नेशनल स्टॉक एक्सचेंज
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से अग्रणी स्टॉक एक्सचेंज है। यह मुंबई में स्थित है। इसकी स्थापना 1992 मे 25 करोड़ रुपये की समता पूँजी के साथ हई थी। कारोबार के लिहाज से यह विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। इसकी स्थापना देश में वित्तीय सुधार के लिए M.J. शेरवानी समिति की सिफारिस के आधार पर की गयी थी |
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से अग्रणी स्टॉक एक्सचेंज है। यह मुंबई में स्थित है। इसकी स्थापना 1992 मे 25 करोड़ रुपये की समता पूँजी के साथ हई थी। कारोबार के लिहाज से यह विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। इसकी स्थापना देश में वित्तीय सुधार के लिए M.J. शेरवानी समिति की सिफारिस के आधार पर की गयी थी | इसके वीसैट (VSAT) टर्मिनल भारत के 320 शहरों तक फैले हुए हैं| नेशनल स्टाक एक्सचेंज का देशव्यापी नेटवर्क फैला हुआ है| निफ्टी, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के अंतर्गत आने वाला सूचकांक है | इसके अंतर्गत 50 कम्पनियाँ रजिस्टर्ड हैं , जबकि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (स्थापना 1875) के अंतर्गत सिर्फ 30 कम्पनियाँ हैं | इसे, एक आधुनिक व पूरी तरह से स्वचालित, स्क्रीन आधारित व्यापार प्रणाली प्रदान करने के लिए शीर्ष संस्थाओं द्वारा स्थापित किया गया था| नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, सुप्रीम पारदर्शिता, दक्षता, गति, सुरक्षा और बाजार अखंडता के बारे में मजबूती लाने के लिए लाया गया है|
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज नें ट्रेडिंग वॉल्यूम और बाजार प्रथाओं के मामले में भारतीय प्रतिभूति बाजार के पुनर्गठन में एक उत्प्रेरक की भूमिका निभाई है| आज यह बाजार विविध उत्पादों के सन्दर्भ में एक सक्षम और पारदर्शी व्यापार प्रक्रिया और निपटान तंत्र के सन्दर्भ में राज्य के अत्याधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करता है, और उत्पादों और सेवाओं में कई नवाचारों से सम्बंधित कार्यों को सम्पादित करता है| शेयर बाजार शासन, निपटान चक्र के संपीड़न, स्क्रीन आधारित ट्रेडिंग, प्रतिभूतियों के सन्दर्भ में अनेक कार्य और इलेक्ट्रॉनिक हस्तांतरण, प्रतिभूतियों के उधार लेने, प्रतिभूतियों के उधार, जोखिम प्रबंधन प्रणाली, समाशोधन के कार्य करता है|
स्टॉक मार्किट सूचकांक की विशेषता यह होती है कि इसमें कुछ प्रतिनिधि कंपनियों के शेयरों के आधार पर स्टॉक मार्केट में होने वाली दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों या परिवर्तनों की प्रवृत्ति पर प्रकाश डाला जाता है |सूचकांक में सम्मिलित कंपनियों का समय-समय का आकलन किया जाता है | पुरानी कंपनियों के स्थान पर वे नयी कम्पनियाँ जो सर्वोत्तम होतीं है, को शामिल किया जाता है |
उद्देश्य
यह संस्था लोगों की वित्तीय भलाई को बढ़ाने के लिए समर्पित है और उनके लाभ के सन्दर्भ में अपने कार्यों को सम्पादित करता है|
दृष्टि
एक नेता किभुमिका अदा करना और की संस्थान वैश्विक उपस्थिति को मजबूत बनाये रखना. साथ ही लोगों को वित्तीय उपलब्धि के सन्दर्भ में मदद करना|
भारत में बैंकिंग क्षेत्र की संरचना
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज निम्नलिखित बुनियादी मूल्यों के लिए समर्पित है:
1. वफ़ादारी
2. ग्राहक केंद्रित संस्कृति
3. व्यक्ति के प्रति सम्मान, देखभाल और विश्वास
4. टीमवर्क
5. उत्कृष्टता के लिए जुनून
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में अंतर
1. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में 50 कम्पनियाँ शामिल हैं जबकि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में 30 कम्पनियाँ हैं | इसी कारण नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को ज्यादा भरोसेमंद माना जाता है |
2. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के अंतर्गत आने वाला सूचकांक निफ्टी है जबकि सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के अंतर्गत आता है |
