ONDC ने भारत के प्रमुख शहरों में चुनिंदा खरीदारों और विक्रेताओं के साथ टेस्टिंग भी शुरू की है। हमने पिछले कुछ महीनों में कई कंपनियों को ONDC के साथ इंटीग्रेटेड होते देखा है। माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft), पेटीएम (Paytm), स्नैपडील (Snapdeal), डंजो (Dunzo), ई-समुदाय (eSamuday) , फोनपे (PhonePe), SBI, HDFC बैंक, आईटीसी स्टोर (ITC Store) और इंडिया पोस्ट (India Post) ने ONDC में शामिल होने में रुचि दिखाई है। यहां तक ​​​​कि फ्लिपकार्ट (Flipkart), रिलायंस रिटेल(Reliance Retail) और अमेज़ॅन (Amazon) भी नेटवर्क में शामिल होने के लिए बातचीत कर रहे हैं! हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि इसे अब कितनी अच्छी तरह लागू किया जाता है।

ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर झूठे रिव्यू की जांच के लिए फ्रेमवर्क तैयार करेगी सरकार

ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर झूठे रिव्यू की जांच के लिए फ्रेमवर्क तैयार करेगी सरकार

केंद्र, ई-कॉमर्स (e-commerce) वेबसाइटों पर नकली समीक्षाओं (fake reviews) पर नजर रखने के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार करेगा। उपभोक्ता मामले विभाग (DoCA) भारत में ई-कॉमर्स संस्थाओं द्वारा अपनाई जा रही मौजूदा व्यवस्था और विश्व स्तर पर उपलब्ध सर्वोत्तम कार्य प्रणाली का अध्ययन करने के बाद, इस रूपरेखा को विकसित करेगा।

DoCA ने वेबसाइटों पर नकली समीक्षा को लेकर भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) के साथ-साथ ई-कॉमर्स कंपनियों, उपभोक्ता अधिकार मंचों, कानून विश्वविद्यालयों, वकीलों, FICCI, CII, उपभोक्ता के अधिकारों को लेकर आवाज उठाने वाले लोग सहित विभिन्न हितधारकों के साथ एक बैठक की और आगे आने वाली समस्याओं तथा फर्जी समीक्षा की जांच के लिए तैयार फ्रेमवर्क के रोडमैप पर चर्चा की। चूंकि ई-कॉमर्स में उपभोक्ताओं के पास प्रोडक्ट को भौतिक रूप से देखने या जांचने की सुविधा नहीं होती है। वह प्रोडक्ट को वचुर्अली खरीदता है। ऐसे में उपभोक्ता उन खरीदारों की राय और समीक्षा पर बहुत ज्यादा भरोसा करता है, जिन्होंने पहले से ही ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर खरीदारी या सेवा ली है।

क्या है ONDC?

ONDC हमारे सरकार के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (Department for Promotion of Industry & Internal Trade) द्वारा स्थापित एक नॉन-प्रॉफिट कंपनी है। यह एक ऐसा नेटवर्क है, जो किसी भी विक्रेता को अपने प्रोडक्ट्स और सेवाओं को इसमें रजिस्टर्ड सभी ऐप के सर्च रिजल्ट में प्रदर्शित करने/दिखाने की अनुमति देगा। ONDC के पास वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान में शामिल मूवमेंट्स की पूरी श्रृंखला के लिए खुले प्रोटोकॉल और नियम होंगे (भारत में पेमेंट के लिए यूज़ किये जाने वाले Unified Payments Interface या UPI के समान)। इस प्रकार, खरीदार और विक्रेता वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार कर सकते हैं, चाहे वे किसी भी एप्लिकेशन का उपयोग करें

उदाहरण के लिए, छोटे और मध्यम आकार के व्यवसाय अब ONDC के टेक्नोलॉजी पार्टनर की मदद से एक साधारण सरल वेबसाइट स्थापित कर सकते हैं और उस पर अपने प्रोडक्ट्स और सेवाओं को लिस्ट कर सकते हैं। और एक बार जब वे ONDC के साथ जुड़ेंगे, तो कॉमर्स प्लेटफॉर्म चुनना उनके प्रोडक्ट्स अलग़ -अलग़ ऐप और प्लेटफॉर्म पर कंस्यूमर्स को आसानी से दिखाई देंगे! ONDC कॉमर्स प्लेटफॉर्म चुनना छोटे रिटेल विक्रेताओं के लिए टाइम-बेस प्रायसिंग (time-based pricing), इन्वेंट्री और ऑर्डर मैनेजमेंट, डिस्ट्रीब्यूशन और डिजिटल कैटलॉगिंग जैसे कार्यों को स्टैंडर्डाइस करेगा।

