क्रिप्टोकरेंसी में नुकसान उठाने से कैसे बचें, जानिए क्या हैं एक्सपर्ट्स के सुझाव
कम लिक्विडिटी वाले क्रिप्टो को खरीदने से बचना चाहिए क्योंकि इन्हें बेचने में मुश्किल हो सकती है
क्रिप्टोकरेंसीज में उतार-चढ़ाव बहुत अधिक होता है। इसके साथ ही इनमें पैसा कमाने और गंवाने के भी मौके रहते हैं। अगर आप किसी सेलेब्रिटी के ट्वीट पर इनवेस्टमेंट कर रहे हैं या खुद को एक्सपर्ट्स बताने वाले किसी व्यक्ति की सलाह पर चल रहे हैं, तो आपको नुकसान हो सकता है। यहां आपको उन गल्तियों के बारे में बताया जा रहा है जिनसे आपको क्रिप्टोकरेंसीज में इनवेस्टमेंट जानिए क्रिप्टोकरेंसी के फायदे और नुकसान करने पर बचना चाहिए।
एक्सपर्ट्स की सलाह पर पूरा भरोसा न करें, अपनी रिसर्च भी जरूरी
आपको कई ऑनलाइन साइट्स पर क्रिप्टो एक्सपर्ट्स की सलाह मिल जाएगी। आपको शायद यह जानकर हैरानी होगी किसी वास्तव में कोई क्रिप्टो एक्सपर्ट्स नहीं हैं। क्रिप्टोकरेंसीज में उतार-चढ़ाव बहुत अधिक होता है और इनके प्राइसेज का सही अनुमान नहीं लगाया जा सकता। इस वजह से खुद रिसर्च करनी चाहिए।
कम लिक्विडिटी वाली क्रिप्टोकरेंसीज से बचें
लिक्विडिटी अधिक होने पर ही क्रिप्टोकरेंसीज को आसानी से खरीदा या बेचा जा सकता है। अगर किसी क्रिप्टोकरेंसी में लिक्विडिटी कम है तो आपको उसे बेचने में मुश्किल होगी।
Digital currency vs cryptocurrency: क्रिप्टो करेंसी और भारत सरकार की डिजिटल करेंसी में क्या है अंतर
कई लोग कंफ्यूज हैं कि अभी डिजिटल करेंसी को सरकार हां जानिए क्रिप्टोकरेंसी के फायदे और नुकसान कर रही है लेकिन बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को ना क्यों कह रही है. इस अंतर को समझ कर ही हम डिजिटल करेंसी के फायदे और नुकसान को समझ सकेंगे.
- डिजिटल रुपये केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट में शामिल होगी
- इसे देश की सॉवरेन करेंसी में बदला जा सकता है
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नई दिल्ली: Digital currency vs cryptocurrency-डिजिटल रुपया या सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए RBI का अगला प्रयास होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट 2022-23 में डिजिटल रुपये को लेकर कई घोषणाएं की गई हैं. लेकिन कई लोग कंफ्यूज हैं कि अभी डिजिटल करेंसी को सरकार हां कर रही है लेकिन बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को ना क्यों कह रही है. इस अंतर को समझ कर ही हम डिजिटल करेंसी के फायदे और नुकसान को समझ सकेंगे.
विशेषज्ञों के मुताबिक डिजिटल रुपये की अवधारणा बिटकॉइन जैसी जानिए क्रिप्टोकरेंसी के फायदे और नुकसान जानिए क्रिप्टोकरेंसी के फायदे और नुकसान क्रिप्टोकरेंसी से प्रेरित है, लेकिन केंद्रीय बैंक के नियमों के साथ. यानी बिटक्वाइन अनियंत्रित होती है जबकि डिजिटल करेंसी केंद्रीय बैंक की ओर से जानिए क्रिप्टोकरेंसी के फायदे और नुकसान जारी की जाती है. क्रिप्टोकरेंसी का प्रबंधन एक कंप्यूटर एल्गोरिथम द्वारा किया जाता है. वहीं डिजिटल करेंसी को अथारिटी द्वारा नियंत्रित किया जाता है. डिजिटल रुपये को सरकार की मान्यता मिली होती है. डिजिटल रुपये केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट में भी शामिल होगी और इसे देश की सॉवरेन करेंसी में बदला जा सकता है. प्रस्ताव है कि देश में डिजिटल करेंसी को बैंक नोट की परिभाषा में रखा जाए. इसके लिए RBI ने कानून में संशोधन का प्रस्ताव दिया है.
