क्या होता है हवाला कारोबार
हवाला कारोबार, धन-हस्तान्तरण की एक अवैध और अनौपचारिक प्रणाली है। यह धन लेने-देने वाले दलालों के एक बहुत बड़े नेटवर्क के रूप में काम करती है। हवाला का पूरा काम इस नेटवर्क के विश्वास एवं कार्यकुशलता पर आधारित होता है। हवाला का काम मुख्यत: मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका एवं दक्षिण एशिया में फैला हुआ है।

ई-रुपी के बारे में जानकारी | फुल फॉर्म, मीनिंग और उपयोग । About E-RUPI in Hindi

अब आपको बाजार से सब्जी, अनाज, आटा, दाल, चावल, कपड़े, मोबाइल या कोई सामान लेने के लिए कागज के नोट या सिक्के ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 1 से लेकर 2000 रुपए तक के, हर तरह के नोट आपके मोबाइल में डिजिटल रुपए (E-Rupi) के रूप में रहेंगे और उनसे आप कुछ भी सामान खरीद सकेंगे या रिचार्ज कर सकेंगे। बिल का पेमेंट कर सकेंगे और किसी को पैसा भी भेज सकेंगे। ये सारी सुविधाएं आपको मिलेंगी डिजिटल रुपए से। इसके लिए किसी bank account या payment app की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि ये UPI पेमेंट से अलग तरीके का सिस्टम होगा, जोकि SMS या QR Code की मदद से चलेगा। इसके लिए इंटरनेट की भी जरूरत नहीं होगी।

1 दिसंबर 2022 से रिजर्व बैंक ने, खुदरा सौदों (Retail transactions) के लिए भी, भारतीय रुपयों का डिजिटल रूप ई-रुपी (e-R ) लांच कर दिया है। फिलहाल, इसे सिर्फ भारत के 4 प्रमुख शहरों दिल्ली, मुंबई, बंगलुरू और भुवनेश्वर में शुरू किया गया है। अगले चरण में इसे अहमदाबाद, हैदराबाद, लखनऊ, पटना, इंदौर, शिमला, कोच्चि, गुवाहाटी, और गंगटोक में भी शुरू किया जाएगा। धीरे-धीरे करके अगले कुछ महीनों में इसे पूरे भारत में, हर शहर-हर गांव में इस्तेमाल के लिए लागू कर दिया जाएगा।

ई-रुपी क्या है? What is e-Rupi

  • e-Rupi का फुल फॉर्म होता है-Electronic Rupee
  • हिंदी में इसका मतलब होता है- इलेक्ट्रॉनिक रुपया या डिजिटल रुपया

डिजिटल रुपए भी लीगल टेडर होंगे: कागजी नोटों और सिक्कों की तरह डिजिटल रुपए भी लीगल टेंडर होंगे। मतलब ये कि, इनकी इनकी कानूनी और वैध मान्यता (legal Validity and acceptability) होगी। रिजर्व बैंक इससे संबंधित मौद्रिक नीति भी बनाता रहेगा। घरेलू बाजार और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डिजिटल रुपयों की कीमत निर्धारण का सिस्टम भी पहले की तरह काम करता रहेगा।

लोगों के पास किस तरह से पहुंचेगे e-Rupi: सामान्य लोगों तक ये डिजिटल रुपए (e-Rupee) पहुंचाने का जिम्मा, रिजर्व बैंक ने फिलहाल 8 बैकों को सौंपा है (बैकों के नाम नीचे देंखें)। इन्हें भागीदार बैंक (participating banks) कहा गया है। ये बैंक अपने ग्राहकों को एक digital wallet देंगे, जिसमें उनके डिजिटल रुपए (e-R) भेजे जाएंगे। मतलब यह कि बैंक आपको कागजी नोटों या सिक्कों की बजाय e-R वाले वॉलेट देंगे। आप जितने पैसे खर्च कर देंगे, उतनी रकम आपके डिजिटल पर्स में घट जाएगी। इसी तरह, आपको जितने पैसे मिलेंगे, आपके डिजिटल पर्स में उतनी रकम बढ़ जाएगी।

