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निवेश विश्लेषण में भविष्य प्रदर्शन की भविष्यवाणी करने और किसी विशेष निवेश रख के लिए इसकी उपयोगिता निर्धारित करने के लिए किसी सुरक्षा या उद्योग पर शोध और मूल्यांकन करना शामिल है।

निवेश विश्लेषण का अर्थ,प्रकृति, दायरा,लाभ और नुकसान

निवेश विश्लेषण का अर्थ

निवेश विश्लेषण इसकी लाभप्रदता निर्धारित करने के लिए निवेश प्रस्ताव का मूल्यांकन करने की एक प्रक्रिया है। यह वह है जो अपने जोखिम, रिटर्न और पुनर्विक्रय मूल्य की जांच करके सबसे अच्छा निवेश विकल्प चुनने में सक्षम बनाता है। निवेश विश्लेषण का उद्देश्य एक ऐसे निवेश का पता लगाना है जो एक पोर्टफोलियो के लिए सबसे उपयुक्त हो और निवेशक की जरूरतों के अनुकूल हो। इस प्रक्रिया में, निवेश के पिछले रिटर्न और बाजार के रुझान का आकलन उसके भविष्य के प्रदर्शन के बारे में भविष्यवाणी करने के लिए ठीक से किया जाता है। विभिन्न विकल्पों में से सर्वोत्तम निवेश विकल्प की पहचान करने के लिए निवेशकों के पास निवेश विश्लेषण एक बहुत ही लाभकारी उपकरण है। इसका उपयोग व्यक्तिगत निवेश प्रतिभूतियों, बड़े पैमाने की व्यावसायिक परियोजनाओं और स्टार्टअप के निवेश के मूल्यांकन के लिए किया जा सकता है। मौलिक और तकनीकी विश्लेषण निवेश विश्लेषण के दो महत्वपूर्ण तरीके हैं।

निवेश विश्लेषण की प्रकृति

प्रतिभूतियों का मूल्यांकन करें: निवेश विश्लेषण उपयुक्त चुनने के लिए प्रतिभूतियों की जांच करता है। यह एक ऐसा उपकरण है जो निवेशक को कोई भी निवेश करने से पहले निवेश प्रस्तावों का मूल्यांकन करने में मदद करता है। निवेश विश्लेषण का उद्देश्य रणनीतिक निवेश योजनाओं को चुनना है जो सभी लक्ष्यों को पूरा करती हैं।

उपाय जोखिम और वापसी: यह अपनी समग्र लाभप्रदता निर्धारित करने के लिए जोखिम और निवेश योजनाओं की वापसी को मापता है। जोखिम का स्तर और प्राप्त होने वाला नकदी प्रवाह दो महत्वपूर्ण कारक हैं जिन पर प्रत्येक परियोजना में विचार किया जाता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से निवेशक विभिन्न निवेश विकल्पों की लाभप्रदता निर्धारित करने में सक्षम होते हैं।

अपरिवर्तनीय निर्णयों के साथ सौदा: निवेश विश्लेषण मुख्य रूप से अपरिवर्तनीय निर्णयों से संबंधित है जो लंबी अवधि के लिए हैं। ये निर्णय निवेशक की कमाई क्षमता और विकास दर को प्रभावित करते हैं। किसी भी गलत निर्णय के मामले में, यह भारी नुकसान और दीर्घकालिक प्रतिकूल प्रभाव का कारण बन सकता है।

भविष्य के प्रदर्शन की भविष्यवाणी करता है: इस प्रक्रिया का उपयोग उनकी विश्वसनीयता जानने के लिए प्रतिभूतियों के भविष्य के प्रदर्शन की भविष्यवाणी करने के लिए किया जाता है। भविष्य के रिटर्न का अनुमान लगाने के लिए विभिन्न चार्टिंग टूल और जानकारी जैसे पिछले रिटर्न, बाजार के रुझान, आर्थिक स्थिति आदि का अध्ययन किया जाता है।

