Flexi कैप और मल्टीकैप फंड में क्या फर्क है? कहां मिलेगा ज्यादा रिटर्न और कम रिस्क, जानिए एक्सपर्ट की राय

बिज़नस न्यूज़ डेस्क - निवेश के पारंपरिक साधनों पर रिटर्न कम हो रहा है, जिससे निवेशकों का क्रेज कम हो रहा है। फिलहाल निवेशक म्यूचुअल फंड पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं, क्योंकि यहां रिटर्न ज्यादा है। वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि युवा और मिलेनियल्स म्यूचुअल फंड में निवेश करना पसंद करते हैं। वे विशेष रूप से इक्विटी म्यूचुअल फंड पसंद करते हैं, क्योंकि उनके पास अधिक रिटर्न होता है, हालांकि जोखिम भी अधिक होता है। ऐसे में इक्विटी फंड में भी डायवर्सिफिकेशन की जरूरत होती है, जिससे जोखिम कम होगा। कॉपर के सह-संस्थापक और सीईओ मंदार मराठे का कहना है कि निवेशकों को हमेशा लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहिए। लंबी अवधि के निवेश से रिटर्न भी मिलता है और जोखिम भी कम होता है। भारत की अर्थव्यवस्था भविष्य में तेजी से बढ़ने वाली है। ऐसे में लंबी अवधि के निवेश से आर्थिक विकास का पूरा फायदा मिल सकता है। इसके अलावा, इक्विटी पोर्टफोलियो में विविधता लाने से जोखिम भी कम होता है। कुल मिलाकर, विशेषज्ञ विभिन्न प्रकार के इक्विटी निवेश की सलाह देते हैं जो निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका है।

आइए जानते हैं फ्लेक्सी कैप और मल्टीकैप फंड में क्या अंतर है। निवेशकों के लिए उच्च रिटर्न और कम जोखिम दोनों में निवेश करना बेहतर है। मराठे ने कहा कि फ्लेक्सी कैप्स में कम से कम 65 फीसदी इक्विटी या इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स जमा करने होते हैं, जबकि कम से कम 75 फीसदी मल्टीकैप में इक्विटी में निवेश करने की जरूरत होती है। हालाँकि, इस संबंध में अलग-अलग शर्तें हैं।फ्लेक्सी कैप फंड म्यूचुअल फंड में डायवर्सिफाइड इक्विटी निवेश का एक उदाहरण है। बाजार नियामक सेबी ने निवेशकों की मांग को ध्यान में रखते हुए 2017 में म्यूचुअल फंड की कैटेगरी बनाई थी। निवेशकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग कैटेगरी के फंड तैयार किए गए हैं। फ्लेक्सी कैप को नवंबर 2020 में लॉन्च किया गया था। इसमें फंड मैनेजर अलग-अलग मार्केट कैप के शेयरों में निवेश कर सकता है।

Flexi Cap Funds Kya Hai और यह Multi Cap Funds से कितना अलग है? जानें अंतर और विशेषताएं

Flexi Cap Funds Kya Hai और यह Multi Cap Funds से कितना अलग है? जानें अंतर और विशेषताएं

Flexi Cap Funds in Hindi: फ्लेक्सी-कैप म्यूचुअल फंड (Flexi Cap Fund), इक्विटी म्यूचुअल फंड की सबसे नई कैटेगरी है। तो अगर आप समझना चाहते है कि Flexi Cap Funds Kya Hai? (What is Flexi Cap Funds in Hindi) और इनकी विशेषताएं क्या है? (Features of Flexi Cap Funds in Hindi) तो लेख के साथ अंत तक बने रहे।

Flexi Cap Funds in Hindi: फ्लेक्सी-कैप म्यूचुअल फंड, इक्विटी म्यूचुअल फंड की सबसे नई कैटेगरी है। फ्लेक्सी-कैप फंड एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है जो बाजार पूंजीकरण में कंपनियों के विभिन्न शेयरों में निवेश करती हैं, चाहे वह मिड-कैप, लार्ज-कैप या स्मॉल-कैप हो। इनकी प्रवित्ति Multi Cap Funds जैसी लगती है लेकिन यह अलग होते है। लेकिन यह मल्टी कैप फंड से कितना अलग है यह जानने के लिए पहले आपको जानना होगा कि Flexi Cap Funds Kya Hai? (What is Flexi Cap Funds in Hindi) और इनकी विशेषताएं क्या है? (Features of Flexi Cap Funds in Hindi) तो चलिए फ्लेक्सी कैप फंड के बारे में समझते है।