ई-रुपी के फायदे | Benefits of e-Rupi

  • बैंक अकाउंट या पेमेंट एप होना जरूरी नहीं: डिजिटल रुपयों (e-R) को प्राप्त करने या खर्च करने के लिए आपको न तो किसी बैंक अकाउंट रखने की जरूरत होगी और न ही किसी कार्ड या डिजिटल पेमेंट एप की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर प्रमुख मुद्रा जोड़े क्या हैं पर, SMS या QR code के माध्यम से यह आपको मिल जाएगी और डिजिटल वैरिफिकेशन के माध्यम से इससे पेमेंट भी किया जा सकेगा।
  • इंटरनेट और स्मार्ट फोन की भी जरूरत नहीं पड़ेगी: डिजिटल रुपए से लेन-देन की प्रक्रिया के लिए किसी तरह के इंटरनेट या स्मार्ट फोन की अनिवार्यता नहीं रहेगी। आप किसी भी साधारण फोन की मदद से भी पैसों का लेन-देन निपटा सकेंगे।
  • नोटों के फटने या खराब होने की समस्या नहीं: कागजी नोट या सिक्कों की तरह, डिजिटल रुपया कभी भी न तो खराब होगा और न ही फटने का डर रहेगा। न तो आपको टेप या गोंद से चिपका हुआ नोट मिलेगा और न ही नकली सिक्का मिलेगा। रिजर्व बैंक को भी नकली नोटों और नकली सिक्कों की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा।
  • बैंक अकाउंट या कार्ड के डिटेल्स सुरक्षित रहेंगे : पूरी प्रक्रिया के दौरान, आपको न तो बैंक अकाउंट डिटेल्स देने पड़ते हैं न ही आधार कार्ड या एटीएम कार्ड के डिटेल्स देने पड़ते हैं। इससे आपके व्यक्तिगत और फाइनेंशियल डिटेल्स पूरी तरह सुरक्षित बने रहते हैं। आपका कोई विवरण चोरी होने या या शेयर होने की गुंजाइश नहीं रहती।
  • संपर्क से संक्रमण की गुंजाइश नहीं: आपको अपने संपर्क में आए किसी सामान को दूसरे को देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। न रसीद, न कार्ड और न ही फिंगरप्रिंट देना पड़ेगा। दूर से ही कोई भी पेमेंट या ट्रांसफर हो जाएगा। दो लोगों के बीच किसी तरह के संपर्क की जरूरत नहीं पड़ेगा। यानी कि किसी बीमारी के संक्रमण के फैलने की गुंजाइश नहीं रहेगी।
  • आपसी लेन-देनों में गोपनीयता भी कायम रहेगी: अभी आप बाजार में या घर में किसी को पैसे देते हैं या लेते हैं तो इसकी जानकारी किसी तीसरे व्यक्ति या संस्था को नहीं हो पाती। बैंक और सरकार को भी नहीं। इस तरह की गोपनीयता डिजिटल रुपयों के संबंध में भी कायम रहेगी। बैंक या सरकार, न तो प्रमुख मुद्रा जोड़े क्या हैं ऐसे लेन-देन पर निगाह रख सकेंगे और न ही इनका कोई रिकॉर्ड उन्हें मिलेगा।

RBI ने खुदरा उपयोग के लिए लॉन्च किया डिजिटल रुपया, कैट ने किया स्वागत

नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) (Reserve Bank of India (RBI)) ने गुरुवार को खुदरा स्तर पर उपयोग के लिए रिटेल डिजिटल रुपया लॉन्च (retail digital rupee launch) किया। आरबीआई के इस कदम का कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (Confederation of All India Traders (CAIT)) ने स्वागत किया है।

रिजर्व बैंक के रिटेल डिजिटल रुपया की खरीदारी फिलहाल चार प्रमुख बैंकों, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई), आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक से की सकेगी। खुदरा स्तर पर डिजिटल मुद्रा की शुरुआत का कैट ने स्वागत करते हुए कहा कि जल्द ही कारोबार में भुगतान के लिए इसको अपनाने और स्वीकार करने के लिए देशभर के व्यापारिक समुदाय के बीच एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करेगा।

