अक्षय तृतीया पर सोने में निवेश: गोल्ड ETF में पैसा लगाना रहेगा सही, यहां जानें इससे जुड़ी सभी जरूरी बातें

आज यानी 3 मई को अक्षय तृतीया मनाई जा रही है। इस दिन हमारे देश में सोना खरीदना शुभ माना जाता है। ऐसे में अगर आप भी इस दिन सोने में निवेश का प्लान बना रहे हैं तो गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या गोल्ड ETF में निवेश करना सही रहेगा। इसमें आपका सोना सुरक्षित रहेगा और मेकिंग चार्ज भी नहीं देना होगा। आज हम आपको गोल्ड ETF के बारे में बता रहे हैं ताकि आप इसमें निवेश करके फायदा कमा सकें।

सबसे पहले समझें गोल्ड ETF क्या है?
यह एक ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड होता है, जो सोने के गिरते-चढ़ते भावों पर आधारित होता है। ETF बहुत अधिक कॉस्ट इफेक्टिव होता है। एक गोल्ड ETF यूनिट का मतलब है कि 1 ग्राम सोना। वह भी पूरी तरह से प्योर। यह गोल्ड में इन्वेस्टमेंट के साथ स्टॉक में इन्वेस्टमेंट की फ्लेक्सिबिलिटी देता है। गोल्ड ETF की खरीद-बिक्री शेयर की ही तरह BSE और NSE पर की जा सकती है। हालांकि इसमें आपको सोना नहीं मिलता। आप जब इससे निकलना चाहें तब आपको उस समय के सोने के भाव के बराबर पैसा मिल जाएगा।

गोल्ड ETF में निवेश करने के हैं कई फायदे

  • कम मात्रा में भी खरीद सकते हैं सोना: ETF के जरिए सोना यूनिट्स में खरीदते हैं, जहां एक यूनिट एक ग्राम की होती है। इससे कम मात्रा में या SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिए सोना खरीदना आसान हो जाता है। वहीं भौतिक (फिजिकल) सोना आमतौर पर तोला (10 ग्राम) के भाव बेचा जाता है। ज्वेलर से खरीदने पर कई बार कम मात्रा में सोना खरीदना संभव नहीं हो पाता।
  • मिलता है क्या ETF में पैसा लगाने का ये सही समय है शुद्ध सोना: गोल्ड ETF की कीमत पारदर्शी और एक समान होती है। यह लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन का अनुसरण करता है, जो कीमती धातुओं की ग्लोबल अथॉरिटी है। वहीं फिजिकल गोल्ड अलग-अलग विक्रेता/ज्वेलर अलग-अलग कीमत पर दे सकते हैं। गोल्ड ETF से खरीदे गए सोने की 99.5% शुद्धता की गारंटी होती है, जो कि सबसे उच्च स्तर की शुद्धता है। आप जो सोना लेंगी उसकी कीमत इसी शुद्धता पर आधारित होगी।
  • नहीं आता ज्वेलरी मेकिंग का खर्च: गोल्ड ETF खरीदने में 0.5% या इससे कम की ब्रोकरेज लगती है, साथ ही पोर्टफोलियो मैनेज करने के लिए सालाना 1% चार्ज देना पड़ता है। यह उस 8 से 30 फीसदी मेकिंग चार्जेस की तुलना में कुछ भी नहीं है, जो ज्वेलर और बैंक को देना पड़ता है, भले ही आप सिक्के या बार खरीदें।
  • सोना रहता है सुरक्षित: इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड डीमैट अकाउंट में होता है जिसमें सिर्फ सालाना डीमैट चार्ज देना होता है। साथ ही चोरी होने का डर नहीं होता। वहीं फिजिकल गोल्ड में चोरी क्या ETF में पैसा लगाने का ये सही समय है के खतरे के अलावा उसकी सुरक्षा पर भी खर्च करना होता है।
  • व्यापार की आसानी: गोल्ड ETF को बिना किसी परेशानी के तुरंत खरीदा और बेचा जा सकता है। गोल्ड ETF को लोन लेने के लिए सिक्योरिटी के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

