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तेजी-गिरावट अनुपात 17 महीने के निचले स्तर पर

चढऩे-गिरने वाले शेयरों का अनुपात (एडीआर) अगस्त में 17 महीने के सबसे लोकप्रिय स्तर संकेतक निचले स्तर पर पहुंच गया है। शेयर बाजारों के आंकड़े के अनुसार, अगस्त 2020 में अब तक एडीआर 0.74 पर है, जो मार्च 2020 (0.56) के बाद से सबसे कम है। बाजारों में पिछले साल मार्च में भारी गिरावट आई थी, क्योंकि कोविड-19 महामारी बढऩे से सरकार को देशव्यापी लॉकडाउन लगाने के लिए बाध्य होना पड़ा था।

दिलचस्प तथ्य यह है कि इस बार एडीआर में गिरावट उस महीने में आई है, जब दो सबसे लोकप्रिय स्तर संकेतक प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी ने नई ऊंचाइयों को छुआ है।

एडीआर बाजार धारणा का एक लोकप्रिय संकेतक है। यह उन शेयरों की संख्या की तुलना करता है जो पूर्ववर्ती दिन के बंद भाव के मुकाबले गिरावट वाले शेयरों की तुलना में चढ़कर बंद होते हैं। यह चार्ट संबद्घ महीने के सबसे लोकप्रिय स्तर संकेतक लिए दैनिक औसत को दर्शाता है। आंकड़े से पता चलता है कि गिरने वाले शेयरों की संख्या अगस्त में चढऩे वाले शेयरों की संख्या से काफी ज्यादा रही है। दरअसल, समग्र आधार पर अगस्त के लिए 1902 शेयरों के साथ गिरने वाले शेयरों की संख्या पिछले 20 महीनों में सर्वाधिक है। जहां कुछ विश्लेषकों का मानना है कि अगस्त के लिए एडीआर में गिरावट बाजार की मौजूदा तेजी में महज अल्पावधि गिरावट रुझान का संकेत माना जा सकता है, लेकिन कुछ इसे लेकर गंभीर रूप से सतर्क हैं।

विश्लेषकों का कहना है कि एडीआर में गिरावट की एक मुख्य वजह स्मॉल-कैप और मिड-कैप शेयरों में लगातार हो रही मुनाफावसूली भी है। महीने में अब तक (एमटीडी) आधार पर, बीएसई मिडकैप सूचकांक 1.8 प्रतिशत गिरा है और स्मॉलकैप सूचकांक में 3.8 प्रतिशत की कमजोरी आई है, जबकि सेंसेक्स 5.2 प्रतिशत मजबूत हुआ है। दोनों सूचकांकों ने 4 अगस्त, 2021 को नई ऊंचाई को छुआ, जबकि सेंसेक्स ने 18 अगस्त को सर्वाधिक ऊंचा स्तर बनाया। मार्च 2020 के निचले स्तर से लेकर इस महीने के ऊंचे स्तर तक, मिड-कैप सूचकांक 142 प्रतिशत चढ़ चुका है, जबकि स्मॉल-कैप सूचकांक में शानदार 208 प्रतिशत की तेजी आई है।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज में रिटेल रिसर्च के प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, 'यह इन शेयरों में मूल्यांकन वृद्घि का कारण है, जिसे कुछ हद तक संतुलित बनाए जाने की जरूरत होगी।' मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख (रिटेल) सिद्घार्थ खेमका ने कहा कि तेजी के बाजार में निवेशक मिड-कैप और स्मॉल-कैप को पसंद करते हैं। निवेशकों के पास लार्ज-कैप शेयरों में ज्यादा विकल्प नहीं होते हैं, जिससे बड़ी तेजी आ सकती है। जब निवेशक जोखिम की स्थिति में होते हैं तो बिकवाली शुरू कर देते हैं।

खेमका ने कहा, 'मिड-कैप में, जब कुछ बिकवाली दबाव होता है, तो निवेशक लार्ज-कैप पर ध्यान देते हैं। लार्ज-कैप आपको कम वृद्घि प्रदान कर सकते हैं, लेकिन मूल्यांकन इनमें बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ नहीं होता है। साथ ही, लार्ज-कैप में भारी गिरावट की आशंका तब तक काफी कम बनी रहती है जब तक कि कोई खास परिस्थिति पैदा न हो जाए। वहीं मिड-कैप और स्मॉल-कैप सेगमेंटों में मूल्यांकन मौजूदा समय में काफी ऊपर हैं। बाजार में तेजी के बाद कुछ मुनाफावसूली बढ़ी है।' लेकिन सतर्कता पर ध्यान देने की जरूरत हो सकती है।