Flexi Cap Funds Kya Hai? | What is Flexi Cap Funds in Hindi

Flexi Cap Funds मल्टी कैप और फ्लेक्सी कैप फंड्स में क्या अंतर है? in Hindi:.फ्लेक्सी-कैप फंड म्यूचुअल फंड हैं जो सभी मार्केट कैपिटलाइजेशन में इक्विटी और इक्विटी से संबंधित उपकरणों में निवेश करते हैं। वे डायनेमिक इक्विटी फंड होते हैं जो कैपिटल मार्केट के विभिन्न आकारों में बदलाव करके पोर्टफोलियो के जोखिम और रिटर्न को बैलेंस करते हैं। विविधता के चलते Flexi Cap Funds निवेशकों को वैल्यू और ग्रोथ दोनों प्रदान करते हैं।

अन्य कैटेगरी जैसे लार्जकैप, मिडकैप, लार्ज-मिडकैप, स्मॉलकैप और मल्टीकैप फंड में बाजार नियामक SEBI ने लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में एक्सपोजर की सीमा तय की है, लेकिन Flexi Cap Funds बाजार की स्थिति के अनुसार इन शेयरों में निवेश बढ़ा या घटा सकते हैं। SEBI सेबी द्वारा नवंबर 2020 में इस कैटेगरी को लांच किया गया था।

वहीं, लार्ज-कैप, मिड-कैप या स्मॉल-कैप जैसे फंड किसी विशेष पूंजीकरण जैसे बड़े आकार, मध्यम या छोटे-कैपिटलाइज़ेशन स्टॉक पर ध्यान केंद्रित करते हैं। दूसरी ओर Flexi Cap Funds किसी भी पूर्व निर्धारित पूंजीकरण वाले शेयरों में निवेश करने तक ही सीमित नहीं हैं। फंड मैनेजर फंड के असेट को अलग-अलग पूंजीकरण बाजारों में इन्वेस्ट करते है।

सभी मार्केट सेगमेंट में निवेश करने से जोखिम और रिटर्न के बीच बैलंस बना रहता है जो बियर मार्केट में भी स्टेबल इनकम दे सकता है। Flexi Cap Funds में मार्केट कैपिटलाइजेशन की कोई बाधा नहीं है, इसलिए फंड मैनेजर बाजार के उतार-चढ़ाव के आधार पर एक सेगमेंट से दूसरे सेगमेंट में स्विच कर सकते हैं। यह लचीले होते हैं और एक पूंजीकरण से दूसरे पूंजीकरण में स्विच कर सकते हैं इसलिए इन्हें फ्लेक्सी-कैप फंड (Flexi Cap Funds) कहा जाता है।

फ्लेक्सी-कैप फंड की विशेषताएं | Features of Flexi Cap Funds in Hindi

Flexi Cap Funds in Hindi: फ्लेक्सी-कैप फंड की ये मुख्य विशेषताएं हैं-

  • Flexi Cap Funds इक्विटी फंड हैं जो इक्विटी और उससे संबंधित उपकरणों में 65% से अधिक एसेट का निवेश करते हैं।
  • Flexi Cap Funds खुद को एक सेगमेंट तक सीमित किए बिना सभी प्रकार के पूंजीकरण में निवेश करते हैं।
  • अगर एक पूंजी बाजार (Capital Market) अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा है तो वे एक सेगमेंट से दूसरे सेगमेंट में भी जा सकते हैं।
  • अपने लचीलेपन के कारण Flexi Cap Funds पोर्टफोलियो को स्थिरता और विकास दोनों प्रदान करता है।
  • फ्लेक्सी कैप फंड अच्छे बिजनेस मॉडल, बैलेंस शीट और ट्रैक रिकॉर्ड वाली कंपनियों में निवेश करते हैं। इसी तरह जब भी कुछ स्टॉक खराब प्रदर्शन कर रहे हों तो वे आसानी से बाहर निकल सकते हैं।
  • मल्टी-कैप मल्टी कैप और फ्लेक्सी कैप फंड्स में क्या अंतर है? फंड में एक निश्चित प्रकार की कंपनी में आवंटन की विनियामक (रेगुलेटरी) सीमा होती है। लेकिन फ्लेक्सी कैप फंड में ऐसा नहीं है।

