कृषि विशेषज्ञों की मानें तो 2018 में भारत द्वारा मिलेट वर्ष मनाने के बाद बाजरा सहित अन्य मोटे अनाजों की खूबियों के किसान और लोग जागरूक हुए हैं। नतीजन बाजरे के प्रति हेक्टेयर उपज, कुल उत्पादन और फसल आच्छादन के क्षेत्र (रकबे) में लगातार वृद्वि हुई।

भारत और UAE के बीच हुआ मुक्त व्यापार समझौता, 10 लाख नौकरियों के मिलेंगे अवसर

By: पीटीआई, एजेंसी | Updated at : 19 Feb 2022 06:48 PM (IST)

Trade Agreement India and UAE:लोग विदेशी मुद्रा व्यापार कहाँ करते हैं? वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होने से द्विपक्षीय व्यापार को अगले पांच साल में 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही लाखों की संख्या में रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा.

मुक्त व्यापार समझौते पर हुए हस्ताक्षर
गोयल ने भारत औक UAE के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर होने के बाद संवाददाताओं से कहा कि व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA) मई में प्रभावी हो सकता है और पहले दिन से ही भारतीय हित से जुड़े करीब 90 फीसदी उत्पादों के लिये यूएई को निर्यात का रास्ता खुल जाएगा.

विदेशी मुद्रा की बरसात कराएगा सूखे में उगने वाला बाजरा

कमोडिटीज 13 दिसम्बर 2022 ,11:45

विदेशी मुद्रा की बरसात कराएगा सूखे में उगने वाला बाजरा

विदेशी मुद्रा की बरसात कराएगा सूखे में उगने वाला बाजरा

में स्थिति को लोग विदेशी मुद्रा व्यापार कहाँ करते हैं? सफलतापूर्वक जोड़ा गया:

में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:

लखनऊ, लोग विदेशी मुद्रा व्यापार कहाँ करते हैं? 13 दिसंबर (आईएएनएस)। कम पानी और सूखी जमीन पर लोग विदेशी मुद्रा व्यापार कहाँ करते हैं? उपज देने वाला बाजरा अब विदेशी मुद्रा की बरसात कराएगा। चंद रोज बाद शुरू होने वाला इंटरनेशनल मिलेट ईयर 2023 इसका जरिया बनेगा। पोषक तत्वों से भरपूर अनेक प्रकार के रोगियों के लिए उपयुक्त यह बाजरा अब बड़े होटलों और किचन की शोभा बढ़ाएगा।दरअसल उत्तर प्रदेश में देश के कुल उत्पादन का करीब 20 फीसद है। प्रति हेक्टेयर प्रति किग्रा उत्पादन देश के औसत से अधिक होने के नाते इसकी संभावनाएं बढ़ जाती हैं। तब तो और भी जब अच्छी-खासी पैदावार के बावजूद सिर्फ एक फीसद बाजरे का निर्यात होता है। निर्यात होने वाले में अधिकांश साबुत बाजरे का होता है। लिहाजा प्रसंस्करण के जरिए इसके निर्यात और इससे मिलने वाली विदेशी मुद्रा की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

क्‍या दुनियाभर के लोग भारत में लगा रहे हैं पैसा, रिकॉर्ड स्‍तर पर पहुंच गया है विदेशी पूंजी भंडार

आरबीआई की ओर से जारी साप्‍ताहिक आंकड़ाें के मुताबिक, 12 जून को समाप्‍त हफ्ते के दौरान देश के विदेशी पूंजी भंडार में 5 अरब डॉलर से ज्‍यादा की वृद्धि दर्ज की गई है.

आरबीआई की ओर से जारी साप्‍ताहिक आंकड़ाें के मुताबिक, 12 जून को समाप्‍त हफ्ते के दौरान देश के विदेशी पूंजी भंडार में 5 अरब डॉलर से ज्‍यादा की वृद्धि दर्ज की गई है.

