नतीजतन, यह महत्वपूर्ण है कि ईटीएच की कीमत, जो दबाव में बनी हुई है, अगले 48 घंटों में लगभग 1,275 डॉलर पर बनी हुई है ताकि आगे के नुकसान को रोका जा सके।
अक्टूबर में बिटकॉइन, एथेरियम दबाव में समाप्त होंगे
सितंबर की दूसरी छमाही से बिटकॉइन (BTC) असामान्य रूप से कम अस्थिरता पर चल रहा है। इस प्रक्रिया में सबसे उल्लेखनीय कदम 4 से 5 अक्टूबर के बीच आया, जब बीटीसी ने 20,000 डॉलर का परीक्षण करने के बाद चैनल आंदोलन में वापसी की। अक्टूबर के दौरान, कमजोर तेजी की प्रतिक्रिया ज्यादातर $ 19,500 के स्तर तक सीमित थी।
दूसरी ओर, निचले क्षेत्र में, $19,000 BTC/USD का साप्ताहिक समर्थन बन गया।
इस सप्ताह की शुरुआत में, गिरती प्रवृत्ति रेखा को तोड़ने के लिए एक कदम उठाया गया था जिसका हमने मार्च के बाद से पालन किया है। फिर भी, बाजार में खरीदारों की कमी ने इस कदम को पूरा करने से रोक दिया, और क्रिप्टोकुरेंसी ने पूरे सप्ताह इस प्रवृत्ति रेखा के साथ अपनी गिरावट जारी रखी।
मई में, हमने एक समान दृष्टिकोण का अनुभव किया। जबकि यह अवधि जून के पहले दिनों तक चली, कीमत निचोड़ने के परिणामस्वरूप बीटीसी के मूल्य का लगभग 40% मूल्यह्रास हुआ, जब क्रिप्टोक्यूरेंसी अपने $ 28,500 के समर्थन से $ 17,635 तक गिर गई, जिससे वर्ष का निचला भाग सेट हो गया।
क्या होती है सकारात्मक सोच
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
एक विवाद को सुलझाने की प्रक्रिया के दौगन॒ है। किसी बगीचे में अगर कोई फर्नीचर बनाने घटनास्थल पर क्या बिटकॉइन अपने सकारात्मक विकास को जारी रख सकता है एक व्यक्ति ने गुस्से में आकर वाला पहुंचेगा तो वह पेड़ की लकड़ी की क्वालिटी पुलिस कप्तान की क्या बिटकॉइन अपने सकारात्मक विकास को जारी रख सकता है वर्दी पर थूक दिया। अपने वरिष्ठ और मात्रा को देख कर सोचेगा इससे क्या-क्या अधिकारी के 5 इस अभद्रता पर कप्तान बनाया जा सकता है। अपने अंतर्मन में शत्रुता के के साथी पुलिस उस व्यक्ति को पकड़ने भावलिए उस बगिया में पहुंचने वाला व्यक्ति कोई के लिए आगे बढ़े। एक ने तुरंत रिवॉल्वर निकाल नकोई कांटा, सूखा पेड़- पत्ते ढूंढ ही लेगा। इसके लिया और वह गोली चलाने ही वाला था उलट हृदय में प्रेम की सौगात रखने कि तभी पुलिस कप्तान ने उससे रिवॉल्वर 6250 वाले व्यक्ति की दृष्टि खिलते फूलों व वापस रखने को कहा। पुलिस कप्तान ने नईउगी टहनियों को निहारेगी।
वह उनकी रुमाल निकाला और थूक पोंछ कर रुमाल को सुगंध और सौंदर्य का आनंद लेगा। यह दृष्टिकोण फैंक दिया। इसके बाद थूकने वाले से बात करने का अंतर ही तो है जो हमें दुख में भी सुख की लगा। सभी पुलिसकर्मी और मौके पर उपस्थित अनुभूति देता है। लोग यह देखकर हैरान रह गए। पुलिस कप्तान हमारे बीच सत्य को लेकर नहीं, प्रतिबिंबों ने उन सबको समझाते हुए कहा, “जो काम रुमाल को लेकर विवाद हैं। पांच कटोरों में पानी रखकर सेनिपटसकता है उसके लिए रिवॉल्वर निकालने सूर्य को देखा जाए तो उसके पांच प्रतिबिंब नजर की कोई आवश्यकता नहीं।' आएंगे।"
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भारत में क्रिप्टो करेंसी : जोखिम या अवसर
लंबे समय से रिर्ज़व बैंक (आरबीआई)ने क्रिप्टो करेंसी के जोखिम से जनता को सावधान किया है
– लेखक, आदित्य राज (एडवोकेट)