स्वतंत्र बाजार विश्लेषक अंबरीश बालिगा का कहना है कि ज्यादा सतर्क निवेशक मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों से निकल रहे हैं। धारणा सिर्फ प्रमुख सूचकांकों में सुधार की वजह से अच्छी बनी हुई है। बालिगा ने कहा, 'कुछ शेयरों में भारी गिरावट आई है, जिससे पता चलता है कि उन्हें ऊंचे स्तरों पर छोटे निवेशकों द्वारा खरीदा गया था और अब इन निवेशकों को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। कई नए निवेशकों ने बड़ा नुकसान कभी नहीं झेला है। नुकसान उठाने और इससे सबक लेने के बीच अंतर है। ये निवेशक आशंकित हो रहे हैं।'

बालिगा ने कहा कि लार्ज-कैप मुख्य तौर पर इस गिरावट से बचे रहे। यह गिरावट ज्यादातर कुछ मिड-कैप और स्मॉल-कैप में आई, जो मल्टीबैगर बने या उनका बुनियादी आधार कमजोर है। बालिगा ने कहा, 'भारी गिरावट दर्ज करने वाले शेयरों में अपनी तेजी को बनाए रखने के लिए कोई आधार नहीं है, और इसलिए लोग सिर्फ गति पर ध्यान दे रहे हैं। जब लोग पूरी तरह से बाजार धारणा के आधार पर खरीदारी करते हैं तो गिरावट न सिर्फ बिकवाली की सबसे लोकप्रिय स्तर संकेतक सबसे लोकप्रिय स्तर संकेतक वजह से हो सकती है बल्कि खरीदारी के अभाव में भी गिरावट दर्ज की जा सकती है। जब संस्थागत निवेशक और एचएनआई अनिश्चितता महसूस करते हैं, तो वे बिकवाली करते हैं, वहीं जब छोटे निवेशक चिंतित होते हैं तो वे ताजा खरीदारी बंद कर देते हैं। ज्यादातर छोटे निवेशक नुकसान पर बेचना कभी नहीं चाहेंगे।'

पिछले साल अप्रैल से, एडीआर 6 अवसरों पर 1 से नीचे (गिरावट की तुलना में चढऩे वाले कम शेयर) गिरा है, और सिर्फ बाद के महीनों में सुधरा है। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि अगले कुछ महीनों में प्रमुख सूचकांकों (मिड-कैप और स्मॉल-कैप) में सुधार के आसार नहीं हैं। अब कुछ खास गुणवत्ता वाले शेयरों के चयन पर ध्यान देने की जरूरत होगी।

Global Travel Development Index: ग्लोबल ट्रेवल और Tourism में दक्षिण एशिया में टॉप पर भारत, दुनियाभर में है 54वीं रैंक

विश्व आर्थिक मंच ने पर्यटन प्रतिस्पर्धी सूचकांक जारी कर दिया है. कोरोना काल के बाद भारत इस सूची में नीचे खिसक गया है. हालांकि साउथ एशिया में भारत को पहला नंबर मिला है. आइए जानते हैंं पूरे विश्व में टॉप दस देश कौन से हैं.

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gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 24 मई 2022,
  • (Updated 24 मई 2022, 5:02 PM IST)

2022 में बढ़ी है अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या

पूरे विश्व में 54वें नंबर पर है भारत

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) की ओर से जारी वैश्विक यात्रा और पर्यटन विकास की सूची में भारत को पूरी दूनिया में 54वां स्थान मिला है. जो कि 2019 के मुकाबले देखा जाए तो 8 अंकों की गिरावट है. बता दें कि 2019 में भारत इस लिस्ट में 46वें नंबर पर था. बावजूद इसके पूरे साउथ एशिया में भारत पहले नंबर पर है. अगर पूरी दूनिया के टॉप 10 देशों को देखें तो जापान इस लिस्ट में सबसे ऊपर है. इसके बाद अमेरिका, स्पेन, फ्रांस, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, यूके, सिंगापुर और इटली है. आपको बता दें कि वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम 117 देशों को इसमें शामिल करता है और उन देशों ने पर्यटन की क्षेत्र में क्या काम किए हैं उसके आधार पर रिपोर्ट जारी करता है.