निवेश विश्लेषण का दायरा

निवेशक की जरूरतों के अनुकूल: निवेश विश्लेषण का उद्देश्य निवेशक की प्राथमिकताओं और लक्ष्यों के साथ निवेश का मिलान करना है। यह पहले प्रतिभूतियों का विश्लेषण करने के लिए व्यक्तिगत क्षमता और आवश्यकताओं का ठीक से विश्लेषण करता है। परियोजनाओं की जांच यह सुनिश्चित करने के लिए की जाती है कि वे निवेशक के लिए उपयुक्त हैं या नहीं।

सिद्धांत की सुरक्षा: निवेश विश्लेषण किसी भी राशि का निवेश करने से पहले स्टॉक की उचित समीक्षा करके मूलधन की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। यह प्रतिभूतियों में शामिल जोखिम का मूल्यांकन करता है जो पूंजी और आय के नुकसान के जोखिम को कम करने में मदद करता है।

मजबूत पोर्टफोलियो बनाता है: सही प्रकार के स्टॉक को चुनने से एक मजबूत पोर्टफोलियो बनता है। निवेश विश्लेषण विभिन्न प्रकार की प्रतिभूतियों का अध्ययन करता है ताकि यह पता लगाया जा सके कि पोर्टफोलियो में सबसे अच्छी तरह से फिट बैठता है। यह वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए पोर्टफोलियो के लक्ष्यों के साथ प्रतिभूतियों के मिलान पर ध्यान केंद्रित करता है।

रिटर्न बढ़ाएँ: निवेशकों के समग्र रिटर्न को बढ़ाने में निवेश विश्लेषण की एक कुशल भूमिका होती है। यह स्टॉक की लाभप्रदता निर्धारित करने के लिए शामिल जोखिम की मात्रा और वापसी की मात्रा पर अधिक जोर देता है। निवेश विश्लेषण अधिक स्थिर आय और कम जोखिम वाली निवेश योजनाओं को चुनने में मदद करता है।

वित्तीय ज्ञान प्रदान करें: यह रणनीतिक निवेश योजना की तलाश करने वाले व्यक्तियों की समग्र वित्तीय समझ को बढ़ाता है। प्रतिभूतियों का मूल्यांकन करते समय, विभिन्न उपकरणों और तकनीकों का उपयोग किया जाता है जो बहुत सारी उपयोगी जानकारी प्रदान करती हैं। यह जानकारी निवेशक को बेहतर रिटर्न और न्यूनतम जोखिम के साथ तर्कसंगत निवेश निर्णय लेने में सक्षम बनाती है।

निवेश विश्लेषण का लाभ

निवेश विश्लेषण एक ऐसा उपकरण है जो निवेशकों को उनकी मेहनत की कमाई के बारे में समझदारी से निर्णय लेने में मदद करता है।

यह निवेशकों को बाजार के रुझान और निवेश योजनाओं के बारे में अधिक सतर्क बनाता है। किसी विशेषज्ञ से या स्वयं के द्वारा उचित योजना प्राप्त करके पर्याप्त मात्रा में लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

विश्लेषण करते समय, विशेषज्ञ आसानी से प्रतिभूतियों पर शोध कर सकते हैं और निकट भविष्य में स्थिरता और इसके विकास का मूल्यांकन भी कर सकते हैं। इस अध्ययन के माध्यम से, निवेशकों को उन प्रतिभूतियों के बारे में स्पष्ट जानकारी हो सकती है, जिनमें वह निवेश करना चाहता है।

निवेश विश्लेषण का नुकसान

इसके लिए निवेश योजनाओं की आवश्यकता होती है, और वे कुछ जटिल होती हैं; इसके अलावा, इसे पूरी तरह से वित्तीय ज्ञान की आवश्यकता है। कुछ छोटे निवेशक या मध्यम निवेशक उसके साथ न्याय नहीं कर सकते हैं, और इसलिए वे गलत निर्णय ले सकते हैं और लाभ के स्थान पर भारी नुकसान भी उठा सकते हैं।