इन दोनों सूचकांकों में समानता यह है कि दोनों ही संवेदी सूचकांक हैं और दोनों का काम शेयर बाजार की सही स्थिती निवेशकों को बताना है |
Ravi Narain: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के पूर्व सीईओ रवि नारायण को ईडी ने किया गिरफ्तार, ये है पूरा मामला
नारायण अप्रैल 1994 से 31 मार्च 2013 तक एनएसई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे। इसके बाद उन्हें 1 अप्रैल 2013 से 1 जून 2017 तक कंपनी बोर्ड में गैर-कार्यकारी श्रेणी में उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रवि नारायण को को-लोकेशन घोटाले से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया है।
नारायण अप्रैल 1994 से 31 मार्च 2013 तक एनएसई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे। इसके बाद उन्हें 1 अप्रैल 2013 से 1 जून 2017 तक कंपनी बोर्ड में गैर-कार्यकारी श्रेणी में उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया।
नारायण पर 2009 से 2017 के बीच एनएसई के कर्मचारियों का अवैध तरीके से फोन टैप करने का आरोप है। ईडी ने नारायण, एनएसई की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण और मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय पांडे के खिलाफ 14 जुलाई को पीएमएल के तहत मामला दर्ज किया था। इन दिनों के खिलाफ पहले सीबीआई ने मामला दर्ज किया था।
क्या है को-लोकेशन सेवा
इस सेवा के तहत ब्रोकर्स को अपना सर्वर एक्सचेंज परिसर में लगाने की अनुमति दी जाती है। इसकी मदद से वे शेयर बाजार में हो रही हलचल का तेजी से पता लगा सकते हैं और इसका फायदा उठा सकते हैं।
जांच में सामने आया था कि कई ब्रोकर्स ने इसमें धांधली कर फायदा उठाया और अवैध रूप से करोड़ों रुपये बनाए। जांच में एल्गोरिदम में छेड़छाड़ की बात सामने आई थी।
पिछले महीने ईडी ने चित्रा रामकृष्ण को गिरफ्तार किया था। उन्हें गैरकानूनी तरीके से फोन टैपिंग और एक्सचेंज के कर्मचारियों की जासूसी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
एक सप्ताह पहले ईडी के वकील ने हाईकोर्ट में क्या कहा?
एक सप्ताह पहले ईडी के वकील एन.के. मट्टा ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा था कि नारायण और दूसरे आरोपियों ने एनएसई और उसके कर्मचारियों को धोखा देने के लिए साजिश रची। उन्होंने संजय पांडे से जुड़ी कंपनी आईसेक सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के जरिए एक्सचेंज के कर्मचारियों का अवैध तरकी से फोन टैप किया। यह एनएसई की साइबर सुरक्षा की आड़ में यह किया गया।
विस्तार
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रवि नारायण को को-लोकेशन घोटाले से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया है।
नारायण अप्रैल 1994 से 31 मार्च 2013 तक एनएसई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे। इसके बाद उन्हें 1 अप्रैल 2013 से 1 जून 2017 तक कंपनी बोर्ड में गैर-कार्यकारी श्रेणी में उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया।
नारायण पर 2009 से 2017 के बीच एनएसई के कर्मचारियों का अवैध तरीके से फोन टैप करने का आरोप है। ईडी ने नारायण, एनएसई की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण और मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय पांडे के खिलाफ 14 जुलाई को पीएमएल के तहत मामला दर्ज किया था। इन दिनों के खिलाफ पहले सीबीआई ने मामला दर्ज किया था।
क्या है को-लोकेशन सेवा
इस सेवा के तहत ब्रोकर्स को अपना सर्वर एक्सचेंज परिसर में लगाने की अनुमति दी जाती है। इसकी मदद से वे शेयर बाजार में हो रही हलचल का तेजी से पता लगा सकते हैं और इसका फायदा उठा सकते हैं।
जांच में सामने आया था कि कई ब्रोकर्स ने इसमें धांधली कर फायदा उठाया और अवैध रूप से करोड़ों रुपये बनाए। जांच में एल्गोरिदम में छेड़छाड़ की बात सामने आई थी।
पिछले महीने ईडी ने चित्रा रामकृष्ण को गिरफ्तार किया था। उन्हें गैरकानूनी तरीके से फोन टैपिंग और एक्सचेंज के कर्मचारियों की जासूसी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
एक सप्ताह पहले ईडी के वकील ने हाईकोर्ट में क्या कहा?