कोरोना की वजह से हुआ नुकसान

एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 में कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन के बाद पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से गिरावट हुई और इस कारण उस साल दो हजार 400 अरब डॉलर का इस इंडस्ट्री को नुकसान हुआ. हालांकि अब उम्मीद की जा रही है कि इसमें सुधार होगा और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का आवागमन बढ़ेगा. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में एविएशन, ट्रैवल एंड टूरिज्म के प्रमुख लॉरेन अपिंक ने कहा कि कोरोना में हुए लॉकडाउन के बाद दुनिया भर के कई देशों ने यात्रा और पर्यटन की तरफ फिर से ध्यान दिया है. उन्होंने कहा कि दुनिया महामारी से जब बाहर आती है तो उसे पर्यटन की क्षेत्र को और बेहतर बनाने के लिए निवेश करना चाहिए.

2021 से ज्यादा बढ़े पर्यटक

जनवरी 2021 से सबसे लोकप्रिय स्तर संकेतक जनवरी 2022 के बीच के आंकड़ों को देखा जाए तो अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या 2021 के बजाय 2022 में बढ़ी है. हालांकि भारत अपने पिछले स्थान को भी बरकरार नहीं रख पाया. क्योंकि देश में लगातार लॉकडाउन ने इस क्षेत्र को अच्छा खासा प्रभावित किया. अब जब सरकार ने वैक्सीनेशन अभियान को बड़े स्तर पर चलाकर काफी हद तक कोरोना पर काबू पा लिया गया है तो विदेशी पर्यटकों की संख्या भी बढ़ने की उम्मीद है.

MACD संकेतक – इसे कैसे पहचानें और IQ Option

एमएसीडी बाजार मूल्य के रुझानों की पहचान करने के लिए उपयोग किए जाने वाले सबसे लोकप्रिय तकनीकी संकेतकों में से एक है। इस लेख में, मैं एमएसीडी संकेतक के बारे में लिखूंगा। इसमें एमएसीडी के साथ बाजार के रुझानों की पहचान करना और इस संकेतक के आसपास IQ Option

एमएसीडी संकेतक क्या है?

एमएसीडी (मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डाइवर्जेंस) मूविंग एवरेज ईएमए से बना एक संकेतक है। इसलिए, एमएसीडी संकेतक मूल्य प्रवृत्ति के अनुसार उतार-चढ़ाव करता है। व्यापारियों को बाजार की मुख्य प्रवृत्ति की पहचान करने में मदद करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण संकेत है। इसके लिए धन्यवाद, वे उचित कार्रवाई कर सकते हैं।

एमएसीडी संकेतक क्या है?

IQ Option में MACD इंडिकेटर के 4 मुख्य भाग होते हैं।

MACD (नीली रेखा) EMA12 और EMA26 का संयोजन है, जो मूल्य विकास की प्रवृत्ति को दर्शाता है।

सिग्नल लाइन (नारंगी रेखा) कीमत की प्रवृत्ति पर नजर रखने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली EMA9 लाइन है।

हिस्टोग्राम कॉलम : एमएसीडी – सिग्नल लाइन। दो चलती औसत के बीच अभिसरण और विचलन की डिग्री को मापने के लिए उपयोग किया जाता है। यह दर्शाता है कि पुष्टि के समय मूल्य परिवर्तन की दर तेज है या धीमी।

शून्य रेखा (बेसलाइन) 0 अक्ष है। यह अपट्रेंड या डाउनट्रेंड के शुरुआती बिंदु को निर्धारित करना है।

एमएसीडी संकेतक क्या है?

एमएसीडी संकेतक – यह कैसे काम करता है?

एमएसीडी इंडिकेटर के दो बहुत महत्वपूर्ण संकेत हैं जिन्हें आपको अवश्य जानना चाहिए।

सिग्नल 1: एमएसीडी के साथ बाजार के रुझान की भविष्यवाणी

हिस्टोग्राम कॉलम के उतार-चढ़ाव के साथ एमएसीडी लैंड सिग्नल लाइन का चौराहा आपको कीमत की आगामी प्रवृत्ति का सटीक अनुमान लगाने में मदद करेगा।
विशिष्ट उदाहरण:

एमएसीडी के साथ बाजार के रुझान की भविष्यवाणी

(१) जब एमएसीडी नीचे से ऊपर जाता है और सिग्नल लाइन को पार करता है => यह संकेत देता है कि आगामी प्रवृत्ति ऊपर है। हिस्टोग्राम कॉलम जीरो लाइन पर होंगे। जब हिस्टोग्राम बढ़ता है, तो कीमत बढ़ेगी।

