बहरहाल, सबसे ज्यादा ध्यान युआन की बढ़ी मात्रा ने खींचा है। पिछले साल सभी चार तिमाहियों में विदेशी मुद्रा भंडारों में युआन की मात्रा बढ़ती रही। साल भर में कुल मिला कर इसमें 2.25 फीसदी बढ़ोतरी हुई। अब दुनिया के विदेशी मुद्रा भंडारों में इसका हिस्सा नौ फीसदी हो गया है। गौरतलब है कि विदेशी मुद्रा के क्षेत्र में युवान नया खिलाड़ी है।
विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़त बरकरार, लगातार दूसरी बार 500 अरब डॉलर के पार
- नई दिल्ली,
- 20 जून 2020,
- (अपडेटेड 20 जून 2020, 5:36 PM IST)
- इस हफ्ते में 5.942 अरब डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई है
- कुल विदेशी मुद्रा भंडार 507 अरब डॉलर पर पहुंच गया है
बीते 12 जून को समाप्त सप्ताह में एक बार फिर भारत के विदेशी मुद्रा भंडार ने नया मुकाम हासिल किया है. दरअसल, इस हफ्ते में 5.942 अरब डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक कुल विदेशी मुद्रा भंडार 507.64 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. इसी तरह, सप्ताह में सोने का रिजर्व भंडार 82.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 33.173 अरब डॉलर हो गया.
विदेशी मुद्रा पर क्या IMF की सलाह मानने को मजबूर है भारत? जानें हर एक बात
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने हाल ही में उभरती अर्थव्यवस्थाओं के केंद्रीय बैंकों से अपने डॉलर-मूल्य वाले विदेशी मुद्रा भंडार का विवेकपूर्ण उपयोग करने और मुद्रा की लेन-देन की दर को समायोजित करने की अनुमति देने के लिए कहा है। आईएमएफ की सलाह की पृष्ठभूमि में मिंट ने जांच की कि अभी तक रुपये का प्रदर्शन कैसा रहा है।
मौजूदा विदेशी मुद्रा चलन
मजबूत अमेरिकी मुद्रा के बीच अमेरिकी डॉलर इंडेक्स 113 अंक से ऊपर बढ़ने के साथ, रुपया 20 अक्टूबर को 83.073 के नए निचले स्तर पर आ गया। इस वर्ष रुपया अब लगभग 11.36% कमजोर हो गया है जबकि डॉलर इंडेक्स 3 जनवरी को 96.21 से बढ़कर 20 अक्टूबर को 113.08 हो गया है। डॉलर इंडेक्स छह मुद्राओं- यूरो, स्विस फ्रैंक, जापानी येन, कैनेडियन डॉलर, ब्रिटिश पाउंड और स्वीडिश क्रोना की एक बॉस्केट के मुकाबले अमेरिकी डॉलर के मूल्य को मापता है।
Foreign Currency Reserve: विदेशी मुद्रा भंडार 2 साल में सबसे कम! भारत के लिए यह बहुत बुरी खबर है?
Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: October 08, 2022 14:12 IST
Photo:FILE Forex
रिजर्व बैंक इस समय दोराहे पर आ खड़ा हुआ है। एक और रुपया पाताल में धंसता नजर आ रहा है, वहीं घटते निर्यात और बढ़ते आया से विदेशी मुद्रा भंडार भी दिनों दिन सिकुड़ता नजर आ रहा है। उस पर विदेशी निवेशकों की रवानगी ने रिजर्व बैंक और सरकार का सिर चकरा दिया है। रुपये को 80 के स्तर से नीचे गिरने से रोकने के लिए पिछले महीने रिजर्व बैंक करीब 100 अरब डॉलर झोंक चुका है। लेकिन इसके बावजूद रुपया 82 से नीचे फिसल चुका है।अब रिजर्व बैंक का पूरा जोर रुपये को बचाने की बजाए विदेशी मुद्रा भंडार को बचाने पर है।
लगातार नौवें सप्ताह आई गिरावट
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का सिलसिला जारी रहने के बीच 30 सितंबर को समाप्त सप्ताह में यह 4.854 अरब डॉलर घटकर 532.664 अरब डॉलर रह गया। भारतीय बढ़ती विदेशी मुद्रा सफलता रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। विदेशी मुद्रा भंडार इससे बढ़ती विदेशी मुद्रा सफलता पिछले सप्ताह में 8.134 अरब डॉलर कम होकर 537.
