में।
30 नवंबर 2008 को 58 शेयर लार्ज कैप में थे (यानी बाजार के कुल मार्केट कैप का 70 फीसदी हिस्सा इन्हीं कंपनियों के पास है),
जिनका मार्केट कैप 178,089.80 करोड से 8777.32 करोड़ के बीच था, 177 करोड़ मिडकैप में थे जिनका मार्केट कैप 8521.03 करोड़ से 9.41 करोड़ के बीच था और 2791 शेयर स्माल कैप की श्रेणी में थे जिनका मार्केट कैप 8.54 करोड़ से कम था।
शेयर बाजार में चाहते हैं पैसा कमाना तो इन 5 पसंदीदा ट्रेडिंग रणनीतियों के बारे में आपको होगा जानना
शेयर बाजार में ट्रेडिंग की कई रणनीतियां हैं लेकिन यहां पर हम सबसे ज्यादा लोकप्रिय रणनीतियों के बारे में चर्चा कर रहे हैं
ट्रेडर्स चाहें तो हर प्रकार की ट्रेडिंग रणनीति से जुड़े जोखिम और लागत को समझकर ट्रेडिंग में रणनीतियों के संयोजन का उपयोग भी कर सकते हैं
ट्रेडिंग का मतलब सिक्टोरिटीज को खरीदना और बेचना होता है। ट्रेडिंग भी कई प्रकार की होती हैं। एक दिन से लेकर सालों के लंबे अंतराल के लिए भी ट्रेडिंग की जाती है। इसके साथ ही अलग-अलग बाजारों के माहौल और वहां मौजूद जोखिम से जुड़ी विभिन्न ट्रेडिंग रणनीतियां (trading strategies) शेयरों में कारोबार करने के समय अपनाई जाती हैं।
यहां पर हम कुछ ट्रेडिंग रणनीतियों पर चर्चा कर रहे हैं जो बाकी रणनीतियों में से सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। ये रणनीतियां निवेशकों को तर्कसंगत निवेश निर्णय लेने में मदद कर सकती हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)
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इंट्राडे ट्रेडिंग जिसे डे ट्रेडिंग के रूप में भी जाना जाता है। ये ऐसी ट्रेडिंग रणनीति है जिसमें निवेशक एक ही दिन में शेयरों को खरीदते और बेचते हैं। वे शेयर बाजार के बंद होने के समय से पहले ट्रेडिंग बंद कर देते हैं। एक ही दिन में वे मुनाफा और घाटा बुक करते हैं।
निवेशक इन शेयरों में एक दिन में कुछ सेकंड, घंटे के लिए या इसमें दिन भर में कई बार ट्रेड ले सकते हैं। इसलिए इंट्राडे एक अत्यधिक वोलाटाइल ट्रेडिंग रणनीति मानी जाती और इसके लिए तेजी से निर्णय लेना होता है।
पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)
पोजिशनल ट्रेडिंग एक ऐसी रणनीति है जहां शेयर्स को महीनों या सालों के लंबे समय तक रखा जाता है। ऐसे शेयरों में समय के साथ भाव में बड़ी बढ़त की अपेक्षा के साथ मुनाफा कमाने की उम्मीद की जाती है। निवेशक आमतौर पर फंडामेंटल एनालिसिस के साथ कंपनी का टेक्निकल ग्राउंड देखकर इस शैली को अपनाते हैं।
इसलिए इस प्रकार की ट्रेडिंग रणनीति में आमतौर पर बाजार के रुझान और उतार-चढ़ाव जैसी अल्पकालिक जटिलताओं को नजरअंदाज कर दिया जाता है।
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
स्विंग ट्रेडिंग आमतौर पर एक ऐसी रणनीति है जहां निवेशक शेयरों के भाव में और तेजी की उम्मीद में एक दिन से अधिक समय तक शेयरों को अपने पास रखते हैं। स्विंग ट्रेडर्स आने वाले दिनों में बाजार की गतिविधियों और रुझानों की भविष्यवाणी करने के लिए जाने जाते हैं।
इंट्राडे ट्रेडर्स और स्विंग ट्रेडर्स के बीच स्टॉक को अपने पास रखने की समय सीमा में महत्वपूर्ण अंतर होता है। इसलिए कहा विकल्प ट्रेडिंग रणनीतियाँ क्या हैं? जाता है कि ज्यादातर टेक्निकल ट्रेडर्स स्विंग ट्रेडिंग की कैटेगरी में आते हैं।
टेक्निकल ट्रे़डिंग (Technical Trading)