(२) जब हिस्टोग्राम में गिरावट आती है => यह बाजार की प्रवृत्ति के उलट होने की संभावना का संकेत देता है।

(३) जब एमएसीडी ऊपर से नीचे जाता है और सिग्नल लाइन को पार करता है => यह एक डाउनट्रेंड की भविष्यवाणी करता है। हिस्ट्री कॉलम जीरो लाइन के नीचे होगा।

सिग्नल 2: एमएसीडी संकेतक का विचलन

एमएसीडी विचलन समझा जाता है क्योंकि कीमत बढ़ती है लेकिन एमएसीडी घट जाती है। या इसके विपरीत, कीमत घट जाती है और एमएसीडी बढ़ जाती है।

जब एमएसीडी विचलन होता है, तो बाजार में उलटफेर की संभावना बहुत अधिक होती है। इसलिए, यह तकनीकी विश्लेषण में एक महत्वपूर्ण संकेत बन जाता है।

विशिष्ट उदाहरण:

एमएसीडी संकेतक का विचलन

(१) कीमतों सबसे लोकप्रिय स्तर संकेतक में गिरावट है।

(2) एमएसीडी विचलन प्रकट होता है (कीमत घटती है लेकिन एमएसीडी बढ़ जाती है)।

(३) बाजार डाउनट्रेंड से अपट्रेंड में उलट जाता है।

IQ Option में MACD संकेतक के साथ व्यापार कैसे करें trade

IQ Option में MACD इंडिकेटर कैसे सेट करें

यदि आप एमएसीडी संकेतक का उपयोग करना चाहते हैं, (1) संकेतक बॉक्स पर क्लिक करें => (2) टैब मोमेंटम => (3) एमएसीडी चुनें।

IQ Option में MACD इंडिकेटर कैसे सेट करें

एमएसीडी के साथ IQ Option में ट्रेड कैसे करें

एमएसीडी सबसे लोकप्रिय स्तर संकेतक एक प्रवृत्ति की पहचान करने के लिए एक संकेतक होगा। वैसे, यह सुरक्षित प्रवेश बिंदुओं के संकेत भी देता है। IQ Option में MACD के साथ विकल्प खोलने के लिए मैं आपको कुछ तकनीकों का परिचय दूंगा।

तकनीक 1: एमएसीडी संकेतक के साथ संयोजन हेइकेन आशी कैंडलस्टिक

आवश्यकताएँ: 5 मिनट हाइकेन आशी कैंडलस्टिक चार्ट + एमएसीडी संकेतक। समाप्ति समय 15 मिनट या उससे अधिक है।

ट्रेडिंग तकनीक:

एमएसीडी संकेतक के साथ संयोजन हेइकेन आशी कैंडलस्टिक

उच्च = हेइकेन आशी कैंडलस्टिक चार्ट हरा + एमएसीडी नीचे से ऊपर की ओर बढ़ता है और सिग्नल लाइन को काटता है।

निचला = हाइकेन आशी कैंडलस्टिक चार्ट लाल है + ऊपर से एमएसीडी नीचे जाता है और सिग्नल लाइन को काटता है।

तकनीक 2: समर्थन और प्रतिरोध स्तरों के साथ एमएसीडी संकेतक को मिलाएं

आवश्यकताएँ: जापानी 5-मिनट कैंडलस्टिक पैटर्न + एमएसीडी संकेतक। समाप्ति समय 15 मिनट या उससे अधिक है।

IQ Option में ट्रेड करने का यह एक बहुत ही प्रभावी तरीका है – बाजार की मुख्य प्रवृत्ति के अनुसार विकल्प खोलना। धन प्राप्ति की संभावना अपेक्षाकृत अधिक है।

ट्रेडिंग तकनीक:

एक उच्च विकल्प खोलें = मूल्य बढ़ता है और प्रतिरोध स्तर को तोड़ता है + एमएसीडी ऊपर जाता है और सिग्नल लाइन को काटता है (कीमत बढ़ रही है)।

समर्थन और प्रतिरोध स्तरों के साथ एमएसीडी संकेतक को मिलाएं

निचला विकल्प खोलें = कीमत गिरती है और समर्थन स्तर को तोड़ती है + एमएसीडी नीचे जाता है और सिग्नल लाइन को काटता है (कीमत घट रही है)।

समर्थन और प्रतिरोध स्तरों के साथ एमएसीडी संकेतक को मिलाएं

एमएसीडी संकेतक के आसपास IQ Option में ट्रेड करने के कई अन्य प्रभावी तरीके हैं। हम अगले लेखों में और साझा करेंगे।

