शाह ने कहा, “अगर कोई छात्र अपनी मातृभाषा में पढ़ता, बोलता और सोचता है, तो इससे उसकी सोचने की क्षमता, उसकी तर्क शक्ति, विश्लेषण की क्षमता और शोध की क्षमता स्वाभाविक रूप से बढ़ेगी।”
मातृभाषा में शिक्षा मिलने से छात्रों की वैचारिक, तार्किक और विश्लेषण क्षमता बढ़ेगी: शाह
महेसाणा, 24 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को यहां कहा कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत किसी छात्र को उसकी मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने से उसकी वैचारिक, तार्किक, विश्लेषण करने और शोध क्षमता बढ़ेगी।
विजपुर में शेठ जी. सी. हाई स्कूल की 95वीं वर्षगांठ पर सभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि तकनीकी, चिकित्सा और उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों के विषयों को क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद कराने पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि अगले 25 साल में एनईपी भारत को नंबर एक देश बना देगी।
शाह ने कहा कि आजादी से पहले के भारत में ब्रिटिश शिक्षा नीति के तहत रटकर पढ़ाई करना बुद्धिमत्ता की निशानी होती थी।
उन्होंने कहा कि छात्रों में सोचने, शोध करने, तर्क करने, विश्लेषण करने, निर्णय लेने और समझने की शक्ति पैदा नहीं होती थी, जिससे समाज में समस्याएं पैदा हो गईं।
इन 5 चीजों के द्वारा आर्टिफिशिअल इंटेलिजन्स बना सकता है आपके बिजनेस को सफल
डेटा आज के जमाने में सोने जैसा है। हालांकि, सिर्फ डेटा होने से बिजनेस नही चलता है, आपको वैल्यू निर्माण के लिए डेटा का सही उपयोग करना आवश्यक है।
डेटा को समझना कभी भी आसान नही होता है और डेटा के द्वारा होनेवाली ग्रोथ के अवसरों का लाभ उठाने के लिए कंपनियाँ ट्रिलियन्स डॉल्र्स खर्च कर रही हैं। अडोबी में काम करने वाले डेटा वैज्ञानिक, ऐश्वर्य अशेष तकनीकी और मूलभूत विश्लेषण क्या हैं? अपने रिसर्च के आधर पर यह बता रहे हैं कि टाईम सिरीज विश्लेषण और फोरकास्टिंग का लाभ ले कर किस तरह किसी भी बिजनेस में आगे बढ़ कर उद्देश्य पूरा किया जा सकता है।
'अगले 25 साल में NEP देश को नंबर 1 बना देगी, मातृभाषा में एजुकेशन मिलने से छात्रों की बढ़ेंगी ये क्षमताएं'
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत किसी छात्र को उसकी मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने से उसकी वैचारिक, तार्किक, विश्लेषण करने और शोध क्षमता बढ़ेगी। विजपुर में शेठ जी.सी.हाई स्कूल की 95वीं वर्षगांठ पर सभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि तकनीकी, चिकित्सा और उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों के विषयों को क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद कराने पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति अगले 25 साल में भारत को नंबर वन देश बना देगी।
'पहले रटकर पढ़ाई करना बुद्धिमत्ता की निशानी होती थी'
केंद्रिय मंत्री अमित शाह ने कहा कि आजादी से पहले के भारत में ब्रिटिश शिक्षा पॉलिसी के तहत रटकर पढ़ाई करना बुद्धिमत्ता की निशानी होती थी। उन्होंने कहा कि छात्रों में सोचने, शोध करने, तर्क करने, विश्लेषण करने, निर्णय लेने और समझने की शक्ति पैदा नहीं होती थी, जिससे समाज में काफी प्रॉबलम्स पैदा हो गईं। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी में मातृभाषा पर जोर देने सहित मूलभूत परिवर्तन किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा पॉलिस भारत को 25 साल में दुनिया में नंबर वन बना देगी।
न्यूजीलैंड में लुटेरों ने भारतीय मूल के डेयरी मालिक के स्टोर को बनाया निशाना
वेलिंगटन (आईएएनएस)तकनीकी और मूलभूत विश्लेषण क्या हैं? | न्यूजीलैंड में डेयरी श्रमिकों और मालिकों के खिलाफ तकनीकी और मूलभूत विश्लेषण क्या हैं? अपराध और हिंसा की बढ़ती घटनाओं के बीच, एक भारतीय मूल के डेयरी मालिक की दुकान को चोरों के एक ग्रुप ने निशाना बनाया। ऑकलैंड के मेलरोज रोड पर एक डेयरी के मालिक अजीत पटेल ने वन न्यूज को बताया कि बेसबॉल बैट के साथ पांच नकाबपोश व्यक्ति उनके स्टोर में घुस गए।
पटेल की दुकान ऑकलैंड और वाइकाटो इलाकों में छह दुकानों में शामिल थी, जिन्हें इस सप्ताह की शुरुआत में चोरों के एक ग्रुप ने निशाना बनाया था।
वन न्यूज ने एक प्रवक्ता के हवाले से कहा, "अपराधियों का पता लगाने के लिए कि क्या घटना का पहले की घटनाओं से कोइ लिंक है, पुलिस इसकी जांच कर रही है।"
यह घटना हैमिल्टन में भारतीय मूल के पुनीत सिंह के डेयरी स्टोर में घुसने और चाकू से उनके कर्मचारी की दो उंगलियां काटने के कुछ दिनों बाद हुई है।
संसद और सर्वोच्च न्यायालय से बड़ा संविधान
by WEB DESK
चिंतन की मुद्रा में श्री अटल बिहारी वाजपेयी
अटल बिहारी वाजपेयी ने 28 फरवरी, 1970 को तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार द्वारा न्यायपालिका के विरुद्ध मोर्चा खोलने के संदर्भ में संसद में वक्तव्य दिया था। प्रस्तुत हैं उसी वक्तव्य के अंश-
लोकतंत्र केवल जोड़-तोड़ के आधार पर बहुमत बनाकर जैसे-तैसे चलने वाली सरकार का नाम नहीं है। लोकतंत्र सोचने, आचरण करने, व्यवहार करने और तकनीकी और मूलभूत विश्लेषण क्या हैं? जीवन बिताने का एक तरीका है, लोकतंत्र मर्यादाओं और परंपराओं के आधार पर चलता है।
बैंक राष्ट्रीयकरण के मामले में सर्वोच्च न्यायाल के ऐतिहासिक निर्णय के बाद देश में न्यायपालिका को जनता की दृष्टि से गिराने का जो योजनाबद्ध प्रयास हुआ, वह लोकतंत्र को मजबूत नहीं कर सकता। अन्य मामलों की तरह प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने न्यायपालिका की प्रतिष्ठा पर आघात करने के इस अभियान में भी नेतृत्व किया। इंदौर में उन्होंने कहा, ‘‘यह बतलाता है कि जो लोग कुछ परिवर्तन या नया करना चाहते हैं, उनके रास्ते में कितनी बाधाएं खड़ी कर दी जाती हैं।’’
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