भारत ने श्रीलंका को $400 मिलियन की मुद्रा विनिमय सुविधा की अवधि बढ़ाई
भारत ने आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के लिए 40 करोड़ डॉलर की मुद्रा विनिमय की सुविधा का विस्तार किया है।
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के नेतृत्व वाली सरकार ने 12 अप्रैल को अस्थायी रूप से विभिन्न कर्जों की अदायगी को निलंबित कर दिया था।
उसके बाद यह पहला मौका है जब श्रीलंका के लिये कर्ज सुविधा को आगे बढ़ाया गया है।
इससे पहले श्रीलंका ने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ समझौता होने तक वह किसी अंतरराष्ट्रीय कर्ज को चुका नहीं पाएगा।
भारतीय रिजर्व बैंक ने सार्क करेंसी स्वैप फ्रेमवर्क 2019-22 के तहत सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका के साथ मुद्रा स्वैप समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
समझौते के तहत सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका अमेरिकी डॉलर, यूरो या भारतीय रुपये के मद में अधिकतम 40 करोड़ डॉलर या इसके बराबर राशि निकाल सकता है।
करेंसी स्वैप क्या है?
करेंसी स्वैप एक ऐसा लेनदेन है जिसमें दो पक्ष एक दूसरे के साथ लेकिन अलग-अलग मुद्राओं में समान राशि का आदान-प्रदान करते हैं।
इसके तहत पार्टियां अनिवार्य रूप से एक-दूसरे को पैसे उधार देती हैं और एक निर्दिष्ट तिथि स्वैप क्या है? और विनिमय दर पर राशि का भुगतान करती हैं।
इसका उद्देश्य विदेशी मुद्रा में उधार लेने की लागत को कम करना है।
मुद्रा स्वैप में शामिल पक्ष आमतौर पर वित्तीय संस्थान होते हैं।
सार्क मुद्रा विनिमय सुविधा
सार्क मुद्रा विनिमय सुविधा 15 नवंबर, 2012 को लागू हुआ।
यह सुविधा सभी सार्क सदस्य देशों के लिए उपलब्ध है, बशर्ते वे द्विपक्षीय स्वैप समझौतों पर हस्ताक्षर करें।
भारत के अलावा, अन्य दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के सदस्य देश अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका हैं।
यह अल्पकालिक विदेशी मुद्रा तरलता आवश्यकताओं या भुगतान तनाव के अल्पकालिक संतुलन के लिए धन प्रदान करता है।
SIM-swap fraud: न OTP बताया और न लिंक पर किया क्लिक, अकाउंट से उड़े 50 लाख रुपये
SIM Swap Fraud की नई घटना सामने आई है। दिल्ली के एक बिजनेस मैन के अकाउंट से बिना OTP बताए और किसी लिंक पर क्लिक किए 50 लाख रुपये की ठगी हुई है।
- Harshit Harsh
- @HarshitKHarshHarshit Harsh -->
- Updated: December 16, 2022 12:40 PM IST
Highlights
- SIM Swap के जरिए फ्रॉड का नया मामला सामने आया है।
- दिल्ली के एक बिजनेस मैन के अकाउंट से ठगों ने 50 लाख रुपये उड़ा लिए।
- बिजनेस मैन ने न ही OTP किसी के साथ शेयर किया और न ही किसी लिंक पर क्लिक किया।
SIM-swap fraud: राजधानी दिल्ली से साइबर क्राइम की नई घटना सामने आई है, जिसमें एक बिजनेस मैन के अकाउंट से करीब 50 लाख रुपये निकल गए। साइबर अपराधियों ने न तो बिजनेस मैन को कोई ई-मेल या मैसेज भेजा और न स्वैप क्या है? ही बिजनेस मैन ने किसी को अपना OTP बताया, फिर भी साइबर अपराधियों ने अकाउंट खाली कर दिया। हालांकि, साइबर अपराध का यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी साइबर अपराधी लोगों के अकाउंट्स से फिशिंग के जरिए पैसे निकाल चुके हैं।
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में बताया कि साइबर अपराधियों ने बिजनेस मैन को लगातार कई मिस्ड कॉल किए। अलग-अलग नंबरों से लगातार मिस्ड कॉल आने पर बिजनेस मैन ने अपना फोन कुछ देर के लिए एयरप्लेन या फ्लाइट मोड में डाल दिया। इस दौरान साइबर अपराधियों ने बिजनेस मैन के अकाउंट से कुल 5 ट्रांजैक्शन किए जिसमें करीब 50 लाख रुपये निकाल लिए गए।
दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने विक्टिम की शिकायत पर FIR दर्ज कर लिया है। एक सीनियर पुलिस अधिकारी के मुताबिक, शुरुआती जांच में यह SIM Swapping लग रहा है। पिछले कुछ सालों में सिम स्वैपिंग के कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें यूजर की जानकारी के बिना उनके बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन हो जाते हैं।
क्या है SIM Swap Fraud?
