LIC IPO Last Day – Subscription Status, GMP: LIC का IPO 9 मई को सुबह 11:45 बजे तक 200 फीसदी सब्सक्राइब हो चुका है. (reuters)

LIC IPO Update: ग्रे मार्केट में 5 से 7 फीसदी के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा एलआईसी का आईपीओ, जानें डिटेल्स

LIC IPO: आईपीओ खुलने के पहले ही एलआईसी का शेयर 45 से 55 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है जो कि इश्यू प्राइस से 5 से 7 फीसदी ज्यादा है.

By: ABP Live | Updated at : 28 Apr 2022 10:28 PM (IST)

Edited By: manishkumar

LIC IPO: सरकारी क्षेत्र की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी के आईपीओ के खुलने के तारीखों का ऐलान हो चुका है. प्राइस बैंड की भी घोषणा की जा चुकी है. इसी के साथ ग्रे मार्केट (Grey Market) में भी एलआईसी आईपीओ प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है.

ग्रे मार्केट में प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा एलआईसी का शेयर
आईपीओ खुलने के पहले ही एलआईसी का शेयर 45 से 55 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है जो कि इश्यू प्राइस से 5 से 7 फीसदी ज्यादा है. आपको बता दें एलआईसी का प्राइस बैंड 902 से 949 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है.

जानिए आईपीओ का साइज और डिटेल्स
एलआईसी का आईपीओ 4 से लेकर 9 मई तक निवेशकों के निवेश के लिए खुले रहेगा. प्री-आईपीओ प्लेसमेंट में एंकर निवेशक 2 मई को निवेश कर सकते हैं. आईपीओ के जरिए 20,557 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है. हालांकि पहले सरकार ने आईपीओ के जरिए 60,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था. लेकिन आईपीओ के साइज को छोटा कर दिया गया है. 902 से 949 रुपये आईपीओ का प्राइस बैंड तय किया गया है. DIPAM सचिव तूहिन कांत पांडेय ने कहा कि एलआईसी आईपीओ के साइज को छोटा किए जाने के बाद भी ये सबसे बड़ा आईपीओ है.

आईपीओ प्राइस पर डिस्काउंट
एलआईसी अपने आईपीओ में निवेश करने वाले पॉलिसीधारकों को डिस्काउंट दे रही है. पॉलिसीधारकों को 60 रुपये प्रति शेयर का डिस्काउंट दिया जाएगा तो रिटेल निवेशकों और कंपनी के कर्मचारियों को 40 रुपये प्रति शेयर का डिस्काउंट मिलेगा.

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लॉन्ग टर्म में रहेगा फायदेमंद
DIPAM सचिव तूहिन कांत पांडेय ने कहा कि लंबी अवधि में एलआईसी का आईपीओ निवेशकों के लिए एक बेहतर निवेश साबित होगा. एलआईसी के चेयरमैन एमआर कुमार ने कहा कि एलआईसी आईपीओ का वैल्यूएशन मौजूदा हालात और लिस्टिंग के जरुरतों को ध्यान में रखते हुए रखा गया है. और अधिक हिस्सेदारी बेचने को लेकर चर्चा होना बाकी है. हालांकि निकट भविष्य में इसकी संभावना बेहद कम है.

17 मई को स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग
अपर प्राइस बैंड पर प्री-आईपीओ प्लेसमेंट के जरिए 5630 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है. आईपीओ में 221.37 मिलियन शेयर बेचे जायेंगे जिसमें 59.29 मिलियन शेयर एंकर निवेशकों के लिए रिजर्व रखा गया है. कर्मचारियों के लिए 1.58 मिलियन, पॉलिसीधारकों के लिए 22.14 मिलियन और संस्थागत निवेशकों के लिए 98.83 मिलियन शेयर रिजर्व रखे गया है. 12 मई को शेयर अलॉट कर दिया जाएगा और 16 मई तक निवेशकों के डिमैट खाते में शेयर्स क्रेडिट कर दिए जायेंगे. 17 मई को एलआईसी के आईपीओ की स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग की जाएगी.

