इस सरकारी बैंक के शेयर ने 3 महीने में दिया बंपर रिटर्न, 80 फीसदी चढ़ा स्टॉक, अब आगे क्या करें?
Union Bank of India share price : सरकारी बैंकों के शेयरों में तेजी का सिलसिला जारी है. इस लिस्ट में यूनियन बैंक का शेयर भी शामिल है. बीते तीन महीने में शेयर ने 80 फीसदी का बंपर रिटर्न दिया है.
यूनियन बैंक का शेयर आपने खरीदा है या फिर खरीदने की तैयारी है तो आपको बता दें कि एक्सपर्ट्स ने शेयर खरीदने वालों को इसे होल्ड करने की सलाह दी है. शेयर के रिटर्न की बात करें तो एक महीने में 16 फीसदी, तीन महीने में 80 फीसदी और सालभर में 100 फीसदी का रिटर्न दिया है.
बैंक में प्रमोटर्स यानी सरकारी की हिस्सेदारी करीब 83.49 फीसदी है. बीती 5 तिमाही से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है.
एफआईआई यानी विदेशी संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी इस दौरान 1.43 फीसदी पर स्थिर है. हालांकि, डीआईआई ने अपनी हिस्सेदारी 6.70 फीसदी से बढ़ाकर 7.05 फीसदी कर ली है.
Union Bank ने बताया कि सितंबर तिमाही में इसके मुनाफा सालाना आधार पर 21.07 फीसदी बढ़कर 1,848 करोड़ रुपये रहा. एक साल पहले इसी तिमाही में 1,526 करोड़ रुपये रहा था.
बैंक का नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) सितंबर तिमाही में 21.61 फीसदी बढ़कर 8,305 रुपये रहा बैंक का नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) सितंबर तिमाही में 2.95 फीसदी रहे
टेक्निकल एनालिस्ट शिवेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि शेयर में काफी तेजी आ चुकी है. हालांकि, चार्ट्स पर अभी भी आकर्षक लग रहा है. अगर किसी ने खरीदा है तो उसे होल्ड करना चाहिए. शेयर पर स्टॉपलॉस 80 रुपये के करीब रहेगा. नए निवेश से फिलहाल बचना चाहिए.
मोतीलाल ओसवाल की हालिया रिपोर्ट में भी यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के शेयर में खरीदारी की सलाह आई है. शेयर पर 100 रुपये का लक्ष्य तय किया गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि बीती 5 तिमाही से बैंक का आमदनी और मुनाफे के फ्रंट पर प्रदर्शन अच्छा रहा है. डूबे कर्ज में कमी आना बैंक की सेहत को बेहतर कर रहा है. आने वाली तिमाहियों में बैंक का अच्छा प्रदर्शन जारी रहने की उम्मीद है
डिस्क्लेमर: CNBC TV18 हिंदी पर दी गई सलाह या विचार एक्सपर्ट/ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार हैं. वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदायी नहीं है. निवेश से पहले आप अपने वित्तीय सलाहकार यानी सर्टिफाइड एक्सपर्ट की राय जरूर लें.
शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स
मैंने उसे समझाया की कही भी अगर ज्यादा लाभ की सम्भावना होती है तो हानि की भी उतनी ही सम्भावना होती है | शेयर मार्किट में बहुत से लोगो ने अगर रातो -रात लाखो रुपये कमाए है तो बहुत से लोगो ने रातो -रात लाखो रुपये गवाएं भी है | फिर मैंने उसे यह बताया की शेयर मार्किट में प्रवेश करने के पहले निवेशको को क्या क्या जानना चाहिए | साथ ही उसे नीचे दिए गए कुछ ऐसे टिप्स भी बताये जिसे अपनाकर वह शेयर बाजार में पैसा कमाने के उद्देश्य में सफल हो सकता है |
इन्वेस्टमेंट की शुरुआत करने से पहले जानें ये बड़ी गलतियां, जिसे करने से हमेशा बचते हैं बड़े निवेशक
एक आम निवेशक को पैसे इन्वेस्ट करने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? कहां निवेश करना उसके लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकता है? इन सभी सवालों का जवाब आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
Written By: ANISH KUMAR SINGH @AnishSonevanshi
Updated on: December 25, 2022 10:28 IST
Photo:FILE इन्वेस्टमेंट की शुरुआत करने से पहले जानें ये गलतियां
आमतौर पर नए नए निवेशक ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट में अंतर नहीं समझ पाते हैं, Mutual Fund और शेयर मार्केट में बेसिक अंतर क्या है, उन्हें नहीं पता होता। ऐसे लोग इन्वेस्टमेंट के नाम पर सीधे शेयर मार्केट में कूद पड़ते हैं। दूसरे लोगों की राय पर कोई भी शेयर खरीद लेते हैं, 2-4 दिन तक थोड़ा बहुत प्रॉफिट में रहते हैं और फिर घाटे में चले जाते हैं। फिर इन्वेस्टमेंट के नाम पर कान पकड़ लेते हैं। उन्हें ये पता ही नहीं कि वो इन्वेस्टमेंट नहीं सट्टा लगा रहे थे।
आखिर 90% लोग अपने पैसे क्यों गवां देते हैं
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ऐसे लोग शेयर को उस समय ख़रीदते हैं जब वो शेयर ख़ूब चर्चा में रहता है, उसकी प्राइस बढ़ रही होती है। ऐसे लोग ट्रेडर्स माइंडसेट और इन्वेस्टर्स माइंडसेट को बिना समझे भागते घोड़े पर बोली लगाते हैं यानी तेज़ी से बढ़ रहे शेयर को ख़रीदते जाते हैं और जब उस शेयर में बिकवाली शुरू होती है, जब ट्रेडर्स अपने सौदे काटने(Square off) करने लगते हैं तब वो शेयर ऐसे धड़ाम से नीचे गिरता है कि आपको संभलने तक का मौका नहीं मिलता और रही सही कसर ऑपरेटर्स पूरी कर देते हैं। शेयर बाज़ार रूपी समंदर में ऑपरेटर्स वो बड़ी मछलियां हैं जो हमेशा छोटी Share खरीदने से पहले क्या करना चाहिए? मछलियों के शिकार के फिराक में रहते हैं। वो चाहते ही हैं कि बाज़ार में नौसिखिये लोग अपनी किस्मत आजमाने आएं और उनकी पूरी जमा पूंजी वो चट कर जाएं। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि आखिर क्या करें।
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शेयर मार्केट से नहीं Mutual Fund से शुरुआत करें
अपनी इन्वेस्टमेंट की जर्नी आप Mutual Fund से स्टार्ट करें। अब आप कहेंगे Mutual Fund का इन्वेस्टमेंट भी तो ज़्यादातर शेयर मार्केट में ही होता है, वो शेयर मार्केट से अलग कैसे है। तो इसका जवाब ये है कि Mutual Fund में Fund मैनेजर होते हैं (एक्टिव Fund में) जो काफी अनुभवी होते हैं। वह आपके पैसे को अपने हिसाब से अलग अलग शेयर्स में लगाते हैं और इसके लिए आपसे कुछ पैसे भी लिए जाते हैं। इस तरह के इन्वेस्टमेंट में रिस्क कम हो जाता है। हालांकि Passive Fund (Index Fund) में आपको ये चार्ज भी नहीं लगता है, क्योंकि उसमें कोई Fund मैनेजर नहीं होता। दुनिया के सबसे बड़े निवेशक वॉरेन बफ़ेट ने भी इंडेक्स Fund को एक्टिव Fund से अच्छा माना है। इसे उन्होंने बाकायदा सिद्ध करके भी दिखाया है।
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इंडेक्स Fund में इन्वेस्टमेंट ऐसे स्टार्ट करें
इंडेक्स Fund में इन्वेस्ट करने का बेहद आसान भाषा में तरीका भी बताया गया है। जिसे आप केवल एक बार पढ़कर समझ सकते हैं। इसके लिए किसी डिग्री या डिप्लोमा की भी जरूरत नहीं। इसके लिए नीचे दिए गए इस आर्टिकल के लिंक को क्लिक करें, और अपनी इन्वेस्टमेंट जर्नी की नई शुरुआत करें।
Investment: हर महीने 1000 रुपये का निवेश करके बनाएं लाखों, जानिए क्या हैं विकल्प
पैसे से हर किसी की जिंदगी खुशहाल बनी रहती है. पैसा नहीं होने पर लोगों को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती हैं. ऐसे में पैसे कमाने के साथ-साथ निवेश भी करते रहना चाहिए. ताकि भविष्य की जरूरतें आसानी से पूरी की जा सकें.