डिजिटल करेंसी भी दो तरह की होती है
- रिटेल डिजिटल करेंसी का प्रयोग आम जनता और कंपनियां करती हैं.
- होलसेल डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल वित्तीय संस्थाओं के लिए होगा.
डिजिटल करेंसी के चार फायदे
- तेज लेन-देन और नोट छापने की तुलना में कम खर्चीला
- बाजार में करेंसी को सरकार बेहतर तरीके से नियंत्रित कर पाएगी
- बैंक खाते की जरूरत नहीं और ऑफलाइन लेन-देन संभव होगा.
- हर डिजिटल रुपये पर सरकार की नजर होगी और कोई गैरकानूनी लेन-देन नहीं हो पाएगा
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Tax on Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स को लेकर सरकार और सख्त, किया ये बदलाव
क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाए जाने को लेकर सरकार अब पहले जानिए क्रिप्टोकरेंसी के फायदे और नुकसान से और ज्यादा सख्त हो गई है. इसके लिए उसने वित्त विधेयक-2022 में कुछ संशोधनों का प्रस्ताव रखा है. पढ़ें ये खबर.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 25 मार्च 2022,
- (अपडेटेड 25 मार्च 2022, 8:17 AM IST)
- 1 अप्रैल से लागू होना है क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स
- इस साल के बजट में लगाया क्रिप्टो एसेट पर टैक्स
क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स (Tax on Cryptocurrency) को लेकर सरकार फिलहाल किसी तरह की राहत देने के मूड में नहीं दिख रही है. इसलिए सरकार ने वित्त विधेयक-2022 में कुछ संशोधन करते हुए इसके लिए नियम और कड़े करने का प्रस्ताव रखा है.
कड़े किए क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े नियम
पीटीआई की खबर के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने किसी एक वर्चुअल डिजिटल एसेट में होने वाले फायदे से किसी अन्य डिजिटल एसेट के नुकसान की भरपाई की छूट खत्म करने का प्रस्ताव किया है. सरकार ने लोकसभा सदस्यों को वित्त विधेयक-2022 की जो कॉपियां वितरित की हैं, उसमें इससे जुड़ी धारा से ‘अन्य’ शब्द को हटाने का प्रस्ताव रखा है.
इसे और आसान भाषा में समझें, तो अब क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले किसी निवेशक को वर्चुअल डिजिटल एसेट (VDA) के ट्रांसफर पर अगर कोई नुकसान होता है, तो उसे अब इसे किसी अन्य डिजिटल एसेट के ट्रांसफर करने पर होने वाले लाभ से भरपाई करने की छूट नहीं होगी.
वित्त विधेयक में VDA ऐसा कोई कोड, नंबर या टोकन हो सकता है जिसे इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ट्रांसफर, स्टोर या ट्रेड किया जा जानिए क्रिप्टोकरेंसी के फायदे और नुकसान सके. VDA में क्रिप्टोकरेंसी और नॉन-फंजिबिल टोकन (NFT) शामिल हैं, जो बीते कुछ सालों में लोगों के बीच काफी पॉपुलर हुए हैं.
बजट में किया टैक्स का प्रावधान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) इस साल अपने बजट भाषण में क्रिप्टो एसेट्स पर टैक्स लगाने का प्रावधान किया जानिए क्रिप्टोकरेंसी के फायदे और नुकसान है. ये नियम 1 अप्रैल से लागू होने हैं. इसके हिसाब से क्रिप्टो एसेट्स पर होने वाले लाभ पर सरकार 30% तक का इनकम टैक्स वसूलेगी. इसके अलावा इस पर उपकर और अधिभार की भी वसूली की जाएगी.
Bitcoin-Ether नुकसान में, स्टेबलकॉइंस ने कमाया मुनाफा, जानें कैसा है क्रिप्टो मार्केट का हाल
अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंजों पर बिटकॉइन ने थोड़ी बड़ी गिरावट दर्ज की. यह 24,088 डॉलर (लगभग 19 लाख रुपये) पर कारोबार कर रहा था.