Published at : 28 Apr 2022 10:28 PM (IST) Tags: LIC IPO LIC IPO Opening Date LIC IPO Price Band IPO Tracker lic ipo gmp LIC IPO Allotment Date LIC IPO Listing Date हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For आईसी मार्केट्स more related stories, follow: Business News in Hindi

LIC IPO Last Day: एलआईसी का इश्यू आखिरी दिन 2.95 गुना सब्सक्राइब, लेकिन ग्रे मार्केट में घटा भाव, चेक करें डिटेल

LIC IPO Last Date, GMP, Subscription Status: ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) देखें तो LIC की लिस्टिंग को लेकर संकेत कमजोर हो रहे हैं. ग्रे मार्केट में शेयर का भाव और घटकर 40 रुपये पर आ गया है.

LIC IPO Last Day: एलआईसी का इश्यू आखिरी दिन 2.95 गुना सब्सक्राइब, लेकिन ग्रे मार्केट में घटा भाव, चेक करें डिटेल

LIC IPO Last Day – Subscription Status, GMP: LIC का IPO 9 मई को सुबह 11:45 बजे तक 200 फीसदी सब्सक्राइब हो चुका है. (reuters)

LIC IPO Subscription Status, GMP Latest Update: बाजार में भारी गिरावट के बीच बीमा कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (LIC) का IPO आज 9 मई को यानी सब्सक्रिप्शन के आखिरी दिन 2.95 गुना हुआ. अब तक इस इश्यू को लेकर क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) का रिस्पॉन्स फीका था, लेकिन उन्होंने आज काफी दिलचस्पी दिखाई और उनके लिए आरक्षित हिस्सा 2.83 गुना सब्सक्राइब हो गया. हालांकि ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) देखें तो लिस्टिंग को लेकर संकेत कमजोर हो रहे हैं. मार्केट आब्जर्व करने वालों के अनुसार ग्रे मार्केट में शेयर का भाव और घट गया है. यह इश्यू के पहले दिन से अबतक करीब 60 फीसदी कमजोर हुआ है. 17 मई को कंपनी का शेयर लिस्ट होगा.

आखिरी दिन 2.95 गुना भरा इश्यू

लेटेस्ट सब्सक्रिप्सन स्टेटस की बात करें तो LIC का इश्यू अपने आखिरी दिन तक 2.95 गुना यानी करीब 295 फीसदी भर गया है. कर्मचारियों और पॉलिसीहोल्डर्स के लिए रिजर्व हिस्से को अच्छा रिस्पांस मिला है. कर्मचारियों के लिए रिजर्व कोटा करीब 4.40 गुना भरा है. जबकि पॉलिसीहोल्डर्स के लिए रिजर्व कोटे को 6.11 गुना बोलियां मिली हैं. QIB का हिस्सा 2.83 गुना, NII का हिस्सा 2.91 गुना और रिटेल निवेशकों के लिए आईसी मार्केट्स रिजर्व कोटा 1.99 गुना भरा है.

क्या है एक्सपर्ट्स की राय

पेटीएम मनी के CEO वरुण श्रीधर ने कहा, “हम एलआईसी को बधाई देते हैं कि वह 5 करोड़ आवेदनों का आंकड़ा पार करने वाला पहला भारतीय आईपीओ बन गया है. यह इंडियन कैपिटल मार्केट के मजबूत होने की ओर इशारा करता है. हमें अपने यूजर्स से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है और एलआईसी आईपीओ पर औसत से ज्यादा प्रति आवेदक 29 हजार रुपये का निवेश हुआ है.” उन्होंने आगे कहा, “पेटीएम मनी ने हाल ही में एक नई सुविधा लॉन्च की है जिसके तहत हाई नेटवर्थ वाले व्यक्ति (HNI) यूपीआई के ज़रिए आईपीओ में 5 लाख रुपये तक की बोली लगा सकते हैं. निवेश में इस उछाल की एक वजह यह हो सकती है. इस आईपीओ में फर्स्ट टाइम इन्वेस्टर्स ने काफी दिलचस्पी दिखाई है. खास तौर पर लोगों ने क्यूआर कोड का काफी इस्तेमाल किया है.”

