Stock Market Holiday: आज शेयर मार्केट में छुट्टी! BSE और NSE में नहीं होगा कारोबार, कमोडिटी और फॉरेक्स मार्केट भी रहेगा बंद
Stock Market: मंगलवार को शेयर मार्केट (Share Market Holiday) में नॉर्मल दिनों की तरह की ट्रेडिंग हुई. इस दिन वैश्विक संकेतों के कारण शेयर मार्केट में गिरावट दर्ज की गई.
By: ABP Live | Updated at : 26 Oct 2022 11:02 AM (IST)
शेयर मार्केट में छुट्टी
Share Market Holiday: भारत में दिवाली का सीजन चल रहा है. आज त्योहारी सीजन के बीच बुधवार यानी 26 अक्टूबर 2022 को शेयर मार्केट बंद रहेंगे. आज दिवाली बलिप्रतिपदा (Diwali Balipratipada) के मौके पर शेयर मार्केट में अवकाश रहेगा. आज के दिन देश को प्रमुख शेयर मार्केट बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर ट्रेडिंग पूरी तरह से बंद रहेगा. BSE और NSE के अलावा आज के दिन करेंसी मार्केट और कमोडिटी मार्केट में भी सुबह 9 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक अवकाश रहेगा, लेकिन 5 बजे के बाद से 11:30 यह दोनों बंद रहेगा. आपको बता दें कि हिंदू कैलेंडर की कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष तिथि को गोवर्धन पूजन किया जाता है. इस बार सूर्य ग्रहण के कारण भैया दूज (Bhai Dooj 2022) का त्योहार 26 और 27 अक्टूबर दोनों ही दिन मनाया जा रहा है.
शेयर मार्केट की अगली छुट्टी कब है?
गौरतलब है कि इससे पहले शेयर मार्केट 24 अक्टूबर 2022 दिवाली के दिन भी बंद था. उस दिन शाम 6.15 मिनट से 7.15 के बीच स्पेशल मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading) का आयोजन किया गया था. BSE की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार अब शेयर मार्केट में अगली छुट्टी 8 नवंबर 2022 को रहेगी. इस दिन इक्विटी सेगमेंट, इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट और SLB सेगमेंट में किसी तरह का कामकाज नहीं होगा.
मंगलवार को क्या रहा मार्केट का हाल
आपको बता दें कि इससे पहले मंगलवार को शेयर मार्केट (Share Market Holiday) में नॉर्मल दिनों की तरह की ट्रेडिंग हुई. इस दिन वैश्विक संकेतों के कारण शेयर मार्केट में गिरावट दर्ज की गई. कल यानी 25 अक्टूबर 2022 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी BSE में 287.70 अंकों की गिरावट दर्ज की गई. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी NIFTY भी 75 अंकों की गिरावट के साथ 17,656 के लेवल पर बंद हुआ है. इसके साथ ही एशियाई बाजारों में बी कल गिरावट का दौर जारी रहा. BSE कल 59,543.96 पर बंद हुआ. इसमें कुल 0.48% की गिरावट दर्ज की गई. कल यह ट्रेडिंग के दौरान 60,081.24 अंक को छूकर फिर 59,543.96 पर बंद हुआ.
इन कंपनी के शेयर गिरे
मंगलवार के दिन नेस्ले इंडिया (Nestle India) के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई है. इस दिन इस कंपनी के शेयर्स में कुल 2.83% की कमी दर्ज की गई है. इसके अलावा हिंदुस्तान यूनिलीवर, बजाज फाइनेंस, एशियन पेंट्स , एचडीएफसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में भी कल गिरावट दर्ज की गई है.
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Published at : 26 Oct 2022 11:02 AM (IST) Tags: Share Market stock market holidays Bhai Dooj 2022 हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है more related stories, follow: Business News in Hindi
Commodity Trading : कमोडिटी ट्रेडिंग क्या होता है !
जो भी चीज हमें धरती से मिलती है यह जिसका उत्पादन धरती के द्वारा होता है, या किया जाता है !उसे हम कमोडिटी ( Commodity ) कहते हैं ! जैसे कोयला, लोहा, सोना, चांदी, कपास, धनिया, चना, Crude Oil, Zing आदि इन सभी को कमोडिटी कहा जाता है !