फ्लेक्सी कैप फंड और मल्टी कैप फंड में अंतर क्या है? | Difference Between Flexi-Cap Funds and Multi-Cap Funds

फ्लेक्सी-कैप (Flexi Cap Funds) और मल्टी-कैप फंड (Multi Cap Funds) दोनों ही सभी आकारों के पूंजीकरण में निवेश करते हैं। यानी वे बड़े, मध्यम और छोटे आकार की कंपनियों के एसेट को एलोकेट करते हैं। लेकिन मल्टी-कैप फंडों को सभी प्रकार के पूंजीकरण के क्षेत्रों में एसेट का 25% बनाए रखने का अधिकार है। भले ही फंड मैनेजर बाजार के रुझान के अनुसार मार्केट सेगमेंट के बीच एसेट एलोकेशन को बदल सकते हैं, लेकिन उन्हें इस आदेश का पालन करना होगा। इसलिए वे केवल एक मार्जिन से स्विच कर सकते हैं।

हालांकि Flexi Cap Funds में ऐसी कोई बाध्यता नहीं होती है और ये अत्यधिक लचीले होते हैं। Flexi Cap Funds नए लॉन्च किए गए फंड हैं और मल्टी-कैप फंड के निवेश पोर्टफोलियो से खुद को अलग करने के लिए लॉन्च किए गए थे। फ्लेक्सी-कैप फंडों को कंपनी या मार्किट सेगमेंट के आकार के बावजूद स्टॉक चुनने के साथ-साथ एक से दूसरे में स्विच करने की अधिक स्वतंत्रता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि Flexi Cap Funds में एक मल्टी-कैप इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी है लेकिन इसमें अधिक लचीलापन और कम प्रतिबंध है।

Mutual Fund में बना रहे हैं निवेश की योजना, जानें फ्लेक्सी कैप फंड के बारे में; सही फैसला लेने में मिलेगी मदद

Flexi Cap Mutual Fund फ्लेक्सी कैप फंड एक प्रकार की इक्विटी म्युचूअल फंड स्कीम है। इसमें लार्ज कैप मिड कैप और स्मॉल कैप शेयरों में निवेश किया जाता है। फ्लेक्सी कैप में अन्य म्युचूअल फंड स्कीम की तुलना में अधिक लचीलापन होता है।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। म्युचूअल फंड योजनाओं ने पिछले कुछ समय में निवेशकों का ध्यान अधिक रिटर्न की वजह से आकर्षित किया है। म्युचूअल फंड उन निवेशकों के बीच में एक लोकप्रिय विकल्प के रूप में उभरा है, जिन्हें शेयर बाजार के बारे में सीमित जानकारी है और वे बाजार में निवेश करना चाहते हैं।

म्युचूअल फंड में भी कई प्रकार होते हैं, जिसमें निवेशक अपने जोखिम के अनुसार निवेश कर सकता है। इसमें लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप फंड्स आदि को शामिल किया जाता है। आज हम आपको एक ऐसी म्युचूअल फंड के प्रकार के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें आपको लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप तीनों ही प्रकार के शेयरों का लाभ मिलता है। ये है फ्लेक्सी कैप फंड। आइए जानते हैं विस्तार से.

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क्या होते हैं फ्लेक्सी कैप फंड

जैसा कि इसके नाम से पता चलता है कि फ्लेक्सी कैप फंड (Flexi Cap Mutual Fund) एक इक्विटी म्युचूअल फंड स्कीम है। इसमें फंड मैनेजर के पास अन्य म्युचूअल फंड स्कीम मल्टी कैप और फ्लेक्सी कैप फंड्स में क्या अंतर है? की तुलना में ज्यादा लचीलापन होता है। इसका मतलब यह है कि वह अपने मन मुताबिक शेयरों का चयन कर सकता है। इस फंड का पैसा लार्ज कैप, मिड कैप मल्टी कैप और फ्लेक्सी कैप फंड्स में क्या अंतर है? और स्मॉल कैप का निवेश किया जाता है।

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निवेश करने का फायदा

फ्लेक्सी कैप फंड में निवेश करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे आपको अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने का मौका मिल जाता है और एक ही स्कीम में निवेश करके आप बाजार के छोटे और बड़े शेयरों में निवेश कर सकते हैं।

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मल्टी कैप और फ्लेक्सी कैप फंड्स में अंतर