Published: October 29, 2020 5:08 PM IST
आज के आधुनकि जीवन में हर किसी की आवश्यकताएं बढ़ती जा रही हैं. इसके साथ कोई भी व्यक्ति जीवन भर काम नहीं करना चाहता है. ऐसे में अपने भविष्य को सुरक्षित करने और सभी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए निवेश करना बहुत आवश्यक हो जाता है.
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लेकिन निवेश करने से पहले अपनी आय का आकलन करना पड़ता है. साथ ही यह भी तय करना पड़ता है कि किस जरूरत को पूरा करने के लिए आप निवेश करना चाह रहे हैं. यह भी तय करना होगा कि कितना पैसा निवेश करना चाहते हैं और कहां पर निवेश करना चाहते हैं.
पहले तो आपको निवेश और बचत के अंतर को समझना जरूरी है. अक्सर लोग बचत तो करते हैं, लेकिन निवेश नहीं करते. जब आप निवेश करते हैं तो आप इसे केवल सुरक्षित नहीं रखते, बल्कि इसे बढ़ाने का प्रयत्न करते हैं. निवेश करने के लिए यह जरूरी नहीं है कि आपके पास ढेर सारे पैसे हों. आप हर महीने 500 या 1000 रुपये भी निवेश करके अपने भविष्य को सुरक्षित रख सकते हैं.
हम आपको यहां पर ऐसे ही पांच तरीके बता रहे हैं जहां हर महीने 1000 रुपये निवेश करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
कंपनियों के शेयरों में निवेश
शेयर बाजार में विभिन्न कंपनियों के स्टॉक में हर महीने 1000 रुपये निवेश करके आप अपना पोर्टफोलियो अच्छा बना सकते हैं. हालांकि, इतनी कम राशि में आप बड़ी कंपनियों के महंगे स्टॉक्स में निवेश नहीं कर पाएंगे, लेकिन कई ऐसी कंपनियां हैं जो अच्छा ग्रोथ कर रही हैं और उनके शेयर की कीमत 1000 रुपये से कम है. ऐसी कंपनियों का शेयर खरीदकर आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. लेकिन किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले अच्छी तरह रिसर्च करें और शेयर इस मकसद से खरीदें कि आपको इसे 7 से 10 साल के बाद बेचना है. इसलिए ऐसी कंपनी के शेयर खरीदें जिसके फंडामेंटल्स काफी मजबूत हों.
रेकरिंग टर्म डिपॉजिट
रेकरिंग डिपॉजिट (RD) एक तरह का टर्म डिपॉजिट है जो निवेशकों की रेगुलर सेविंग की आदत को बढ़ावा देता है. RD अकाउंट में हर महीने मिनिमम 100 रुपये निवेश किया जा सकता है. इसकी अधिकतम मेच्योरिटी 10 साल की है. इसमें ग्राहकों को 3 फीसदी से लेकर 9 फीसदी तक Interest मिलता है. यह भी फिक्स्ड डिपाजिट की तरह फाइनेंशियल इन्वेस्टमेंट आप्शन है, लेकिन यहां निवेश के लिए अधिक सहूलियत है. FD में जहां एक मुश्त पैसा लगाना पड़ता है, RD में आप SIP की तरह अलग-अलग इंस्टालमेंट में मंथली बेसिस पर निवेश कर सकते हैं.