आजकल सभी यूजर्स के बैंक अकाउंट्स आधार कार्ड और मोबाइल नंबर से लिंक होते हैं, जिसकी वजह से यूजर्स आसानी से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन कर पाते हैं। इसके लिए यूजर को ट्रांजैक्शन करने के लिए OTP यानी वन टाइम पासवर्ड एंटर करना होता है। सिम स्वैप (SIM Swap) तकनीक के जरिए साइबर अपराधी यूजर का सिम कार्ड बदलकर अपने डिवाइस पर OTP मंगाते हैं और ठगी को अंजाम देते हैं।
साइबर अपराधी यूजर के डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल करके टेलीकॉम कंपनी से एक ही नंबर का डुप्लीकेट सिम कार्ड जारी करवाकर इस घटना को अंजाम देते हैं। सिम स्वैप की वजह से यूजर के बैंक अकाउंट, क्रेडिट कार्ड आदि का कंट्रोल साइबर अपराधी के हाथ में चला जाता है। किसी यूजर का सिम स्वैप करने के लिए स्कैमर्स टेलीकॉम ऑपरेटर बताकर उनसे संपर्क करते हैं।
यूजर से नेटवर्क में आ रही दिक्कत, या 5G के लिए नई सिम या MNP के नाम पर नया सिम इश्यू करवाने के लिए कहते हैं। जो यूजर इन साइबर अपराधियों के जाल में फंस जाते हैं, वो स्कैमर्स को अपना डॉक्यूमेंट दे देते हैं। जिसके बाद साइबर अपराधी सिम स्वैप फ्रॉड की घटना को अंजाम देते हैं।
SIM Swap Fraud से कैसे बचें?
- SIM Swap फ्रॉड से बचने के लिए यूजर्स को अपना डॉक्यूमेंट्स किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहिए।
- किसी भी तरह के फर्जी टेलीकॉम कॉल को इग्नोर करना चाहिए। अगर, किसी टेलीकॉम ऑपरेटर्स के नेटवर्क में दिक्कत है तो 198 पर कॉल करके कस्टमर केयर पर इसकी शिकायत करनी चाहिए।
- जैसे ही, फ्रॉड नया सिम कार्ड एक्टिवेट करेंगे आपका सिम कार्ड डिएक्टिवेट हो जाता है। ऐसे में तुरंत टेलीकॉम ऑपरेटर से संपर्क करना चाहिए।
- कई बार साइबर क्रिमिनल्स जान-बूझकर आपको बार-बार कॉल करेंगे ताकि आप अपना नंबर स्विच ऑफ कर लें। साइबर अपराधी या जालसाज इसी के इंतजार में रहते हैं, ताकि पुराना नंबर ऑफ होने पर नया नंबर एक्टिवेट किया जा सके। ऐसे में बार-बार कॉल आने पर फोन स्विच ऑफ करने से बचें।
- साइबर फ्रॉड होने पर आप https://cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
- Published Date: December 16, 2022 12:39 PM IST
- Updated Date: December 16, 2022 12:40 PM IST
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Cyber Security: सिम स्वैपिंग क्या है, कैसे मिनटों में खाली हो जाता है आपका बैंक अकाउंट?