एक सप्ताह पहले ईडी के वकील एन.के. मट्टा ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा था कि नारायण और दूसरे आरोपियों ने एनएसई और उसके कर्मचारियों को धोखा देने के लिए साजिश रची। उन्होंने संजय पांडे से जुड़ी कंपनी आईसेक सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के जरिए एक्सचेंज के कर्मचारियों का अवैध तरकी से फोन टैप किया। यह एनएसई की साइबर सुरक्षा की आड़ में यह किया गया।
बीएसई (BSE), एनएसई (NSE) क्या है
जब नेशनल स्टॉक एक्सचेंज कभी हम शेयर मार्केट की बात करते है, तो उसमें एनएसई और बीएसई का नाम अवश्य शामिल होता है, क्योंकि भारत का शेयर बाजार एनएसई और बीएसई के ऊपर निर्भर करता है | यदि हम एनएसई और बीएसई की बात करे, तो यह दोनों ही भारत के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज है |
एनएसई और बीएसई यह दोनों एक दूसरे से काफी अलग है, परन्तु इनमें कुछ समानताएं भी हैं | हमारे देश की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में इन दोनों स्टॉक एक्सचेंज की अहम् भूमिका है | बीएसई (BSE), एनएसई (NSE) क्या है, फुल फॉर्म और NSE और BSE अंतर के बारें में आपको यहाँ पूरी जानकरी विधिवत रूप से दे रहे है |
बीएसई और एनएसई का फुल फार्म (BSE & NSE Full form)
Table of Contents
बीएसई (BSE) का फुल फार्म “बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ (Bombay Stock Exchange)” है | यह भारत का ही नहीं बल्कि एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है | एनएसई (NSE) का फुल फार्म नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) है | भारत में एनएसई की स्थापना वर्ष 1992 में इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंज सिस्टम के रूप में हुई थी |
BSE Full Form In English | Bombay Stock Exchange |
NSE Full Form In English | National Stock Exchange |
बीएसई क्या है (What Is BSE)
बीएसई (BSE) की स्थापना वर्ष 1857 में प्रेमचंद रॉयचंद ने देशी शेयर और स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन के रूप में की थी और अब इसका प्रबंधन सेठूरामन रवि द्वारा किया जा रहा है। वर्ष 1957 के बाद भारत सरकार नें सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट, 1956 के अंतर्गत इसे भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज के रूप में मान्यता प्रदान की थी।
वर्ष 1995 में बीएसई की ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू हुई, उस समय इसकी क्षमता एक दिन में 8 मिलियन ट्रांजेक्शन थी। ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को एशिया के पहले स्टॉक एक्सचेंज’ के रूप में जाना जाता है और यह सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL), मार्केट डेटा सर्विस, डिपॉजिटरी सर्विसेज और रिस्क मैनेजमेंट आदि सेवाएँ प्रदान करता है। बीएसई दुनिया का 12वा बड़ा स्टॉक एक्सचेंज मार्केटप्लेस है है, और जुलाई 2017 तक, इसका मार्केट कैपिटलाइज़ेशन 2 बिलियन डालर से अधिक है |
एनएसई क्या है (What Is NSE)
एनएसई (NSE) अर्थात नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना वर्ष 1992 में हुई थी और इसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है | एनएसई को वर्ष 1992 में सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स एक्ट 1956 के तहत कर भुगतान कंपनी के रूप में स्थापित किया गया था, परन्तु इसका संचालन 1994 में शुरू हुआ था | एनएसई भारत में व्यापार के लिए स्क्रीन-आधारित प्रणाली की पेशकश करने वाला पहला स्टॉक एक्सचेंज था।