टेक्निकल ट्रेडिंग में ऐसे निवेशक शामिल हैं जो शेयर बाजार में प्राइस चेंज की भविष्यवाणी करने के लिए अपने तकनीकी विश्लेषण ज्ञान का उपयोग करते हैं। इस ट्रेडिंग शैली में कोई विशेष समय-सीमा नहीं होती है क्योंकि यह एक दिन से लेकर महीनों तक के विकल्प ट्रेडिंग रणनीतियाँ क्या हैं? लिए भी हो सकती है।
बाजार में कीमतों में उतार-चढ़ाव को निर्धारित करने के लिए अधिकांश ट्रेडर्स अपने टेक्निकल एनालिसिस स्किल्स का उपयोग करते हैं। हालांकि स्टॉक की कीमतों का निर्धारण करते समय सबसे महत्वपूर्ण टेक्निकल एनालिसिस बाजार की परिस्थिति होती है।
फंडामेंटल ट्रेडिंग (Fundamental Trading)
फंडामेंटल ट्रेडिंग का मतलब स्टॉक में निवेश करना होता है जहां ट्रेडर्स समय के साथ भाव में तेजी की उम्मीद के साथ कंपनी के स्टॉक को खरीदता है। इस तरह की ट्रेडिंग में 'बाय एंड होल्ड' रणनीति में विश्वास किया जाता है।
इस प्रकार की ट्रेडिंग आमतौर पर कंपनी के फोकस्ड इंवेंट्स में किया जाता है। इसके लिए फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स, नतीजों, ग्रोध और मैनेजमेंट क्वालिटी का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया जाता है।
मिंट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक ये ट्रेडिंग रणनीतियाँ बहुत काम की होती हैं और निवेशक को उस ट्रेडिंग शैली पर निर्णय लेने में मदद करती हैं जिसे वे अपनाना चाहते हैं। प्रत्येक प्रकार की ट्रेडिंग रणनीति से जुड़े जोखिम और लागत की गहन समझ के साथ ट्रेडर्स चाहें तो रणनीतियों के संयोजन का उपयोग करके भी शेयरों में खरीद-फरोख्त कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।)
Best Wedding Planners in Lucknow: भव्य शादी कराने के लिए मशहूर हैं लखनऊ के ये बेस्ट वेडिंग प्लानर
Best Wedding Planners in Lucknow: वेडिंग प्लनार शादी की सजावट, खानपान, अतिथि प्रबंधन आदि जैसी सभी प्रकार की सेवाएं प्रदान करते हैं। अपना वेडिंग प्लानर चुनने से पहले, आप जान लीजें कि आपको वेडिंग प्लानर द्वारा कौन सी सेवाएं दी जाती हैं।
Best Wedding Planners in Lucknow: नवाबों के शहर के नाम से प्रसिद्ध और खूबसूरत शहर लखनऊ की बात ही निराली है। यहां की संस्कृति, विरासत, नजाकत आपको यहां के पारंपरिक जश्नों और शादी समारोहों में शामिल होने पर बहुत नजदीकी से नजर आएगी। चिकनकारी कढ़ाई, गलावती कबाब और बहुत कुछ के लिए मशहूर लखनऊ में तीज-त्योहार, शादी-जश्न बहुत ही धूमधाम से मनाते हुए किए जाते हैं।
लखनऊ में शादियों में मनोरंजन, स्वादिष्ट भोजन और हँसी-ठिठोली, मौज-मस्ती आपको भर-भरकर देखने को मिलेगी। वैसे लोग भी आपको नवाबी अंदाज और नवाबी शैली में रचते हुए दिखाई देंगे। यहां पर होने वाली शादी में अलग-अलग रस्मों को बहुत साजों-सज्जा के साथ निभाया जाता है।
लखनऊ में वेडिंग प्लानर
ऐसे में ये साज-सज्जा काफी ट्रेडिंग होती जा रही है। मतलब कि अब शादियों में साज-सजावट इस तरह की जाती है कि आपने सपने में भी ऐसी भव्य शादी का अंदाजा नहीं किया होगा। चारों तरह रंग-बिरंगी सजावट, हर रस्म के हिसाब से अलग सजावट का थीम, कपड़ें का थीम, खाने का थीम सब कुछ न जाने कितना कुछ।
तो क्या आप भी अपनी शादी ऐसे ही भव्य तरीके से करना चाहते हैं। खूबसूरती की चारों तरफ बिखेरते हुए भव्य तरीके के दूल्हा-दुल्हन को शादी के मंडप तक पहुंचाने के लिए आज आपको लखनऊ के बेस्ट वेडिंग प्लानर के बारे में बताते हैं।
