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शेयर मार्किट में कूदने से पहले जान ले ये सब जरूरी बातें | Face Value, Book Value and Market Value of Share in Hindi
शेयर मार्किट में कूदने से पहले जान ले ये सब जरूरी बातें, Face Value,…
शेयर मार्किट क्या है, कैसे ये स्टॉक मार्किट से अलग है, इसके रिस्क और रिटर्न्स | What is Share Market and its Basics, Risk and Returns in Hindi
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New Year's 2022 Resolution: नये वर्ष पर लें बचत का संकल्प! फिक्स डिपॉजिट नहीं यहां करें निवेश! कम जोखिम में होगी ज्यादा कमाई!
नववर्ष 2023 के बस कुछ दिन शेष रह गये हैं. बहुत से लोग हैं जो नववर्ष को गुडलक मानते हैं. उन्हें लगता है कि नया साल उनके लिए एक सुखद परिवर्तन लाएगा. इसके लिए वे घर-परिवार एवं खुद के सुखद भविष्य के लिए नववर्ष पर नये-नये संकल्प बुनते हैं.
नववर्ष 2023 के बस कुछ दिन शेष रह गये हैं. बहुत से लोग हैं जो नववर्ष को गुडलक मानते हैं. उन्हें लगता है कि नया साल उनके लिए एक सुखद परिवर्तन लाएगा. इसके लिए वे घर-परिवार एवं खुद के सुखद भविष्य के लिए नववर्ष पर नये-नये संकल्प बुनते हैं. इसी दिशा में बचत के संदर्भ में कुछ उपयोगी सुझाव यहां प्रस्तुत है.
फिक्स डिपॉजिट अब पर्याय नहीं रहा!
एक समय था, जब लोग एक मुश्त रकम के शेयर मार्किट क्या और इसके रिस्क निवेश के लिए फिक्स डिपॉजिट या पोस्ट ऑफिस में इंदिरा विकास पत्र जैसे निवेशों का चुनाव करते थे, क्योंकि तब 5 साल में रकम दुगुनी हो जाती थी, आज अधिकांश बैंकों में 7 फीसदी सालाना दर से ब्याज मिल रहे हैं, जो महंगाई दर के मुकाबले काफी कम है. आज किसी भी फिक्स डिपॉजिट में जमा राशि को दोगुना होने में न्यूनतम 10 वर्ष की अवधि लगती है, क्योंकि वर्तमान में फिक्स डिपॉजिट पर केवल 2 से 3 प्रतिशत सालाना रिटर्न मिल रहा है. इसलिए में महंगाई के चढ़ते-उतरते ग्राफ को देखते हुए फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करना किंचित समझदारी नहीं कही जा सकती. यह भी पढ़ें : New Year 2023: पश्चिम रेलवे का फैसला, नए साल पर यात्रियों की सुविधा के लिए 31 दिसंबर और 1 जनवरी की मध्यरात्रि के दौरान चलाएगा स्पेशल मुंबई लोकल ट्रेन, चेक डिटेल्स
छोटी रकम से निवेश तो जोखिम भी कम होगा
अगर आपके पास जमा पूंजी नहीं है, तो क्या गारंटी कि नववर्ष 2023 में आपकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी. आज महंगाई के अनुसार आमदनी नहीं बढ़ रही है, तो अगले साल भी आर्थिक संकट बने रहने की संभावना हो सकती है. ऐसे में नववर्ष में अगर आप कुछ जोखिम लेने के लिए तैयार हैं, तो नववर्ष से कुछ उम्मीद कर सकते हैं. इस नववर्ष में अपनी आय के अनुसार कम जोखिम और बेहतर रिटर्न वाले विकल्प का चुनाव कर सकते हैं. इसके लिए शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में रुचि लेना चाहिए. यहां छोटे-छोटे निवेश कर बड़ी आय अर्जित किया जा सकता है. शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए डिमैट अकाउंट की जरूरत होती है, इसके जरिये मात्र 500 रुपये से म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत की जा सकती है. किसी वित्तीय एक्सपर्ट से बात कर सीधा शेयर मार्केट में भी निवेश कर सकते हैं. शेयर बाजार में कम जानकारी होने से भारत में आज भी मात्र तीन प्रतिशत लोग शेयर बाजार में निवेश करते हैं, जबकि अमेरिका में 55 फीसदी लोग शेयर बाजार से जुड़े हैं.
बचत को सही जगह करें इन्वेस्ट!
नववर्ष में थोड़ा-सा जोखिम लेकर आप अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बना सकते हैं. मान लीजिये आपका वेतन प्रतिमाह 40 हजार रूपये के आसपास है, नववर्ष से प्रति माह आप अपने वेतन से 20 प्रतिशत की सेविंग करें, इसे रिकरिंग, सेविंग अथवा फिक्स डिपॉजिट में जमा नहीं करें. वेतन के 20 फीसदी में से 10 फीसदी यानी 4 हजार रूपये म्युचुअल फंड में व्यवस्थित निवेश योजना (Systematic Investment Plan) में करें और शेष 10 फीसदी सीधा शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करें, आप देखेंगे कि आपने काफी कम समय में अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं.