Reported By: |अभिषेक शुक्ल | Updated: Jul 30, 2022, 08:07 PM IST
डीएनए हिंदी: अगर आपकी आदत अपने फोन को स्वैप क्या है? कहीं भी छोड़ देने की है तो इसे बदल दीजिए. आपके फोन में कितनी भी सिक्योरिटी क्यों न हो, जरा सी लापरवाही आप पर बहुत भारी पड़ सकती है. लॉक आपके फोन में लगा होता है सिम में नहीं. ऐसे में अगर किसी के हाथ आपका सिम लगा तो टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन (Authentication) और वेरिफिकेशन मेथड (Verification) , आपको पूरी तरह से कंगाल कर सकता है.
जब भी ठगों के हाथ आपका सिम लगता है, बेहद आसानी से वे आपकी बैंकिंग डीटेल्स से लेकर सोशल मीडिया खातों तक आसानी से एक्सेस हासिल कर लेते हैं. न ऑथेंटिकेशन काम आता है, न ही वेरिफिकेशन. सिम स्वैप दो तरीके से हो सकता है. पहला तरीका सीधे आपके फोन से सिम निकालकर हेरफेर करने का है. दूसरा तरीका है सिम डीलर से संपर्क करके आपकी प्राइवेसी में सेंध लगाकर. आइए समझते हैं.
जरा सी लापरवाही कर सकती है आपको कंगाल
सिम स्वैपिंग तब होती है जब स्कैमर आपके मोबाइल फोन कंपनी के डीलर से संपर्क करते हैं और धोखेबाजों के सिम कार्ड को एक्टिव करने के लिए धोखा देते हैं. एक बार सिम हासिल करने के बाद फ्रॉड आपके नंबर से आपके बैंक अकाउंट्स को कंगाल कर देते हैं. जैसे ही सिम का एक्सेस हाथ लगता है, स्कैमर्स आपके सिम पर पूरी तरह से कंट्रोल स्वैप क्या है? कर लेते हैं. आपके नंबर पर कॉल से लेकर मैसेज तक के डीटेल्स आसानी से सिम हैक करने वाले शख्स के हाथ में चल जाता है.
ओटीपी से लेकर ऑथेंटिकेशन तक आपके डिवाइस पर कुछ स्वैप क्या है? भी नोटिफाइ नहीं होगा लेकिन आप कंगाल हो जाएंगे. हैकर्स आपके फोन नंबर पर कंट्रोल हासिल कर लेते हैं. मोबाइल नंबर का एक्सेस हासिल करते ही हैकर्स आपके बैंक अकाउंट, मेल आईडी से लेकर सोशल मीडिया अकाउंट्स तक आसानी से कंट्रोल कर लेते हैं.
कैसे होती है सिम स्वैपिंग?
सिम स्वैपिंग आसान नहीं है. फ्रॉड पहले आपके बैंकिंग यूजरनेम और पासवर्ड को हैक करते हैं. अगर किसी तरह से वे इसे ट्रेस कर लेते हैं तो आपके बैंक आकाउंट तक उनके लिए पहुंचना मुश्किल नहीं होता है. आपकी बैंकिंग वेबसाइट पर जाकर फ्रॉड आपके बैंक खातों तक पहुंच जाते हैं.
दरअसल ज्यादातर बैंक खातों में जब आप लॉग इन करते हैं तो दो स्तर के वेरिफिकेशन से आपको गुजरना पड़ता है. सिक्योरिटी के लिए आपके फोन पर एक आपके स्मार्टफोन पर जाता है. जैसे ही आप सही कोड एंटर करते हैं आपका अकाउंट लॉग इन हो जाता है. जब आपके सिम का कंट्रोल किसी दूसरे के पास चला जाता है तो यही धोखेबाज कोड एंटर करके आपके खाते में लॉग इन कर लेते हैं.
सिम स्वैपिंग से आप भी आसानी से बच सकते हैं. आप अपने ऑलनाइन बैंक और क्रेडिट कार्ड अकाउंट्स के पासवर्ड और यूजर नेम हमेशा सेफ रखें. यह पहला स्टेप है जिसके जरिए आप अपने खाते को सुरक्षित रख सकते हैं.
क्यों इतना अहम होता है सिम का रोल?