3.88 फीसदी के नुकसान के साथ ETH की कीमत वर्तमान में 2,055 डॉलर (लगभग 1.63 लाख रुपये) है.
खास बातें
- शीबा इनु, पॉलीगॉन, यूनिस्वैप, लाइटकॉइन, चेनलिंक को भी नुकसान
- बिनेंस USD, USD कॉइन और टीथर ने कमाया थोड़ा मुनाफा
- डॉजकॉइन, बिनेंस कॉइन और रिपल भी फायदे में
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की कीमतों में अस्थिरता का दौर जारी है. दुनिया की सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) ने मंगलवार को 1.37 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार शुरू किया. भारतीय एक्सचेंज कॉइनस्विच कुबेर के अनुसार बिटकॉइन की कीमत 25,837 डॉलर (लगभग 20 लाख रुपये) है. अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंजों पर बिटकॉइन ने थोड़ी बड़ी गिरावट दर्ज की. Binance और CoinMarketCap के अनुसार 3.31 फीसदी की गिरावट के साथ बिटकॉइन 24,088 डॉलर (लगभग 19 लाख रुपये) पर कारोबार कर रहा था.
दुनिया की दूसरी सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी ईथर (Ether) भी बिटकॉइन की राह पर चलती हुई दिखाई दी. गैजेट्स 360 के क्रिप्टो प्राइस ट्रैकर के अनुसार, 3.88 फीसदी के नुकसान के साथ ETH की कीमत वर्तमान में 2,055 डॉलर (लगभग 1.63 लाख रुपये) है.
शीबा इनु, पॉलीगॉन, यूनिस्वैप, लाइटकॉइन, चेनलिंक और कॉसमॉस को भी नुकसान हुआ है. हालांकि बिनेंस USD, USD कॉइन और टीथर जैसे स्टेबलकॉइन थोड़ा मुनाफा देखने में कामयाब रहे हैं. डॉजकॉइन, बिनेंस कॉइन और रिपल को भी मामूली फायदा हुआ है. CoinMarketCap के अनुसार, ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप वर्तमान में 1.14 ट्रिलियन डॉलर है, जो पिछले दिन की तुलना में 3.30 फीसदी कम है.
सोमवार को देश ने 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाया, क्रिप्टो कम्युनिटी के अंदरुनी सूत्रों ने सरकार और देश के लोगों से क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दिमाग खुला रखने का अनुरोध किया. गैजेट्स 360 से बात करते हुए Unocoin के पूर्व मुख्य वैज्ञानिक और क्रिप्टो-फोकस्ड फिनटेक फर्म GoSats के मौजूदा प्रमुख रोशन मोहम्मद ने कहा कि वह देश में सकारात्मक नियमों का मसौदा तैयार करने के लिए नियामकों में विश्वास करते हैं.
गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार तेजी से बढ़ा है. भारत में पिछले वर्ष सात प्रतिशत से अधिक लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी के तौर पर डिजिटल करेंसी थी. संयुक्त राष्ट्र की ट्रेड से जुड़ी संस्था UNCTAD के अनुसार कोरोना महामारी के दौरान विकासशील देशों सहित दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल बढ़ा है. हालांकि, इस सेगमेंट में टैक्स की चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी समस्याएं भी हैं.
बीते दिनों UNCTAD ने पिछले वर्ष डिजिटल करेंसीज रखने वाले टॉप 20 देशों का डेटा जारी किया है. इसमें यूक्रेन पहले स्थान पर है. यूक्रेन की लगभग 12.7 प्रतिशत जनसंख्या के पास डिजिटल करेंसी थी. भारत इस लिस्ट में सातवें पायदान पर है. हालांकि, UNCTAD का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसीज एक अस्थिर फाइनेंशियल एसेट है और इससे सामाजिक जोखिमों के साथ ही वित्तीय नुकसान भी हो सकता है.