बाजार नियामक सेबी की ओर से अक्टूबर 2017 में जारी किए गए प्रोडक्ट कैटिगराइजेशन सर्कुलर के मुताबिक, उन म्युचूअल फंड योजनाओं को मल्टी कैप फंड्स कहा जाता है, जिनका 65 प्रतिशत निवेश लार्ज कैप और बाकी का मिड कैप और स्मॉल कैप शेयर में किया जाता है। हालांकि सितंबर 2020 में जारी किए एक अन्य सर्कुलर के मुताबिक, अब फ्लेक्सी कैप फंड के मैनेजर को मिड कैप और स्मॉल कैप शेयरों में हर एक में कम से कम 25% का एक्सपोजर बनाए रखना जरूरी कर दिया गया है।

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मल्टी कैप और फ्लेक्सी कैप लगभग दोनों समान ही होते हैं, लेकिन बड़ा अंतर यह है कि फ्लेक्सी कैप फंड का मैनेजर अपने निवेश में बदलाव कर सकता है। अगर फंड मैनेजर को लगता है कि बाजार में खतरा अधिक है, तो स्मॉल कैप शेयरों में एक्सपोजर शून्य भी कर सकता है और लेकिन अगर मल्टी कैप का फंड मैनेजर ऐसा करता है, तो यह सेबी के नियमों का उल्लंघन होगा।

Difference Between Multi-Cap and Flexi-Cap Funds||Multicap fund और Flexicap fund में क्या अंतर है?

Multi-Cap and Flexi-Cap क्या हैं ? Multi-Cap and Flexi-Cap की विशेषताएं क्या है ?,Multi-Cap and Flexi-Cap में प्रमुख अंतर क्या है ?(What is difference between Flexicap and multicap?), Multi-Cap and Flexi-Cap में से कौन सा बेहतर है(Which is better multicap or Flexicap?)What are Flexicap funds? What is a multicap fund? Flexi cap fund meaning in hindi.

Equity Mutual fund की दो बहुत ही पॉपुलर कटेगरी है-

पहली– Multicap Fund

दूसरी– Flexi cap fund

इनको लेकर निवेशकों के मन में प्रायः एक दुविधा रहती है, कि कौन सा उनके लिए सहीं है, कई बार निवेशक दोनों को एक ही समझ लेते है . मेरा प्रयास रहेगा कि इस ब्लॉग पोस्ट को पढ़ने के बाद आप पाठकों के मन में दोनों Funds यथा Multi cap Fund और Flexi cap fund को लेकर स्पष्टता आ जाए.

Multi-Cap fund

  • जैसा कि नाम से लगता है की Multi cap fund में Fund manager के पास यह Mandate रहता है कि वो अपने Portfolio में large cap ,mid cap, small cap तीनों तरह के शेयर शामिल करें.
  • Regulation के अनुसार multi cap fund को कुल AUM का कम से कम 75% EQUITY में निवेश करना होता है.
  • Equity निवेश का distribution(वितरण) इस प्रकार होना चाहिए

1.कम से कम 25% Large cap कंपनी में निवेश होना चाहिए.

2.कम से कम 25% Midcap कंपनी में निवेशित होना चाहिए.

3.कम से कम 25% Small cap कंपनी में निवेशित होना चाहिए.

  • इस प्रकार परिस्थितियां चाहे जैसी भी हों Multi cap फंड में किसी भी समय तीनों Capitalization की कंपनी में अलग-अलग कम से कम 25% निवेश होना चाहिए।
  • इस प्रकार Multi cap fund में Fund Manager की Freedom कुछ सीमित हो जाती है,यदि उसे Small cap में जोखिम लगता है तो भी उसे Small cap शेयर में Holding 25% रखनी ही होगी.
  • Multi cap फंड का एक फायदा ये है कि एक ही फंड में आप Large cap की Stability, Mid cap और Small cap के रिटर्न दोनों का आनंद उठा सकते हैं.

सामान्यतया Multi cap Fund के Fund Manage अपने Portfolio का Tilt(झुकाव) Large cap कंपनी की ओर रखते हैं.

