वित्तीय विवरण

प्रासंगिक वित्तीय जानकारी एक संरचित तरीके से और एक ऐसे रूप में प्रस्तुत की जाती है जिसे समझना आसान हो। वे आम तौर पर एक प्रबंधन चर्चा और विश्लेषण के साथ चार बुनियादी वित्तीय विवरण शामिल करते हैं : [1]

(विशेष रूप से, एक बैलेंस शीट समय में एक बिंदु का प्रतिनिधित्व करती है , जबकि आय विवरण, इक्विटी में परिवर्तन का विवरण, और नकदी प्रवाह विवरण प्रत्येक एक निश्चित अवधि में गतिविधियों का प्रतिनिधित्व करता है ।)

बड़े निगमों के लिए, ये बयान जटिल हो सकते हैं वित्तीय विवरण विश्लेषण का उद्देश्य और इसमें वित्तीय विवरणों और प्रबंधन चर्चा और विश्लेषण के लिए फ़ुटनोट्स का एक व्यापक सेट शामिल हो सकता है । नोट्स आमतौर पर बैलेंस शीट, आय स्टेटमेंट और कैश फ्लो स्टेटमेंट पर प्रत्येक आइटम का और विस्तार से वर्णन करते हैं। वित्तीय विवरणों के नोट्स को वित्तीय विवरणों का एक अभिन्न अंग माना जाता है।

"वित्तीय विवरणों का उद्देश्य एक उद्यम की वित्तीय स्थिति, प्रदर्शन और वित्तीय स्थिति में परिवर्तन के बारे में जानकारी प्रदान करना है जो आर्थिक निर्णय लेने में उपयोगकर्ताओं की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए उपयोगी है।" वित्तीय विवरण समझने योग्य, प्रासंगिक, विश्वसनीय और तुलनीय होने चाहिए। रिपोर्ट की गई संपत्ति, देनदारियां, इक्विटी, आय और व्यय सीधे संगठन की वित्तीय स्थिति से संबंधित हैं।

वित्तीय विवरणों का उद्देश्य उन पाठकों द्वारा समझा जा सकता है जिनके पास "व्यवसाय और आर्थिक गतिविधियों और लेखांकन का उचित ज्ञान है और जो सूचनाओं का परिश्रमपूर्वक अध्ययन करने के इच्छुक हैं।" [2] वित्तीय विवरणों का उपयोग उपयोगकर्ताओं द्वारा विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है:

ऑपइंडिया की एंटी पत्रकारिता : गंदा है पर धंधा है

भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के एशिया कप में पाकिस्तान को हराने के तुरंत बाद, 28 अगस्त को, सैकड़ों की तादाद में लोग गोल्डन माइल नामक लेस्टर शहर के बेलग्रेव उपनगर की एक सड़क पर जश्न मनाने के लिए इकट्ठा हुए. यह सड़क अपने भारतीय रेस्तरां और दुकानों के साथ-साथ भारत के बाहर सबसे बड़े दिवाली समारोह की मेजबानी के लिए भी जानी जाती है. मैच के बाद इस तरह की सभाएं हिंदू-बहुसंख्यक इस उपनगर में असामान्य नहीं है. जून 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान द्वारा भारत को हराने के बाद, दोनों टीमों के समर्थक गोल्डन माइल पर आपस भिड़ गए और पुलिस पर भी बोतलें फेंकीं. दो साल बाद जब भारत ने विश्व कप में पाकिस्तान को हराया, तो नतीजा शांतिपूर्ण था. लेस्टर मर्करी के अनुसार, "सीटी, कार के हॉर्न और जयकारे की आवाजें" ही सुनाई दे रही थीं.