साधारण रूप से करेंसी (मुद्रा) माल एंव सेवाओं के बेचने-खरीदने का माध्यम का काम करती है। क्रिप्टो-करेंसी (जैसे-बिट कॉइन, इत्यादि) के द्वारा भी यही काम किया जा सकता है। लंबे समय से रिर्ज़व बैंक (आरबीआई)ने क्रिप्टो-करेंसी के जोखिम से जनता को सावधान किया है। वहीं दूसरी ओर कुछ जानकारों की माने तो मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले ने क्रिप्टो-करेंसी के मुद्दे को एक नया आयाम दिया है। 180 पन्नों के इस फैसले को क्रिप्टो-करेंसी के पक्षकारों ने सकारात्मक रूप से देखा है। यह स्पष्ट है कि सरकार क्या बिटकॉइन अपने सकारात्मक विकास को जारी रख सकता है के सामने दो परस्पर विरोधाभासी विकल्प है –कुल मिलाकर हम उपन्यास “कैच-22” जैसी स्थिति में है। आख़िर भारत सरकार की क्रिप्टो-करेंसी को लेकर क्या असहजताऐं हैं? इस सवाल का जबाव हमें आज के दौर मेंतेजी से बदलती हुई दुनिया के बीच आर्थिक पहलुओं पर घटती राष्ट्रीय संप्रभुता में ढुँढना होगा।
आसान भाषा में समझे क्रिप्टो-करेंसी / डिजिटल करेंसी क्या है ?
क्रिप्टो-करेंसी का मुद्दा नया नहीं है,सबसे प्रचलित क्रिप्टो-करेंसीबिट कॉइन 2010 से ही प्रचलन में आ गयी थी। वैसे क्रिप्टो-करेंसी काफी तकनीकी विषय है। यदि इसे आसान भाषा में समझा जाए तो क्रिप्टो-करेंसी एक प्रकार की डिजिटल करेंसी है जो किसी केंद्रीय बैंक से संचालित नहीं है औरइसे कई क्रिप्टोग्राफी तकनीकें जैसे-“ब्लाकचैन” द्वारा इन्हें रिकार्ड किया जाता है। इस प्रकार एक जाली क्रिप्टो-करेंसी बनना काफी मुश्किल क्या बिटकॉइन अपने सकारात्मक विकास को जारी रख सकता है है। वहीं दुसरी ओर क्रिप्टो-करेंसी जैसे बिटकॉइन निर्धारित संख्या तक ही उपलब्ध हो सकती है।(वर्तमान में लगभग 21 मिलियन तक।) यदि हम बिटकॉइन को एक प्रकार का सोना मानें (क्योंकि सोना भी एक मात्रा से ज्यादा उपलब्ध नहीं है) तो इसका मूल्य कहीं और अधिक हो जाता है। साथ ही साथ इसमे मुद्रास्फीति का भी डर नहीं है क्योंकि यहाँ कोई एक केंद्रीय बैंक नहीं है जो अचानक नोटों को प्रिंट क्या बिटकॉइन अपने सकारात्मक विकास को जारी रख सकता है कर उनकी संख्या बढ़ा दे। ये सभी बातें क्रिप्टो-करेंसी को खास बनाती है। आज विश्व में कई क्रिप्टो-करेंसी प्रचलन में है और2020 मेंक्रिप्टो-करेंसी ने कई खबरें बनाई हे– जेसे बिटकॉइन का डॉलर में एक के बाद एक रिकार्ड तोड्ना। क्रिप्टो-करेंसी निवेश का एक नया “क्रेज़” साबित हो रहीं हैं। (हालांकि अमरिका में क्रिप्टो-करेंसी लीगल टेंड़र नहीं है।) भारत मेंभी क्रिप्टो-करेंसी का यही “ट्रेंड़” निवेशकों को रिझा रहा है।
चीन समेत दुनिया के कई क्या बिटकॉइन अपने सकारात्मक विकास को जारी रख सकता है देश अपनी खुद की डिजिटल करेंसी बनाने की दिशा में काम कर रहे है
भारत सरकार के सामने ये एक नई चुनौती है। सरकार सुरक्षा से समझौता नहीं कर सकती। क्रिप्टो-करेंसी को भारत में भी सार्थक रूप से उपलब्ध कराना भी सरकार के लिए आवश्यक है। भारत दुनिया से अलग-थलगनहीं रह सकता। अतएव क्रिप्टो-करेंसी में बढते निवेश को नकारा नहीं जा सकता–अर्थात् हम पुरातनवादी सोच का शिकार नहीं बन सकते। भारत का आईटी सेक्टर का व्यापार 2025 तक 350 बिलियन तक पहुँचने की उम्मीद है और लाखों लोग रोजगार के लिए इस पर प्रत्यक्ष रूप से निर्भर हैं। क्रिप्टो-करेंसी की वैश्विक दौड़ में हम पिछड़ना स्वीकार नहीं कर सकते खासकर तब जब भारत अपनी आईटी सेक्टर काबिलियत से क्रिप्टो-करेंसी की दुनिया में पेंठ बना सकता है। चीन समेत दुनिया के कई देश अपनी खुद की डिजिटल करेंसी बनाने की दिशा में काम कर रहे है। (स्वाभाविक है कि भारत भी इस दिशा में आगे बढ़ेगा।)