शुरूआत में एनएसई को भारतीय बाजार प्रणाली में पारदर्शिता के लिए एक उद्देश्य के साथ स्थापित किया गया था, और अपने लक्ष्य को प्राप्त करनें में सफलता प्राप्त की है। एनएसई सरकार की सहायता से सफलतापूर्वक ट्रेडिंग जैसी सेवाएं प्रदान करता है, जिसमें क्लीयरिंग के साथ-साथ ऋण और इक्विटी में समझौता और घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेशक शामिल हैं।
वर्तमान में इस एक्सचेंज में लगभग 1700 कंपनियां सूचीबद्ध हैं, जिनमें से लगभग 1370 सक्रिय हैं। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज 10वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज मार्केटप्लेस है, और मार्च 2017 तक इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 1.41 ट्रिलियन डालर से अधिक हो गया था |
बीएसई और एनएसई में अंतर (Difference Between BSE & NSE)
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज दोनों इंडियन कैपिटल मार्केट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जिसमें प्रतिदिन हजारों ब्रोकर और निवेशक इन स्टॉक एक्सचेंजों पर व्यापार करते हैं और दोनों मुंबई, महाराष्ट्र, और सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) में स्थापित हैं। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में मुख्य अंतर इस प्रकार है-
सेबी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर लगाया रु. 7 करोड़ का जुर्माना
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 2015 के ‘डार्क फाइबर’ मामले में भारी जुर्माना लगाया है, जिसमें कुछ दलालों ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के इंटरनेट इन्फ्रास्ट्रक्चर का फायदा उठाते हुए अपनी कॉलोकेशन (कोलो) सुविधाओं के लिए तेजी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज से कनेक्टिविटी प्राप्त की है।बाजार नियामक ने एनएसई पर 7 करोड़ रुपये और पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चित्रा रामकृष्ण पर 5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
इस मामले में, कुल 18 संस्थाओं पर जुर्माना लगाया गया। इसने समूह के पूर्व संचालन अधिकारी आनंद सुब्रमण्यम और वर्तमान मुख्य व्यवसाय विकास अधिकारी रवि वाराणसी पर भी 5-5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इंटरनेट सेवा प्रदाता संपर्क इंफोटेनमेंट को 3 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा गया है। ऑनलाइन ट्रेडिंग फर्म वे2वेल्थ और जीकेएन सिक्योरिटीज को भी क्रमश: 6 करोड़ रुपये और 5 करोड़ रुपये का जुर्माना देने को कहा गया है।
Ravi Narain: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के पूर्व सीईओ रवि नारायण को ईडी ने किया गिरफ्तार, ये है पूरा मामला
नारायण अप्रैल 1994 से 31 मार्च 2013 तक एनएसई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे। इसके बाद उन्हें 1 अप्रैल 2013 से 1 जून 2017 तक कंपनी बोर्ड में गैर-कार्यकारी श्रेणी में उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रवि नारायण को को-लोकेशन घोटाले से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया है।
नारायण अप्रैल 1994 से 31 मार्च 2013 तक एनएसई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे। इसके बाद उन्हें 1 अप्रैल 2013 से 1 जून 2017 तक कंपनी बोर्ड में गैर-कार्यकारी श्रेणी में उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया।
नारायण पर 2009 से 2017 के बीच एनएसई के कर्मचारियों का अवैध तरीके से फोन टैप करने का आरोप है। ईडी ने नारायण, एनएसई की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण और मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय पांडे के खिलाफ 14 जुलाई को पीएमएल के तहत मामला दर्ज किया था। इन दिनों के खिलाफ पहले सीबीआई ने मामला दर्ज किया था।