सबसे बड़ा आईपीओ: आईपीओ के लिए एक कदम और आगे बढ़ी एलआईसी, सिटी ग्रुप, एसबीआई कैपिटल सहित 5 मर्चेंट बैंकर्स चुने गए

एलआईसी के आईपीओ पर सबकी नजर है। माना जा रहा है कि इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 8-10 लाख करोड़ रुपए होगा - Dainik Bhaskar

देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी और बाजार की निवेशक एलआईसी ने अपने आईपीओ में एक कदम और आगे बढ़ा लिया है। कंपनी ने इनवेस्टमेंट बैंक सिटी ग्रुप, एडलवाइस, एसबीआई कैपिटल मार्केट्स, डेलॉय और क्रेडिट सुइस को मर्चेंट बैंकर्स के रूप में चुना है। यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ होगा।

इसी वित्त वर्ष में आईपीओ आने की संभावना

जानकारी के मुताबिक उपरोक्त पांचों बैंकर्स के नाम सोमवार को चुने गए हैं। इससे पहले इन बैंकर्स ने टेक्निकल बिड्स का प्रजेंटेशन किया था। अब फाइनेंशियल बिड्स के लिए गुरुवार को नामों का चयन होगा। कुल 11 कंपनियों में से इन पांच के नामों को चुना गया है। फाइनेंशियल बिड्स के बाद दो नामों को अंत में प्री आईपीओ के लिए चुना जाएगा। कहा जा रहा है कि एलआईसी किसी भी तरह से इसी वित्त वर्ष में आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है।

हालांकि इसके लिए उसे कई तरह के बदलावों का सामना भी करना पड़ेगा। इसमें उसके एक्ट से लेकर कैबिनेट की मंजूरी तक शामिल होगी। कंपनी जल्द ही अपने वैल्यूएशन और डील के स्ट्रक्चर को लेकर भी काम करेगी।

34 लाख करोड़ रुपए की है असेट्स

बता दें कि इस पूरी प्रक्रिया को सरकार का डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक असेट मैनेजमेंट (दीपम) देख रहा है। दीपम वित्त मंत्रालय के तहत आता है। इसी ने रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल जारी किया था। आईपीओ लाने से पहले सरकार को इंश्योरेंस एक्ट को सुधारना होगा। देश में कुल 24 जीवन बीमा कंपनियों में से एलआईसी की बाजार हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2020 आईसी मार्केट्स में 69 प्रतिशत रही है। इसका फर्स्ट ईयर प्रीमियम 1.78 लाख करोड़ रुपए रहा है। कंपनी में सरकार की 95 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कंपनी के पास 34 लाख करोड़ रुपए की असेट्स है।

सालाना 2 लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश

एलआईसी के पास कुल करीबन 34 करोड़ पॉलिसियां हैं। इसमें इंडिविजुअल और ग्रुप दोनों का समावेश है। हालांकि देश में 23 निजी सेक्टर की बीमा कंपनियों के 20 साल के बाद भी एलआईसी अपनी बाजार हिस्सेदारी बनाए रखी है। प्रीमियम और पॉलिसी दोनों के मामलों में यह कंपनी नंबर वन है। सालाना यह दो लाख करोड़ का निवेश करती है। इसमें से 50-60 हजार करोड रुपए शेयर बाजार में निवेश किया जाता है।

एलआईसी के आईपीओ के लिए ग्रे मार्केट से नहीं मिल रहे सकारात्मक संकेत

एक समय एलआईसी शेयर पर प्रीमियम 95 रुपये तक पहुंच गया था वहीं अब 25 रुपये डिस्का उंट पर चल रहा है