इन फंड्स ने दिया अच्छा रिटर्न

फंड का नामबीते 1 साल में रिटर्न3 साल में फंड का औसत सालाना रिटर्न5 साल में फंड का औसत सालाना रिटर्न
एक्सिस गोल्ड ETF9.9%16.8%10.8%
SBI गोल्ड ETF9.9%16.7%11.1%
इनवेस्को इंडिया गोल्ड ETF9.9%16.4%10.4%
निप्पॉन इंडिया गोल्ड ETF9.5%16.3%10.6%
आदित्य बिरला सन लाइफ गोल्ड ETF9.3%16.0%10.4%

इसमें कैसे कर सकते हैं निवेश?
गोल्ड ETF खरीदने के लिए आपको अपने ब्रोकर के माध्यम से डीमैट अकाउंट खोलना होता है। इसमें NSE पर उपलब्ध गोल्ड ETF के यूनिट आप खरीद सकते हैं और उसके बराबर की राशि आपके डीमैट अकाउंट से जुड़े बैंक अकाउंट से कट जाएगी। आपके डीमैट अकाउंट में ऑर्डर लगाने के दो दिन बाद गोल्ड ETF आपके अकाउंट में डिपॉजिट हो जाते हैं। ट्रेडिंग खाते के जरिए ही गोल्ड ETF को बेचा जाता है।

सोने में पैसा लगाकर की जा सकती है कमाई, ये है निवेश का सबसे बेहतरीन तरीका

जानकारों का मानना है कि सोने की कीमतों में तेजी जारी रहेगी. एक्सपर्ट्स की सलाह है कि पोर्टफोलियो में सोने को शामिल किया जा सकता है. हालांकि, बहुत ज्यादा मात्रा में नहीं.

सोने में निवेश करने वालों निवेशकों को पिछले दो महीने में शानदार रिटर्न मिला है.

महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus pandemic) की वजह से सोने की कीमतों को बड़ा सपोर्ट मिला है. ग्लोबल इकोनॉमी पर Covid-19 का असर दिख रहा है. इसलिए जानकारों का मानना है कि सोने की कीमतों में तेजी जारी रहेगी. एक्सपर्ट्स की सलाह है कि पोर्टफोलियो में सोने को शामिल किया जा सकता है. हालांकि, बहुत ज्यादा मात्रा में नहीं. दुनियाभर के बाजार निगेटिव रिटर्न दे रहे हैं. लेकिन, सोना अपने रिकॉर्ड हाई पर है. सोने की कीमतें इस वक्त 46 हजार के पार हैं.

सोने में निवेश करने वालों निवेशकों को पिछले दो महीने में शानदार रिटर्न मिला है. जानकार मान रहे हैं कि सोने में आई तेजी लंबे वक्त के लिए नहीं है. लेकिन, फिर भी सोने में निवेश का यह बेहतरीन समय है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यह बेहतर रिटर्न देने वाला निवेश साबित होगा. ऐसे में गोल्ड ईटीएफ के जरिए पैसे को सुरक्षित रखने की कोशिश करें. पिछले एक साल में गोल्ड ईटीएफ का प्रदर्शन अच्छा रहा है. ऐसे में सही वक्त है सोने में पैसा लगाकर आप अच्छी कमाई कर सकते हैं.

क्या है गोल्ड ईटीएफ?
गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) म्यूचुअल फंड का ही एक प्रकार है, जो सोने में निवेश करता है. इस क्या ETF में पैसा लगाने का ये सही समय है म्यूचुअल फंड योजना की यूनिट स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होती हैं. गोल्ड ईटीएफ पैसिव तरीके से प्रबंधित किए जाने वाले ऐसे फंड होते हैं, जिनका उद्देश्य स्पॉट बाजार में फिजिकल गोल्ड से मिलने वाले रिटर्न के समान रिटर्न देना होता है.