म्यूचुअल फंड्स में निवेश
आप म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) में हर महीने कम से कम 500 रुपये का निवेश भी कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों से पैसे जुटाती हैं और वे कंपनियों के शेयरों में निवेश करती हैं. जो लोग शेयर बाजार में निवेश के बारे में बहुत नहीं जानते, उनके लिए म्यूचुअल फंड्स निवेश का एक अच्छा विकल्प है. निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से Mutual Funds स्कीम चुन सकते हैं. Mutual Funds के किसी डायरेक्ट प्लान में निवेश करने का फायदा यह है कि आपको कमीशन नहीं देना पड़ता है. इसलिए लंबी अवधि के निवेश में आपका रिटर्न बहुत बढ़ जाता है. SIP के जरिये आप इसमें निवेश कर सकते हैं. आप चाहें तो इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund), डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Fund) या हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम (Hybrid Mutual Fund) में निवेश कर सकते हैं.
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC)
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) एक छोटी बचत योजना है, जिसमें आप 100 रुपये से लेकर कितनी भी राशि निवेश कर सकते हैं. इस समय इस पर 6.8 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है. आप इसे पोस्ट ऑफिस या किसी बैंक से खरीद सकते हैं. इसमें निवेश करने पर इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये का टैक्स बेनिफिट मिलता है. अगर आप पांच साल के लिए NSC में हर महीने 1000 रुपये निवेश करते हैं तो एक साल में इसमें 12,000 रुपये जमा होते हैं, लेकिन पांच साल के बाद यही अमाउंट 16,674 रुपये हो जाती है.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में निवेश करने में सबसे कम जोखिम है. इसमें पैसा डूबने का कोई खतरा नहीं रहता है. अभी PPF पर सालाना 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है और सरकार Share खरीदने से पहले क्या करना चाहिए? इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत PPF में निवेश करने पर 1.5 लाख तक का टैक्स लाभ भी देती है. इसका लॉक पीरियड 15 साल है. 15 साल तक अगर आप PPF में हर महीने 1000 रुपये जमा करते हैं तो कुल जमा राशि 1,80,000 हो जाती है, लेकिन बदले में आपको 3,25457 रुपये मिलेंगे. इसके अलावा टैक्स बेनिफिट अलग से मिलेगा.
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NDTV का शेयर एक साल में 393% उछला, आपको इसे खरीदना, बेचना या अपने पास बनाए रखना चाहिए?
NDTV के शेयरों में 24 अगस्त (बुधवार) को 5 फीसदी उछाल के बाद अपर सर्किट लग गया। अडानी समूह (Adani Group) की मीडिया कंपनी के एनडीटीवी में 29.18 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के ऐलान के बाद शेयरों में यह तेजी आई
NDTV Share Prices: NDTV के शेयरों में 24 अगस्त (बुधवार) को 5 फीसदी उछाल के बाद अपर सर्किट लग गया। अडानी समूह (Adani Group) की मीडिया कंपनी के एनडीटीवी में 29.18 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के ऐलान के बाद शेयरों में यह तेजी आई। अडानी समूह ने एनडीटीवी में ओपन ऑफर के जरिए और 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का भी ऐलान किया है।
पिछले एक साल से ज्यादा समय से इस डील की चर्चा की वजह से एनडीटीवी के शेयरों में तेजी का रुख था। पिछले एक साल में यह शेयर 393 फीसदी चढ़ चुका है। सवाल यह है कि क्या आपको यह शेयर खरीदना चाहिए, बेच देना चाहिए या इसमें निवेश बनाए रखना चाहिए?