दुनिया में जितनी कंपनी कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है उत्पादन करती है वे Commodity का उपयोग करती है, अगर इसकी कीमत बहुत ज्यादा बढ़ती है या कम हो जाती है तो इससे कंपनी जिस प्रोडक्ट का निर्माण कर रही है कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है उसकी कीमत में अंतर आएगा तो ऐसे में यह जरूरी है कि जो कंपनी है वह Commodity को एक तय कीमत से ज्यादा या कम कीमत पर ना खरीदें इसी के लिए कमोडिटी एक्सचेंज बनाया गया है ! अगर आप एक कंपनी के मालिक है, तो आपके कंपनी को Raw Material की जरुरत हमेशा होगी, आप इसे एक मात्रा से अधिक नहीं खरीद सकते ! लेकिन Commodity की किमत मांग के साथ कम या अधिक हो सकती है !
पुराने समय में जो कपड़ा व्यापारी होते थे वह कपास को खरीदते और उससे कपड़े का निर्माण करते थे लेकिन जब कपास की फसल अच्छी नहीं होती थी तो उसकी कीमत बहुत ज्यादा बढ़ जाती थी और अगर कपास की कीमत बढ़ती थी, तो उन्हें कपड़ा ज्यादा कीमत पर बनाना पड़ता था, जिससे उन्हें नुकसान होता था !
तो फिर व्यापारियों ने सोचा कि क्यों ना कपास को फसल आने से पहले ही खरीद लिया जाए तो वे वैसे मैं किसान के पास जाते थे और उनकी फसल आने से पहले ही व्यक्ति कीमत पर उसका सौदा कर लेते थे, और उसके बाद जब फसल होती थी तो किसान उसे जो पहले तय हुई हिम्मत है उस पर उसको बेच देता था !
इसमें अगर कपास की फसल बहुत ज्यादा हो जाती थी तो जो व्यापारी है उसे जो पहले से हुई कीमत है उस पर ह कपास को खरीदना रहता था तो ऐसे में व्यापारी को नुकसान होता था, साथ ही साथ अगर कपास की फसल कम हो जाती तो किसान को नुकसान होता क्योंकि कपास की कीमत बढ़ जाती है ! तो ऐसे में किसान और व्यापारी ने एक दूसरे व्यक्ति को इसकी जिम्मेदारी दे दी जो की यह देखे के फसल कम या अधिक होने पर दोनों को नुकसान ना हो, तो ऐसे में वह दोनों से Contract कर लेता था, जो फ्यूचर एंड ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट कहलाए !
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Commodity |
India Commodity Exchange : भारत के कमोडिटी एक्सचेंज
- Multi Commodity Exchange (MCX) मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज
- राष्ट्रीय कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज – एनसीडीईएक्स (NCDEX)
- राष्ट्रीय मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज – एनएमसीई (NMCE)
- भारतीय कमोडिटी एक्सचेंज – आईसीईएक्स (ICEX)
- एसीई डेरिवेटिव एक्सचेंज – एसीई (ACE)
- यूनिवर्सल कमोडिटी एक्सचेंज — यूसीएक्स (UCX)
इन सब में मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ( Multi Commodity Exchange ) प्रमुख है जहां से सबसे अधिक Trade होता है ! इसमें हर तरह की Commodity जो भारत में होती है, उसकी Trading होती है !
Types of Commodity : कमोडिटी के प्रकार
- Metals ( धातु ) :- सोना, चांदी, जिंक, लोहा आदि!
- Power ( ऊर्जा) :- क्रूड आयल, प्राकृतिक गैस,
- कृषि :- कपास चना धनिया दाल आदि
- पशुधन और मांस:- अंडा सूअर का मांस और पशुओं से प्राप्त होने वाले उत्पाद !
Commodity Cycle:-
ऐसा माना जाता है कि दुनिया पर जो कमोडिटी की किंमत है वह चक्र के रूप में चलती है जब कमोडिटी की कीमत बढ़ती है तो वह लंबे समय तक की कीमत बढ़ती जाती है! और जब इसकी कीमत घटती है तो लंबे समय तक घटती ही जाती है ! आमतौर पर देखा जाता है कि जब एक कमोडिटी की कीमत कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है बढ़ती है तो उसके साथ दूसरी कमोडिटी है उनकी कीमत में भी वृद्धि देखी जाती है !
जैसे आपने देखा होगा कि जब सोने की कीमत बढ़ती है तो उसके साथ चांदी की कीमत भी बढ़ने लगती है ऐसा नहीं हो सकता कि सोने की कीमत में वृद्धि हो और चांदी की कीमत में गिरावट हो ऐसा कुछ समय के लिए तो हो सकता है लेकिन लंबे समय में सोना और चांदी दोनों एक दूसरे को फॉलो करते हैं !