Flexi-Cap fund

  • Flexi cap fund को अपने Assets का कम से कम 65% Equity या Equity Related Instruments में निवेश करना होता है.
  • एक चीज जो इसे Multi cap fund से अलग बनाती है वो है कि इस Fund में Fund Manager पर इस बात कि कोई बंदिश नहीं कि वो तीनों मार्केट Capitalization में निवेश करे.वह स्वतंत्र है कि अपने Market के Outlook के हिसाब से Equity निवेश को अपनी इच्छा अनुसार अलग अलग Capitalization कि कंपनी में लगाए.कोई न्यूनतम. सीमा नहीं है.मल्टी कैप और फ्लेक्सी कैप फंड्स में क्या अंतर है?
  • चूंकि इस फंड में Fund Manager के पास Asset को अलग-अलग Capitalization में Allocate करने कि पर्याप्त Flexibility है इसीलिए इस फंड को Flexi cap फंड कहते हैं.

अतः दोनों में प्रमुख अंतर Fund manager कि कंपनियों में निवेश को लेकर स्वतंत्रता का है .यही तथ्य Flexi cap fund को Multi cap fund से बेहतर बनाता है. यदि निवेशक फंड मैनेजर कि काबिलियत पर भरोसा करके उसके फंड में निवेश करता है,तो निवेशक को फंड मैनेजर को इस बात कि छूट देनी चाहिए कि वो बिना किसी प्रतिबंध के उचित कंपनी का चुनाव कर सके.

फंड मैनेजर पर इस बात का प्रतिबंध लगाना कि उसे कम से कम 25% धन हर मार्केट कैप में लगाना ही पड़ेगा,उसी तरह है जैसे किसी बॉलर से कहा जाए कि पिच चाहे जैसी हो उसे एक ओवर में कम से कम एक बॉल बाउंसर,एक Slower one और एक Good length डालनी ही पड़ेगी.जैसे हम एक Experience बॉलर से उम्मीद करते है कि वो पिच के हिसाब से बॉल के बारे में सही निर्णय लेगा उसी तरह एक अनुभवी फंड मैनेजर से भी उम्मीद करनी चाहिए कि वो मार्केट के आउटलुक के हिसाब से आपके धन को अलग-अलग मार्केट कैप कि कंपनी में निवेशित करेगा.

Multi cap fundFlexi cap fund
EquityMin.-75%Min.-65%
Equity DistributionLarge cap-min.25%
Mid cap-min.25%
Small cap-min.25%
No Limit Across Capitalization
ExampleNippon India Multi cap fund(AUM लगभग13k करोड़)
SBI multicap fund(AUM लगभग 11.5k करोड़)
ICICI multicap fund(AUM 7K करोड़)
Hdfc flexi cap(AUM लगभग 30k करोड़)
UTI flexi cap(AUM लगभग 26k करोड़)
Parag Pareikh flexi cap (AUM लगभग 26K करोड़)
एक नज़र में

Flexi मल्टी कैप और फ्लेक्सी कैप फंड्स में क्या अंतर है? cap केटेगरी में कई पुराने फंड है जिनका Aum भी काफी अधिक है. Multi cap कटेगरी में पुराने फंड कम है Sbi, Axis, Kotak ,Hdfc, Fund Houses ने हाल में ही अपने मल्टीकैप फंड के NFO ले कर आए हैं जिनमें से प्रत्येक 5 हजार करोड़ से अधिक की धनराशि इक्ट्ठा करने में सफल रहे हैं.

अंततः मेरे विचार से Flexi cap fund सदाबहार फंड हैं और निवेशकों के लिए अधिक उपयुक्त हैं.

Flexi Cap Fund: क्या आपको इनमें करना चाहिए निवेश? यहां मिलेगी पूरी जानकारी

Flexi Cap Fund: यह कैटेगरी अपने फंड चुनने के लिए स्वतंत्र या फ्लैक्सिबल रहती है. ये एक ओपन एंडेड डायनेमिक इक्विटी स्कीम है.

  • Paurav Joshi
  • Publish Date - May 31, 2021 / 05:46 PM IST

Flexi Cap Fund: क्या आपको इनमें करना चाहिए निवेश? यहां मिलेगी पूरी जानकारी

सितंबर 2020 में सेबी द्वारा मल्टीकैप फंड्स के नियमों में भारी बदलाव किया गया था. इसके बाद से ही Multi Cap कैटेगरी का आकर्षण थोड़ा कम हो गया था. निवेशकों में multi cap में हुए बदलावों से थोड़ी निराशा थी, लेकिन सेबी ने जल्द ही वैसी ही नई कैटेगरी लॉन्च करके वो समस्या भी खत्म कर दी. ये नई कैटेगरी Flexi Cap Fund है.

