अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 35 पैसे गिरकर 82.63 पर आया

मुंबई, 12 दिसंबर (भाषा) घरेलू शेयर बाजारों में कमजोर रुख और विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती के बीच रुपया सोमवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 35 पैसे की गिरावट के साथ 82.63 पर आ गया।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि और विदेशी कोषों की निकासी से घरेलू मुद्रा प्रभावित हुई।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनियम बाजार में रुपया कमजोरी के साथ 82.54 पर खुला, फिर और गिरावट के साथ 82.63 पर आ गया जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 35 पैसे की गिरावट दिर्शाता है।

रुपया शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले 10 पैसे की बढ़त के साथ 82.28 पर बंद हुआ था।

इसबीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.35 प्रतिशत बढ़कर 105.16 पर पहुंच गया।

वैश्विक तेल सूचकांक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.66 फीसदी की बढ़त के साथ 76.60 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर आ गया।

Foreign Exchange Reserves: लगातार सातवें सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट, दो सालों के न्यूनतम स्तर पर पहुंचा

Foreign Exchange Reserves: देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार सातवें सप्ताह गिरावट दर्ज की गई और यह दो साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया. 16 सितंबर को समाप्त सप्ताह में यह घटकर 545.652 बिलियन डॉलर रह गया.

Foreign Exchange Reserves: देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट आ रही है. लगातार सातवें सप्ताह डॉलर रिजर्व में गिरावट दर्ज की गई और यह दो सालों के न्यूनतम स्तर पर फिसल गया. 16 सितंबर को समाप्त सप्ताह में यह 5.219 बिलियन डॉलर घटकर 545.652 बिलियन डॉलर रह गया. भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. डॉलर में आ रही मजबूती के कारण रुपए को संभालने के लिए रिजर्व बैंक को डॉलर रिजर्व बेचना पड़ रहा है. यही वजह है कि फॉरन रिजर्व लगातार घट रहा है. इस साल अब तक रुपए में 8 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है.

डॉलर रिजर्व बेच रहा है रिजर्व बैंक

यूक्रेन क्राइसिस के बाद से रुपए पर भारी दबाव है. इस सप्ताह रुपया फिसल कर 81 के पार पहुंच गया. रुपए की गिरावट को कम करने के लिए आरबीआई कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए डॉलर की बिक्री करता है. यही वजह है कि इमर्जिंग मार्केट्स की करेंसी में सबसे मजबूत प्रदर्शन इंडियन करेंसी का है. रिजर्व बैंक ने रुपए को समर्थन के लिए लिए सिर्फ जुलाई के महीने में 19 बिलियन डॉलर का रिजर्व बेचा. यह मार्च 2022 के बाद का सर्वोच्च स्तर है. मार्च में आरबीआई ने 20.10 बिलियन डॉलर का रिजर्व बेचा था. इस साल अब तक 85 बिलियन डॉलर रिजर्व बेचा जा चुका है.

फॉरन करेंसी असेट्स में 4.69 बिलियन डॉलर की गिरावट

आरबीआई की तरफ से जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा आस्तियों (Foreign Currency Assets) में गिरावट के कारण 16 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है. एफसीए दरअसल समग्र भंडार का एक प्रमुख हिस्सा होता है. केंद्रीय बैंक ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान एफसीए 4.698 बिलियन डॉलर घटकर 484.901 बिलियन डॉलर रह गया. डॉलर के संदर्भ में एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में वृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल है.

गोल्ड रिजर्व में 46 करोड़ डॉलर की गिरावट

आंकड़ों के अनुसार, सोने के भंडार का मूल्य 45.8 करोड़ डॉलर घटकर 38.186 बिलियन डॉलर पर आ गया. इसके अलावा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 3.2 करोड़ डॉलर की गिरावट के साथ 17.686 बिलियन डॉलर रह गया है. समीक्षाधीन सप्ताह में आईएमएफ के पास देश की आरक्षित निधि 3.1 करोड़ डॉलर घटकर 4.88 बिलियन अमेरिकी डॉलर रह गई.

81 के नीचे तक फिसला रुपया

आज सप्ताह के आखिरी दिन रुपया 19 पैसे गिरकर 80.98 रुपए प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ. अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में भारतीय रुपया डॉलर के आगे पहली बार 81 रुपए का स्तर भी पार कर गया. एक समय रुपया 81.23 के स्तर तक लुढ़क गया था.

इस सप्ताह 124 पैसे फिसला रुपया

हालांकि बाद में रुपए की स्थिति थोड़ी सुधरी और कारोबार के अंत में यह 80.98 रुपए प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ. पिछले कारोबारी दिवस की तुलना में रुपए में 19 पैसे की बड़ी गिरावट दर्ज की गई. गुरुवार को रुपया एक ही दिन में 83 पैसे का गोता लगाते हुए 80.79 रुपए प्रति डॉलर के भाव पर रहा था. यह लगातार तीसरा दिन रहा जब अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट देखी गई. इन तीन दिनों में रुपए की कीमत 124 पैसे प्रति डॉलर तक गिर चुकी है.