कोरोना संकट (Corona Crisis) के बीच देश के लिए अच्‍छी खबर है कि 12 जून को खत्‍म हुए सप्‍ताह में भारत का विदेशी पूंजी भंड . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : June 19, 2020, 20:41 IST

मुंबई. कोरोना संकट से निपटने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण कारोबारी गतिविधियां थमने से दुनियाभर में आर्थिक संकट की स्थिति पैदा हो गई है. इस बीच पिछले कुछ सप्‍ताह से भारत के विदेशी पूंजी भंडार (Forex Reserve) में लगातार हो रही बढ़ोतरी देश की अर्थव्‍यवस्‍था (Indian Economy) के लिए अच्‍छा संकेत मानी जा रही है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, 12 जून को समाप्‍त सप्‍ताह में देश का विदेशी पूंजी भंडार 5.942 अरब डॉलर बढ़कर 507.64 अरब डॉलर हो गया है. केंद्रीय बैंक के मुताबिक, विदेशी पूंजी भंडार में ये उछाल विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Currency Assets) में हुई बढ़त के कारण दर्ज किया गया है.

शुरुआती कारोबार में रुपया डॉलर के मुकाबले 26 पैसे मजबूत

शुरुआती कारोबार में रुपया डॉलर के मुकाबले 26 पैसे मजबूत

अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव कम होने के साथ निवेशकों की धारणा मजबूत होने के चलते शुरुआती कारोबार में शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 26 पैसे की मजबूती के साथ 70.88 पर पहुंच गया. मुद्रा कारोबारियों के अनुसार विदेशी निवेशकों की सतत लिवाली से निवेशकों का रुख सकारात्मक देखा गया. इसके अलावा कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में गिरावट का असर भी रुपये पर पड़ा है.

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अमेरिका के वित्त मंत्री स्टीवन म्नूचिन ने बृहस्पतिवार को कहा कि अमेरिका चीन के साथ व्यापार मुद्दों पर ‘अर्थपूर्ण प्रगति' करना चाहता है. अंतरबैंकिग विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 70.94 रुपये प्रति डॉलर पर खुला. सुबह के कारोबार में यह जल्द ही 26 पैसे सुधरकर 70.88 रुपये प्रति डॉलर पर चल रहा है. हालांकि यह बढ़त ज्यादा देर बरकरार नहीं रह सकी. यह 10 बजे 70.99 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया। बृहस्पतिवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 71.14 पर बंद हुआ था. इसी बीच ब्रेंट कच्चा तेल की कीमत 60.21 डॉलर प्रति बैरल पर है. आरंभिक आंकड़ों के अनुसार बृहस्पतिवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 783.55 करोड़ रुपये की लिवाली की.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

नए सामाजिक अनुबंध की जरूरत

नए सामाजिक अनुबंध की जरूरत

पचहत्तर साल पहले भारत को भूख और भुखमरी से निपटने के लिए संघर्ष करना पड़ा था। उस काल-खंड में विदेशी मुद्रा पाने के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ी थी। हमारे सामने तब एक आजाद मुल्क बने रहने और अति-गरीबी से मुक्ति के लिए अपने आर्थिक विकास को गति देने की भी चुनौती थी। बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य, घरेलू व निर्यात संबंधी प्रतिस्पद्र्धी बुनियादी ढांचे और कृषि व विनिर्माण क्षमताओं के आधुनिकीकरण को लेकर भी हम प्रयासरत थे। इसी तरह, सामंती व्यवस्था से ऊपर उठते हुए हमें एक ऐसे युग में प्रवेश करना था, जहां समानता और सामाजिक गतिशीलता को अधिक प्रोत्साहन मिले। इस लिहाज से देखें, तो इन सभी अहम कसौटियों पर हमने अच्छी-खासी तरक्की की है।
मगर क्या हमने अवसर भी गंवाए, गलतियां भी कीं? वास्तव में, हर सफलता कमियों और गंवाए गए अवसरों के साथ ही रेखांकित की जाती है। जैसे, यह समझ से परे है कि कैसे हमने अत्यधिक नियंत्रण वाले केंद्रीकृत योजनाबद्ध मॉडल को लगातार बनाए रखा। यह भी बहुत साफ नहीं कि साल 1991 के आर्थिक सुधार उस समय लोग विदेशी मुद्रा व्यापार कहाँ करते हैं? की मजबूरी थे या हमारी चयन संबंधी आजादी का प्रतिफल? विकल्प तभी सार्थक होते हैं, यदि चुनने के रास्ते कई लोग विदेशी मुद्रा व्यापार कहाँ करते हैं? हों। साल 1991 में हमारे पास चयन के विकल्प सीमित थे।

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