ऐसे करें चुनाव शेयर बाजार का!
अगर आप शेयर बाजार के मामले में कुछ भी नहीं जानते हैं तो किसी एक्सपर्ट की मदद जरूर लें, लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें कि कि उन्हीं कंपनियों के शेयरों का शेयर मार्किट क्या और इसके रिस्क चुनाव करें, जिनके प्रोडक्ट के बारे में आप अच्छी तरह जानते हैं और स्वयं भी उसका इस्तेमाल करते हैं, साथ ही जांच-परख लें कि अमुक कंपनी मुनाफे में चल रही हो. नुकसान में चल रही कंपनी में कभी भी पैसा इन्वेस्ट नहीं करना चाहिए.
इस तरह छोटी रकम आप बड़ी पूंजी बना सकते हैं!
अगर आप प्रतिमाह अपने मासिक बचत को एसआईपी करते हैं, तो इसका वार्षिक न्यूनतम 12 प्रतिशत रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं. इस तरह प्रत्येक माह बचत करके 5 साल में बड़ी रकम प्राप्त की जा सकती. लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें, कि म्यूचुअल फंड और इक्विटी बाजार में इन्वेस्टमेंट कभी-कभी रिस्की भी हो सकता है. यानि कभी उम्मीद से कम राशि भी प्राप्त हो सकती है, क्योंकि यह बाजार के गिरते उठते ग्राफ पर निर्भर करता है, लेकिन गिरी से गिरी हालत में भी फिक्स अथवा रिकरिंग डिपॉजिट की तुलना में यह बेहतर रिटर्न देता है.
इसके लिए बेहतर होगा कि आप किसी वित्त एक्सपर्ट की मदद लें.
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2023 में कहां करें निवेश? ये 10 म्यूचुअल फंड्स दे रहे सबसे बेहतर विकल्प
Best Mutual Funds: वह नियमित तरीके से होने वाली आय के साथ-साथ पैसों को नई-नई स्कीम्स में इन्वेस्ट कर एक्स्ट्रा आय का साधन बना रहे हैं. इन्हीं में से एक निवेश का साधन है म्यूचुअल फंड. म्यूचुअल फंड एक प्रोफेशनली रूप से मैनेज्ड निवेश स्कीम है, जो सिक्योरिटीज को खरीदने के लिए इन्वेस्टर्स से पैसा इकठ्ठा करती है.
मौजूदा साल (2022) अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुका है और नए साल (2023) के आने में बस अब चंद दिन बाकी रह गए हैं. यह साल का वो समय होता है जब लोग आने वाले साल के लिए प्लानिंग शुरू कर देते है. क्योंकि लोगों के जीवन का आर्थिक पक्ष भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, इसलिए उन्हें निवेश के उद्देश्य से भी सोचना शुरू कर शेयर मार्किट क्या और इसके रिस्क देना चाहिए. पिछले कुछ समय से देखा जाए तो स्टॉक मार्केट में लोगों खासकर युवा वर्ग की दिलचस्पी बढ़ी है. वह नियमित तरीके से होने वाली आय के साथ-साथ पैसों को नई-नई स्कीम्स में इन्वेस्ट कर एक्स्ट्रा आय का साधन बना रहे हैं. इन्हीं में से एक निवेश का साधन है म्यूचुअल फंड. म्यूचुअल फंड एक प्रोफेशनली रूप से मैनेज्ड निवेश स्कीम है, जो सिक्योरिटीज को खरीदने के लिए इन्वेस्टर्स से पैसा इकठ्ठा करती है.
इस दौरान कुछ लोग जो म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करना चाहते हैं, वह कुछ चीजों को लेकर काफी कन्फ्यूज रहते हैं और उस प्रश्नों के जवाब के लिए अपने करीबी या इंटरनेट की मदद लेते है. हालांकि, इस बीच सबसे बड़ा सवाल जो एक नए इन्वेस्टर के मन शेयर मार्किट क्या और इसके रिस्क में आता है वह है कि कौन सी म्यूचुअल फंड स्कीम में इन्वेस्ट करें. लेकिन फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि हमने आप के लिए ऐसी म्यूचुअल फंड स्कीम्स की लिस्ट तैयार की है, जो आपको इन्वेस्ट करने में मदद कर सकती है.