Flexi Cap Fund क्या हैं?

नई कैटेगरी Flexi Cap Fund पुरानी मल्टीकैप स्कीम की तर्ज पर ही निकाली गई है. Flexi Cap Fund जैसा कि इसके नाम से ही पता चल रहा है कि यह कैटेगरी अपने फंड चुनने के लिए स्वतंत्र या फ्लैक्सिबल रहती है. ये एक ओपन एंडेड डायनेमिक इक्विटी स्कीम है.

Flexi Cap Fund कैटेगरी में 65% हिस्सा (allocation) इक्विटी और इक्विटी ओरिएंटेड फंड में रहेगा. इस 65% में बिना किसी पूर्व निर्धारित सीमा के लार्ज कैप, मिड कैप या स्माल कैप में फंड मैनेजर की इच्छा अनुसार निवेश किया जा सकता है. Flexi Cap Fund में multi cap fund जैसे Fixed एलोकेशन का नियम नहीं रखा गया है.

multi cap और Flexi Cap में क्या है अंतर

एक उदाहरण के माध्यम से इन दोनों फंड्स का अंतर समझते हैं. अगर आप मल्टी कैप में 100 रुपये इनवेस्ट करते हैं तो आपके फंड मेनेजर के लिए उन 100 रुपये में से 25 रुपये लार्ज कैप, 25 रुपये मिड कैप और 25 रुपये स्मॉल कैप में इनवेस्ट करना जरूरी है. यानी 75 रुपये का इनवेस्ट तो हो गया, अब बाकी के 25 रुपये के लिए उसके पास फ्री हैंड है, यानी वो इसको अपनी मर्जी मुताबिक, कहीं भी निवेश कर सकता है, चाहे वो कैश रखे, चाहे डेट इंस्ट्रूमेंट्स में या इक्विटी में डाले.

अब फ्लैक्सी कैप Flexi Cap Fund में वही 100 रुपये में 65 रुपये इक्विटी में निवेश करना होगा. लेकिन, लार्ज, मिड या स्मॉल कैप कैटेगरी में 25-25-25 इस तरह से डालने की जरूरत नहीं है. फंड मेनेजर अपने मुताबिक इक्विटी में इंवेस्ट कर सकता है. अब बाकी के 35 रुपये वो केश, डेट या इक्विटी कहीं भी इंवेस्ट कर सकता है.

फ्लैक्सी कैप म्यूचुअल फंड की खास बातें

अब तक के म्यूचुअल फंड प्रकार मे यह प्रकार पूरी तरह से फ्लेक्सिबल म्यूचुअल फंड (Flexi Cap Fund) निवेश माना जाता है. छोटे निवेशकों के लिए यह काफी फायदेमंद निवेश स्कीम हो सकती है क्योंकि इसके जरिए निवेशक अपने निवेश पोर्टफोलियो को बैलेंस कर सकते हैं.

क्या करना चाहिए निवेश?

अगर आप किसी मल्टीकैप फंड में निवेश कर रहे हैं और वह फंड अच्छा प्रदर्शन कर रहा है तो आप पुरानी स्कीम के साथ बने रह सकते हैं.

यदि पुराना मल्टी कैप फंड Flexi Cap Fund में भी परिवर्तित किया जाता है तो भी आप उसके साथ बने रह सकते हैं. अगर आप इस फंड के जरिए ज्यादा प्रॉफिट जुटाना चाहते हैं तो आप फ्लेक्सी कैप म्यूचुअल फंड का विकल्प चुन सकते हैं. हालांकि, इसमे थोड़ा रिस्क जरूर है, लेकिन इसके लिए आपको आपके फंड मैनेजर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए.

सर्टिफाइड फाइनांसियल प्लानर बिरजू आचार्य कहते हैं कि शेयर बजार में लार्ज, मिड या स्मॉल कैप में से कौन सा ज्यादा चलेगा इसका अंदाजा लगाना स्मॉल इनवेस्टर्स मल्टी कैप और फ्लेक्सी कैप फंड्स में क्या अंतर है? के लिए मुश्किल है. फ्लैक्सी कैप फंड (Flexi Cap Fund) में फंड मैनेजर को जहां अपॉर्च्युनिटी दिखती है वहीं फंड को डायवर्सिफाइड करते हैं. इससे छोटे इनवेस्टर्स को फायदा होता है.

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