518 अरब डॉलर पर रहा था।
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1 साल में 100 अरब डॉलर की गिरावट
वैश्विक घटनाक्रमों के कारण रुपये की विनियम दर में गिरावट को रोकने के जारी प्रयासों के बीच विदेशी मुद्रा भंडार में यह कमी आई है। देश की विदेशी मुद्रा भंडार अक्टूबर 2021 में 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। आरबीआई की तरफ से शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, फॉरेन करंसी असेट्स (एफसीए) में गिरावट के कारण 30 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है। एफसीए दरअसल समग्र भंडार का एक प्रमुख हिस्सा होता है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान एफसीए 4.406 अरब डॉलर घटकर 472.807 अरब डॉलर रह गया।
डॉलर के संदर्भ में एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में वृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल है। आंकड़ों के अनुसार, सोने के भंडार का मूल्य 28.1 करोड़ डॉलर घटकर 37.605 अरब डॉलर पर आ गया है। समीक्षाधीन सप्ताह में, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 16.7 करोड़ डॉलर बढ़कर 17.427 अरब डॉलर हो गया। आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि समीक्षाधीन सप्ताह में आईएमएफ के पास सुरक्षित देश का बढ़ती विदेशी मुद्रा सफलता मुद्रा भंडार 4.826 अरब डॉलर पर अपरिवर्तित रहा।
क्या अब लद रहे हैं डॉलर के एकछत्र राज करने के दिन? आईएमएफ ने किया ये खुलासा
पिछले साल विदेशी मुद्रा भंडारों में अमेरिकी डॉलर का हिस्सा 25 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। ये बात अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के ताजा आंकड़ों से सामने आई है। गौरतलब है कि डॉलर दुनिया भर में कारोबार की मुख्य मुद्रा है। इसलिए सरकारें अपने विदेशी मुद्रा भंडार में इसकी अधिक से अधिक मात्रा रखने की कोशिश करती हैं।
साल 2020 में विदेशी मुद्रा भंडारों में डॉलर का हिस्सा गिर कर 59 फीसदी रह गया। इसके पहले 1995 में ये हिस्सा 58 फीसदी रहा था। अब आई इस गिरावट का कुछ कारण तो मुद्राओं की कीमत में उतार-चढ़ाव है, लेकिन एक बड़ा कारण विदेशी व्यापार में दूसरी मुद्राओं खास कर चीन के युआन की बढ़ रही भूमिका भी है।
विस्तार
पिछले साल विदेशी मुद्रा भंडारों में अमेरिकी डॉलर का हिस्सा 25 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। ये बात अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के ताजा आंकड़ों से सामने आई है। गौरतलब है कि डॉलर दुनिया भर में कारोबार की मुख्य मुद्रा है। इसलिए सरकारें अपने विदेशी मुद्रा भंडार में इसकी अधिक से अधिक मात्रा रखने की कोशिश करती हैं।
साल 2020 में बढ़ती विदेशी मुद्रा सफलता विदेशी मुद्रा भंडारों में डॉलर का हिस्सा गिर कर 59 फीसदी रह गया। इसके पहले 1995 में ये हिस्सा 58 फीसदी रहा था। अब आई इस गिरावट का कुछ कारण तो मुद्राओं की कीमत में उतार-चढ़ाव है, लेकिन एक बड़ा कारण विदेशी व्यापार में दूसरी मुद्राओं खास कर चीन के युआन की बढ़ रही भूमिका भी है।
इसके बावजूद अभी भी दुनिया के अलग-अलग देशों के विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर का हिस्सा सबसे बड़ा है। पिछले साल की चौथी तिमाही में विदेशी मुद्रा भंडारों में सात ट्रिलियन डॉलर जमा था। इसके पहले तीसरी तिमाही में ये रकम 6.939 ट्रिलियन डॉलर थी।
आलोच्य सप्ताह में 37.886 अरब डॉलर पर आ गया गोल्ड रिजर्व
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में भारत का स्वर्ण भंडार में भी कमी आयी है. 23 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में यह 30 करोड़ डॉलर घटकर 37.886 अरब डॉलर पर आ गया है. इससे पहले गोल्ड रिजर्व 45.8 करोड़ डॉलर कम होकर 38.186 अरब डॉलर रह गया था. इसी तरह आलोच्य सप्ताह में इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी एमआईएफ (IMF) में देश का एसडीआर यानी स्पेशल ड्राइंग राइट (Special Drawing Rights) 93 करोड़ डॉलर घटकर 17.594 अरब डॉलर पर पहुंच गया. वहीं रिपोर्टिंग वीक में आईएमएफ के पास रखा देश का आरक्षित विदेशी मुद्रा भंडार 54 करोड़ डॉलर गिरकर 4.826 अरब डॉलर हो गया.
आरबीआई के अनुसार, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट को थामने के लिए वो लगातार डॉलर बेच रहा है. जिसकी वजह से विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आयी है. हालांकि आरबीआई का यह उपाय कारगर साबित नहीं हो रहा है. डॉलर को बेचने के बावजूद भारतीय करेंसी लगातार गिर रही है. बताते चलें कि सितंबर 2021 यानी एक साल पहले देश का विदेशी मुद्रा भंडार 642 अरब डॉलर था. जो एक साल बाद यानी सितंबर 2022 में 545.652 अरब डॉलर रह गया. इस तरह एक साल में भारत का कोष 100 अरब डॉलर कम हुआ है.
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