वेडिंग प्लनार लखनऊ में शादी की सजावट, खानपान, अतिथि प्रबंधन आदि जैसी सभी प्रकार की सेवाएं प्रदान करते हैं। अपना वेडिंग प्लानर चुनने से पहले, आप जान लीजें कि आपको वेडिंग प्लानर द्वारा कौन सी सेवाएं दी जाती हैं।
स्थान का चयन- शादी की योजना बनाने के लिए पहली और सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता एक उपयुक्त स्थान का चयन करना है जो आपकी आवश्यकताओं के अनुरूप हो जैसे कि शादी का स्थान, बजट। विकल्प ट्रेडिंग रणनीतियाँ क्या हैं? सभी योजनाकार उन स्थानों की सूची के साथ मदद कर सकते हैं जो आपकी आवश्यकताओं के अनुरूप हों और आपकी शादी की थीम से मेल खाते हों।
शादी का मेन्यू- शादी के कार्यक्रमों की योजना बनाने में खानपान एक बड़ी भूमिका निभाता है। वेडिंग प्लानर आपकी पसंद के अनुसार आपके मेनू की योजना बनाने और उसे अनुकूलित करने में आपकी मदद करते हैं और आपको शहर में सबसे अच्छा खानपान विकल्प प्रदान करते हैं।
फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी- आप अपने शादी समारोह में जो पल साझा करते हैं वे सबसे खास और भावनात्मक होते हैं और इसलिए उन्हें एक पेशेवर द्वारा कैप्चर किया जाना चाहिए। ऐसे में आप निश्चिंत रहें कि आपका वेडिंग प्लानर सबसे अद्भुत ढंग से आपके इंवेट को रचेगा, जो आपको लखनऊ में सिनेमैटोग्राफी, ड्रोन शॉट्स, कैंडिड फोटोग्राफी जैसी नवीनतम सेवाएं प्रदान करेगा।
सजावट और स्टाइलिंग - बहुत सारी सजावट है जो प्रत्येक शादी समारोह और कई तरह की थीम के साथ होती है। वेडिंग प्लानर ग्राहक की इच्छा के अनुसार पूरे स्थल को सजावट से जीवंत कर देते हैं। आपको बस उन्हें एक विषय बताना है जो आप अपने लिए चाहते हैं।
मेहमानों का सहयोग और प्रबंधन- शादी के पैमाने के आधार पर, शादी के योजनाकार एक टीम नियुक्त करते हैं जो आपको उचित अतिथि प्रबंधन सेवाएं दे सकती है। शादी समारोह के दौरान मेहमानों को देवताओं की तरह माना जाता है और इसलिए उन्हें संतुष्ट करना बहुत महत्वपूर्ण है। तो आपको अपने शादी के मेहमानों की एक सूची देने की आवश्यकता है और वे एक टीम की व्यवस्था कर सकते हैं जो शादी के पूरे समारोह में उनकी देखभाल कर सके।
(Image Credit- Social Media)
लखनऊ के बेस्ट वेडिंग प्लानर
वेडलॉक जंक्शन
WEDLOCK JUNCTION
पता- ए - 1/14, सेक्टर एच, अलीगंज, केंद्रीय भवन के सामने, लखनऊ, यूपी 226024
Address- A - 1/14, Sector H, Aliganj, Infront Kendriya Bhawan, Lucknow, UP 226024
वेडलॉक जंक्शन लखनऊ में वेडिंग प्लानिंग सर्विस प्रोवाइडर्स में से एक है। वे लखनऊ में स्थित हैं, लेकिन उनकी शादी की प्लानिंग करने वाली टीम बहुत ही शानदार है। जो आपके कार्यक्रम को सबसे शानदार बनाते हैं। ये आपकी शादी की योजना बनाने वाली टीम आपकी शादी के दिन को सबसे कीमती और यादगार बनाने के लिए हर संभव प्रयास करती है।
वंशिका वेडिंग प्लानर
VANSHIKA WEDDING PLANNER
पता- 16/CP, 8, रॉयल प्लाजा, मुंशीपुलिया, रिंग रोड, लखनऊ, यूपी 226016
Address- 16/CP, 8, Royal Plaza, Munshipulia, Ring Road, Lucknow, UP 226016
वंशिका वेडिंग प्लानर लखनऊ में सर्वश्रेष्ठ वेडिंग प्लानिंग सेवा प्रदाताओं में से एक है, और वे 13 से ज्यादा समय ये यहां पर अपना वर्चस्व कायम किए हुए हैं। उनका लक्ष्य रचनात्मक, अभिनव और अद्वितीय होना है। वे शादी के परम अनुभव को तैयार करते हैं, युगल के रूप में अद्वितीय और विशेष और आपकी शादी को जादुई बनाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। वंशिका वेडिंग प्लानर एक सिल्वर पैकेज, एक गोल्ड पैकेज, एक प्लेटिनम पैकेज और एक विशेष इकोनॉमी पैकेज प्रदान करता है। आप अपने बजट के हिसाब से पैकेज को चुन सकते हैं।
