राकेश झुनझुनवाला को शेयर बाज़ार का बिग बुल कहा जाता है (Photo-Financial Express/File)

प्राइम ब्रोकर क्या है?

What is a Prime Broker

एक प्रधान ब्रोकर आम तौर पर एक बड़े बैंक या एक निवेश कंपनी समाशोधन, संचालन समर्थन, लेनदेन और जोखिम प्रबंधन के निपटान से संबंधित धन से बचाव के लिए सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध कराने है. एक ब्रोकरेज कंपनी,एक व्यापारिक कार्यालय, एक संचालन कार्यालय और एक प्रबंध कंपनी है, जो विभिंन कार्यों को हल करने के लिए बचाव कोष में मदद करती है, एक प्रधान ब्रोकर की संरचना में शामिल हैं.

विकास एक प्रधान की दलाली

प्रधानमंत्री ब्रोकरेज सेवा से बचाव निधियों के तेजी से विकास के कारण 1970 के दशक में उत्पंन । बड़े निवेश बैंकों को अपनी सेवाओं की पेशकश करने के लिए एक निश्चित शुल्क के लिए धन बचाव शुरू कर दिया: अनुकूल शर्तों पर क्रेडिट, तकनीकी सहायता, लेखा सेवाओं और अनुसंधान, और वे भी प्रमुख निवेशकों. को मिला । 2000 के मध्य के बाद से, प्रधानमंत्री की लोकप्रियता-ब्रोकरेज सेवाओं में गिरावट शुरू हुई, और 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान, उनकी संख्या तेजी से बचाव धन और संपत्ति की संख्या में गिरावट के बाद उनके नियंत्रण में कमी आई.

सबसे बड़ा अमेरिकी निवेश बैंक लीमैन ब्रदर्स, बचाव कोष, जो बैंक से मार्जिन वित्तपोषण प्राप्त की दिवालियापन के बाद, उनकी संपत्ति संपार्श्विक के रूप में बैंक में स्थानांतरित नहीं कर सके । संकट के दौरान कई प्राइम ब्रोकर्स की क्रेडिट रेटिंग भी कम कर दी गई, और हेगड़े फंड को सबसे अच्छी क्रेडिट रेटिंग के साथ बैंकों में ले जाने लगे, क्योंकि जब प्राइम ब्रोकर की ओर से लेन-देन करते समय कंपनी की हाई रेटिंग काफी अहमियत की थी । संकट के बाद, बचाव कोष, जो एक प्रमुख दलाल की सेवाओं का उपयोग कर रहे थे, जोखिम विविधीकरण के लिए कई कंपनियों की सेवाओं का उपयोग शुरू कर दिया .

सके अतिरिक्त, ऋण के प्रावधान के लिए प्रधानमंत्री ने बचाव निधियों से प्राप्त की आवश्यकताओं में वृद्धि हुई: पूंजी का 30-40% उच्च उपज बांड के बजाय 10-15% के मामले में .

विदेशी मुद्रा प्रधानमंत्री दलालों

विदेशी मुद्रा प्रधानमंत्री दलालों उच्च चलनिधि प्रदाताओं रहे है-सबसे बड़ी दुनिया भर में जाना जाता बैंकों: बैंक ऑफ अमेरिका, बार्कलेज कैपिटल, मॉर्गन स्टेनली, ड्यूश बैंक और अंय .

विदेशी मुद्रा प्रधानमंत्री दलालों की ओर से और छोटे बैंकों और दलालों की कीमत पर लेनदेन करते है और अंतरबैंक बाजार में अपने गारंटर के रूप में कार्य करते हैं, क्योंकि एक ब्रोकरेज कंपनी और विशेष रूप से एक निजी निवेशक बड़े लेनदेन स्वतंत्र रूप से नहीं कर सकते . एक ग्राहक के साथ एक सौदा करने के बाद, प्रधानमंत्री दलाल अपने आप पक्षों के जोखिम को रोकने के लिए अंतरबैंक बाजार में विपरीत लेनदेन करता है.

केवल उन विदेशी मुद्रा ब्रोकरेज कंपनियों है कि अधिक से अधिक पारदर्शी काम और संमानित नियामकों से एक लाइसेंस है, एक प्रधानमंत्री दलाल के साथ एक समझौते में प्रवेश और अंतरबैंक बाजार में ग्राहकों के सौदों ले सकते हैं.