इसके लिए ज्ञान की आवश्यकता होती है, और कभी-कभी जोखिम-जागरूक निवेशक इसके लिए विशेषज्ञों को नियुक्त करते हैं। विशेषज्ञ उन्हें उचित मार्गदर्शन देते हैं लेकिन विशेषज्ञ उसी के लिए शुल्क लेते हैं। यह कई छोटे और मध्यम निवेशकों के लिए एक अतिरिक्त लागत बन सकता है।

जब कोई व्यक्ति वित्तीय योजना बनाने की कोशिश कर रहा हो, तो उसे बाजार के जोखिम का निर्धारण करना चाहिए, जिसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। इस दुनिया में कोई भी, यहां तक ​​कि वित्त मंत्री भी नहीं, किसी भी लेन-देन में शामिल होने वाले जोखिम की सटीक मात्रा की भविष्यवाणी कर सकते हैं। इसलिए, निवेश विश्लेषण से जुड़े अपरिहार्य जोखिम कारक हैं।

यदि इस कारक को ध्यान में नहीं रखा गया तो सरकार की नीति इस निवेश विश्लेषण में बाधा बन सकती है।

Technical Analysis क्या है | What is Technical Analysis in Hindi

दोस्तों, हमें इससे पिछले लेखों में share/stock market की बारे में आधिक जानकारी दे चुके है. आज हम फिर से share market के दूसरे हिस्से (Technical analysis kya hai, What is Technical analysis in Hindi) के बारे में अच्छे से जानेंगे. इसमें हम जानेंगे की technical analysis क्या है,

Technical analysis को अच्छे से समझने के लिए किस बुक को पढ़ा जाये, स्टॉक मार्किट में सफल इन्वेस्टर बनने के लिए किस तरह से research करनी चाहिए, किस तरह पता लगाए की मार्किट किस तरफ जाने बाली है?

  1. किस कीमत पर share को खरीदा और बेचना चाहिए
  2. रिस्क कितना प्रतिशत है
  3. मुनाफा कितना हो सकता है
  4. शेयर का होल्डिंग पीरियड

टेक्निकल एनालिसिस (T.A) में बो ताकत है जिससे आपके इन सभी सवालों के जवाव मिल जाएँगे. इससे आप share और index दोनो पर नजर रख सकते है साथ ही मार्किट में घुसने का सही समय और निकलने का सही समय और रिस्क को देखते हुए सौदे को कब ख़त्म किया जाय. रिसर्च करने में उपयोग की गई तकनीकों की तरह ही टेक्निकल एनालिसिस की अपनी विशेषताएं है.

टेक्निकल एनालिसिस क्या है (What is Technical analysis in Hindi)

हम उदहारण को लेकर समझते है –

मान लीजिये की आप किसी देश में छुट्टी मना रह है, और उस देश में मौसम, रहन-सहन और खान-पान आपके लिए बिलकुल नया है. जब आप पहले दिन काफी अधिक घूम लेते है तो आपको काफी भूक भी लगने लगती है. इसके बाद आपको पास में एक जगह दिखी, जहाँ पर काफी खाने पीने की महशूर दुकाने मिली.

आप उनका सुआद लेने का फैसला तकनीकी विश्लेषण के फायदे और नुकसान लेते है और वह उन दुकानों पर अलग-अलग तरह की खाने पीने की मजेदार चीजें दिखीं. इसके बाद में आपको यह समझ नहीं आ रहा की क्या खाया जाये? और वहां पर लोगों से भी नहीं पूछ सकते है क्योकि आप उनकी भाषा नहीं जानते है इस स्थति में आप क्या करेंगे? क्या वो चीजे खाएंगे?