इकॉनमी के मोर्चे पर भारत से बढ़त हासिल करने वाले पड़ोसी की हालत क्यों हुई खस्ता?

देश में बढ़ रहे आर्थिक संकट को भुनाने के लिए विपक्षी बांग्लादेश नेशनल पार्टी लगातार विरोध प्रदर्शन और रैलियां कर रही है. पार्टी लगातार इस मुद्दे को लेकर आवामी लीग सरकार और उसकी नेता प्रधानमंत्री शेख हसीना पर हमलावर है.

इकॉनमी के मोर्चे पर भारत से बढ़त हासिल करने वाले पड़ोसी की हालत क्यों हुई खस्ता?

श्रीलंका की इकोनॉमी बेपटरी होने के बाद अब हालात पड़ोसी देश बांग्लादेश में बिगड़ रहे हैं. पिछले दो दशक से तेजी के साथ कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए आगे बढ़ी अर्थव्यवस्था के लिए ये बहुत बड़ा झटका है. खासकर 2017 के बाद से बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था ने जिस तरह की गति पकड़ी थी उस पर ब्रेक लगता नजर आ रहा है. बांग्लादेश की यह हालत पच इसलिए नहीं रही है, क्योंकि 2020 में इस देश ने प्रति व्यक्ति आय के मामले में भारत को भी पीछे छोड़ दिया था. अब संकट ऐसा है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के आगे हाथ फैलाने पड़े हैं. IMF ने 4.5 बिलियन डॉलर (37 हजार करोड़ रुपये) आर्थिक सहायता देने का ऐलान भी कर दिया है. उधर देश में बढ़ रहे आर्थिक संकट को भुनाने के लिए विपक्षी बांग्लादेश नेशनल पार्टी लगातार विरोध प्रदर्शन और रैलियां कर रही है. पार्टी लगातार इस मुद्दे को लेकर आवामी लीग सरकार और उसकी नेता प्रधानमंत्री शेख हसीना पर हमलावर है.

ये है खराब इकोनॉमी का कारण

खास बात ये है कि बांग्लादेश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था कारण इस बार सकल घरेलू उत्पाद यानी की GDP नहीं है. जीडीपी के लिहाज से बांग्लादेश लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. आंकड़ों के हिसाब से 2020 में बांग्लादेश की जीडीपी 3.4% रही थी, 2021 में यह बढ़कर 6.9 हो गई थी और 2022 में कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए भी इसके 7.2% रहने का अनुमान है. सवाल ये है कि फिर आखिर दिक्कत कहां हैं. IMF की मानें तो महामारी के बाद बांग्लादेश की इकोनॉमी पटरी पर आने में सबसे बड़ी बाधा यूक्रेन युद्ध बन गया है. इससे चालू खाता घाटा बढ़ा है और विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है, जिससे मुद्रास्फीति बढ़ी है और विकास कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए दर घट गई है.

रूस-यूक्रेन युद्ध का यह पड़ा प्रभाव

यूक्रेन-रूस युद्ध से कच्चे तेल के दाम पर असर पड़े, जिससे सभी प्रकार की वस्तुएं महंगी हुईं और इससे मुद्रास्फीति में भी उछाल आया. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर 2021 में जो मुद्रास्फीति 5.98% पर थी वह नवंबर में 8.85% पर पहुंच गई. लास्ट 12 महीनों में मुद्रास्फीति बढ़ने की दर 7.48% रही जो पिछले साल महज 5.48% रही थी. इसके अलावा बांग्लादेश का चालू खाता भी शेष घाटे में चला गया. चालू खाता शेष घाटे में तब जाता है जब निर्यात के मुकाबले कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए आयात ज्यादा होता है. बांग्लादेश अभी तक अपनी निर्यात आय पर ज्यादा निर्भर रहा है, बांग्लादेश की मुद्रा भी डॉलर के मुकाबले लगातार गिरती जा रही है. दिसंबर 2021 में एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले बांग्लादेशी करेंसी की कीमत 86 थी, वह वर्तमान में बढ़कर 105 तक पहुंच गई है. इसके अलावा विदेशी मुद्रा भंडार में भी गिरावट आई है, पिछले साल जो मुद्रा भंडार 46,154 मिलियन डॉलर था वह घटकर अब 33,790 मिलियन डॉलर रह गया है.

कैसे बचेगी बांग्लादेश की इकोनॉमी

बांग्लादेश ने IMF से जो आर्थिक मदद की गुहार लगाई है वह आर्थिक जोखिम से बचने के लिए एक उपाय बन सकती है. लेकिन इससे सब ठीक हो जाएगा इसकी गारंटी नहीं है. IMF के मुताबिक इस सहायता से बांग्लादेश को तात्कालिक चुनौतियो से तो निपट लेगा, लेकिन लंबे सेय समय से चली आ रही समस्याओं से निपटना ज्यादा महत्वपूर्ण है. खासकर 2031 तक यदि बांग्लादेश को विकसित देशों में शामिल होना है तो विकास को गति देने के साथ-साथ निवेश के लिए लोगों को आकर्षित करना होगा और उत्पादकता भी बढ़ानी होगी. इसके अलावा बांग्लादेश को अपनी आय बढ़ाने के लिए राजस्व संग्रह को बढ़ाना होगा, ताकि राजकोषीय व्यवस्था को मजबूत किया जा सके. इसके अलावा बढ़ी विनिमय दर पर काबू पाकर मुद्रास्फीति भी काबू करनी होगी. वित्तीय क्षेत्र को मजबूत बनाने और विदेशी निवेश का विस्तार देना होगा.