आपके फोन में लगा सिमकार्ड, किसी भी स्मार्टफोन की आत्मा है. बैंक से लेकर सोशल मीडिया अकाउंट्स तक, हर जगह वन टाइम पासवर्ड से लेकर ऑथेंटिकेशन अप्रूवल तक, सबकुछ आपके फोन पर ही निर्भर करता है. हर कोड आपके फोन पर जाता है, तभी किसी भी सिक्योरिटी फीचर को अप्रूवल मिलता है. ऐसे में सिम को सेफ रखना सबसे जरूरी होता है.
कैसे पता चले कि आपके सिम कार्ड की हो चुकी है स्वैपिंग?
1. जब आप अपने फोन पर मैसेज और टेक्स्ट (Calls or send Texts) न रिसीव करें.
2. अगर आपके पास कोई भी नोटिफिकेशन आनी बंद हो जाए.
3. आपके मेल पर नोटिफिकेशन आए कि आपका सिम किसी दूसरे डिवाइस पर काम कर रहा है.
4. आप अपने खातों तक स्वैप क्या है? एक्सेस हासिल न कर पा रहे हों.
5. ऐसे फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन जो आप न कर रहे हों.
कैसे सिम स्वैपिंग को करें प्रोटेक्ट?
1. ऑनलाइन गतिविधियों पर हमेशा नजर रखें. कुछ भी अनकॉमन हो तो तत्काल अपने बैंक खातों पर नजर रखें.
2. अपने अकाउंट को हमेशा सिक्योर रखें. हमेशा स्ट्रॉन्ग पासवर्ड बनाएं.
3. हमेशा पिन कोड स्ट्रॉन्ग रखें. सिम के एक्सेस के लिए हमेशा पिन कोड लगाएं.
4. हमेशा अपने फोन को ही हर आईडी के वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल न करें. ईमेल का भी इस्तेमाल करें.
5. ऑथेंटिकेशन ऐप्स को ऑन रखें.
6. बैंक और मोबाइल नंबर से होने वाले हर लॉग इन से पहले नोटिफिकेशन ऑन रखें. हर ट्रांजैक्शन को लेकर आपको नोटिफिकेशन मिलते रहना चाहिए. अगर आप इन ट्रिक्स को अपनाते हैं तो आपने बैंक खातों को सिक्योर कर सकते हैं.
7. अपने बैंक के साथ इंस्टैंट बैंक अलर्ट का रजिस्ट्रेशन करा लें.
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Cyber Security: सिम स्वैपिंग क्या है, कैसे मिनटों में खाली हो जाता है आपका बैंक अकाउंट?
Reported By: |अभिषेक शुक्ल | Updated: Jul 30, 2022, 08:07 PM IST
डीएनए हिंदी: अगर आपकी आदत अपने फोन को कहीं भी छोड़ देने की है तो इसे बदल दीजिए. आपके फोन में कितनी भी सिक्योरिटी क्यों न हो, जरा सी लापरवाही आप पर बहुत भारी पड़ सकती है. लॉक आपके फोन में लगा होता है सिम में नहीं. ऐसे में अगर किसी के हाथ आपका सिम लगा तो टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन (Authentication) और वेरिफिकेशन मेथड (Verification) , आपको पूरी तरह से कंगाल कर सकता है.
जब भी ठगों के हाथ आपका सिम लगता है, बेहद आसानी से वे आपकी बैंकिंग डीटेल्स से लेकर सोशल मीडिया खातों तक आसानी से एक्सेस हासिल कर लेते हैं. न ऑथेंटिकेशन काम आता है, न ही वेरिफिकेशन. सिम स्वैप दो तरीके से हो सकता है. पहला तरीका सीधे आपके फोन से सिम निकालकर हेरफेर करने का है. दूसरा तरीका है सिम डीलर से संपर्क करके आपकी प्राइवेसी में सेंध लगाकर. आइए समझते हैं.