Bitcoin में रिकवरी के लिए लंबे इंतजार का संकेत दे रहे टेक्निकल इंडिकेटर्स

बिटकॉइन के प्राइस में बड़ी गिरावट से क्रिप्टो मार्केट से जुड़ी फर्मों और इनवेस्टर्स को काफी नुकसान हुआ है

Bitcoin में रिकवरी के लिए लंबे इंतजार का संकेत दे रहे टेक्निकल इंडिकेटर्स

बिटकॉइन में दोबारा बड़ी गिरावट आने की आशंका भी बन रही है

खास बातें

  • इन्फ्लेशन बढ़ने का भी बिटकॉइन के प्राइस पर असर पड़ रहा है
  • यह पिछले एक महीने से अधिक से 200 सप्ताह के मूविंग एवरेज के आसपास है
  • बिटकॉइन में गिरावट से इनवेस्टर्स को काफी नुकसान हुआ है

मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में रिकवरी का इंतजार के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है. यह संकेत कुछ टेक्निकल इंडिकेटर्स से मिल रहा है. बिटकॉइन के प्राइस में बड़ी गिरावट से क्रिप्टो मार्केट से जुड़ी फर्मों और इनवेस्टर्स को काफी नुकसान हुआ है.

लगभग दो महीने से इस सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट के बड़े कारणों में स्लोडाउन और अमेरिका के फेडरल रिजर्व सहित बहुत से देशों के सेंट्रल बैंक की ओर से इंटरेस्ट रेट्स में की गई बढ़ोतरी है. इसके अलावा इन्फ्लेशन बढ़ने का भी इस पर असर पड़ रहा है. Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, इस क्रिप्टोकरेंसी का प्राइस लगभग 22,600 डॉलर के इसके 200 सप्ताह के मूविंग एवरेज और लगभग 35,500 डॉलर के इसके 200 दिन के मूविंग एवरेज से नीचे आ गया है. यह पिछले एक महीने से अधिक से 200 सप्ताह के मूविंग एवरेज के आसपास है.

Valkyrie Investments का कहना है कि इंडिकेटर्स से इसमें तेजी आने का संकेत मिल रहा है लेकिन ऐसा कब तक होगा यह स्पष्ट नहीं है. आमतौर पर 200 सप्ताह के मूविंग एवरेज के आसपास रहने के तीन से छह महीने के बाद प्राइस में तेजी आने की संभावना होती है. लगभग तीन वर्ष पहले भी बिटकॉइन लगभग तीन महीने तक 200 सप्ताह के मूविंग एवरेज के आसपास रहा था. हालांकि, स्लोडाउन और क्रिप्टो मार्केट में बिकवाली जैसे अन्य कारणों से इसमें तेजी आने में लगभग एक वर्ष भी लग सकता है. कुछ अन्य टेक्निकल इंडिकेटर्स बिटकॉइन के लिए सपोर्ट के कुछ लेवल्स दिखा रहे हैं. यह 12,000 डॉलर से लगभग 20,000 डॉलर के बीच हैं. इससे बिटकॉइन में दोबारा बड़ी गिरावट आने की आशंका भी बन रही है.

बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों पर स्पॉट ट्रेडिंग जून में लगभग 27.5 प्रतिशत घटकर लगभग 1.41 लाख करोड़ डॉलर की रही. यह पिछले लगभग डेढ़ वर्ष का लो लेवल है. बिजनेस एनालिटिक्स फर्म MicroStrategy के CEO और क्रिप्टोकरेंसीज के समर्थक Michael Saylor ने सबसे लोकप्रिय स्तर संकेतक हाल ही में बिटकॉइन की वास्तविक वैल्यू पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था कि अमेरिका में इन्फ्लेशन के 9.1 प्रतिशत के साथ रिकॉर्ड लेवल पर पहुंचने और डॉलर के मुकाबले अन्य करेंसीज के कमजोर होने के साथ बहुत से लोगों को यह समझ नहीं आ रहा कि 1 बिटकॉइन की वैल्यू 1 बिटकॉइन से अधिक नहीं है. उन्होंने इससे यह स्पष्ट कर दिया कि वह क्रिप्टोकरेंसीज के प्राइस की तुलना सामान्य करेंसीज के साथ नहीं करते और बिटकॉइन के प्राइस पर मैक्रो इकोनॉमिक स्थितियों के कड़े दबाव के बावजूद इसकी वास्तविक वैल्यू पर असर नहीं पड़ा है.

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