कमोडिटी में पैसे कैसे कमाए : Commodity se Paisa kaise Kamay
आप शेयर मार्केट की तरह कमोडिटी मार्केट में ही ट्रेडिंग करके आसानी से पैसा कमा सकते हैं, भारत में और दुनिया में बहुत सारे कमोडिटी है जिनके ऊपर ट्रेडिंग होती है ! हमारे देश में कुछ चुनिंदा वस्तुएं हैं जिनके ऊपर ही ट्रेडिंग होती है लेकिन दूसरे देश जैसे अमेरिका वहां बहुत सारी चीजों के ऊपर ट्रेडिंग होती है वहां आप मौसम से लेकर अनार का रस इसके ऊपर भी ट्रेडिंग कर सकते हैं ! जो नियम शेयर मार्केट के शेयर के ऊपर लागू होते हैं वही नियम कमोडिटी मार्केट में भी लागू होते हैं !
इसमें जो Commodity की किमत है वह शेयर के तरह बहुत अधिक बढ़ या कम नहीं हो सकता, इसमें शेयर मार्केट की तुलना में रिस्क कम होता है
Commodity Market Timeing :
भारत में आप Commodity Trading सुबह 9:00 से रात 11 :30 बजे तक कर सकते है !बहुत से लोग सुबह Share Market में Trading करते है, उसके बाद शाम को Commodity में ट्रेडिंग करते है !
कमोडिटी एक्सचेंज क्या है ? इसके बारे में जाने.
अगर आपने कमोडिटी एक्सचेंज के बारे में सुना होगा. और अगर नहीं जानते है की commodity exchange क्या होता है ? तो इस पोस्ट में बने रहे.
इसमें आप जानेंगे की कमोडिटी एक्सचेंज क्या है ? कमोडिटी के प्रकार , भारत में कमोडिटी एक्सचेंज , देश के दो प्रमुख कमोडिटी एक्सचेंजों है , कमोडिटी उत्पाद , कारोबार के लिए सबसे अच्छी कमोडिटी , कमोडिटी में निवेश कैसे करें ?
कमोडिटी एक्सचेंज क्या है ?
Commodity exchange meaning, what is commodity exchange in Hindi
जिस तरह शेयर बाजार में शेयरों की खरीद-बिक्री की जाती है , उसी तरह कमोडिटी बाजार में कमोडिटी की खरीद-बिक्री होती है.
कमोडिटी एक्सचेंजों में सोना-चांदी , मेंथा , चना , सोयाबीन , कपास , कैस्टर , हल्दी और जीरा जैसी कमोडिटी की ट्रेडिंग होती है.
कमोडिटी में निवेश करने वाले फसल के उत्पादन , पैदावार , मौसम और किसी खास फसल या अनाज की मांग-सप्लाई पर नजर रखते हैं.
कई कमोडिटी में रिटर्न और जोखिम बहुत ज्यादा है.
कई कमोडिटी में सीजन के हिसाब से उतार-चढ़ाव पर रिटर्न निर्भर करता है.
कमोडिटी के प्रकार
Commodity type, number of Commodity
Commodity 2 प्रकार की होती है.
Agriculture Commodity
एग्रीकल्चर कमोडिटी कृषि क्षेत्र से सम्बंधित है.
जैसे:- जौ , गेहूं , सोयाबीन , धनिया , जीरा , हल्दी , कपास आदि.
Non Agriculture Commodity
यह एग्रीकल्चर से सम्बंधित नहीं है.
लेकिन इन बस्तुओ का इस्तेमाल डेली करते है.
जैसे:- सोना , चांदी , प्लैटिनम , क्रूड ऑइल , नेचुरल गैस आदि.
भारत में कमोडिटी एक्सचेंज
Indian commodity exchange
भारत में कई कमोडिटी एक्सचेंज मौजूद हैं.
ये सभी कमोडिटी एक्सचेंज सेबी से रेगुलेट होते हैं.
देश के दो प्रमुख कमोडिटी एक्सचेंजों है.
Types of commodity exchange, commodity market
इसमें कई तरह की कमोडिटी में ट्रेडिंग होती है. जैसे एग्री और नॉन-एग्री.