1 साल का यह कोर्स कर आप भी कमा सकते हैं लाखों रुपये, जानिए- Course के बारे में

1 साल का यह कोर्स कर आप भी कमा सकते हैं लाखों रुपये, जानिए- Course के बारे में

नई दिल्ली, जेएनएन। आज के युग में मार्केटिंग, बैंकिंग, स्टॉक ब्रोकिंग, अकाउंटेंसी के क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन प्रगति हो रही है। साथ ही इन क्षेत्रों में करियर के अवसर भी लगातार बढ़ रहे हैं। कॉमर्स स्ट्रीम के छात्रों के लिए स्टॉक ब्रोकर एक आकर्षक करियर मना जाता है। अगर आप यह समझते हैं कि सेंसेक्स और निफ्टी कैसे काम करता है और आपको इन सब क्षेत्रों में रुचि है, तो स्टॉक ब्रोकिंग क्षेत्र का चयन करना आपके करियर के लिए यकीनन सही होगा. ।

फाइनेंशियल शब्दों में स्टॉक्स और अन्य सिक्योरिटीज को खरीदने और बेचने की प्रॉसेस को ‘स्टॉक ब्रोकिंग’ कहा जाता है। हमारे देश में स्टॉक मार्केट के फील्ड में स्टूडेंट्स के लिए अभी बहुत अच्छे करियर ऑप्शंस उपलब्ध हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018-19 में इंडियन ब्रोकिंग इंडस्ट्री की ग्रोथ रेट (पिछले वर्ष की मॉडरेट ग्रोथ रेट) 5 से 10 फीसदी से ज्यादा है और एस्टीमेटेड रेवेन्यू 19 से 20 हजार करोड़ के आसपास रहेगा। इसलिए, भारत में स्टॉक ब्रोकिंग के फील्ड में कैंडिडेट्स का भविष्य आशाजनक है और कुछ वर्षों के वर्क एक्सपीरियंस के बाद इन प्रोफेशनल्स को काफी अच्छा सालाना सैलरी पैकेज भी मिलता है।

कौन होते हैं स्टॉक ब्रोकर?

स्टॉक ब्रोकर वे होते हैं, जो शेयर मार्केट में अपने क्लाइंट के लेन-देन के मामलों को देखते हैं। एक स्टॉक ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज और निवेशक के बीच एक कड़ी का काम करता है। बिना ब्रोकर के कोई भी निवेशक अपना सौदा शेयर मार्केट में नहीं डाल सकता है। अगर आप शेयर मार्केट में कदम रखना प्राइम ब्रोकर क्या है? चाहते हैं, तो आपको एक डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। आपके ये दोनों अकाउंट एक स्टॉक ब्रोकर संभालता है। वह अपने क्लाइंट को शेयर मार्केट में हो रहे उतार-चढ़ाव की भी जानकारी देता है। वह शेयर मार्केट में कब, कैसे, क्यों पैसे निवेश करना चाहिए, यह भी बताता है। अगर किसी को शेयर मार्केट में निवेश करना हो, तो स्टॉक ब्रोकर ही सही राय दे सकता है, जिससे कि निवेश करने वाले व्यक्ति को फायदा हो।

कोर्स एवं योग्यताएं

स्टॉक ब्रोकर के रूप में अपना करियर बनाने के लिए उम्मीदवार बैंकिंग ऐंड फाइनेस में पीजी डिप्लोमा कर सकते हैं। यह एक वर्ष का कोर्स होता है, जिसमें बैंकिंग ऑपरेशंस, फाइनेंस मैंनेजमेंट, ट्रेड फाइनेंस जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं। ग्रेजुएशन कर चुके छात्र या ग्रेजुएशन अंतिम वर्ष के छात्र पीजी डिप्लोमा इन बैंकिंग ऐंड फाइनेंस कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं और स्टॉक ब्रोकर बनने की दिशा में अपना पहला कदम रख सकते हैं। इस कोर्स के लिए छात्र को कॉमर्स स्ट्रीम से 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए। इस फील्ड में करियर बनाने वाले छात्रों को मार्केटिंग, बिजनेस, अकाउंटिंग और फाइनेंस जैसे क्षेत्रों में रुचि होनी चाहिए।