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एलारा सिक्योरिटीज के एवीपी-रिसर्च एनालिस्ट करण तौरानी ने CNBC TV-18 से कहा कि अडानी ग्रुप और एनडीटीवी की यह डील महंगी लगती है। यह सौदा बिक्री के 3.5 गुना पर हो रहा है। दूसरी वजह यह है कि लोगों की दिलचस्पी न्यूज की जगह ओटीटी में बढ़ रही है।
हालांकि, ज्यादातर एनालिस्ट्स एनडीटीवी की कीमतों के बारे में अनुमान लगाने से बच रहे हैं। इसकी दो वजहे हैं। पहला, बहुत कम एनालिस्ट्स एनडीटीवी के शेयरों को कवर करते हैं। दूसरा, अडानी समूह के शेयरों की चाल अप्रत्याशित रहती है। इसलिए इनके बारे में अंदाजा लगाना मुश्किल होता है।
मुंबई की एक ब्रोकरेज फर्म के रिसर्च हेड ने कहा कि एनडीटीवी के शेयरों में गिरावट दिख सकती है। इसकी वजह यह है कि पिछले एक साल में इस शेयर की कीमतों में जबर्दस्त उछाल आया है। इसलिए छोटी अवधि के निवेशकों को इस शेयर को बेच देना चाहिए।
उन्होंने कहा, "लंबी अवधि के इनवेस्टर्स को यह समझना चाहिए कि अडानी ग्रुप मीडिया इंडस्ट्री में एंट्री कर रहा है। एनडीटीवी के अलावा इस ग्रुप ने ब्लूमबर्गक्विंट की पब्लिशर कंपनी में 49 फीसदी हिस्सेदारी हासिल की है। इससे दोनों के बीच कुछ सिनर्जी हो सकती है। इसलिए जो निवेशक थोड़ा रिस्क ले सकते हैं, वे इस शेयर को अपने पास बनाए रख सकते हैं।" तौरानी का भी मानना है कि एनडीटीवी के शेयरों में गिरावट दिख सकती है, क्योंकि इसकी मौजूदा वैल्यूएशन बहुत ज्यादा है।
एक दूसरा सवाल भी इनवेस्टर के मन में है। वे जानना चाहते हैं कि अडानी समूह ने ओपन ऑफर में एनडीटीवी के शेयरों के लिए प्रति शेयर 294 रुपये की कीमत तय की है। यह शुक्रवार को 366 रुपये के क्लोजिंग प्राइस के मुकाबले 20 फीसदी कम है। ज्यादातर इनवेस्टर्स का मानना है कि इस वजह से ज्यादातर रिटेल इनवेस्टर्स ओपन ऑफर में अपने शेयर बेचना नहीं चाहेंगे।
ऊपर जानकारी देने वाले एनालिस्ट ने कहा कि अडानी ग्रुप को ओपन ऑफर में शेयर की कीमतें ज्यादा रखना चाहिए था। इससे यह ओपन ऑफर अट्रैक्टिव हो जाता। उन्होंने ओपन ऑफर के सफल रहने को लेकर भी आशंका जताई। खासकर तब जब इसके फाउंडर प्रणव रॉय और राधिका रॉय ने इसका विरोध किया है।
प्रणव रॉय और राधिका रॉय की एनडीटीवी में 32.26 फीसदी हिस्सेदारी है। अडानी ग्रुप ने एनडीटीवी में हिस्सेदारी रखने वाले एक दूसरी कंपनी आरआरपीआर के इनडायरेक्टली 29.18 फीसदी हिस्सेदारी हासिल की है। इसका मतलब है कि अडानी ग्रुप को 38.55 फीसदी पब्लिक शेयरहोल्डर्स से 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदनी होगी।
एक दूसरी ब्रोकिंग कंपनी के रिसर्च हेड ने कहा कि ओपन ऑफर में शेयर की कीमतें कम रखने का मतलब यह हो सकता है कि अडानी ग्रुप ने पहले ही दूसरे इनवेस्टर्स से इसके लिए डील कर ली होगी। इसलिए उसे ओपन ऑफर सफल रहने का भरोसा होगा।
एनडीटीवी के दूसरे बड़े निवेशकों में LTS Investment Fund Limited और Vikasa India EIF I Fund शामिल हैं। एलटीसी इनवेस्टमेंट की हिस्सेदारी 9.75 फीसदी है, जबकि विकासा इंडिया Share खरीदने से पहले क्या करना चाहिए? की हिस्सेदारी 4.42 फीसदी है। दोनों की मिलाकर एनडीटीवी में हिस्सेदारी 14.7 फीसदी है।
MoneyControl News
Tags: # stock markets
First Published: Aug 24, 2022 12:04 PM
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