What is Technical analysis in Hindi (विकल्प 1, विकल्प 2)

विकल्प 1: आप सबसे पहली दुकान पर जाएंगे और देखेंगे कि आखीर वह क्या पका रहा है और पकाने के लिए किन – किन पदार्थो को डाल रहा है, वह किस तरह पका रहा है, और क्या पाता उसे आप थोड़ा सा चखकर भी देखेंगे. इसके बाद आप तय कर पाएंगे कि यह चीज आपके खाने लायक है या नहीं !

इसी तरह आप सभी दुकान चलाने वालों के साथ करेंगे तब आप अपनी मन पसंद जगह को ढूंढ पाएंगे और अपने मन पसंदीदा चीज खा सकेंगे. यह करने से आपको ये फायदा है की आप पूरी तरह से संतुष्ट रहंगे कि आप क्या खा रह है इसका मतलब ये हुआ की इस चीज को खाना के लिए आपने खुद ही research की हुई है.

लेकिन समस्या यह होती है जब 100 दुकाने या फिर उससे भी ज्यादा दुकाने है, ऐसे में आप सभी दुकानों को अकेले chack नहीं कर पाएंगे. अधिक दुकाने होने पर काफी दिक्कत होगी. समय की कमी, इससे भी आपको समस्या हो सकती है क्योकि आपके पास इतना समय नहीं है जो सभी दुकानों पर जा तकनीकी विश्लेषण के फायदे और नुकसान सके. ऐसे में तो यही संभव है की आपकी मनपसंद चीज ही छुट जाए.

विकल्प 2 : सबसे पहले आपको मार्किट में बीचो-बिच खड़े होकर नजर डालनी है. और ये देखने की कोशिश करे की किस दुकान पर सबसे ज्यादा भीड़ है और अच्छी बिक्री हो रही है. इसी प्रकार आप अनुमान लगा सकते है की उस दुकान पर अच्छा खाना मिल रहा है इसलिए इतनी भीड़ है.

इसी अनुमान लगाने की बजह से आप उस दुकान पर जाकर अच्छा खाना खायेंगे. इस तरह से आपको ज्यादा संभावना होगी की आपको बाजार का सबसे अच्छा खाना मिल सके. इससे ये फायदा होता है की आप अच्छी दुकान को जल्दी खोज सकेंगे. और सबसे ज्यादा भीड़ वाली दुकान पर जाकर अच्छा खाना पाने की उम्मीद कर सकते है.

थोड़ी दिक्कत ये है की क्या पता जिस दूकान पर अधिक भीड़ हो, उनकी पसंद ही गलत है. शायद आपको हर बार खाने के लिए अच्छा खाना ना मिले. आपको इन दोनों बिकल्प को पढ़कर ये समझ में आ गया होगा की पहला विकल्प फंडामेंटल एनालिसिस की तरह है, जिसमे आपको ही कंपनियो के बारे में गहराई से research करनी होती है.

टेक्निकल एनालिसिस-

यह फंडामेंटल एनालिसिस से काफी अलग है टेक्निकल एनालिसिस में इन्वेस्टर/ट्रेडर को मौका तलाश करना होता है की मार्किट इस समय किधर जा रही है. मार्किट क्या चाहती है? टेक्निकल एनालिसिस की तकनीक को मार्किट में सभी इन्वेस्टर/ट्रेडर पसंद करते हुए ट्रेड करते है. शेयर मार्किट में (chart/graph) को देख के ही सभी ट्रेडर/इन्वेस्टर की पसंद को पता कर सकते है.

जब चार्ट में कोई pattern बनता है तब उस pattern को देखकर मार्किट का संकेत को समझ सकते है. टेक्निकल एनालिस्ट (Technical Analyst) का काम ये होता है कि वो इस पैटर्न को समझे और अपना नजरिया बनाए. (Technical analysis kya hai? What is Technical analysis in Hindi)

टेक्निकल एनालिसिस पर कितना भरोसा कर सकते है?