सिय्योन वेडिंग प्लानर
ZIONS WEDDING PLANNER
पता- ज़ियॉन्स वेडिंग पार्क एच, आशियाना, लखनऊ, यूपी 226012
Address- Zions Wedding Park H, Aashiana, Lucknow, UP 226012
Zions Wedding Planner को इस क्षेत्र में 19 वर्षों से अधिक का अनुभव है। Zions HRANI, UPHRA, FICCI CMSME, CII, IIA, ASSOCHAM-UP-UKHND, FSNM और FAIC का सदस्य है। वे एक छोटे से घर-आधारित पार्टी से लेकर बड़े विवाह आयोजनों तक सर्वोत्तम सेवाएँ प्रदान करते हैं। टीम स्वागत समारोह, वर्षगाँठ, शादी के स्थानों, शादी के मेनू योजना और शादी के निमंत्रण में माहिर है। सिय्योन वेडिंग प्लानर में, उन्हें निमंत्रण कार्ड से लेकर हनीमून स्थलों, थीम-आधारित शादियों, संगीत कार्यक्रमों और औपचारिक पार्टियों तक हर चीज का ध्यान रखा जाता है, और वे इसे व्यवस्थित करते हैं। वे आपको अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ हर समारोह का आनंद लेने में सहज बनाते हैं।
भूपेश बघेल ने सचिन पायलट और गहलोत को पछाड़ा, कांग्रेस में बढ़ गया कद
भूपेश बघेल ने सचिन पायलट और गहलोत को पछाड़ा
रायपुर। कांग्रेस को हिमाचल में मिली बड़ी जीत की वजह कहीं न कहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की सियासी रणनीती को माना जा रहा है। वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले की भानुप्रतापपुरा सीट विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी कांग्रेस ने अपना झंडा गाड़ दिया है। इस जीत के पीछे भूपेश बघेल की रणनीती की वाहवाही की जा रही है। जिसके कारण कांग्रेस में सचिन पायलट और अशोक गहलोत की अपेक्षा बघेल के कद को बढ़ता हुआ देखा जा सकेगा।
क्या थी बघेल की रणनीति?
कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में अपना घोषणा पत्र भूपेश बघेल की उन योजनाओं को ध्यान में रखकर बनाया था, जिसमें उन्होने युवाओं को 5 लाख नौकरियों के साथ-साथ महिलाओं के लिए हर महीने 1500 रुपए देने की की घोषणा की थी वहीं कैबिनेट की पहली बैठक में ही एक लाख रोज़गार देने का वादा कांग्रेस की जीत में अहम रहा।
बघेल के पास थी हिमाचल की जिम्मेदारी
सियासत का जादूगर कहे जाने वाले अशोक गहलोत को कांग्रेस के द्वारा गुजरात चुनाव में सीनियर ऑब्जर्वर के रूप में नियुक्त किया था। वहीं दूसरी ओर हिमाचल के चुनावों की समस्त जिम्मेदारी सीएम भूपेश बघेल को दी थी। कांग्रेस दोनों ही सीएम पर पूरा भरोसा था कि, वह दोनों राज्यों की जीत कांग्रेस की झोली में डाल देंगे।
गहलोत रहे नाकाम बघेल ने गाड़े झंडे
दोनों राज्यों के नतीजे सामने आने के बाद यह तो तय हो गया कि, गुजरात में गहलोत नाकाम रहे वहीं हिमाचल में बघेल ने जादुई जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। हिमाचल में बघेल की रणनीति काम कर गई, यहाँ उन्होने कांग्रेस को 68 में से 40 सीटें जितवाने में अहम भूमिका निभाई। यहाँ भाजपा को केवल 25 सीटें ही मिलीं जबकि अगला विकल्प बनने वाले केजरीवाल यहाँ पर अपना खाता तक नहीं खोल पाए। हार्स ट्रेडिंग के भय से सीएम बघेल ने हिमाचल प्रदेश में ही अपना डेरा डाल दिया था।
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