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कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की डिजिटल रुपया भारत प्रमुख मुद्रा जोड़े क्या हैं में व्यापार और वाणिज्य में भुगतान के परिदृश्य को बदल देगा। खंडेलवाल ने कहा कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को जमीनी स्तर से बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था उपभोग पर आधारित है, जिसमे खुदरा विक्रेता और उपभोक्ता राजा हैं। खंडेलवाल ने कहा कि डिजिटल मु्द्रा डिजिटल इंडिया की स्वीकार्यता के प्रसार में मदद करेगी।

खंडेलवाल ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत बड़ी है, लेकिन खुदरा स्तर पर नकद मुद्रा के उपयोग के कारण व्यापार में कैश करेंसी का एक बड़ा हिस्सा है जो बेहिसाब रह जाता है। डिजिटल मुद्रा की शुरुआत होने से प्रत्येक लेन-देन आरबीआई की पुस्तकों और भारत सरकार के रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा। हम दुनिया की सबसे बड़ी घरेलू अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में सक्षम होंगे। हमारे देश में खुदरा बाजार का सटीक आकार रिकॉर्ड किए गए लेन-देन से प्रमाणित होगा।

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 3 पैसे की मजबूती के साथ 82.47 पर बंद हुआ

विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से भी घरेलू इकाई को समर्थन मिला है।इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में, स्थानीय इकाई 82.74 पर खुली और ग्रीनबैक के मुकाबले 82.40 के इंट्रा-डे हाई और 82.75 के निचले स्तर को छुआ।स्थानीय इकाई अंत में 82.50 के अपने पिछले बंद के मुकाबले 3 पैसे की वृद्धि दर्ज करते हुए 82.47 पर बंद हुई।

गौरांग सोमैया, फॉरेक्स एंड बुलियन एनालिस्ट, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने कहा, "उम्मीद के अनुरूप, आरबीआई ने अन्य 35 बीपीएस की दरों में वृद्धि की। इसने वित्त वर्ष 2023 के सकल घरेलू उत्पाद के पूर्वानुमान को 7 फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया।"

आरबीआई ने कहा कि अगले 12 महीनों में महंगाई दर 4 फीसदी से ऊपर रह सकती है।

भारत-नेपाल के बीच हवाला कारोबार, करोडों रुपये ऐसे होते हैं इधर से उधर

भारत-नेपाल के बीच हवाला कारोबार, करोडों रुपये ऐसे होते हैं इधर से उधर

भारत-नेपाल के बीच हवाला कारोबार पर सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी निगरानी है। गैरकानूनी तरीके से लाखों की रकम को विदेशी मुद्रा में विनिमय करने वालों पर अब बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी है। इसके लिए चम्पावत पुलिस के अलावा इनकम टैक्स बड़े ट्रांजेक्शन पर नजर बनाए हुए हैं।

दरअसल, भारत-नेपाल के बीच सीमित मात्रा में ही वैध तरीके से धनराशि ले जाने के नियम हैं। एक बार में एक व्यक्ति 25 हजार की धनराशि से अधिक सीमा पार नहीं ले जा सकता है। लेकिन भारत के तमाम राज्यों के लोग नेपाल के कसीनो में जाकर लाखों का जुआ खेलते हैं। पुलिस के मुताबिक ये लोग गैरकानूनी तरीके से हवाला कारोबार के माध्यम से मुद्रा का विनियमिकरण करते हैं। बताया जा रहा है कि हवाला कारोबार का सीधा संपर्क कसीनो से जुड़ा हुआ हो सकता है।

अफगानिस्तान के जलालाबाद शहर के मुद्रा विनिमय बाजार में विस्फोट

यूएनएससी के बयान में गुरुवार को कहा गया, "सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने 30 नवंबर को समांगन प्रांत के ऐबक में धार्मिक स्कूल में निर्दोष छात्रों और बच्चों पर हुए जघन्य आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की।" (एएनआई)

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