हालांकि, इस बार करने के लिए बहुत कुछ था. पिछले कुछ महीनों से लेस्टर के दक्षिण एशियाई समुदायों के बीच तनाव बढ़ रहा था. लेस्टर में पली-बढ़ी और फिलहाल चैनल4 में होम अफेयर्स की संवाददाता दर्शना सोनी ने मुझे बताया कि शहर में हिंदू और मुसलमान अलग-अलग मोहल्लों में रहते और शायद ही कभी अंतर्जातीय विवाह करते, फिर भी वे "हमेशा अच्छी तरह से मिलते थे." उन्होंने कहा कि दमन और दीव के हाल के हिंदू आप्रवासियों का- जो केंद्र शासित प्रदेश के औपनिवेशिक इतिहास के कारण पुर्तगाली पासपोर्ट के हकदार हैं और ब्रेक्जिट से कुछ ही समय पहले बड़ी संख्या में लेस्टर चले आए थे- स्थानीय मुसलमानों के साथ अधिक टकराव था. 22 मई को एक मुस्लिम किशोर पर हिंदू पुरुषों के एक समूह ने कथित तौर पर हमला किया था. सोनी ने कहा कि घटना पर पुलिस की धीमी प्रतिक्रिया और इसे हेट क्राइम के रूप में मानने से शुरुआती इनकार ने स्थिति को और खराब कर दिया. "मुस्लिम पुरुषों का रवैया कुछ इस तरह था, 'पुलिस कुछ नहीं कर रही है. हमें अपनी हफाजत खुद करनी होगी.'" (लेस्टरशायर पुलिस के एक प्रवक्ता ने मुझे बताया कि इस घटना की जांच जारी है.) दो दशकों तक ब्रिटेन में दक्षिण एशियाई समुदायों को कवर करने वाले पत्रकार सनी हुंदल ने मुझे बताया कि कई हिंदू बेबुनियाद अफवाहों के बारे में शिकायत करते हैं कि "मुस्लिम गिरोह हमारे कर्मचारियों की पिटाई और हिंदू महिलाओं को शिकार बना रहे हैं."

मैच के बाद सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो में भारत समर्थकों को "पाकिस्तान मुर्दाबाद" और क्षेत्र में लड़ाई के नारे लगाते हुए दिखाया गया है. सोनी ने कहा, "हिंदू लड़कों के मस्जिद के पास से गुजरने, देर रात हॉर्न बजाने और लोगों को परेशान करने की खबरें थीं. कुछ लड़के कह रहे थे कि मुस्लिम लड़कों के समूह ने उनका सामना किया, उनकी कारों का पीछा किया, उन्हें गालियां दीं." नारेबाजी को रोकने की कोशिश करने वाले एक सिख व्यक्ति की पिटाई की गई, जो कि एक आपातकालीन कर्मचारी था.

लेस्टरशायर वित्तीय विवरण विश्लेषण का उद्देश्य पुलिस ने घोषणा की कि वह "नस्लवादी और नफरती जुबान" को हेट क्राइम के रूप में देख रही वित्तीय विवरण विश्लेषण का उद्देश्य है. अगले दो हफ्तों में, अफवाहों और हिंसा की छिटपुट घटनाओं के बीच, पुलिस ने स्थानीय धर्म समूहों के साथ बैठकें कीं और शांति की अपील करने में उनका साथ दिया. इसने आपातकालीन स्टॉप-एंड-सर्च उपायों की वित्तीय विवरण विश्लेषण का उद्देश्य स्थापना की और 27 लोगों को विभिन्न कथित अपराधों के लिए गिरफ्तार किया, जैसे कि हथियार रखना, मौत की धमकी देना और हिंसक अव्यवस्था पैदा करना.

राष्ट्रीय अभिलेखागार के पास 1962, 1965 और 1971 के युद्धों का कोई रिकॉर्ड नहीं है: महानिदेशक

एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय अभिलेखागार के महानिदेशक चंदन सिन्हा ने कहा कि सरकार के ऐसे कई मंत्रालय हैं, जिन्होंने आज़ादी के बाद से अपने रिकॉर्ड को हमारे साथ साझा नहीं किया है. अभिलेखागार के पास वर्ष 1962, 1965 और 1971 के युद्धों और हरित क्रांति के रिकॉर्ड नहीं हैं. The post राष्ट्रीय अभिलेखागार के पास 1962, 1965 और 1971 के युद्धों का कोई रिकॉर्ड नहीं है: महानिदेशक appeared first on The Wire - Hindi.

एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय अभिलेखागार के महानिदेशक चंदन सिन्हा ने कहा कि सरकार के ऐसे कई मंत्रालय हैं, जिन्होंने आज़ादी के बाद से अपने रिकॉर्ड को हमारे साथ साझा नहीं किया है. अभिलेखागार के पास वर्ष 1962, 1965 और 1971 के युद्धों और हरित क्रांति के रिकॉर्ड नहीं हैं.

भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार. (फोटो साभार: CC BY-SA 4.0)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय अभिलेखागार (एनएआई) के पास वर्ष 1962, 1965 और 1971 के युद्धों और हरित क्रांति के रिकॉर्ड नहीं हैं, क्योंकि कई केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों ने अपने रिकॉर्ड उसके साथ साझा नहीं किए हैं. अभिलेखागार के महानिदेशक चंदन सिन्हा ने यह जानकारी दी.

संस्कृति मंत्रालय के तहत काम करने वाला राष्ट्रीय अभिलेखागार केवल भारत वित्तीय विवरण विश्लेषण का उद्देश्य सरकार और उसके संगठनों के रिकॉर्ड रखता है और उनका संरक्षण करता है. इसे वर्गीकृत दस्तावेज प्राप्त नहीं होते हैं. सरकार में रिकॉर्ड प्रबंधन को ‘सुशासन का एक आवश्यक पहलू’ बताते हुए सिन्हा ने कहा कि कई मंत्रालय हैं, जिन्होंने आजादी के बाद से राष्ट्रीय अभिलेखागार के साथ अपने रिकॉर्ड साझा नहीं किए हैं.वित्तीय विवरण विश्लेषण का उद्देश्य

प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा आयोजित सुशासन कार्यशाला में उन्होंने कहा कि जहां कुल 151 मंत्रालय और विभाग हैं, राष्ट्रीय अभिलेखागार के पास सिर्फ 36 मंत्रालयों और विभागों सहित केवल 64 एजेंसियों के रिकॉर्ड हैं.

सिन्हा ने कहा, ‘इसका क्या मतलब है. इसका मतलब है कि भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार में हरित क्रांति का कोई रिकॉर्ड नहीं है, जिसकी हम हमेशा जय-जयकार करते हैं. 1962, 1965 और 1971 के युद्ध का भी रिकॉर्ड नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘कई ऐसे मुद्दे हैं, जिन्हें आपके साथ साझा करते हुए मुझे बहुत दुख हो रहा है कि हमारे पास कोई रिकॉर्ड नहीं है. वास्तव में जिस प्रश्न का हमें सामना करना है, वह यह कि क्या हम आजादी के बाद से अपने इतिहास के एक बड़े हिस्से को खो रहे हैं.’

उन्होंने यह भी बताया कि रक्षा मंत्रालय ने आजादी के बाद इस साल की शुरुआत तक 476 फाइल भेजी थीं. उन्होंने कहा कि वर्ष 1960 तक की 20,000 फाइल को इस वित्तीय विवरण विश्लेषण का उद्देश्य वर्ष स्थानांतरित किया गया है.

सिन्हा ने कहा कि रिकॉर्ड के लिए फाइलों की रिकॉर्डिंग और छंटाई के लिए एक विशेष अभियान की प्रतीक्षा करने के बजाय, यह हर तिमाही में किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि अभिलेखों का मूल्यांकन और राष्ट्रीय अभिलेखागार को स्थानांतरण के लिए उनकी समीक्षा करना तथा उनकी पहचान करना शासन का एक बहुत महत्वपूर्ण पहलू है.

सिन्हा ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, ‘सार्वजनिक रिकॉर्ड अधिनियम, 1993 के अनुसार, विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों को 25 साल से अधिक पुराने रिकॉर्ड को राष्ट्रीय अभिलेखागार को स्थानांतरित करना है, जब तक कि वे गोपनीय जानकारी से संबंधित न हों.’

उन्होंने कहा, ‘यह सुनिश्चित करना संबंधित मंत्रालयों और विभागों पर निर्भर करता है कि कौन-सी जानकारी गोपनीय है. राष्ट्रीय अभिलेखागार केवल रिकॉर्ड-कीपर है.’

राष्ट्रीय अभिलेखागार भारत सरकार और उसके संगठनों के रिकॉर्ड रखता है और उनका संरक्षण करता है. इसे गोपनीय दस्तावेज प्राप्त नहीं होते हैं.