जितने भी नय ट्रेडर होते है उनको लगता है की टेक्निकल एनालिसिस से आधिक रूपए कमाएंगे. लेकिन सच्चाई ये है ना तो इसे करना इतना आसान है और ना ही कम समय में अधिक पैसा कमाने का रास्ता है. यह बात ठीक है यदि टेक्निकल एनालिसिस को ठीक से समझ कर किया जाए तो इससे कम समय में भी बढ़ा मुनाफा कमा सकते है लेकिन इसे सिखने के लिए अधिक महनत करनी होगी.

यदि technical analysis की मदद से कम समय में अधिक पैसा कमाया जा सकता है तो इसी से अधिक नुक्सान भी हो जाता है क्योकि मार्किट में अधिक पैसा डुबाने के बाद आमतौर पर नुकसान का सारा इल्जाम टेक्निकल एनालिसिस पर डाल देते है. वो लोग ट्रेडर की गलती को नहीं देखते है.

टेक्निकल एनालिसिस के दोवारा ट्रेड लेने से पहले अपनी उम्मीद को रखे और अच्छे से समझ कर ट्रेडिंग करे.( Technical analysis kya hai? Technical analysis book in hindi pdf download)

टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में क्या अंतर है?

  1. ट्रेड (Trader)- टेक्निकल एनालिसिस का सबसे अच्छा उपयोग है- short term सौदा करने के लिए. क्योकि (TA) टेक्निकल एनालिसिस long term investment के लिए ठीक नहीं है.
  2. लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्टर को फंडामेंटल एनालिसिस का उपयोग करना सही है. यदि आप फंडामेंटल एनालिसिस की मदद से इन्वेस्ट करते हो तो खरीदने का सही समय (entry point) और निकलने के सही समय (exit point) के लिए टेक्निकल एनालिसिस की मदद ले सकते है.
  3. प्रतेक सौदे से मुनाफा- Technical analysis के दोवारा की गय सौदे कम समय के लिए होते है. इसलिए अधिक मुनाफे पाने की उम्मीद ना करे. TA में तभी अच्छा मुनाफा कमा सकते है जब आप बार-बार छोटे-छोटे सौदे (trade) करे और अच्छा मुनाफा कमाए.

Holding Period- TA टेक्निकल एनालिसिस के दोवारा किय गय सौदे कुछ मिनटों से लेकर घंटो या हफ़्तों तक ही होता है इससे ज्यादा नहीं!

Risk- अच्छा ट्रेडर हमेशा अच्छे मौके की तलाश करता है, लेकिन हर बार ठीक सौदा नहीं लगता है और ट्रेडर नुकसान उठाता है. कुछ ट्रेडर ऐसे होते है जो चल रह नुकसान में मुनाफा में बदलाव की उम्मीद करते है. लेकिन ध्यान रह TA पर आधारित सौदे शार्ट term होते है, इसलिए कम नुक्सान होने पर ही मार्किट से बहार निकलने की कोशिश करे.

How to start trading in 4 easy steps

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According to the Risk Management basics, the more funds you have, the fewer risks you are exposing yourself to.

3. Sign in to the web-based platform

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4. Start trading

Open an order

To open an order, you can simply select the volume of your position and press Buy or Sell.

Basically, you open a Buy order if you expect the price to go up and open a Sell order if you expect the price to go down. It means that you buy a certain amount at a lower price now to sell it back at a higher price later and gain profit from the price difference.

Price direction. Buy - Sell orders

Set leverage

Leverage reduces marginal requirements, the amount necessary to maintain a certain position, and helps you open orders with a volume larger than your balance would allow otherwise. It is important to note that the higher the volume of your order, the more you gain or lose for each pip.