इस समय शेयर बाजार की हालत खस्ता नजर आ रही हैं। खास कर भारतीय निवेशकों के लिए, पहले पेटीएम और अब बड़े धूम धड़ाके से लॉन्चे हुए एलआईसी आईपीओ से निवेशकों को निराशा ही मिल रही है। एलआईसी की लिस्टिंग 17 मई को होने की उम्मीटद के बीच शेयर बाजार आईसी मार्केट्स में हो रहे लगातार गिरावट और ग्रे मार्केट में एलआईसी शेयरों की कीमतों में आई भारी कमी से अब इसके लिस्टिंग गेन्सक पर सवालिया निशान लग गया है। ऐसे में अगर ग्रे मार्केट में शेयर के प्राइस को संकेत माना जाए तो 17 मई को बीएसई और एनएसई में इसकी लिस्टिंग कमजोर रह सकती है।

मनीकंट्रोल डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, एलआईसी के शेयर गुरुवार को ग्रे मार्केट में 25 रुपये डिस्काटउंट चल रहा है। 4 मई को एलआईसी के लॉन्चक होने के बाद से ही ग्रे मार्केट में इस शेयर की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव हो रहा है। एक समय एलआईसी शेयर पर प्रीमियम 95 रुपये तक पहुंच गया था। वहीं इस बारे में बाजार के जानकारों का कहना है कि शेयर बाजार में जारी मंदी के कारण ग्रे मार्केट में एलआईसी शेयरों की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। गुरुवार को भी बीएसई सेंसेक्स 1158 अंक गिरकर बंद हुआ। यह 53,000 से नीचे आ गया है। इसका सीधा असर ग्रे मार्केट में एलआईसी के शेयरों की कीमत पर पड़ा है।

आपको बता दें कि अगर 25 रुपये डिस्काउंट पर एलआईसी के शेयर लिस्ट होते हैं तो भी पॉलिसीहोल्ड र्स और रिटेल निवेशकों को नुकसान नहीं होगा क्योंकि एलआईसी आईपीओ में पॉलिसीहोल्डउर्स और रिटेल इनवेस्टिर्स को शेयर डिस्काहउंट पर मिलेंगे। पॉलिसीधारकों को शेयर 60 रुपये छूट पर मिलेगा और खुदरा निवेशको को प्रति शेयर 45 रुपये डिस्कारउंट मिलेगा।हालांकि जब एलआईसी के शेयर 889 रुपये से कम भाव पर लिस्ट होंगे तब पॉलिसीहोल्डर्स को नुकसान होने लगेगा। इसी तरह रिटेल इनवेस्टर्स को नुकसान तभी होगा, जब शेयर की लिस्टिंग 904 रुपये से कम भाव पर होगी।

गौरतलब है कि एलआईसी आईपीओ में पॉलिसीहोल्डर्स का कोटा 6.12 गुना सब्सक्राइब हुआ था। एलआईसी के कर्मचारियों ने भी इस आईपीओ में जमकर बोली लगाई। यही वजह है कर्मचारियों के लिए आरक्षित हिस्सा 4.40 गुना सब्सक्राइब हो गया। रिटेल इनवेस्टर्स का हिस्सास भी 1.99 गुना भरा है। नॉन-इंस्टीट्यूशनल कैटेगरी 2.91 सब्सक्राइब हुई है जबकि क्वालिफायड इंस्टीट्यूशनल बायर्स का कोटा 2.83 गुना है।

(यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना ज़रूरी है मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा आईसी मार्केट्स एक्सपर्ट से सलाह लें. loktej.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

LIC IPO: शेयर मार्केट के लिए एलआईसी आईपीओ के क्या मायने?

LIC IPO: LIC के आईपीओ को 'इंडिया का Aramco मोमेंट' भी कहा जा रहा है.

LIC IPO: शेयर मार्केट के लिए एलआईसी आईपीओ के क्या मायने?

LIC IPO: भारत के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ एलआईसी का आईपीओ जल्द ही मार्केट में लॉन्च होने वाल है. रिपोर्ट्स के मुताबिक IPO 11 मार्च को मार्केट में आ सकता है. सरकार इश्यू के जरिये कंपनी में अपनी 5% हिस्सेदारी बेचकर 65,000 करोड़ जुटाने को देख रही है.