जरा सी लापरवाही कर सकती है आपको कंगाल
सिम स्वैपिंग तब होती है जब स्कैमर आपके मोबाइल फोन कंपनी के डीलर से संपर्क करते हैं और धोखेबाजों के सिम कार्ड को एक्टिव करने के लिए धोखा देते हैं. एक बार सिम हासिल करने के बाद फ्रॉड आपके नंबर से आपके बैंक अकाउंट्स को कंगाल कर देते हैं. जैसे ही सिम का एक्सेस हाथ लगता है, स्कैमर्स आपके सिम पर पूरी तरह से कंट्रोल कर लेते हैं. आपके नंबर पर कॉल से लेकर मैसेज तक के डीटेल्स आसानी से सिम हैक करने वाले शख्स के हाथ में चल जाता है.
ओटीपी से लेकर ऑथेंटिकेशन तक आपके डिवाइस पर कुछ भी नोटिफाइ नहीं होगा लेकिन आप कंगाल हो जाएंगे. हैकर्स आपके फोन नंबर पर कंट्रोल हासिल कर लेते हैं. मोबाइल नंबर का एक्सेस हासिल करते ही हैकर्स आपके बैंक अकाउंट, मेल आईडी से लेकर सोशल मीडिया अकाउंट्स तक आसानी से कंट्रोल कर लेते हैं.
कैसे होती है सिम स्वैपिंग?
सिम स्वैपिंग आसान नहीं है. फ्रॉड पहले आपके बैंकिंग यूजरनेम और पासवर्ड को हैक करते हैं. अगर किसी तरह से वे इसे ट्रेस कर लेते हैं तो आपके बैंक आकाउंट तक उनके लिए पहुंचना मुश्किल नहीं होता है. आपकी बैंकिंग वेबसाइट पर जाकर फ्रॉड आपके बैंक खातों तक पहुंच जाते हैं.
दरअसल ज्यादातर बैंक खातों में जब आप लॉग इन करते हैं तो दो स्तर के वेरिफिकेशन से आपको गुजरना पड़ता है. सिक्योरिटी के लिए आपके फोन पर एक आपके स्मार्टफोन पर जाता है. जैसे ही आप सही कोड एंटर करते हैं आपका अकाउंट लॉग इन हो जाता है. जब आपके सिम का कंट्रोल किसी दूसरे के पास चला जाता है तो यही धोखेबाज कोड एंटर करके आपके खाते में लॉग इन कर लेते हैं.
सिम स्वैपिंग से आप भी आसानी से बच सकते हैं. आप अपने ऑलनाइन बैंक और क्रेडिट कार्ड अकाउंट्स के पासवर्ड और यूजर नेम हमेशा सेफ रखें. यह पहला स्टेप है जिसके जरिए आप अपने खाते को सुरक्षित रख सकते हैं.
क्यों इतना अहम होता है सिम का रोल?
आपके फोन में लगा सिमकार्ड, किसी भी स्मार्टफोन की आत्मा है. बैंक से लेकर सोशल मीडिया अकाउंट्स तक, हर जगह वन टाइम पासवर्ड से लेकर ऑथेंटिकेशन अप्रूवल तक, सबकुछ आपके फोन पर ही निर्भर करता है. हर कोड आपके फोन पर जाता है, तभी किसी भी सिक्योरिटी फीचर को अप्रूवल स्वैप क्या है? मिलता है. ऐसे में सिम को सेफ रखना सबसे जरूरी होता है.
कैसे पता चले कि आपके सिम कार्ड की हो चुकी है स्वैपिंग?
1. जब आप अपने फोन पर मैसेज और टेक्स्ट (Calls or send Texts) न रिसीव करें.
2. अगर आपके पास कोई भी नोटिफिकेशन आनी बंद हो जाए.
3. आपके मेल पर नोटिफिकेशन आए कि आपका सिम किसी दूसरे डिवाइस पर काम कर रहा है.
4. आप अपने खातों तक एक्सेस हासिल न कर पा रहे हों.
5. ऐसे फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन जो आप न कर रहे हों.
कैसे सिम स्वैपिंग को करें प्रोटेक्ट?
1. ऑनलाइन गतिविधियों पर हमेशा नजर रखें. कुछ भी अनकॉमन हो तो तत्काल अपने बैंक खातों पर नजर रखें.
2. अपने अकाउंट को हमेशा सिक्योर रखें. हमेशा स्ट्रॉन्ग पासवर्ड बनाएं.
