भारत सरकार ने इस साल जुलाई में यह महत्वाकांक्षी पहल शुरू की, जिसका मकसद उन देशों को वैकल्पिक ट्रांजेक्शन सिस्टम उपलब्ध करवाना है, जो अमेरिकी डॉलर (US Dollars) की कमी का सामना कर रहे हैं. ऐसे देशों में स्पेशल वोस्त्रो अकाउंट खोलकर उन्हें रुपी सेटलमेंट सिस्टम के तहत लाया जाना है, जिसके बाद भारत और उन देशों में सीधे भारतीय रुपये में लेन-देन शुरू हो विदेशी मुद्रा समाचार कैसे व्यापार करें सकेगा.
आरबीआई ने विदेशी मुद्रा लेनदेन पर जारी किए निर्देश, बैंक जल्द कर लें जोखिम से बचाव के उपाय
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई)
gnttv.com
- नई दिल्ली,
- 11 अक्टूबर 2022,
- (Updated 11 अक्टूबर 2022, 9:30 PM IST)
इसका मकसद विदेशी मुद्रा बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव से होने वाले नुकसान को कम करना है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने किसी भी इकाई के पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए बगैर विदेशी मुद्रा में लेन-देन को लेकर बैंकों के लिए अपने कुछ दिशानिर्देशों में बदलाव किया है. इसका मकसद विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव से होने वाले नुकसान को कम करना है. आरबीआई ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि बैंकों को उन सभी प्रतिपक्षकारों के बिना हेज्ड विदेशी मुद्रा एक्सपोजर का आकलन करने की आवश्यकता होगी, जिनके पास किसी भी मुद्रा का एक्सपोजर है.
एसपीडी को प्रथम श्रेणी अधिकृत डीलरों की तरह उपयोगकर्ताओं को विदेशी मुद्रा बाजार की सभी सुविधाएं प्रदान करने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है. यह अनुमति नियमों और अन्य दिशानिर्देशों के अधीन है.
इस साल अब तक डॉलर विदेशी मुद्रा समाचार कैसे व्यापार करें के मुकाबले रुपया लगभग 11% गिरा है और हाल के हफ्तों में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. आरबीआई ने कहा कि बैंकों को कम से कम सालाना सभी संस्थाओं के विदेशी मुद्रा एक्सपोजर (एफसीई) का पता लगाना होगा. संशोधित नियम 1 जनवरी, 2023 से प्रभावी होंगे. आरबीआई के अनुसार यदि किसी इकाई के यूएफसीई से संभावित नुकसान 75% से अधिक है, तो बैंकों को उस इकाई के लिए कुल जोखिम भार में 25 प्रतिशत अंक की वृद्धि प्रदान करने की आवश्यकता होगी.
रुपया शुरुआती कारोबार में पांच पैसे टूटकर 82.75 प्रति डॉलर पर
नवभारत टाइम्स 22 घंटे पहले
मुंबई, 21 दिसंबर (भाषा) विदेशों में प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले डालर के मजबूत होने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से बुधवार को शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पांच पैसे कमजोर हो गया।
हालांकि, विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि घरेलू इक्विटी में उच्च शुरुआत ने स्थानीय मुद्रा का समर्थन किया और इस गिरावट को कम किया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया कमजोर होकर 82.76 प्रति डॉलर पर खुला। बाद में यह पांच पैसे के नुकसान के साथ 82.75 प्रति डॉलर पर कारोबार कर रहा था।
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Currency: अमेरिकी डॉलर को टक्कर देने के लिए मोदी सरकार का मास्टर प्लान, बाइडेन भी भारत के इस फैसले से हैरान!
International Trade: मोदी सरकार की ओर से हाल ही में कुछ ऐसे फैसले लिए गए हैं, जो कि रुपये को आने वाले सालों में डॉलर की तुलना में मजबूत भी कर सकते हैं. वहीं पिछले दिनों डॉलर के मुकाबले रुपये में काफी गिरावट देखने को मिली है. जिसके बाद रुपये को मजबूत करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.
Indian Currency: वर्तमान में अमेरिकी डॉलर (Dollar) की कीमत काफी महंगी है तो वहीं भारतीय रुपये की कीमत काफी सस्ती है. लेकिन अब भारतीय रुपया डॉलर से टक्कर लेने के लिए तैयार है. दरअसल, मोदी सरकार की ओर से विदेशी मुद्रा समाचार कैसे व्यापार करें हाल ही में कुछ ऐसे फैसले लिए गए हैं, जो कि रुपये को आने वाले सालों में डॉलर की तुलना में मजबूत भी कर सकते हैं. वहीं पिछले दिनों डॉलर के मुकाबले रुपये में काफी गिरावट देखने को मिली है. जिसके बाद रुपये को मजबूत करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. इन्हीं कदमों में से एक मोदी सरकार की ओर से इंटरनेशनल ट्रेड (International Trade) का फैसला भी लिया गया है.
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