Let's say, you have a trading account with 500 USD and a 1:500 leverage applied. You decide to open a position for 1 lot (100,000 units) on EUR/USD, when the price is at 1.13415. The required margin for this position is 226.83 USD, almost half of your funds. Each pip movement is then worth 10 USD. Therefore, the price only needs to drop to 1.13145 for you to lose nearly all of the money in your account. If you open a position for 0.5 lots, each pip will cost you only 5 USD. In this case, if the price falls to 1.13145, your loss will amount 135 USD.

This should be taken into account when making a trading decision and evaluating the potential risk of an adverse price fluctuation.

Predict the price movement

As a beginner, you can simply track the general direction of the price on the chart and open Buy orders when it goes up or Sell orders when it goes down. This may not get you a guaranteed profit every time, however, it is a good start for developing your strategy.

Predicting trends - Uptrend - Downtrend - Sidetrend

If you have little to no experience, it's better to avoid trading during major news releases, as the market tends to be highly volatile. Two more advanced methods of price prediction are technical analysis and fundamental analysis. Basic risk management techniques may also prove beneficial in reducing losses.

Make a profit

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Close an order

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Before you start

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विज्ञान और तकनीकी के फायदे और नुकसान/Advantage & Disadvantages of Science and Technology

किसी भी राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और लोगों के जीवन को और बेहतर बनाने के लिए, नवीनतम ज्ञान, प्रौद्योगिकी विकास, विज्ञान और अभियंता कार्य/इंजीनियरिंग की मुलभुत जरूरतों की पूर्ति करना आवश्यक होता है। विज्ञान और तकनीकी के अभाव में कोई भी देश पिछड़ जाता है, और उसके विकसित होने की संभावनाएं कम से कम हो जाती हैं। आज भी दुनिया में बहुत से ऐसे देश है जिनको तकनिकी विकास बिलकुल ही न्यूनतम है। विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में विकास किसी भी देश के लोगों के लिए किसी अन्य देश के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए बहुत अधिक आवश्यक होता है। विज्ञान और तकनीकी का विकास इसके तथ्यों के विश्लेषण और उचित समझ पर निर्भर करता है। प्रौद्योगिकी का विकास केवल विज्ञान और तकनिकी से ही संभव है।

विज्ञान और तकनीकी के फायदे और नुकसान

शिक्षा स्तर में सुधार : आधुनिक एवं मॉडर्न तकनीकी का इस्तेमाल कर बच्चों को स्मार्ट क्लासेस में पढ़ाया जाने लगा है, यही नहीं बच्चे तकनीकी विश्लेषण के फायदे और नुकसान अब कंप्यूटर और इंटरनेट की मदद से किसी भी विषय की जानकारी आसानी से हासिल कर सकते है, इसके साथ ही घर बैठे-बैठे ही ई-लेक्चर, इ बूक पढ़ सकते हैं।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में बदलाव : आधुनिक तकनीकी के इस्तेमाल से चिकित्सा के क्षेत्र में कई गंभीर बीमारियों का इलाज ढूंढ लिया गया है, वहीं कई ऐसे चिकित्सक यंत्र बनाए गए हैं, जिसकी सहायता से मनुष्य के शरीर से संबंधित सारी चीजों का पता आसानी से लगाया जा सकता है। हम कह सकते है कि तकनीकी ने चिकित्सा के क्षेत्र को विकास की नई दिशा प्रदान की है।

औद्योगिक उत्पादन में बढ़़ोतरी : तकनीकी से कई ऐसी मशीनें, सॉफ्टवेयर अथवा अन्य उपकरण बनाए गए हैं, जिससे माल बनाने की प्रक्रिया में तेजी आई है और औद्योगिक उत्पादन में अप्रत्यासित तेजी से वृद्धि हुई है।