कैसे करें गोल्ड ईटीएफ में निवेश?
गोल्ड ईटीएफ में निवेश के लिए कम से कम एक यूनिट खरीदनी पड़ती है. ये यूनिट एक ग्राम की होती है. हालांकि, क्वांटम म्यूचुअल फंड आधे ग्राम सोने की यूनिट भी उपलब्ध कराता है. कोई भी निवेशक अपने ट्रेडिंग खाते के जरिए स्टॉक एक्सचेंज से गोल्ड ईटीएफ खरीद सकता है. खरीद के बाद गोल्ड ईटीएफ की यूनिट निवेशक के डीमैट खाते में जमा हो जाती है. ट्रेडिंग खाते के जरिए ही इसे बेचा भी जा सकता है.

कितने गोल्ड ईटीएफ हैं उपलब्ध?
गोल्ड ईटीएफ में निवेश के कई फायदे हैं. क्योंकि, गोल्ड ईटीएफ निवेशक के खाते में यूनिट के तौर पर दर्ज होता है. ऐसे में निवेशक को ऐसी कोई भी समस्या नहीं होती जो फिजिकल गोल्ड से संबंधित होती हैं. गोल्ड ईटीएफ में आधे ग्राम की यूनिट भी उपलब्ध है, ऐसे में कम पूंजी वाले भी इसमें निवेश कर सकते हैं. वैल्यू रिसर्च के रिसर्च डाटा के मुताबिक, गोल्ड का इक्विटी से निगेटिव रिलेशनशिप है. यही वजह है कि गिरते स्टॉक मार्केट के बावजूद सोने में लगातार तेजी देखने को मिली है.

लंबी अवधि में और ऊपर जाएगी कीमतें
एजेंल ब्रोकिंग के कमोडिटी और करेंसी सेगमेंट के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता के मुताबिक, अगले एक महीने में सोने के भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में $1,780 के स्तर तक जा सकता है. वहीं अगर लंबी अवधि के लिए लक्ष्य लेकर चलें तो सोने के दाम $2,200 के स्तर तक जा सकते हैं. गुप्ता के मुताबिक MCX पर सोने के दाम 50,000 रुपए के करीब पहुंच रहा है. लेकिन अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत 1,800 प्रति औंस से ज्यादा रहती हैं, तो लंबी अवधि के MCX में सोने की कीमत का लक्ष्य 58,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है.

ज़ी बिज़नेस LIVE TV यहां देखें

क्या हो रणनीति?
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि मौजूदा स्तरों से सोने में थोड़ी-थोड़ी खरीदारी की जा सकती है. आप हर महीने गोल्ड ईटीएफ का यूनिट खरीद सकते हैं. अगर आप आधे ग्राम की यूनिट खरीदना चाहें, तो यह अभी मिल सकती है. आप हर महीने कम से कम एक यूनिट की खरीदारी से शुरुआत कर सकते हैं. हर महीने थोड़ा-थोड़ा सोना खरीदने की इस रणनीति के जरिए जहां एक तरफ सोने में आपका एक्सपोजर बढ़ेगा, वहीं भविष्य के लिए पूंजी भी तैयार होगी.

क्या ईटीएफ में पैसा लगाने का ये सही समय है कैसा है मिरे का नया ईएसजी एनएफओ :-

वैसे तो भारत में ईटीएफ का अस्तित्व पिछले 20 साल से है, लेकिन ईटीएफ में बढ़त वास्तव में पिछले 5-6 साल में देखी गई है. भारत में ईटीएफ का एयूएम बढ़ने की कुछ वजहें इस प्रकार है |
सरकारें ईटीएफ का इस्तेमाल विनिवेश के एक पसंदीदा मार्ग के रूप में कर रही हैं, इसकी वजह से छोटे निवेशकों की भागीदारी बढ़ी है.ईपीएफओ और निजी पीएफ संस्थाएं ईटीएफ का इस्तेमाल शेयर बाजार में अपना निवेश बढ़ाने के लिए कर रही हैं |

रेटिंग: 4.87
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 803