हालांकि ये विशाल IPO तब आ रहा है जब मार्केट में काफी उठा-पठक हो रही है. बढ़ती ग्लोबल महंगाई आईसी मार्केट्स को कंट्रोल करने के लिए फेड ब्याज दरों में उम्मीद से ज्यादा की बढ़ोतरी कर सकता है, इसकी वजह से फॉरेन निवेशक भारतीय शेयर बाजार से लागातार भारी मात्रा में पैसा निकाल रहे हैं.

लिस्टिंग के बाद भारतीय जीवन बीमा कंपनी (LIC) मार्केट कैप के मामले में रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा कंसल्टेंसी सर्विस के बाद तीसरी सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी.

इंडिया का 'Aramco मोमेंट'

LIC के आईपीओ को 'इंडिया का Aramco मोमेंट' भी कहा जा रहा है. इसकी तुलना सऊदी अरब की ऑइल कंपनी आरामको (Aramco) से की जा रही है. आरामको ने 2019 में अपने आईपीओ से 29.4 बिलियन डॉलर जुटाया था, जोकि दुनिया का सबसे बड़ा आईपीओ था.

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LIC का स्टॉक मार्केट में 9.8 लाख करोड़ का निवेश

इंशयोरेंस कंपनी LIC ने शेयरों में करीब 9.8 लाख करोड़ का निवेश किया हुआ है. दिलचस्प बात यह है कि ये रकम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के मार्केट कैप का करीब 4 फीसदी है. LIC भारत का आईसी मार्केट्स सबसे बड़ा घरेलु संस्थागत निवेशक (DII) है.

क्या IPO लाने का ये सही समय नहीं?

कुछ मार्केट एक्सपर्ट का मानना है कि इस समय आईपीओ को लॉन्च करना सही फैसला नहीं होगा. शॉर्ट टर्म में मार्केट के सामने कई चुनौतियां हैं. जिसमे रूस-यूक्रेन विवाद, बढ़ती ग्लोबल महंगाई को काबू करने के लिए ब्याज दरों में केंद्रीय बैंक द्वारा की जा रही बढ़ोतरी सबसे अहम है.

ऐसा आमतौर पर देखा गया है जब मार्केट में गिरावट का दौर होता है तो वैसे समय पर आईपीओ को निवेशकों से अच्छा रिस्पांस नहीं मिलता है. आईपीओ का परफॉरमेंस बहुत हद तक शेयर मार्केट के सेंटीमेंट पर डिपेंड करता है. कुछ एक्सपर्ट मानते हैं 2020 और 2021 की तरह साल 2022 मार्केट के लिए पॉजिटिव नहीं रहेगा.

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LIC के आईपीओ से दूसरे इंशयोरेंस कंपनी के शेयर पर क्या पड़ेगा प्रभाव?

LIC के आईपीओ के कारण दूसरे दूसरी इंशयोरेंस कंपनी के शेयरों पर दबाब बना रहेगा, क्योंकि निवेशक सरकारी बीमा कंपनी में निवेश करने की जगह बनाने के लिए तीन सूचीबद्ध निजी जीवन बीमा कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी कम कर रहे हैं. ऐतिहासिक रूप से, मार्केट के लीडर की लिस्टिंग सबसे पहले होती है. यह एक दुर्लभ क्षण है जब किसी बड़े खिलाड़ी को बहुत देर से सूचीबद्ध किया जा रहा है. जाहिर है फंड मैनेजर 10 से 11 फीसदी वाली निजी बीमा कंपनी से निकल कर 60 फीसदी मार्केट शेयर वाली सरकारी कंपनी की तरफ जा सकते हैं.

LIC के आईपीओ की खबर से ही बाकी लिस्टेड इंशयोरेंस कंपनी के शेयर्स की पिटाई शुरू हो गई है. इस साल की शुरुआत से अब तक मैक्स फाइनेंशियल सर्विस का शेयर 16%, HDFC AMC का शेयर 11% और SBI लाइफ का शेयर 5% टूट चूका है.

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