Cryptocurrency क्या है – संक्षिप्त जानकारी।
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के बारे में जानने से पहले यह जान लेते हैं करेंसी क्या होती है। करेंसी एक प्रकार की मुद्रा प्रणाली है। ऐसी मुद्रा प्रणाली जो धन के रूप में इस्तेमाल की जाती हो, देश की सरकार द्वारा उसे मान्यता मिली हो, जिसका कोई मूल्य हो और जिसके माध्यम से वस्तुओं को ख़रीदा या बेचा जा सके।
दुनिया में प्रारंभ में कोई मुद्रा या करेंसी प्रचलन में नहीं थी। उस समय वस्तु विनिमय प्रणाली का चलन था। इसी प्रणाली द्वारा खरीदने और बेचने का काम होता था। वस्तु विनिमय प्रणाली में एक वस्तु देकर दूसरी वस्तु ली जाती थी। इसके बाद सिक्कों का दौर आया। विभिन्न प्रकार की धातुओं के सिक्कों के द्वारा लेन – देन होने लगा।
सिक्कों के बाद कागज़ जानिए क्रिप्टोकरेंसी के फायदे और नुकसान के नोट आये जिससे हमारे लेन – देन का तरीका बिलकुल बदल गया। इन सब प्रणालियों के अलावा भी एक मुद्रा है, जिसे क्रिप्टोकरेंसी के नाम से जाना जाता है, जो वर्तमान में धीरे – धीरे प्रचलित हो रही है।
क्रिप्टोकरेंसी से आप क्या समझते हैं
क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की डिजिटल (DIGITAL) मुद्रा है। यह एक ऐसी मुद्रा प्रणाली है जो ब्लोकचेन (BLOCKCHAIN) तकनीक पर आधारित है। अर्थात यह एक ऐसी तकनीक पर आधारित है जिसमे बहुत से ब्लोक होते हैं जो एक दुसरे से जुड़े होते हैं। क्रिप्टो-करेंसी एक पियर टू पियर (PEER TO PEER) धन प्रणाली है।
पियर टू पियर प्रणाली से तात्पर्य है जिसमे एक कंप्यूटर सिस्टम से दुसरे कंप्यूटर सिस्टम में डाटा भेज सकते हैं बिना किसी केंद्रीकृत सर्वर के माध्यम से। यह मुद्रा प्रणाली कंप्यूटर अल्गोरिथम पर आधारित है, अर्थात शारीरिक रूप से इसका अस्तित्व नहीं है, यह सिर्फ आंकड़ों के रूप में ऑनलाइन रहती है।
क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल या क्रिप्टोकरेंसी का मूल्य
क्रिप्टोकरेंसी का भी बाकि करेंसी की तरह मूल्य है। क्रिप्टो-करेंसी से भी हम सामान खरीदने और बेचने का कार्य कर सकते हैं। इसका हम कहीं निवेश भी कर सकते हैं। लेकिन जैसा की उपरोक्त वर्णित है यह एक डिजिटल मुद्रा है इसलिए हम इसको छू नहीं सकते इसलिए इसको हम तिजोरी या बैंक के लॉकर इत्यादि में नहीं रख सकते।
क्रिप्टो-करेंसी की मूल्य की बात करें तो इसकी कीमत बाकी मुद्राओं से बहुत ज्यादा है। कुछ श्रेष्ठ क्रिप्टो-करेंसी की बात करें तो इनकी कीमत डॉलर से भी हजारों गुना ज्यादा है। लेकिन क्रिप्टो-करेंसी का मूल्य घटता बढ़ता रहता है। क्रिप्टो-करेंसी बाजार में उतार चढाव आते रहते हैं, इसलिए इसकी कीमत दिन में ही कई बार बदलती रहती है।
क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करती है
जैसा की हमने आपको बताया क्रिप्टोकरेंसी ब्लोकचेन (Cryptocurrency block chain)तकनीक पर आधारित है। इसमें जब भी कोई लेन – देन होता है तो उसका रिकॉर्ड रख लिया जाता है, और इनको बड़े पावरफुल कंप्यूटरों की निगरानी में रखा जाता है। इस प्रक्रिया को क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग कहा जाता, और जो ये काम करता है उसे माइनर कहते हैं।
इसके बाद ब्लोकचेन में रिकॉर्ड उस लेन – देन को एक ब्लॉक में रखा जाता है जिसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी माइनर की होती है। माइनर उस लेन – देन को सुरक्षित रखने के लिए एक क्रिप्टोग्राफिक पहेली को हल करके एक कोड का पता लगते हैं, जिसका पता लगने के बाद उसे ब्लोकचेन में जोड़ा जाता है। इसके बाद नेटवर्क में उपस्थित दुसरे कंप्यूटर द्वारा उसको सत्यापित किया जाता है।