खाद्य उत्पादन में बढ़ोतरी : तकनीकी की मदद से कृषि के क्षेत्र में कई ऐसे उपकरण बनाए गए हैं, जिससे सिंचाई व्यवस्था और खेती में बहुत सुधार हुआ, जिससे खाद्य उत्पादन में वृद्धि हुई है। पॉली हाउस कृषि तकनिकी का सबसे बड़ा उदहारण है।

संचार के क्षेत्र में विकास : तकनीकी का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण विकास संचार के क्षेत्र में हुआ है। इसके माध्यम से आज हम संसार के किसी भी कोने में बैठे शख्स से न सिर्फ बात कर सकते हैं, बल्कि उसे डेस्कः भी सकते हैं। आज हम चंद सैंकेडों में अंतरिक्ष में भी अपना संदेश भेज सकते हैं।

जीवन स्तर में सुधार : तकनीकी ने हमने टीवी, फ्रिज, एसी, कूलर, गाड़ी, वाशिंग मशीन, कंप्यूटर, इंटरनेट समेत कई ऐसी सुख-सुविधाएं प्रदान की हैं, जिससे न सिर्फ मनुष्य का जीवन बेहद आसान हो गया है, बल्कि उसके रहन-सहन और जीवन-यापन का तरीका भी बदल गया है।


कृषि की स्थिति में सुधार : तकनीकी ने कृषि के क्षेत्र को विकास की एक नई गति प्रदान की है, आज खेती में उन्नत तकनीक का इस्तेमाल कर अच्छी पैदावर ली जा रही है। वहीं ट्रैक्टर समेत कई ऐसे उपकरण बनाए गए हैं, जिसने खेती करना सरल हो गया है।

व्यापार में विकास : तकनीकी के इस्तेमाल से व्यापार में अभूतपूर्व विकास हुआ है। तकनीकी का इस्तेमाल कर कई ऐसी मशीने बनाईं गईं हैं, जिससे शारीरिक श्रम बहुत ही कम हो गया है, और उत्पादन में काफी वृद्धि हुई है। तकनीकी की माध्यम से माल-खरीदना बेचना अथवा ग्राहकों तक पहुंचाना बहुत ही तकनीकी विश्लेषण के फायदे और नुकसान आसान हो गया, साथ ही कैलकुलेटर, कम्यूटर आदि की सहायता से गणना करना अथवा लेन-देन का रिकॉर्ड रखना भी बिलकुल आसान हो गया है।

यातायात में आसानी : तकनीकी के माध्यम से ही आज हम घंटों की दूरी मिनटों में तय कर सकते हैं। अब दुनिया के किसी भी कोने में पहुंचना बिलकुल आसान हो गया है। तकनीकी के माध्यम से ही आज मनुष्य हेलीकॉप्टर, हवाई जहाज, ट्रेन, बस, गाड़ी आदि का लाभ उठा पा रहे हैं।

मनोरंजन के क्षेत्र में योगदान : तकनीकी के माध्यम से आज मनोरंजन जगत को एक नई दिशा और पहचान मिल गई है। आज हम टीवी में प्रोग्राम देख सकते हैं, म्यूजिक सुन सकते हैं और वीडियो देख सकते हैं। साथ ही आज हम कोई भी प्रोग्राम किसी भी वक़्त देख सकते हैं। आजकल आप टीवी का मजा कहीं भी अपने मोबाइल फोन से ले सकते हैं।

समय की बर्बादी : आधुनिक तकनीक ने जहाँ हमें कंप्यूटर, इंटरनेट, मोबाइल, टीवी आदि ऐसे उपकरण प्रदान किए हैं, जो हमारे बहुत काम के तो हैं पर साथ ही इनका इस्तेमाल अब इंसान जरूरत के लिए नहीं बल्कि मनोरंजन के लिए ज्यादा करने लगा है, जिससे हमारे बहुत से समय की बर्बादी हो जाती है।