जॉब्स के अवसर

टीकेडब्लूएस इंस्टीटयूट ऑफ बैंकिंग ऐंड फाइनेंस के डायरेक्टर अमित गोयल का कहना है कि स्टॉक ब्रोकिंग में यदि अवसरों की बात करें, तो आप फाइनेंशियल एडवाइजर, बैंक ब्रोकर, इंडिपेंडेंट ब्रोकर, इक्विटी एनालिस्ट, स्टॉक ब्रोकिंग फर्म/कंपनी, इंवेस्टमेंट बैंकर के तौर पर भी काम कर सकते हैं। चूंकि यह मार्केटिंग और सेल्स से भी जुड़ा है, इसलिए वहां पर भी आपको काफी अच्छे अवसर मिल सकते हैं। एक स्टॉक ब्रोकर के तौर पर आप इन्वेस्टमेंट बैंक्स, पेंशन फंड्स ब्रोकिंग फम्र्स, म्यूचुअल फंड्स, फाइनेंशियल/ इंवेस्टमेंट कंसल्टेंसी जैसी जगहों पर कार्य कर सकते हैं।

याद रखने योग्य बातें

भारत में एक स्टॉक ब्रोकर के तौर पर आपका भविष्य काफी आशाजनक है, लेकिन इस फील्ड में अपना करियर शुरू करने से पहले आपके पास स्टॉक मार्केटिंग की गहरी समझ और जानकारी अवश्य होनी चाहिए। आपको यह जानना अति आवश्यक है कि स्टॉक मार्केट प्राइम ब्रोकर क्या है? कैसे काम करता है। उसके बाद आपको अपने नाम का रजिस्ट्रेशन सेबी अर्थात सिक्योरिटीज ऐंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया के पास अवश्य करवाना होगा। इस क्षेत्र में काफी उतार-चढ़ाव आते हैं, जो व्यक्ति को थोड़ा परेशान कर सकते हैं। ऐसे में इन सब चैलेंजेज को फेस करने की काबिलियत होनी आवश्यक है।

1 साल का यह प्राइम ब्रोकर क्या है? कोर्स कर आप भी कमा सकते हैं लाखों रुपये, जानिए- Course के बारे में

1 साल का यह कोर्स कर आप भी कमा सकते हैं लाखों रुपये, जानिए- Course के बारे में

नई दिल्ली, जेएनएन। आज के युग में मार्केटिंग, बैंकिंग, स्टॉक ब्रोकिंग, अकाउंटेंसी के क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन प्रगति हो रही है। साथ ही इन क्षेत्रों में करियर के अवसर भी लगातार बढ़ रहे हैं। कॉमर्स स्ट्रीम के छात्रों के लिए स्टॉक ब्रोकर एक आकर्षक करियर मना जाता है। अगर आप यह समझते हैं कि सेंसेक्स और निफ्टी कैसे काम करता है और आपको इन सब क्षेत्रों में रुचि है, तो स्टॉक ब्रोकिंग क्षेत्र का चयन करना आपके करियर के लिए यकीनन सही होगा. ।

फाइनेंशियल शब्दों में स्टॉक्स और अन्य सिक्योरिटीज को खरीदने और बेचने की प्रॉसेस को ‘स्टॉक ब्रोकिंग’ कहा जाता है। हमारे देश में स्टॉक मार्केट के फील्ड में स्टूडेंट्स के लिए अभी बहुत अच्छे करियर ऑप्शंस उपलब्ध हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018-19 में इंडियन ब्रोकिंग इंडस्ट्री की ग्रोथ रेट (पिछले वर्ष की मॉडरेट ग्रोथ रेट) 5 से 10 फीसदी से ज्यादा है और एस्टीमेटेड रेवेन्यू 19 से 20 हजार करोड़ के आसपास रहेगा। इसलिए, भारत में स्टॉक ब्रोकिंग के फील्ड में कैंडिडेट्स का भविष्य आशाजनक है और कुछ वर्षों के वर्क एक्सपीरियंस के बाद इन प्रोफेशनल्स को काफी अच्छा सालाना सैलरी पैकेज भी मिलता है।

कौन होते हैं स्टॉक ब्रोकर?