क्रिप्टोकरेंसी के लाभ
- यह एक विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा है इसलिए इस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं
- इसमें फ्रॉड की सम्भावना बहुत कम है
- इसमें निवेश करना फायदेमंद है क्योंकि इसकी कीमतों में बहुत उछाल होता है
- इस मुद्रा को संभालने के लिए बैंक की आवश्यकता नहीं है
- इसको खरीदना बेचना और इसमें निवेश करना आसान है
- यह एक सुरक्षित मुद्रा है
- क्रिप्टोकरेंसी का बाजार 24 घंटे ऑनलाइन खुला रहता है
क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान
- क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी मुद्रा है जिस पर सरकार का कोई नियंत्रण जानिए क्रिप्टोकरेंसी के फायदे और नुकसान नहीं है, इसलिए इसकी कीमतों में स्थिरता नहीं होती। इसकी कीमतों में उतर चढाव लगा ही रहता है यहाँ तक की इसकी कीमतें एक दिन में ही कई बार बदल जाती हैं
- इस मुद्रा का इस्तेमाल अवैध कार्यों में किया जा सकता है
- यह एक डिजिटल मुद्रा है और ऑनलाइन उपलब्ध है इसलिए इसको हैक किया जा सकता है
- यह मुद्रा सब देशों में वैध नहीं है, बीटकोइन की प्रसिद्धी के कारण कुछ देशों ने इसको मान्यता दे दी है लेकिन अब भी बहुत देशों में क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं मिली है
- क्रिप्टोकरेंसी कोई भौतिक मुद्रा नहीं है अर्थात इसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है, इसलिए इस मुद्रा पे भरोसा करना मुश्किल है।
क्या क्रिप्टोकरेंसी कानूनी है ?
क्रिप्टोकरेंसी को सीधे शब्दों में कहे तो अब तक कानूनी मान्यता नहीं मिली है। पूरी दुनिया के कुछ देशों ने ही इसको मान्यता दी है, जबकि दुनिया के जानिए क्रिप्टोकरेंसी के फायदे और नुकसान बहुत से देशों में तो ऐसी कोई मुद्रा होती है ये भी नहीं पता है। लेकिन धीरे धीरे क्रिप्टो-करेंसी का प्रचलन बढ़ रहा है, दिन प्रतिदिन हम क्रिप्टोकरेंसी से सम्बंधित खबर सुनते हैं। जिस गति से क्रिप्टो-करेंसी का इस्तेमाल बढ़ रहा है, उसको देखते हुए हम कह सकते हैं की आने वाले समय में क्रिप्टो-करेंसी हर जगह पूर्ण रूप से मान्य होगी।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य
भारत में क्रिप्टोकरेंसी को अवैध घोषित किया गया था, लेकिन अब भारत में क्रिप्टो-करेंसी को मान्य दे दी गई है। क्रिप्टो-करेंसी मुद्रा प्रणाली में उपस्थित जोखिम को देखते हुए भारत सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने कमर कस ली है ताकि इसको हैक होने से बचाया जा सके।
रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने भारतीय निवेशकों के निवेश की सुरक्षा के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भी सोंपे हैं। आने वाले समय में किसी संसद के सत्र में भारत सरकार क्रिप्टो-करेंसी या डिजिटल मुद्रा से सम्बंधित कोई विधेयक पास कर सकती है। क्रिप्टो-करेंसी को लेकर रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया और भारत सरकार का रुख सख्त हुआ है, क्योंकि पिछले कुछ समय से भारत में क्रिप्टो-करेंसी में निवेश करने वालों की संख्या में बहुत इजाफा हुआ है।
भारत में तक़रीबन 1.5 करोड़ निवेशक हैं जो किसी न किसी क्रिप्टो-करेंसी विनमय में पंजीकृत हैं। भारत में बढ़ते हुए निवेशकों की संख्या के कारण भारत सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया सचेत है और निवेशकों की सुरक्षा के लिए कदम उठा रही है।
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