क्या है को-लोकेशन सेवा
इस सेवा के तहत ब्रोकर्स को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज अपना सर्वर एक्सचेंज परिसर में लगाने की अनुमति दी जाती है। इसकी मदद से वे शेयर बाजार में हो रही हलचल का तेजी से पता लगा सकते हैं और इसका फायदा उठा सकते हैं।
जांच में सामने आया था कि कई ब्रोकर्स ने इसमें धांधली कर फायदा उठाया और अवैध रूप से करोड़ों रुपये बनाए। जांच में एल्गोरिदम में छेड़छाड़ की बात सामने आई थी।
पिछले महीने ईडी ने चित्रा रामकृष्ण को गिरफ्तार किया था। उन्हें गैरकानूनी तरीके से फोन टैपिंग और एक्सचेंज के कर्मचारियों की जासूसी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
एक सप्ताह पहले ईडी के वकील ने हाईकोर्ट में क्या कहा?
एक सप्ताह पहले ईडी के वकील एन.के. मट्टा ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा था कि नारायण और दूसरे आरोपियों ने एनएसई और उसके कर्मचारियों को धोखा देने के लिए साजिश रची। उन्होंने संजय पांडे से जुड़ी कंपनी आईसेक सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के जरिए एक्सचेंज के कर्मचारियों का अवैध तरकी से फोन टैप किया। यह एनएसई की साइबर सुरक्षा की आड़ में यह किया गया।
विस्तार
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रवि नारायण को को-लोकेशन घोटाले से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया है।
नारायण अप्रैल 1994 से 31 मार्च 2013 तक एनएसई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे। इसके बाद उन्हें 1 अप्रैल 2013 से 1 जून 2017 तक कंपनी बोर्ड में गैर-कार्यकारी श्रेणी में उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया।
नारायण पर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज 2009 से 2017 के बीच एनएसई के कर्मचारियों का अवैध तरीके से फोन टैप करने का आरोप है। ईडी ने नारायण, एनएसई की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण और मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय पांडे के खिलाफ 14 जुलाई को पीएमएल के तहत मामला दर्ज किया था। इन दिनों के खिलाफ पहले सीबीआई ने मामला दर्ज किया था।
क्या है को-लोकेशन सेवा
इस सेवा के तहत ब्रोकर्स को अपना सर्वर एक्सचेंज परिसर में लगाने की अनुमति दी जाती है। इसकी मदद से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज वे शेयर बाजार में हो रही हलचल का तेजी से पता लगा सकते हैं और इसका फायदा उठा सकते हैं।
जांच में सामने आया था कि कई नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ब्रोकर्स ने इसमें धांधली कर फायदा उठाया और अवैध रूप से करोड़ों रुपये बनाए। जांच में एल्गोरिदम में छेड़छाड़ की बात सामने आई थी।
पिछले महीने ईडी ने चित्रा रामकृष्ण को गिरफ्तार किया था। उन्हें गैरकानूनी तरीके से फोन टैपिंग और एक्सचेंज के कर्मचारियों की जासूसी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
एक सप्ताह पहले ईडी के वकील ने हाईकोर्ट में क्या कहा?
एक सप्ताह पहले ईडी के वकील एन.के. मट्टा ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा था कि नारायण और दूसरे आरोपियों ने एनएसई और उसके कर्मचारियों को धोखा देने के लिए साजिश रची। उन्होंने संजय पांडे से जुड़ी कंपनी आईसेक सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के जरिए एक्सचेंज के कर्मचारियों का अवैध तरकी से फोन टैप किया। यह एनएसई की साइबर सुरक्षा की आड़ में यह किया गया।
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