Multi Commodity Exchange (MCX)
इसमें ज्यादातर नॉन-एग्री कमोडिटी में कारोबार होता है.
National Commodity and Derivatives Exchange (NCDEX)
इसमें सबसे ज्यादा एग्री कमोडिटीज में कारोबार होता है.
कमोडिटी उत्पाद
विभिन्न कमोडिटी श्रेणियों में कारोबार कर सकते हैं. जैसे:-
धातुएं – चांदी , सोना , प्लेटिनम और तांबा
ऊर्जा – कच्चा तेल , प्राकृतिक गैस , मिट्टी का तेल
कृषि – मक्का , चावल , गेहूं , और अन्य
पशुधन और मांस – अंडे , मांस , पशु , अन्य
कारोबार के लिए सबसे अच्छी कमोडिटी.
सोना , कच्चा तेल , कॉपर कैथोड , चांदी , जिंक , निकल , प्राकृतिक गैस , कृषि कमोडिटी.
कमोडिटी में निवेश कैसे करें ?
इसमें Trading करने के लिए किसी भी स्टॉक ब्रोकर के पास ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करवाना होगा.
जिस ब्रोकर से account कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है open करवा रहे है वो MCX और NCDEX Exchange का मेंबर होना चाहिये.
ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करवाने के लिए कुछ डॉक्यूमेंट की जरुरत होती है.
जैसे:- बैंक अकाउंट , पैन कार्ड , और एड्रेस प्रूफ.
तो यह था जानकारी कमोडिटी एक्सचेंज के बारे में , जिसमे आपने जाना की कमोडिटी एक्सचेंज क्या है ? कमोडिटी के प्रकार , भारत में कमोडिटी एक्सचेंज , देश के दो प्रमुख कमोडिटी एक्सचेंजों है , कमोडिटी उत्पाद , कारोबार के लिए सबसे अच्छी कमोडिटी , कमोडिटी में निवेश कैसे करें ?
अगर इस जनकारी से आपको हेल्प मिला हो तो शेयर करना ना भूले.
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आपके इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो के लिए कितना जरूरी है कमोडिटी, यहां समझें पूरा गणित
कमोडिटी बाजार में एक तो महंगाई से कवर मिलता है. इसके अलावा आपको डायवर्सिफिकेशन मिलेगा और शेयरों-बॉन्ड के झंझटों का कोई असर नहीं होगा.
इन्वेस्टमेंट (Investment) के मामले में पंकज बड़े सीधे से कॉन्सेप्ट पर चलते हैं. पोर्टफोलियो में FD, म्यूचुअल फंड, PPF और स्टॉक्स होने चाहिए. एक दिन उनका कॉन्सेप्ट हिल गया. हुआ यूं कि उनके एक दोस्त ये जानकर हैरान रह गए कि पंकज का कमोडिटीज में कोई निवेश नहीं है. तो क्या कमोडिटीज (Commodities) में भी पैसा लगाना चाहिए था? क्या मैं पैसा बनाने से चूक गया? ये सोचकर पंकज चकराए हुए थे. फिर पंकज ने खुद को तसल्ली दी कि यार कमोडिटीज के बारे में अपन जब कुछ जानते ही नहीं तो पैसा लगाना क्या ही ठीक होता. तब तो पंकज अपने दोस्त के सामने टालमटोल करके निकल गए. लेकिन, बात मन में अटक गई थी. ठान लिया कि गुरु, कमोडिटीज की गुत्थी सुलझा कर ही दम लूंगा. बस शुरू हो गया रिसर्च का दौर.
कमोडिटी कारोबार होता क्या है
पहली बात आई कि आखिर कमोडिटी कारोबार होता क्या है? खंगाला तो पता चला कि कमोडिटीज एक खास एसेट क्लास है. मोटे तौर पर शेयरों या बॉन्ड से इसका कोई रिश्ता नहीं होता. तो इसका क्या फायदा होता है? होता ये है कि कमोडिटीज में पैसा लगा हो तो स्टॉक और बॉन्ड पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने में मदद मिलती है. आई बात समझ!! ना. पंकज सोच रहे हैं ऐसा कैसे होता है?