इस लिस्ट में एग्रेसिव हाइब्रिड, लार्ज कैप, मिड कैप, स्मॉल कैप और फ्लेक्सी कैप स्कीमें चुनी गई हैं, जिसमें शामिल हैं -
Mutual Funds: छोटी अवधि की योजनाओं में निवेश लाभकारी
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्युचुअल फंड में उप मुख्य निवेश शेयर मार्किट क्या और इसके रिस्क अधिकारी (फिक्स्ड इनकम) मनीष बंठिया ने अभिषेक कुमार के साथ साक्षात्कार में बताया कि आरबीआई द्वारा मुद्रास्फीति लक्ष्य 4 से बढ़ाकर 6 प्रतिशत किए जाने से लंबी अवधि के फंडों का प्रतिफल ज्यादा आकर्षक नहीं रह गया है। उन्होंने इस बारे में विस्तार से बताया कि मौजूदा समय में निवेशकों को डायनेमिक बॉन्ड फंडों, क्रेडिट-रिस्क फंडों, और टार्गेट मैच्युरिटी फंडों (टीएमएफ) को क्यों पसंद करना चाहिए। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:
क्या आप मानते हैं कि मुद्रास्फीति में नरमी आने से आरबीआई दर वृद्धि पर विराम लगाएगा?
हमारा मानना है कि आरबीआई अन्य 25 आधार अंक तक की वृद्धि के बाद ब्याज दर बढ़ोतरी पर विराम लगाएगा। यह उम्मीद इस तथ्य से पैदा हुई है कि केंद्रीय बैंक ब्याज दर के तटस्थ दायरे के करीब है।
क्या तीन से पांच साल के लिहाज से डेट फंड श्रेणी अच्छी है?
मौजूदा परिवेश में हम कम अवधि वाली योजनाओं में निवेश पसंद कर रहे हैं। तीन से पांच साल के नजरिये से हम डायनेमिक बॉन्ड और ऊंची यील्ड-टु-मैच्युरिटी (वाईटीएम) वाली क्रेडिट कैटेगरी पेशकशों को पसंद कर रहे हैं।
क्या प्रतिफल के लिहाज से बाजार आकर्षक हैं?
एक से दो वर्ष की अवधि निवेश परिदृश्य के नजरिये से ज्यादा आकर्षक है। आरबीआई द्वारा मुद्रास्फीति का लक्ष्य 4 से 6 प्रतिशत किए जाने से 10 वर्षीय बॉन्ड सिर्फ 8 प्रतिशत या इससे ऊपर ही आकर्षक माना जाएगा। इसके अलावा, 6 प्रतिशत की औसत मुद्रास्फीति के साथ, हमें नहीं लगता कि दरें आर्थिक मंदी बढ़ाने के लिए बाधक हैं। अर्थव्यवस्था में लगातार सुधार आने की संभावना है और संपूर्ण मौद्रिक नीति विकास अनुकूल होगी। इसलिए, पोर्टफोलियो में समय अवधि बढ़ाना मौजूदा परिवेश में उचित नहीं हो सकता है।
क्या आप मानते हैं कि निवेशक डेट फंडों की ओर लौट रहे हैं और प्रवाह गैर-नकदी योजनाओं में सकारात्मक हो रहा है?
कम ब्याज दरों का समय बीत चुका है। चूंकि दर चक्र तटस्थ हो रहा है, इसलिए हमारा नजरिया परिसंपत्ति वर्ग के तौर पर निर्धारित आय को लेकर बेहद सकारात्मक हो गया है। सभी श्रेणियों में पोर्टफोलियो वाईटीएम अब बेहद आकर्षक है। हमें उम्मीद है कि डेट फंडों के लिए निवेशक दिलचस्पी में बदलाव आएगा। मूल्यांकन के मानकों पर, निर्धारित आय वर्ग अन्य विकल्पों की तुलना में आकर्षक लग रहा है।
मनी मार्केट फंडों जैसे संक्षिप्त अवधि के फंडों का वाईटीएम पिछले कुछ समय से लगभग 7 प्रतिशत है। यह कितने समय तक बना रहेगा?
दरें मजबूत रहने की संभावना है, क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था ने अच्छा प्रदर्शन किया है और विकास की संभावना मजबूत बनी हुई है। हमारा मानना है कि आरबीआई दर वृद्धि पूरी हो जाने के बाद लंबे समय तक दरों पर विराम लगाएगा। इसके लिए उस बदलाव को मददगार माना जा रहा है जिससे भारत मौजूदा समय में गुजर रहा है।
इस साल टार्गेट मैच्युरिटी में कई पेशकश की गईं। फंड हाउस इज्यादा पसंद क्यों कर रहे हैं?
टीएमएफ बेहद आसानी से समझी जाने वाली योजनाएं हैं और जोखिम और प्रतिफल को समझने का स्पष्ट प्रोफाइल होता है। कुछ पारंपरिक गैर-एमएफ निर्धारित आय विकल्पों के मुकाबले टीएमएफ बेहतर हैं। यदि इनमें तीन साल से ज्यादा समय तक निवेश बरकरार रखा जाए तो निवेशकों को इंडेक्सेशन का लाभ मिलता है, जिससे कर-बाद प्रतिफल बढ़ जाता है और खासकर ऊंचे कर दायरे में आने वालों को मदद मिलती है।
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