क्रिप्टोकरेंसी उद्योग ने की निवेशकों से शांत रहने की अपील,सरकार से सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर कदम उठाने का आग्रह
Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: November 24, 2021 18:56 IST
Photo:PIXABAY
Crypto industry urges govt to take nuanced approach, asks investors to remain calm
Highlights
- प्रस्तावित विधेयक में भारत में सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है
- भारत में अभी क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग के संबंध में न तो कोई प्रतिबंध है और न ही कोई नियमन की व्यवस्था है
- उद्योग निवेशकों की सुरक्षा को सबसे आगे रखते हुए सभी हितधारकों के साथ सक्रिय रूप से संवाद कर रहा है
नई दिल्ली। आभासी मुद्रा क्रिप्टोकरेंसी उद्योग ने बुधवार को सरकार से भारत में क्रिप्टो परिसंपत्तियों को विनियमित करने के लिए सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए दृष्टिकोण अपनाने की अपील की है। उद्योग के दिग्गजों ने देश में निवेशकों को शांत रहने तथा जल्दबाजी में किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचने का भी आग्रह किया है। सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक पेश कर सकती है। इसमें निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने तथा रिजर्व बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को विनियमित करने के लिए ढांचा तैयार करने की बात कही गई है।
भारत में क्रिप्टो करेंसी : जोखिम या अवसर
लंबे समय से रिर्ज़व बैंक (आरबीआई)ने क्रिप्टो करेंसी के जोखिम से जनता को सावधान किया है
– लेखक, आदित्य राज (एडवोकेट)
साधारण रूप से करेंसी (मुद्रा) माल एंव सेवाओं के बेचने-खरीदने का माध्यम का काम करती है। क्रिप्टो-करेंसी (जैसे-बिट कॉइन, इत्यादि) के द्वारा भी यही काम किया जा सकता है। लंबे समय से रिर्ज़व बैंक (आरबीआई)ने क्रिप्टो-करेंसी के जोखिम से जनता को सावधान किया है। वहीं दूसरी ओर कुछ जानकारों की माने तो मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले ने क्रिप्टो-करेंसी के मुद्दे को एक नया आयाम दिया है। 180 पन्नों के इस फैसले को क्रिप्टो-करेंसी के पक्षकारों ने सकारात्मक रूप क्या बिटकॉइन अपने सकारात्मक विकास को जारी रख सकता है से देखा है। यह स्पष्ट है कि सरकार के सामने दो परस्पर विरोधाभासी विकल्प है –कुल मिलाकर हम क्या बिटकॉइन अपने सकारात्मक विकास को जारी रख सकता है उपन्यास “कैच-22” जैसी स्थिति में है। आख़िर भारत सरकार की क्रिप्टो-करेंसी को लेकर क्या असहजताऐं हैं? इस सवाल क्या बिटकॉइन अपने सकारात्मक विकास को जारी रख सकता है का जबाव हमें आज के दौर मेंतेजी से बदलती हुई दुनिया के बीच आर्थिक पहलुओं पर घटती राष्ट्रीय संप्रभुता में ढुँढना होगा।
आसान भाषा में समझे क्रिप्टो-करेंसी / डिजिटल करेंसी क्या है ?