महंगाई बढ़ने पर ऊपर जाती हैं कमोडिटीज की कीमतें
तो बात ये है कि इसमें एक तो महंगाई से कवर मिलता है. दूसरा, आपको मिलेगा डायवर्सिफिकेशन. तीसरा, शेयरों और बॉन्ड के झंझटों का कोई असर नहीं. है ना फायदे की बात. पंकज सोच में पड़ गए कि यार कमोडिटीज में निवेश मंहगाई से कैसे बचाता है. मसला जटिल नहीं है. ऐसा कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है होता है कि जब महंगाई बढ़ती है तो कमोडिटीज की कीमतें ऊपर जाती हैं. इससे शेयर बाजार पर प्रेशर पड़ता है. दूसरी तरफ, महंगाई न बढ़े तो मार्केट और बॉन्ड बाजार बढ़िया परफॉर्मेंस करते हैं. ये तो बात आ गई समझ. अब पंकज के दिमाग में बड़ा सवाल ये आया कि आखिर कमोडिटीज में भी कहां लगाया जाए पैसा? तो ऐसा है कि गोल्ड एक सेफ एसेट के तौर पर मशहूर है. उथल-पुथल वाले हालात में ये खूब कमाई कराता है. और महंगाई बढ़ी तो हो गई बल्ले-बल्ले. क्योंकि तब तो गोल्ड और ऊपर भागता है.
एग्री कमोडिटीज में पैसा लगा सकते हैं छोटे निवेशक
अब पंकज सोच रहे हैं कि क्या गोल्ड में पैसा लगाना सही होगा? अब उन्होंने ली एक्सपर्ट एडवाइज. तो मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट नवनीत दमानी कहते हैं कि आप एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कर सकते हैं या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं. आप ETF या डिजिटिल गोल्ड के जरिए भी निवेश कर सकते हैं. दाम गिरें तो खरीद लीजिए. छोटे निवेशक एग्री कमोडिटीज में भी पैसा लगा सकते हैं.
पंकज सोच रहे हैं इनमें क्या आता है. अरे भाई… कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है तिलहन, वनस्पति तेल, मसाले, दाल, अनाज में होती है ट्रेडिंग. एग्रीकल्चर कमोडिटीज को MCX और NCDEX पर लिस्ट किया जाता है. इनवेस्टोग्राफी की फाउंडर और CFP श्वेता जैन कहती हैं, ‘छोटे निवेशक अपने एसेट का 10 फीसद हिस्सा गोल्ड और सिल्वर में रख सकते हैं. निवेशकों को हमेशा अपने टारगेट पर चलना चाहिए.
भारत की कमोडिटी मार्केट में इन्वेस्टमेंट करने से पहले यहां पढ़ें जरुरी जानकारी
अगर आप अपनी गाढ़ी कमाई को भारत की कमोडिटी मार्केट में इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो अपनी धन राशि इन्वेस्ट करने से पहले भारत की कमोडिटी मार्केट के सभी विवरणों के बारे में जानने के लिए इस आर्टिकल को ध्यान से जरुर पढ़ें.
हमारे देश में कमोडिटी स्टॉक एक्सचेंजों पर कमोडिटी कारोबार में इन्वेस्टमेंट की जा सकती है. कमोडिटी एक्सचेंज के नाम से ही यह पता चलता है कि, यह माल/ कमोडिटी के व्यापार को संदर्भित करता है. वित्तीय बाजार के संदर्भ में इसका सीधा-सा मतलब यह है कि, कमोडिटी एक्सचेंज पर होने वाली अनेक किस्म की वस्तुओं का औपचारिक आदान-प्रदान अर्थात कारोबार करना. इन्वेस्टर्स अपना पैसा कमोडिटी मार्केट में कई अलग-अलग तरीकों से इन्वेस्ट कर सकते हैं. कमोडिटी कंपनियों, म्यूचुअल फंड, या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) द्वारा जारी किए गए शेयर हैं जिन्हें इन्वेस्टर्स द्वारा भविष्य में खुद को मुद्रास्फीति (इन्फ्लेशन) के जोखिम से बचाने के लिए खरीदा जा सकता है. अगर आप भी ऐसे ही कुछ इन्वेस्टर्स में से एक हैं जो भारत की कमोडिटी मार्केट में अपना धन इन्वेस्ट करने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं तो, कमोडिटी मार्केट के बारे में हम आपको इस आर्टिकल में सारी महत्त्वपूर्ण जानकारी दे रहे हैं.
कमोडिटी क्या है?