यह कैसे काम करता है?कॉमर्स प्लेटफॉर्म चुनना

  • ONDC खरीदारों और विक्रेताओं की मेजबानी करने वाले इंटरफेस के रूप में स्थित है।
  • विक्रेताओं के पास अपने प्रोडक्ट को बिक्री के लिए रखने और ऑर्डर स्वीकार करने के लिए ऐप्स होंगे।
  • कंस्यूमर्स के रूप में, हम प्रोडक्ट्स को ब्राउज़ कॉमर्स प्लेटफॉर्म चुनना करने और खरीदने के लिए ONDC नेटवर्क पर रजिस्टर्ड किसी भी ऐप का उपयोग कॉमर्स प्लेटफॉर्म चुनना कर सकते हैं।
  • ONDC नेटवर्क में ऐसे ऐप भी होंगे, जो ONDC रजिस्ट्री में कॉमर्स प्लेटफॉर्म चुनना लिस्टेड बायर-साइड (buyer-side) ऐप से सेलर-साइड (seller-side) ऐप पर आये सर्च रिक्वेस्ट को दिखाएंगे।
  • नेटवर्क को लॉजिस्टिक्स फर्मों (डिलीवरी की सुविधा के लिए) और ई-कॉमर्स स्टोर होस्टिंग सेवा प्रोवाइडर द्वारा समर्थित किया जाएगा।

उदाहरण के लिए, जब आप Paytm पर लैपटॉप की खोज कर रहे हैं -> ऐप ONDC नेटवर्क से कनेक्ट होगा -> ONDC इसे सेलर-साइड (seller-side) ऐप से कनेक्ट करेगा, जो सभी फर्मों को लिस्टेड करता है जहां से आप अपना पसंदीदा लैपटॉप खरीद सकते हैं।

प्रमुख चुनौतियां

  • ONDC लागू करने के कॉमर्स प्लेटफॉर्म चुनना लिए एक कॉम्प्लेक्स इको-सिस्टम है। ई-कॉमर्स में प्रोडक्ट्स की क्वालिटी, पेमेंट, रिटर्न, ग्राहकों की शिकायतों आदि सहित बहुत सारे मुद्दे शामिल हैं।
  • ब्रांड जो भ्रामक या घटिया प्रोडक्ट्स बनाते हैं और खराब बिक्री के बाद सपोर्ट प्रोवाइड करते हैं, उन्हें नेटवर्क के माध्यम से ग़लत एक्सपोजर मिल सकता है। इसके चलते यूजर को ONDC के साथ इंटेग्रटे होने वाले नए ब्रांड या प्लेटफॉर्म पर भरोसा करना थोड़ा मुश्किल होगा।
  • लाखों मौजूदा किराना स्टोरों को ONDC नेटवर्क में शामिल करने के लिए बड़े पैमाने कॉमर्स प्लेटफॉर्म चुनना पर, अच्छी तरह से फंड अडॉप्शन लेने के अभियान की आवश्यकता होगी।

2020 से, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) अमेज़न(Amazon) और फ्लिपकार्ट (Flipkart) की कथित प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं की जाँच कर रहा है। रिपोर्टों के अनुसार, दोनों फर्म विशेष व्यवस्थाओं के आधार पर विशिष्ट विक्रेताओं को बढ़ावा देती हैं और उन्हें भारी छूट प्रदान करती हैं। ई-कॉमर्स दिग्गज भी कथित तौर पर अपने विक्रेता "भागीदारों" के प्रोडक्ट्स को लॉन्च करने में मदद करने के लिए कंस्यूमर के ख़रीदारी पैटर्न से मिले डेटा का उपयोग करते हैं।

ई-कॉमर्स का यूपीआई?

यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस भारत के डिजिटल लेनदेन उद्योग में गेम चेंजर था, इसने कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा दिया और भारतीयों ने उस विकल्प को चुना क्योंकि यह सरकार के समर्थन और संचालित करने की सादगी के कारण भरोसेमंद था, ओएनडीसी एक ही सिद्धांत पर चलता है, अधिकांश लोग ऑनलाइन धोखाधड़ी के कारण ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म का उपयोग न करें और घोटालों की संभावना अपेक्षाकृत अधिक है, लेकिन जब प्रत्येक खरीदार को एक सुरक्षित लेनदेन सुनिश्चित किया जाएगा, तो ई-कॉमर्स उद्योग में उछाल का अनुभव होगा।

UPI ने Paytm, Bharatpe, Phonepe जैसी कंपनियों को सुविधा प्रदान की और UPI की शुरुआत के साथ इन कंपनियों ने अपने उपयोगकर्ता प्लेटफॉर्म में बड़ी वृद्धि देखी। ओएनडीसी समान सिद्धांतों पर चलेगा, यह मौजूदा ई-कॉमर्स दिग्गजों को ऑनलाइन आने के लिए छूटे हुए ऑफ़लाइन उपभोक्ताओं का एक बड़ा हिस्सा जोड़ने की सुविधा प्रदान करेगा और उत्पादों के लिए ऑनलाइन लेनदेन में कुल सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

ONDC की सफलता में UPI कैसे योगदान देगा?