PAN Card Uses: इन काम के लिए जरूरी है पैन कार्ड, बिना इसके अटक सकता है मामला

PAN Card Apply: आयकर विभाग की ओर से पैन कार्ड जारी किया जाता है. वहीं पैन कार्ड अगर लोगों के पास नहीं है तो उनके कुछ अहम काम भी अटक सकते हैं. इसके लिए वित्तीय लेनदेन के अलावा भी कई कामों के लिए पैन कार्ड की आवश्यकता पड़ती है. आइए जानते हैं आखिर किन कामों के पैन कार्ड की जरूरत पड़ती है.

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PAN Card Uses: इन काम के लिए जरूरी है पैन कार्ड, बिना इसके अटक सकता है मामला

PAN Card Download: भारत में पैन कार्ड (PAN Card) एक अहम दस्तावेज के तौर पर देखा जाता है. पैन कार्ड का इस्तेमाल वित्तीय लेनदेन के लिए जरूरी है. आयकर विभाग की ओर से पैन कार्ड जारी किया जाता है. वहीं पैन कार्ड अगर लोगों के पास नहीं है तो उनके कुछ अहम काम भी अटक सकते हैं. इसके लिए वित्तीय लेनदेन के अलावा भी कई कामों के लिए पैन कार्ड की आवश्यकता पड़ती है. आइए जानते हैं आखिर किन कामों के पैन कार्ड की जरूरत पड़ती है.

पहचान दस्तावेज
पैन कार्ड का इस्तेमाल पहचान दर्शाने के लिए भी किया जा सकता है. आधार कार्ड या मतदाता पहचान पत्र के अलावा पहचान के प्रमाण के रूप में पैन कार्ड (PAN Card) का उपयोग कर सकते हैं. पैन कार्ड विभिन्न प्रकार के वित्तीय लेनदेन के लिए स्वीकार किए जाते हैं.

निवेश के उद्देश्य से
यदि आप प्रतिभूतियों में निवेश करने का इरादा रखते हैं तो आपको 50 हजार रुपये से अधिक के लेनदेन के लिए संबंधित अधिकारियों को अपना पैन विवरण प्रदान करना होगा. म्यूचुअल फंड, डिबेंचर और इक्विटी के लिए भी पैन कार्ड की जानकारी जरूरी है.

आयकर रिटर्न पर क्लेम
कई बार ऐसा भी होता है जब काटा गया टीडीएस भुगतान किए जाने वाले वास्तविक टैक्स से अधिक हो जाता है. ऐसे मामलों में पैन कार्ड को टैक्सपेयर्स के बैंक खाते से जोड़कर अतिरिक्त राशि का दावा किया जा सकता है.

लोन लेने के लिए
लोन आवेदन के समय, आपको अपने पैन कार्ड सहित सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे. किसी कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए भी प्रकार के लोन के लिए पैन कार्ड की आवश्यकता होती है, चाहे वह एजुकेशन लोन हो, पर्सनल लोन हो या कोई अन्य.

आय पर रिटर्न
आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए पात्र व्यक्तियों और संस्थाओं के पास पैन कार्ड होना चाहिए.

बैंक खाता खोलें
बैंक अकाउंट खोलने के लिए भी पैन कार्ड का इस्तेमाल किया जाता है.

रियल एस्टेट के लिए
संपत्ति खरीदते, किराए पर लेते या बेचते समय प्रमाण के रूप में पैन कार्ड की आवश्यकता होती है.

विदेशी मुद्रा
यदि आप अपनी भारतीय मुद्रा को विदेशी मुद्रा में बदलना चाहते हैं तो आपको अपना पैन कार्ड विवरण मुद्रा विनिमय संस्थान में जमा करना होगा.

माल और सेवाओं की खरीद
माल और सेवाओं की खरीद या कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए बिक्री के लिए खरीदार या विक्रेता को 2 लाख रुपये से अधिक के लेनदेन के लिए अपने पैन कार्ड की जानकारी देनी होगी.

FD के लिए
यदि 50 हजार रुपये से ज्यादा FD में निवेश करना चाहते हैं तो पैन कार्ड आवश्यक है. यह आवश्यक है क्योंकि बैंक एफडी ब्याज राशि पर टीडीएस काटेगा.

टेलीफोन कनेक्शन के लिए
अगर एक नया फोन या मोबाइल कनेक्शन लेना चाहते हैं, तो आपको सेल्युलर ऑपरेटरों को अपना पैन नंबर देना होगा.

गहने खरीदने के लिए
5 लाख रुपये से ज्यादा की कीमत के गहने खरीदने के लिए पैन कार्ड डिटेल जमा करना होगा.

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