3. हमेशा पिन कोड स्ट्रॉन्ग रखें. सिम के एक्सेस के लिए हमेशा पिन कोड लगाएं.
4. हमेशा अपने फोन को ही हर आईडी के वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल न करें. ईमेल का भी इस्तेमाल करें.
5. ऑथेंटिकेशन ऐप्स को ऑन रखें.
6. बैंक और मोबाइल नंबर से होने वाले हर लॉग इन से पहले नोटिफिकेशन ऑन रखें. हर ट्रांजैक्शन को लेकर आपको नोटिफिकेशन मिलते रहना चाहिए. अगर आप इन ट्रिक्स को अपनाते हैं तो आपने बैंक खातों को सिक्योर कर सकते हैं.
7. अपने बैंक के साथ इंस्टैंट बैंक अलर्ट का रजिस्ट्रेशन करा लें.
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SIM swap क्या होता है और SIM swap से कैसे बचा जा सकता है? I How can SIM swap be avoided?
आपको पता है क्या? आपके हाथ का मोबाइल फ़ोन एक ऐसा अवजार है जिसे साइबर क्रिमिनल आपके वित्तीय खातों तक पहुंचने का एक रास्ता तेह करता है। इस फ्रॉड को सिम स्वैपिंग के रूप में जाना जाता है। साइबर क्रिमिनल आपके मोबाइल सिम पर कण्ट्रोल पा लेता है, जो की आपके नंबर को हाईजैक करके
इसका उपयोग आपके संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा और खातों तक पहुंच प्राप्त करने के लिए कर सकता हैं।
सिम स्वैपिंग घोटाले कैसे काम करते हैं?
एक सिम स्वैप स्कैम जिसे SIM splitting, sim hijacking, sim jacking और port-out scamming भी कहते है।
एक साइबर क्रिमिनल किसी भी व्यक्ति के दो कमजोरी का फायदा उठाते है। उसमे authentication और verification शामिल है। जिसमे एसएमएस भेजना और आपके मोबाइल नंबर पर कॉल करना है।
मोबाइल में सिम कार्ड के बिना फ़ोन को authorised नहीं कर सकते है। इसका फायदा धोखेबाज आपके मोबाइल नंबर पर नियंत्रण करने में सक्षम होता है और आपका नंबर चुराने के लिए, स्कैमर्स आप पर उतनी ही व्यक्तिगत जानकारी इकट्ठा करके शुरू करेगा जितनी सोशल इंजीनियरिंग में प्राप्त कर सकता है।
स्कैमर आपके वायरलेस कैरियर से संपर्क करके यह दावा करते हैं कि आपने सिम कार्ड को खो दिया है। ग्राहक सेवा (कस्टमर केयर ) प्रतिनिधि को एक नया सिम कार्ड सक्रिय करने के लिए कहते है। और यह आपके टेलीफ़ोन नंबर को क्रिमिनल अपने डिवाइस में पोर्ट करता है जिसमें एक अलग सिम होता है। या, वे दावा कर सकते हैं कि उन्हें नए फोन पर स्विच करने में मदद चाहिए।
बादमे सिम की अदला-बदली करके क्रिमिनल पर्सनल डाटा को चोरी करता है। उसके पास पूरी तरह से कण्ट्रोल होता है। उसका आपके मर्जी के विरुद्ध इसका दुरूपयोग करना शुरू कर देता है। एक बार ऐसा हो जाने के स्वैप क्या है? बाद, वे तुरंत आपके मोबाइल ऑपरेटर से संपर्क करते हैं, आपके मौजूदा सिम कार्ड को ब्लॉक करते हैं, और एक नया सिम कार्ड प्राप्त करते हैं।
सोशल मीडिया और सिम स्वैप घोटाला
सोशल मीडिया भी किसी victim के लिए trap हो सकता है। सोशल मीडिया जैसे फेसबुक पर bio के लिए पूछता है और हम जैसे आम व्यक्ति उधऱ भर-भर के पर्सनल डेटा डालते है। इसका फायदा एक fraudster आपके प्रोफाइल के भीतर उस जानकारी को खोजने के लिए करता है।
ऐसे कौनसे लक्षण है जिससे आप सिम स्वैप का शिकार हुए है ?