स्टॉक ब्रोकर वे होते हैं, जो शेयर मार्केट में अपने क्लाइंट के लेन-देन के मामलों को देखते हैं। एक स्टॉक ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज और निवेशक के बीच एक कड़ी का काम करता है। बिना ब्रोकर के कोई भी निवेशक अपना सौदा शेयर मार्केट में नहीं डाल सकता है। अगर आप शेयर मार्केट में कदम रखना चाहते हैं, तो आपको एक डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। आपके ये दोनों अकाउंट एक स्टॉक ब्रोकर संभालता है। वह अपने क्लाइंट को शेयर मार्केट में हो रहे उतार-चढ़ाव की भी जानकारी देता है। वह शेयर मार्केट में कब, कैसे, क्यों पैसे निवेश करना चाहिए, यह भी बताता है। अगर किसी को शेयर मार्केट में निवेश करना हो, तो स्टॉक ब्रोकर ही सही राय दे सकता है, जिससे कि निवेश करने वाले व्यक्ति को फायदा हो।

कोर्स एवं योग्यताएं

स्टॉक ब्रोकर के रूप में अपना करियर बनाने के लिए उम्मीदवार बैंकिंग ऐंड फाइनेस में पीजी डिप्लोमा कर सकते हैं। यह एक वर्ष का कोर्स होता है, जिसमें बैंकिंग ऑपरेशंस, फाइनेंस मैंनेजमेंट, ट्रेड फाइनेंस जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं। ग्रेजुएशन कर चुके छात्र या ग्रेजुएशन अंतिम वर्ष के छात्र पीजी डिप्लोमा इन बैंकिंग ऐंड फाइनेंस कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं और स्टॉक ब्रोकर बनने की दिशा में अपना पहला कदम रख सकते हैं। इस कोर्स के लिए छात्र को कॉमर्स स्ट्रीम से 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए। इस फील्ड में करियर बनाने वाले छात्रों को मार्केटिंग, बिजनेस, अकाउंटिंग और फाइनेंस जैसे क्षेत्रों में रुचि होनी चाहिए।

जॉब्स के अवसर

टीकेडब्लूएस इंस्टीटयूट ऑफ बैंकिंग ऐंड फाइनेंस के डायरेक्टर अमित गोयल का कहना प्राइम ब्रोकर क्या है? है कि स्टॉक ब्रोकिंग में यदि अवसरों की बात करें, तो आप फाइनेंशियल एडवाइजर, बैंक ब्रोकर, इंडिपेंडेंट ब्रोकर, इक्विटी एनालिस्ट, स्टॉक ब्रोकिंग फर्म/कंपनी, इंवेस्टमेंट बैंकर के तौर पर भी काम कर सकते हैं। चूंकि यह मार्केटिंग और सेल्स से भी जुड़ा है, इसलिए वहां पर भी आपको काफी अच्छे अवसर मिल सकते हैं। एक स्टॉक ब्रोकर के तौर पर आप इन्वेस्टमेंट बैंक्स, पेंशन फंड्स ब्रोकिंग फम्र्स, म्यूचुअल फंड्स, फाइनेंशियल/ इंवेस्टमेंट कंसल्टेंसी जैसी जगहों पर कार्य कर सकते हैं।

याद रखने योग्य बातें

भारत में एक स्टॉक ब्रोकर के तौर पर आपका भविष्य काफी आशाजनक है, लेकिन इस फील्ड में अपना करियर शुरू करने से पहले आपके पास स्टॉक मार्केटिंग की गहरी समझ और जानकारी अवश्य होनी चाहिए। आपको यह जानना अति आवश्यक है कि स्टॉक मार्केट कैसे काम करता है। उसके बाद आपको अपने नाम का रजिस्ट्रेशन सेबी अर्थात सिक्योरिटीज ऐंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया के पास अवश्य करवाना होगा। इस क्षेत्र में काफी उतार-चढ़ाव आते हैं, जो व्यक्ति को थोड़ा परेशान कर सकते हैं। ऐसे में इन सब चैलेंजेज को फेस करने की काबिलियत होनी आवश्यक है।

Share Market में निवेश के लिए ब्रोकर चुन रहे हैं? इन 5 बातों का ख्याल रखें

मार्च 2018 प्राइम ब्रोकर क्या है? से अब तक 34 ब्रोकर डिफॉल्टर घोषित हो चुके हैं

Share Market में निवेश के लिए ब्रोकर चुन रहे हैं? इन 5 बातों का ख्याल रखें

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2018 से अब तक 34 ब्रोकर डिफॉल्टर घोषित हो चुके हैं. इस साल अब तक 3 ब्रोकर डिफॉल्टर हुए हैं.