प्रदूषण का स्तर बढ़ा : तकनीकी से औद्योगिक विकास को बढ़ावा तो मिला है, वहीं दूसरी तरफ उद्योगों से निकलने वाली दूषित गैसें पर्यावरण के संतुलन को बुरी तरह से प्रभावित कर रही हैं, और प्रदूषण को बढ़ावा दे रही हैं।

ग्लोबल वार्मिंग में वृद्धि : विज्ञान और तकनीकी की मदद से बनाए गए सभी आधुनिक संसाधनों और वाहनों आदि के इस्तेमाल और फैक्ट्रियों से निकलने वाले जहरीले धुंए से पर्यावरण बिगड़ रहा है, जिसके कारण धरती का तापमान बढ़ रहा है, और ग्लोबल वार्मिंग की समस्या पैदा हो रही है।

तकनीकी आलसी बन रही है : तकनीकी के माध्यम से अब तकनीकी विश्लेषण के फायदे और नुकसान घर बैठे-बैठे ही दुनिया की सभी चीजों को इंटरनेट एवं तमाम आधुनिक उपकरण के माध्यम से कर पा रहे हैं, जिससे मनुष्य में आलसीपन बढ़ रहा है।

क्राइम रेट में बढ़ोतरी : बहुत से लोग आजकल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल गलत तरीके से भी कर रहे हैं, इंटरनेट के माध्यम से लोग बैंक फ्रॉड कर रहे हैं, या अन्य कोई वेबसाइट हैक कर लोगों से गलत तरीके से पैसे वसूल कर रहे हैं। लोग गलत अफवाह फैलाकर संप्रदायिक हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे दंगे -फसाद आदि हो जाते हैं। आतंकवाद से जुड़े लोग इसका नाजायज फायदा उठा सकते हैं।

तकनीकी से स्वास्थ्य पर प्रभाव : आज का मनुष्य तकनीकी/Technology का इतना आदि हो चुका है कि, घंटों मोबाइल फोन पर बातें करता है, या उस पर कुछ गेम खेलता है या कंप्यूटर, टीवी आदि पर गेम खेलता है, जिससे उसकी आंखों पर तो बुरा असर पड़ता ही है, साथ ही लोग कई तरह की बीमारियों का शिकार भी।

आधुनिक समाज में विज्ञान और तकनीकी वाद-विवाद का विषय बन गए हैं। जहाँ एक तरफ ये दोनों आधुनिक जीवन के लिए आवश्यक हो गए है, वहीँ हमारे जीवन पर इनका कुछ बुरा असर भी हो रहा है। लेकिन बात अगर समाज और मानवता के भले की करें तो इसके लिए और जीवन के सुधार के लिए हमें हमेशा विज्ञान और तकनीकी की मदद लेनी ही होगी। यदि हम तकनीकों की मदद नहीं लेते है जैसे कि कम्प्यूटर, इंटरनेट, बिजली, आदि, तो हम भविष्य में कभी भी आर्थिक और तकनिकी रुप से मजबूत नहीं हो सकते। बिना विज्ञान और तकनिकी के हम हमेशा पिछड़े ही रह जायेंगे, यहाँ तक कि इसके बिना हम आज के इस प्रतियोगी और तकनीकी संसार में जीवित रह कर जीवन यापन की कल्पना भी नहीं कर सकते।

तो दोस्तों आशा करता हूँ की आपको हमारे द्वारा दी गई ये जानकारी पसंद आयी होगी। अगर इससे सम्बंधित आप कोई सलाह या सुझाव हमें देना चाहते हैं तो आपका स्वागत है। आप हमारे दूसरे आर्टिकल के लिए हमें सब्सक्राइब भी कर सकते हैं। आप हमें कमेंट करके बता भी सकते हैं कि आपको किसी विषय पर हमारी वेबसाइट पर जानकरी चाहिए, हम जल्द से जल्द वो जानकारी हमारी वेबसाइट पर आपके लिए उपलब्ध करने की कोशिश। हमरी इस जानकारी को दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। धन्यवाद

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