अर्थव्यवस्था को पूरी तरह कॉमर्स प्लेटफॉर्म चुनना से डिजिटल बनाने और डिजिटल इंडिया अभियान को वास्तविकता बनाने के लिए यूपीआई और ओएनडीसी सरकार जैसी पहलों के साथ।

UPI ONDC का वित्तीय बैकहैंड होगा, दोनों संयुक्त रूप से बढ़ी हुई सुरक्षा के साथ उपभोक्ताओं के ऑनलाइन शॉपिंग अनुभव को सरल बनाएंगे। एक ग्राहक जो ओएनडीसी इंटरफेस का उपयोग कर रहा है, वह यूपीआई की मदद से वित्तीय लेनदेन करने में सक्षम होगा जो प्रक्रिया को और सरल करेगा और दोनों सरकार द्वारा समर्थित समान इंटरफेस पर चलेंगे जो एक को हल कॉमर्स प्लेटफॉर्म चुनना करने में समय को कम करने में मदद करेगा। उपयोगकर्ता द्वारा दर्ज की गई विशेष समस्या।

जिस तरह यूपीआई अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने में सफल रहा, उसी तरह ओएनडीसी भी ‘दूर के’ उपभोक्ताओं और विक्रेताओं को ‘पैन इंडिया प्रोडक्ट्स’ तक आसानी से पहुंचने में मदद करेगा।

ONDC की सफलता में UPI कैसे योगदान देगा?

अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से डिजिटल बनाने और डिजिटल इंडिया अभियान को वास्तविकता बनाने के लिए यूपीआई और ओएनडीसी सरकार जैसी पहलों के साथ।

UPI ONDC का वित्तीय बैकहैंड होगा, दोनों संयुक्त रूप से बढ़ी हुई सुरक्षा के साथ उपभोक्ताओं कॉमर्स प्लेटफॉर्म चुनना के ऑनलाइन शॉपिंग अनुभव को सरल बनाएंगे। एक ग्राहक जो ओएनडीसी इंटरफेस का उपयोग कर रहा है, वह यूपीआई की मदद से वित्तीय लेनदेन करने में सक्षम होगा जो प्रक्रिया को और सरल करेगा और दोनों सरकार द्वारा समर्थित समान इंटरफेस पर चलेंगे जो एक को हल करने में समय को कम करने में मदद करेगा। उपयोगकर्ता द्वारा दर्ज की गई विशेष समस्या।

जिस तरह यूपीआई अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने में सफल रहा, उसी तरह ओएनडीसी भी ‘दूर के’ उपभोक्ताओं और विक्रेताओं को ‘पैन इंडिया प्रोडक्ट्स’ तक आसानी से पहुंचने में मदद करेगा।

ऑनलाइनल शॉपिंग मेला शुरू: ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के सेलेक्शन से लेकर कूपन कोड अप्लाई करने तक, ऑनलाइन शॉपिंग में आपको फायदा दिलाने वाले टिप्स

इस फेस्टिव सीजन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर धमाकेदार ऑफर मिल रहे हैं। फ्लिपकार्ट और अमेजन इंडिया ने बताया है कि उन्हें बीते साल की तुलना में इस बार बंपर ओपनिंग मिली है। गैजेट्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, क्लॉथ, फुटवेयर, होम अप्लायंस, फर्नीचर, किचन अप्लायंस समेत कई प्रॉडक्ट्स मिल रहे हैं। इन प्लेटफॉर्म पर मार्केट से कम कीमत के साथ EMI, कैशबैक, गिफ्ट कार्ड्स और कैश ऑन डिलीवरी जैसे कई शानदार ऑफर्स भी मिल जाते हैं।

ये जरूरी नहीं कि ऑनलाइन शॉपिंग पर मिलने वाली डील या प्रोडक्ट हमेशा सही हो। ऐसे में आप भी इन प्लेटफॉर्म से कोई प्रोडक्ट खरीदने जा रहे हैं तब कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। हम यहां ऐसी ही 10 बातें बता रहे हैं.

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