ब्रोकिंग उद्योग के सूत्रों का कहना है कि ये डिफॉल्ट ज्यादातर ब्रोकरों द्वारा क्लाइंट प्राइम ब्रोकर क्या है? सिक्योरिटीज और फंड के दुरुपयोग का परिणाम है. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने इस तरह की प्रथाओं पर रोक लगाने के लिए और कड़े मानदंडों की शुरुआत की है. जिसके बाद ये ब्रोकर उसकी अनुपालन नहीं कर सके और डिफॉल्टर हो गए.

अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने वाले हैं तो ब्रोकर चुनने से पहले इन बातों का ध्यान रखें.

1. अपने मार्जिन पर ट्रेड करें

सबसे पहले, जिस बात का निवेशकों को ध्यान रखना चाहिए वो क्लाइंट मार्जिन के अलगाव और आवंटन से जुड़ा है. रेगुलेटर द्वारा यह एक बड़ा कदम है जो 2 मई से प्रभावी होगा.

वर्तमान में ग्राहकों की व्यक्तिगत सीमा तय करना ब्रोकर के हाथ में है. ब्रोकर देखता है कि पिछले सप्ताह तीन ग्राहकों ने लेन-देन नहीं किया है, तो वह सात ग्राहकों के बीच अपनी 10 लाख रुपये की सीमा निर्धारित कर सकता है. इसे ऐसे समझें, ब्रोकर ग्राहकों के एक समूह से संबंधित धन का उपयोग दूसरों के लेन-देन के लिए कर सकता है.

बिजनेस स्टैंडर्ड के रिपोर्ट के मुताबिक, SEBI के नए नियम इस तरह के मामलों पर नजर रखेगी. 2 मई से ब्रोकरों को CCIL की बेवसाइट पर एक फाइल अपलोड करनी होगी. जिसमें प्रत्येक ग्राहक को दी जाने वाली सीमा का ब्रेक-अप देना होगा. इस जानकारी के आधार पर CCIL यह सुनिश्चित करेगा कि कोई ग्राहक अपनी व्यक्तिगत सीमा से अधिक पोजीशन न लें.

Zerodha के COO वेणु माधव कहते हैं, "इन मानदंडों की शुरूआत का मतलब यह होगा कि कोई ग्राहक दूसरे ग्राहकों की सीमा का उपयोग करके उसके द्वारा जमा किए गए मार्जिन से अधिक की पोजीशन नहीं ले सकेगा."

2. फ्लोटिंग नेट वर्थ की अवधारणा

अब फ्लोटिंग नेट वर्थ की अवधारणा पेश की गई है. ब्रोकरों को न्यूनतम नेट वर्थ के अलावा फ्लोटिंग नेट वर्थ भी मेंटेन करना होगा. मान लीजिए की एक ब्रोकर का एवरेज कैश बैलेंस 10,000 करोड़ रुपये है, उसे अब 1,000 करोड़ रुपये का नेट वर्थ बनाए रखना होगा. ब्रोकरों को फरवरी 2023 तक इस मानदंड का पालन करना होगा.

3. भुगतान में देरी से सावधान रहें

ब्रोकर के साथ खाता खोलने से पहले ऑनलाइन रिव्यू जरूर पढ़ें. एक्सचेंजों की वेबसाइटों पर ब्रोकर के खिलाफ शिकायतों की जांच करें. यदि आपको भुगतान में देरी, धन के गलत प्रबंधन, या अनधिकृत ट्रेडों से संबंधित शिकायतें मिलती हैं, तो उस ब्रोकर से बचें. हाई लीवरेज के वादे के साथ ग्राहकों को लुभाने की कोशिश करने वाले किसी भी ब्रोकर से बचना चाहिए.

4. ब्रोकिंग चार्जेज का ध्यान रखें

अकसर ब्रोकर्स अपना ब्रोकिंग चार्ज फिक्स्ड ही रखते हैं. हालांकि, ये कारोबार के वॉल्यूम और फ्रीक्वेंसी पर भी निर्भर करते हैं. ऐसे में इस बारे में बात कर लेना भी जरूरी है.