क्रिप्टो-करेंसी का मुद्दा नया नहीं है,सबसे प्रचलित क्रिप्टो-करेंसीबिट कॉइन 2010 से ही प्रचलन में आ गयी थी। वैसे क्रिप्टो-करेंसी काफी तकनीकी विषय है। यदि इसे आसान भाषा में समझा जाए तो क्रिप्टो-करेंसी एक प्रकार की डिजिटल करेंसी है जो किसी केंद्रीय बैंक से संचालित नहीं है औरइसे कई क्रिप्टोग्राफी तकनीकें जैसे-“ब्लाकचैन” द्वारा इन्हें रिकार्ड किया जाता है। इस प्रकार एक जाली क्रिप्टो-करेंसी बनना काफी मुश्किल है। वहीं दुसरी ओर क्रिप्टो-करेंसी जैसे बिटकॉइन निर्धारित संख्या तक क्या बिटकॉइन अपने सकारात्मक विकास को जारी रख सकता है ही उपलब्ध हो सकती है।(वर्तमान में लगभग 21 मिलियन तक।) यदि हम बिटकॉइन को एक प्रकार का सोना मानें (क्योंकि सोना भी एक मात्रा से ज्यादा उपलब्ध नहीं है) तो इसका मूल्य कहीं और अधिक हो जाता है। साथ ही साथ इसमे मुद्रास्फीति का भी डर नहीं है क्योंकि यहाँ कोई एक केंद्रीय बैंक नहीं है जो अचानक नोटों को प्रिंट कर उनकी संख्या बढ़ा दे। ये सभी बातें क्रिप्टो-करेंसी को खास बनाती है। आज विश्व में कई क्रिप्टो-करेंसी प्रचलन में है और2020 मेंक्रिप्टो-करेंसी ने कई खबरें बनाई हे– क्या बिटकॉइन अपने सकारात्मक विकास को जारी रख सकता है जेसे बिटकॉइन का डॉलर में एक के बाद एक रिकार्ड तोड्ना। क्रिप्टो-करेंसी निवेश का एक नया “क्रेज़” साबित हो रहीं हैं। (हालांकि अमरिका में क्रिप्टो-करेंसी लीगल टेंड़र नहीं है।) भारत मेंभी क्रिप्टो-करेंसी का यही “ट्रेंड़” निवेशकों को रिझा रहा है।
चीन समेत दुनिया के कई देश अपनी खुद की डिजिटल करेंसी बनाने की दिशा में काम कर रहे है
भारत सरकार के सामने ये एक नई चुनौती है। सरकार सुरक्षा से समझौता नहीं कर सकती। क्रिप्टो-करेंसी को भारत में भी सार्थक रूप से उपलब्ध कराना भी सरकार के लिए आवश्यक है। भारत दुनिया से अलग-थलगनहीं रह सकता। अतएव क्रिप्टो-करेंसी में बढते निवेश को नकारा नहीं जा सकता–अर्थात् हम पुरातनवादी सोच का शिकार नहीं बन सकते। भारत का आईटी सेक्टर का व्यापार 2025 तक 350 बिलियन तक पहुँचने की उम्मीद है और लाखों लोग रोजगार के लिए इस पर प्रत्यक्ष रूप से निर्भर हैं। क्रिप्टो-करेंसी की वैश्विक दौड़ में हम पिछड़ना स्वीकार नहीं कर सकते खासकर तब जब भारत अपनी आईटी सेक्टर काबिलियत से क्रिप्टो-करेंसी की दुनिया में पेंठ बना सकता है। चीन समेत दुनिया के कई देश अपनी खुद की डिजिटल करेंसी बनाने की दिशा में काम कर रहे है। (स्वाभाविक है कि भारत भी इस दिशा में आगे बढ़ेगा।)
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