आसान शब्दों में अगर हम बात करें तो, मूल रूप से कोई भी 'वस्तु' रोजमर्रा की प्रासंगिकता/ जरुरत के सभी सामान जैसेकि भोजन, ऊर्जा, फर्नीचर या धातु का एक समूह या संपत्ति है. हालांकि, इसे प्रकृति से विनिमेय अर्थात (लेने-देने में सुलभ) होना चाहिए ताकि इसका व्यापार किया जा सके. कार्रवाई योग्य दावों और धन को छोड़कर, किसी भी वस्तु अर्थात कमोडिटी को सभी किस्म की चल वस्तुओं के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है, जिन्हें खरीदा और बेचा जा सकता है. आपके कपड़े, जूते, फर्नीचर, खाने-पीने का सारा सामान और दवाइयां, साबुन, तेल आदि सभी ऐसी कमोडिटीज़ हैं जिनका देश-दुनिया में निरंतर लेन-देन या कारोबार होता रहता है.
वस्तुओं/ कमोडिटीज़ में इन्वेस्टमेंट कहां करें?
भारत में कमोडिटी ट्रेडिंग एक्सचेंजों पर सभी किस्म की कमोडिटीज़ का कारोबार होता है. यहां कुछ लोकप्रिय कमोडिटी ट्रेड एक्सचेंजों की सूची आपकी सुविधा के लिए दी गई है: -
- मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज - MCX
- नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज - NCDEX
- नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज - NMCE
- इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज - ICEX
भारत की कमोडिटी मार्केट में इन्वेस्टमेंट कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है के लाभ
हमारे देश की कमोडिटी मार्केट में इन्वेस्टमेंट करने पर आपको कई फायदे मिलते हैं जैसेकि:
- मुद्रास्फीति के खिलाफ संरक्षण - कमोडिटी एक्सचेंज में कारोबार की जाने वाली कमोडिटीज़ इन्वेस्टर्स को मुद्रास्फीति/ इन्फ्लेशन के कुप्रभावों से बचाती हैं.
- मूल्य में उतार-चढ़ाव के खिलाफ बचाव-व्यवस्था - आयात और निर्यात के साथ-साथ उत्पाद मूल्य में उतार-चढ़ाव कमोडिटी बाजार को प्रभावित कर सकता है. कमोडिटी फ्यूचर्स में इन्वेस्ट करने से इन्वेस्टर्स को वास्तविक लेनदेन से महीनों पहले तय की गई कीमत पर कमोडिटी खरीदने या बेचने में मदद मिलती है. इस तकनीक को कमोडिटी बाजार में हेजिंग अर्थात बचाव-व्यवस्था के रूप में जाना जाता है.
- विविधीकरण - वस्तुओं में इन्वेस्ट करने से इन्वेस्टर्स वित्तीय प्रतिभूतियों (फाइनेंशिल सिक्यूरिटीज़) के संबंध में अपने इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में विविधता ला सकता है.
कमोडिटी कैसे खरीदें अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- कमोडिटी बाजार में कारोबार करने के लिए, एक इन्वेस्टर को सबसे पहले अपना एक DMAT खाता खोलना होगा.
- कमोडिटीज का कारोबार वैसे ही होता है जैसे भारत के स्टॉक एक्सचेंजों में विभिन्न शेयरों का कारोबार होता है.
- कमोडिटीज में इन्वेस्टमेंट करने के लिए, कमोडिटी फ्यूचर्स और ऑप्शंस, कमोडिटी ETF जैसे कई तरीके हैं, जो सीधे भौतिक वस्तुओं (फिजिकल कमोडिटीज़) में इन्वेस्टमेंट करते हैं.
- सभी इन्वेस्टर्स के लिए इस पॉइंट पर पहले ही ध्यान देना बहुत जरुरी है कि, इन्वेस्टमेंट का कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है कौन-सा तरीका उनकी जेब के लिए सबसे उपयुक्त रहेगा और यह तरीका उनकी कारोबारी जरूरतों से मेल खाता है.
- कमोडिटी ETFs ट्रेडिंग को काफी आसानी बनाते हैं क्योंकि उन्हें स्टॉक की कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है तरह खरीदा जाता है. हालांकि, स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर की कीमतों की तरह ही विभिन्न कमोडिटीज़ की भविष्य की कीमतों में भी अक्सर उतार-चढ़ाव होता रहता है.
*अस्वीकरण - यह सारी जानकारी केवल आपके वित्तीय ज्ञान और समझ बढ़ाने के लिए इस आर्टिकल में प्रस्तुत की गई है. इसे किसी भी व्यक्ति के द्वारा वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए.
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