इंडियन कंपनी ने लॉन्च की 2,499 रुपये में स्मार्टवॉच, डिजाइन 90 हजार वाली Apple Watch Ultra जैसा

Fire Boltt Gladiator launched in india: इंडियन ब्रैंड Fire Boltt ने देश में अपनी नई स्मार्टवॉच Fire Boltt Gladiator लॉन्च कर दी है। लेटेस्ट स्मार्टवॉच में 1.96 इंच डिस्प्ले दी गई है और कंपनी का कहना है कि इससे 7 दिन तक की बैटरी लाइफ मिलेगी। फायर बोल्ट ग्लेडिएटर देखने में Apple Watch Ultra जैसी दिखती है। फायर बोल्ट के मुताबिक, कंपनी की लेटेस्ट स्मार्टवॉच में फंक्शनल क्राउन फीचर है। इसमें 123 से ज्यादा स्पोर्ट्स मोड, हार्ट रेट मॉनिटर, ब्लड ऑक्सीजन मॉनिटरिंग सेंसर जैसे फीचर्स हैं।

Fire Boltt Gladiator Price in india

फायर बोल्ट ग्लेडिएटर स्मार्टवॉच की कीमत भारत में 2,499 रुपये है। यह स्मार्टवॉच ई-कॉमर्स वेबसाइट ऐमजॉन इंडिया पर खरीदने के लिए उपलब्ध होगी। वॉच की बिक्री 30 दिसंबर से दोपहर 12 बजे से शुरू होगी।

Fire Boltt Gladiator Specifications

फायर बोल्ट ग्लेडिएटर में 1.96 इंच एचडी डिस्प्ले दी गई है। यह वॉच अल्ट्रा-नैरो फ्रेम डिजाइन के साथ आती है। IP67 रेटिंग के साथ आने वाली फायर बोल्ट ग्लेडिएटर स्मार्टवॉच वॉटर रेजिस्टेंट है। कंपनी का कहना है कि यह स्मार्टवॉच डस्ट और क्रैक-रेजिस्टेंट है। इस वॉच में ब्लूटूथ कॉलिंग फीचर मिलता है और इसमें स्पीकर व माइक्रोफोन दिया गया है। स्मार्टवॉच में कॉन्टैक्ट और डायलर ऐप्स पहले से इंस्टॉल आते हैं।

इस स्मार्टवॉच में 123 स्पोर्ट्स मोड मिलते हैं जिनमें से 5 GPS-सपोर्टेड मोड हैं। इनमें GPS Running, GPS Walking, GPS Cycling, GPS on foot और GPS Trail शामिल हैं। यह वॉच हार्ट रेट मॉनिटर के साथ आती है। इसके अलावा महिलाओं के लिए खास हेल्थ मॉनिटरिंग फीचर और स्लीप मॉनिटरिंग फीचर भी इस वॉच में दिया गया है। वॉच में ब्लड ऑक्सीजेनेशन के लिए एक सेंसर दिया गया है जो लगातार SpO2 मॉनिटरिंग इनेबल करता है।

फायर बोल्ट ग्लेडिएटर में 7 दिन तक की बैटरी लाइफ और 20 दिन तक का स्टैंडबाय टाइम मिलने का दावाकिया गया है। ब्लूटूथ कॉलिंग इनेबल होने के साथ वॉच से दो दन की बैटरी लाइफ मिलेगी। यह स्मार्टवॉच क्विक चार्जिंग सपोर्ट करती है। कंपनी के मुताबिक, सिर्फ 10 स्टॉक फ्यूचर्स कितने बजे खुलते हैं? मिनट की चार्जिंग में ही 24 घंटे तक की बैटरी लाइफ मिल जाएगी। यह स्मार्टवॉच 8 अलग-अलग मेन्यू डिजाइन के साथ ईती है। यूजर्स UI को आसानी से नेविगेट कर सकते हैं।

Fire Boltt Gladiator स्मार्टवॉच ब्लैक, ब्लू, गोल्ड और ब्लैक गोल्ड कलर में उपलब्ध होगी। इसके अलावा इस ऐप में कैलकुलेटर ऐप, वेदर ऐप और अलार्म ऐप भी दिया गया है। यह स्मार्टवॉच कैमरा शटर और वॉटर रिमाइंडर जैसे रेगुलर फंक्शन भी सपोर्ट करती है।

स्टॉक फ्यूचर्स कितने बजे खुलते हैं?