सिम स्वैप फ्रॉड किसी के साथ भी हो सकता है, जो व्यक्ति दर व्यक्ति पर स्वैप क्या है? निर्भर करता है की उसकी सतर्कता कैसी है। और सिम स्वैप फ्रॉड के आगे बने रहना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। उसके संकेत को पहचानना महत्वपूर्ण हो सकता है।
इसके कुछ लक्षण हो सकते है।
जैसे की आपको एसएमएस नहीं आ रहे है, कॉल नहीं आ रहे है। तो यह पहला बड़ा संकेत कि आप सिम स्वैपिंग का शिकार हो सकते हैं, जब आपका फोन कॉल और टेक्स्ट मैसेज नहीं चल रहा हो। इसमें fraudster आपके सिम को यूज़ कर रहा होगा या फिर निष्क्रिय कर चूका होगा। यदि आपके पास कोई नेटवर्क कनेक्टिविटी नहीं है और आप असामान्य रूप से लंबे समय तक कोई कॉल या एसएमएस प्राप्त नहीं कर रहे हैं, तो अपने मोबाइल ऑपरेटर से पूछताछ करें।
सिम स्वैप से खुद को बचा ने के लिए क्या करे ?
- ऑनलाइन व्यवहार जैसे फिशिंग मेल से बचे रहे। फिशिंग मेल आपके डिवाइस पर हमला करने का तरीका है जिससे आप अपने डिवाइस पर का कण्ट्रोल खो सकते हो और पर्सनल डेटा तक भी खो सकते हो।
- ऑनलाइन पर्सनल डेटा को शेयर करने से बचे। अपना पता, फ़ोन नंबर, मेल आईडी जैसे डिटेल्स को डालने से खुद को रोखे।
- अपने डिवाइस पर पिन कोड सेट करे। जैसे किसी भी मोबाइल फ़ोन पर अपने संचार के लिए एक अलग पासकोड या पिन सेट करने की अनुमति होती है, तो इसका इस्तेमाल करे।
- अपने पर्सनल अकाउंट को सुरक्षा दे, मजबूत पासवर्ड रखे, Q & A के साथ अपने सेलफोन की सुरखा को और भी बढ़ाये।
- Authentication ऍप्स का इस्तेमाल करे जैसे गूगल ऑथेंटिकेटर।
- अपने फ़ोन के साथ आपके टेक्स्ट भी एन्क्रिप्टेड नहीं है उसका भी ध्यान रखे।
- कई अज्ञात कॉल प्राप्त करने की स्थिति में अपने स्मार्टफोन को कभी भी बंद न करें। यह एक चाल हो सकती है कि आप अपने फोन को बंद कर दें और छेड़छाड़ वाले नेटवर्क कनेक्शन को देखने से रोकें।
- अनियमितताओं की पहचान करने के लिए अक्सर अपने बैंक स्टेटमेंट की जांच करें।
क्या घोटाले इतने खतरनाक होते हैं?
आमतौर पर सिम स्वैपिंग का मुख्य उद्देश्य आपके बैंक खाता तक पहुंचना होता है। जिसमे आपको वित्तीय धोका हो सकता है।
यदि ऐसे मामलों में फ्रॉस्टर पीड़ित के डिजिटल और व्यक्तिगत जीवन पर भी असर डालता है। हैकर्स सोशल मीडिया पर जाके आपके पर्सनल डेटा लीक कर सकता है या फिर संवेदनशील संदेश, फ़ोन कॉल्स को डाउनलोड कर करके आपको लंबे समय तक हानी पंहुचा सकता है।
In summary
जबकि देखा जाये सिम स्वैप घोटाला किसी के साथ भी हो सकता है। तो यह ध्यान में रखे। आपकी लापरवाही आपको बड़ी नुकसानदायी हो सकती है। तो हमेशा सतर्क रहे और लेख में उल्लिखित किये गए चरणों का शिकार होने से बचने के लिए इस्तेमाल करे। इसके अतिरिक्त, आप किसी भी पूरक सुरक्षा सेवाओं के बारे में पूछताछ करने के लिए अपने बैंक और दूरसंचार प्रदाताओं से संपर्क बनाये रखे।
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