5. अन्य सेवाओं की जानकारी

कुछ ब्रोकरेज हाउस सिर्फ इक्विटी ब्रोकिंग की सेवा ही नहीं प्रदान करतें, बल्कि कई प्रकार की अन्य सेवाएं भी आप तक पहुंचाते हैं. ऐसे में जान लें कि यह सेवाएं क्या हैं और आपके लिए इनकी क्या उपयोगिता है. इसके बाद ही ब्रोकर का चयन करें.

सरकार को करोड़ों टैक्स देता हूं- लाइव इंटरव्यू में ‘ब्रोकर’ कहने पर नाराज हो गए राकेश झुनझुनवाला

इंटरव्यू के दौरान उन्हें स्टॉक ब्रोकर कहा गया जिस आप उन्होंने अपनी आपत्ति जताई और कहा कि वो कोई ब्रोकर नहीं हैं बल्कि सरकार को सालाना करोड़ों टैक्स देते हैं।

सरकार को करोड़ों टैक्स देता हूं- लाइव इंटरव्यू में ‘ब्रोकर’ कहने पर नाराज हो गए राकेश झुनझुनवाला

राकेश झुनझुनवाला को शेयर बाज़ार का बिग बुल कहा जाता है (Photo-Financial Express/File)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शेयर मार्केट के वारेन बफे समझे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला की मुलाकात काफी चर्चित रही। राकेश झुनझुनवाला ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में हिस्सा लिया जहां उनसे पीएम से मुलाकात को लेकर सवाल किए गए। इसी दौरान उन्हें स्टॉक ब्रोकर कहा गया जिस आप उन्होंने अपनी आपत्ति जताई और कहा कि वो कोई ब्रोकर नहीं हैं बल्कि सरकार को सालाना करोड़ों रुपए टैक्स देते हैं।

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में उनसे पूछा गया, ‘आप प्रधानमंत्री से मिले, बहुत सी बातें हुईं, तस्वीरें वायरल हो गईं। एक स्टॉक ब्रोकर प्राइम मिनिस्टर से क्यों मिला?’ स्टॉक ब्रोकर कहे जाने पर आपत्ति जताते हुए राकेश झुनझुनवाला ने कहा, ‘मैम, पहले मुझे एक बात कहने दीजिए। मैं हर साल सरकार को 15 लाख डॉलर (11.25 करोड़ रुपए) देता हूं। मैं कोई ब्रोकर नहीं हूं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘आपने कहा कि मैं प्रधानमंत्री से क्यों मिला? तो मुझे नहीं पता वो क्यों मिले, आपको उनसे ही पूछना चाहिए।’

इसी दौरान उन्होंने कहा कि वो मोदी और बीजेपी के समर्थक हैं। अर्थव्यवस्था को लेकर उनका कहना था कि ये जल्द ही आगे बढ़ने वाली है। वो बोले, ‘हमारा टाइम आएगा लेकिन मेरा मानना है कि हमारा टाइम आ चुका है। वो कहते हैं न हिंदी फिल्म में कि मुहूर्त का समय आ गया है, कन्या को लाइए तो हिंदुस्तान का मुहूर्त हो गया है। मैं अभी भी बाजार को लेकर बुलिश हूं इसलिए गिरावट को लेकर चिंतित नहीं हूं।’

VIKRAM GOKHALE

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राकेश झुनझुनवाला का कहना था कि भारत के रिटेल निवेशकों को लंबी अवधि के लिए पैसा लगाना चाहिए क्योंकि गिरावट की संभावना कम है। राकेश झुनझुनवाला से इसी कॉन्क्लेव में यह सवाल पूछा गया कि पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान उन्होंने क्या कहा और पीएम ने क्या कहा।

इस सवाल पर राजेश झुनझुनवाला ने कहा, ‘सुहागरात में मैंने बीवी से क्या बात किट ही…ये भी कोई बताने वाली बात है।’ उनके इस जवाब को लेकर सोशल मीडिया पर कई लोगों ने आपत्ति जताई। कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने एक ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री पद की यही गरिमा बच गई है। वहीं आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने कहा कि कभी सोचा नहीं था कोई शेयर मार्केट का दलाल पीएम से मुलाकात की तुलना अपनी सुहागरात से करेगा।

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