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भारतीय शेयर बाजार का समय – Stock Market Timings in India

  • Post last modified: September 22, 2020
  • Post author: Yogesh Singh
  • Post category: Share Market
  • Post comments: 3 Comments

हेलो दोस्तों आज हम Detail में जानेगे की भारत में शेयर बाजार कब खुलता है और कब बंद होता है (Stock Market Timings in India) अगर आपने हमारे शेयर मार्किट क्या होता है पोस्ट नहीं देखी तो आप देख सकते है |
अक्सर भारत में लोग शेयर बाजार के समय के बारे में काफी भ्रमित रहते हैं तो आज हम आपको विस्तार में शेयर बाजार के खुलने और बंद होने के समय बारे में बतायेंगे |

भारत में शेयर बाजार का समय – Stock market timings in India

भारत में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज है –National Stock Exchange (NSE) और Bombay Stock Exchange (BSE) हैं। हालांकि, NSE और BSE दोनों exchanges का एक ही समय है।

भारतीय शेयर बाजार सप्ताह के अंत में, स्टॉक फ्यूचर्स कितने बजे खुलते हैं? यानी शनिवार और रविवार को बंद रहते है और इसके अलावा, यह राष्ट्रीय और स्टॉक एक्सचेंज की छुट्टियों पर भी बंद रहते है | स्टॉक एक्सचैंजेस की छुटियाँ आप यहाँ देख सकते है |

भारत में शेयर बाजार के समय को तीन सत्रों में विभाजित किया जाता है

  1. Pre-open Session (प्री-ओपन सत्र)
  2. Normal Session (सामान्य सत्र)
  3. Post-closing Session (समापन के बाद का सत्र)

Note : बाजार में भारी अस्थिरता से बचने के लिए Pre-open Session यानि पूर्व-खुला सत्र रखा जाता है और यह एक संतुलन मूल्य बनाने के लिए ताकि बाजार को अपनी शुरुआती कीमत मिल सके, आप यहां पा सकते हैं कि एनएसई कैसे अपने शुरुआती मूल्य की गणना करता है।

Pre-open Session को आगे तीन सत्रों में विभाजित किया जाता है –

  1. सुबह 9:00 से 9:08 बजे (Order Entry Session -आदेश प्रवेश सत्र):
  • इस समय में, कोई भी शेयर खरीद और बेच सकता है।
  • आप Orders में परिवर्तन या उसको रद्द भी कर सकते हैं।

Note: आप अपने ऑर्डर को सुबह 9:07 बजे से पहले रखने का प्रयास करें क्योंकि आपको नहीं पता है कि शेयर मार्किट का algorithm कब और कैसे काम करता है और वक़्त पे न होने पर आपका ऑर्डर रद्द भी किया जा सकता है।

2. सुबह 9:08 से 9:12 बजे (मैचिंग ऑर्डर सत्र- Order Matching Session):

  • इस समय में, आप अपने Orders में परिवर्तन , खरीद व बेच या रद्द नहीं कर सकते।
  • इस सत्र का उपयोग Orders का मिलान करके बाजार के लिए शुरुआती मूल्य निर्धारित करने के लिए किया जाता है।

नोट: यदि आपने पहले अपने ऑर्डर में कोई लिमिट लगाई है तो उस लिमिट को बाजार की तय कीमतों से मेल किया जाता है, और अगर यह लिमिट बाजार की तय हुई कीमत के नीचे आता है तो आपका Order Execute हो जाता है, अन्यथा, यह Execute नहीं होता ।

3. सुबह 9:12 से 9:15 बजे (बफर सत्र-Buffer Session ):

  • इस सत्र का उपयोग बफ़र सत्र के रूप में किया जाता है, यदि प्रारंभिक दो चरणों में कोई भी असामान्यताएं पायी जाती है तो इस सत्र में उसकी जाँच की जाती है।
  • इस सत्र को अगली प्रक्रिया को Smooth करने के लिए भी उपयोग किया जाता है, ताकि दिन का कारोबार सामान्य रूप से चल सके ।

Note: Pre Opening Session में आप केवल निफ़्टी 50 कंपनियों के ही शेयर्स ले व बेच सकते है |

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Normal Session-सामान्य सत्र

  • इस सत्र की अवधि सुबह 9:15 बजे से शाम 3:30 बजे तक की है।
  • इस सत्र में, अधिकांश ट्रेड होते हैं।
  • आप इस सत्र में स्टॉक खरीद व बेच सकते हैं।

शाम 3:30 से 3:40 बजे के समय में शेयर्स का closing price को calculate किया जाता है और इसमें स्टॉक मार्किट इंडेक्स जैसे की Sensex और Nifty अपनी इंडेक्स मूल्य की गणना करते है जोकि 3.00 बजे से 3.30 बजे के बीच आखरी के 30 minutes में ट्रेड किये शेयर्स के भाव से प्राप्त किये जाते है ।

POST-CLOSING SESSION – समापन के बाद का सत्र:

  • यह सत्र दोपहर 3:40 से 4:00 बजे के बीच में होता है |
  • आप इस सत्र में शेयर्स खरीद व बेच सकते है जिसे (AMO) After Market Orders भी कहते है | इसमें बाजार बंद होने के बावजूद आप अपने ऑर्डर को खरीद या बेच सकते हैं । लेकिन शेयर्स खरीदने और बेचने का भाव मार्किट के closing 3:30 बजे वाले भाव पर होता है |
  • अगर आपने पहले गलती से कोई ट्रेड ले लिया था जैसा की आपने कोई शेयर 1000 की बजाए 10000 शेयर्स ले लिए और आपके पास डिलीवरी के पैसे नहीं है तो आप इस सत्र उन शेयर्स को बेच सकते है शेयर्स बेचने का भाव मार्किट क्लोजिंग वाला ही रहता है |

Note: Pre-opening session और Post-closing session केवल कैश मार्केट के लिए ही उपयोग में लाए जाते है इनको Futures और options में उपयोग नहीं किया जाता ।

Special Trading Day

हालांकि, राष्ट्रीय छुट्टियों पर शेयर बाजार बंद रहता है, लेकिन यह दिवाली त्योहार के दौरान कुछ घंटों के लिए खुला रहता है, जिसे ‘Mahurat Trading‘ के रूप में जाना जाता है। इस विशेष दिन के लिए ट्रेडिंग घंटे का समय दिवाली से कुछ दिन पहले ही तय किया जाता हैं।

Conclusion

दोस्तों आज हमने इस पोस्ट में सीखा की भारतीय शेयर का समय क्या है (Stock market timings in India) आशा है आपको यह पोस्ट पसंद आयी होगी अगर आपका कोई सवाल या सुझाव है तो आप हमे कमेंट कर सकते है |

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Share Market Today, 04 March 2022: रूस-यूक्रेन युद्ध से निकली बाजार की हवा, 800 से भी ज्यादा लुढ़क गया सेंसेक्स

डिंपल अलावाधी

Share Market News Today (आज का शेयर बाजार), 04 March 2022: आज शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 54500 और निफ्टी 16500 के भी नीचे पहुंच गया।

Share Market Today: Sensex Nifty Today

Share Market Today: रूस-यूक्रेन युद्ध से निकली बाजार की हवा, 800 से भी ज्यादा लुढ़क गया सेंसेक्स  |  तस्वीर साभार: BCCL

  • शुक्रवार को सेंसेक्स, निफ्टी खुलते ही लुढ़क गए।
  • पिछले सत्र में सेंसेक्स 55102.68 पर बंद हुआ था।
  • यूक्रेन के न्यूक्लियर प्लांट पर हमले की खबर के चलते वैश्विक बाजार भी लुढ़क गए।

Share Market News Today, 04 March 2022: रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग (Russia-Ukraine War) के बीच शेयर बाजार संभल नहीं पा रहा है। यूक्रेन पर हुए रूसी हमले से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है। आज सुबह 9:45 बजे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 802.33 अंक (1.46 फीसदी) फिसलकर 54300.35 के स्तर पर पहुंच गया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 237.60 अंक (1.44 फीसदी) गिरकर 16260.45 पर कारोबार कर रहा था।

शुरुआती कारोबार में आज सेंसेक्स 717.39 अंक या 1.30 फीसदी नीचे 54385.29 पर और निफ्टी 209.40 अंक या 1.27 फीसदी नीचे 16288.60 पर खुला था। लगभग 637 शेयरों में तेजी आई, 1151 शेयरों में गिरावट आई और 79 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ था।

सेक्टोरल इंडेक्स पर, आज मेटल के अतिरिक्त सभी सेक्टर्स लाल निशान पर हैं। इनमें प्राइवेट बैंक, आईटी, बैंक, ऑटो, फाइनेंस सर्विस, एफएमसीजी, मीडिया, फार्मा, पीएसयू बैंक और रियल्टी शामिल हैं।

ग्लोबल मार्केट का हाल
Dow Jones फ्यूचर्स में करीब 400 अंकों की गिरावट आई है। डाउ जोंस 0.29 फीसदी लुढ़क गया। S&P 0.53 फीसदी, Nasdaq 1.56 फीसदी, FTSE 2.57 फीसदी, DAX 2.16 फीसदी और CAC 1.84 फीसदी नीचे पहुंच गए।

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जब शेयर मार्केट गिरता है तो कहां जाता है आपका पैसा? यहां समझिए इसका गणित

Share market: जब शेयर मार्केट डाउन होता है, तो निवेशकों का पैसा डूबकर किसके पास जाता है? क्या निवेशकों के नुकसान से किसी को मुनाफा होता है. आइए इसका जवाब बताते हैं.

  • शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है
  • अगर कंपनी अच्छा परफॉर्म करेगी तो उसके शेयर के दाम बढ़ेंगे
  • राजनीतिक घटनाओं का भी शेयर मार्केट पर पड़ता है असर

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नई दिल्ली: आपने शेयर मार्केट (Share Market) से जुड़ी तमाम खबरें सुनी होंगी. जिसमें शेयर मार्केट में गिरावट और बढ़त जैसी खबरें आम हैं. लेकिन कभी आपने सोचा है कि जब शेयर मार्केट डाउन होता है, तो निवेशकों का पैसा डूबकर किसके पास जाता है? क्या निवेशकों के नुकसान से किसी को मुनाफा होता है. इस सवाल का जवाब है नहीं. आपको बता दें कि शेयर मार्केट में डूबा हुआ पैसा गायब हो जाता है. आइए इसको समझाते हैं.

कंपनी के भविष्य को परख कर करते हैं निवेश

आपको पता होगा कि कंपनी शेयर मार्केट में उतरती हैं. इन कंपनियों के शेयरों पर निवेशक पैसा लगाते हैं. कंपनी के भविष्य को परख कर ही निवेशक और विश्लेषक शेयरों में निवेश करते हैं. जब कोई कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है, तो उसके शेयरों को लोग ज्यादा खरीदते हैं और उसकी डिमांड बढ़ जाती है. ऐसे ही जब किसी कंपनी के बारे में ये अनुमान लगाया जाए कि भविष्य में उसका मुनाफा कम होगा, तो कंपनी के शेयर गिर जाते हैं.

डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है शेयर

शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है. लिहाजा दोनों ही परिस्‍थितियों में शेयरों का मूल्‍य घटता या बढ़ता जाता है. इस बात को ऐसे लसमझिए कि किसी कंपनी का शेयर आज 100 रुपये का है, लेकिन कल ये घट कर 80 रुपये का हो गया. ऐसे में निवेशक को सीधे तौर पर घाटा हुआ. वहीं जिसने 80 रुपये में शेयर खरीदा उसको भी कोई फायदा नहीं हुआ. लेकिन अगर फिर से ये शेयर 100 रुपये का हो जाता है, तब दूसरे निवेशक को फायदा होगा.

कैसे काम करता है शेयर बाजार

मान लीजिए किसी के पास एक अच्छा बिजनेस आइडिया है. लेकिन उसे जमीन पर उतारने के लिए पैसा नहीं है. वो किसी निवेशक के पास गया लेकिन बात नहीं बनी और ज्यादा पैसे की जरूरत है. ऐसे में एक कंपनी बनाई जाएगी. वो कंपनी सेबी से संपर्क कर शेयर बाजार में उतरने की बात करती है. कागजी कार्रवाई पूरा करती है और फिर शेयर बाजार का खेल शुरू होता है. शेयर बाजार में आने के लिए नई कंपनी होना जरूरी नहीं है. पुरानी कंपनियां भी शेयर बाजार में आ सकती हैं.

शेयर का मतलब हिस्सा है. इसका मतलब जो कंपनियां शेयर बाजार या स्टॉक मार्केट में लिस्टेड होती हैं उनकी हिस्सेदारी बंटी रहती है. स्टॉक मार्केट में आने के लिए सेबी, बीएसई और एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) में रजिस्टर करवाना होता है. जिस कंपनी में कोई भी निवेशक शेयर खरीदता है वो उस कंपनी में हिस्सेदार हो जाता है. ये हिस्सेदारी खरीदे गए शेयरों की संख्या पर निर्भर करती है. शेयर खरीदने और बेचने का काम ब्रोकर्स यानी दलाल करते हैं. कंपनी और शेयरधारकों के बीच सबसे जरूरी कड़ी का काम ब्रोकर्स ही करते हैं.

निफ्टी और सेंसेक्स कैसे तय होते हैं?

इन दोनों सूचकाकों को तय करने वाला सबसे बड़ा फैक्टर है कंपनी का प्रदर्शन. अगर कंपनी अच्छा परफॉर्म करेगी तो लोग उसके शेयर खरीदना चाहेंगे और शेयर की मांग बढ़ने से उसके दाम बढ़ेंगे. अगर कंपनी का प्रदर्शन खराब रहेगा तो लोग शेयर बेचना शुरू कर देंगे और शेयर की कीमतें गिरने लगती हैं.

इसके अलावा कई दूसरी चीजें हैं जिनसे निफ्टी और सेंसेक्स पर असर पड़ता है. मसलन भारत जैसे कृषि प्रधान देश में बारिश अच्छी या खराब होने का असर भी शेयर मार्केट पर पड़ता है. खराब बारिश से बाजार में पैसा कम आएगा और मांग घटेगी. ऐसे में शेयर बाजार भी गिरता है. हर राजनीतिक घटना का असर भी शेयर बाजार पर पड़ता है. चीन और अमेरिका के कारोबारी युद्ध से लेकर ईरान-अमेरिका तनाव का असर भी शेयर बाजार पर पड़ता है. इन सब चीजों से व्यापार प्रभावित होते हैं.

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