IETT ने बसों में 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस' युग की शुरुआत की

सन स्पॉट का इलाज कैसे करें

सनस्पॉट्स, स्किन स्पॉट्स के इलाज के कई तरीके हैं। त्वचा के दाग-धब्बों के उपचार की मुख्य विधियाँ इस प्रकार वित्तीय विवरण विश्लेषण का उद्देश्य हैं: कॉर्टिकोस्टेरॉइड थेरेपी ज्यादातर समय त्वचा के धब्बों के उपचार में इस्तेमाल की जाने वाली दवाएँ हैं। ये दवाएं त्वचा में सूजन को कम करके दोषों को कम करने में मदद कर सकती हैं। त्वचा [अधिक . ]

SBI e-Mudra लोन क्या हैं? योग्यता, आवश्यक दस्तावेज; जाने पुरी खबर

SBI e-Mudra Loan : SBI ई-मुद्रा लोन क्या है? ऑनलाइन आवेदन करें, पात्रता, आवश्यक दस्तावेज एसबीआई ई-मुद्रा ऋण क्या है | SBI ई-मुद्रा लोन क्या है? एसबीआई ई-मुद्रा आवश्यक दस्तावेज | एसबीआई ई-मुद्रा आवश्यक योग्यता | एसबीआई ई-मुद्रा पात्रता | एसबीआई ई-मुद्रा ऋण पात्रता | वित्तीय विवरण विश्लेषण का उद्देश्य एसबीआई ई-मुद्रा ऋण के लाभ

SBI ई-मुद्रा लोन क्या है?
भारतीय स्टेट बैंक द्वारा मुद्रा लोन भारत सरकार द्वारा संचालित एक योजना है। इस योजना का उद्देश्य छोटे और बड़े पैमाने के उद्योगों को तदनुसार ऋण प्रदान वित्तीय विवरण विश्लेषण का उद्देश्य करना है। इस योजना एमएसएमई यानी माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज को बैंकों से 10 लाख रुपये का कर्ज मिल सकता है। जो व्यक्ति अपना उद्योग स्थापित करना चाहता है, व्यापार करना चाहता है तो इस बैंक के माध्यम से ही उसे मुद्रा लोन योजना के तहत लोन की सुविधा मिल सकती है।

एसबीआई ई-मुद्रा ऋण के लाभ
एसबीआई ई-मुद्रा ऋण योजना के क्या लाभ हैं।

  • SBI ई-मुद्रा लोन के तहत, लोन पर ब्याज 8.5% से 12% प्रति वर्ष तक ही होता है।
  • ऋण चुकौती अवधि 12 महीने से 60 महीने तक होती है।
  • एसबीआई ई-मुद्रा इस योजना के तहत छोटे व्यापारी 10 लाख तक का कर्ज लेकर अपना नया कारोबार शुरू कर सकते हैं।
  • एसबीआई ई-मुद्रा से बिना बैंक जाए भी लोन मिल सकता है। SBI ई-मुद्रा लोन के तहत आप घर बैठे ₹50000 तक का ऑनलाइन लोन सिर्फ 3 मिनट में प्राप्त कर सकते हैं।
  • SBI ई-मुद्रा लोन योजना से आपको कम वित्तीय बोझ उठाना पड़ सकता है।
  • एसबीआई ई-मुद्रा लोन के प्रकार
  • एसबीआई ई-मुद्रा ऋण के विभिन्न प्रकार हैं।

किशोर ऋण – यह ऋण एक नए व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए होता है। इसके तहत लोन के रूप में मिलने वाली राशि 50000 से 500000 तक होती है। इसमें आपको किसी भी प्रकार का प्रोसेसिंग शुल्क नहीं देना होगा केवल 10% मार्जिन राशि देनी होगी।

शिशु ऋण – यह एक नया व्यवसाय शुरू करने के लिए है। इसमें 10,000 से 50,000 तक का लोन मिलता है।

तरुण ऋण- इसके अंतर्गत 5 लाख से 10 लाख तक का ऋण दिया जाता है।

रेटिंग: 4.15
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 577