शेयर मार्केट को कौन रेगुलेट करता है Stock Market Regulator in Hindi
नमस्ते, दोस्तों आज के इस लेख में हमने आपको (Securities and Exchange Board of India- SEBI) के बारे में समझाया है की SEBI क्या है और यह stock market में क्या कार्य करता है. स्टॉक मार्किट में रेगुलेटर क्या होता है? स्टॉक मार्किट में रेगुलेटर क्यों जरुरी है? यदि आप इस लेख को पूरा पढ़ते है तो आपको अन्य किसी वेबसाइट या यूटूबे विडियो देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी..
Share Market क्या है?
दोस्तों यदि अप शेयर मार्किट के बारे में थोड़ा भी जानते है तो आपको पता होगा की कंपनी में इन्वेस्ट करने का ऐसा आप्शन है जहाँ महंगाई की कीमत से ज्यादा कंपनी return देने की छमता रखती है. अब सवाल ये उठता है की share market में इन्वेस्ट कैसे करे? लेकिन इसे भी ज्यादा जरुरी यह है की इक्विटी/कंपनी में इन्वेस्ट कौन-कौन से लोग करते है? यह सारा सिस्टम किस तरह से कार्य करता है?
Example-
जिस तरह से हम लोग नजदीक की किराना दूकान से अपनी जरूरत की चीजे खरीदते है, ठीक उसी तरह से हम इक्विटी में निवेश, खरीद-बिक्री, share market में करते है. इक्विटी में इन्वेस्ट करते समय ट्रांजेक्ट (transact) काफी बार सुना होगा इसका मतलब खरीद-बिक्री करना होता है. और इक्विटी की ये खरीद-बिक्री आप बिना स्टॉक मार्केट के नहीं कर सकते है.
स्टॉक मार्केट इक्विटी खरीदने वाले और बेचने वाले को मिलाता है. लेकिन ये स्टॉक मार्केट किसी दुकान या इमारत के रूप में नहीं दिखता, जैसा कि आपके किराने की दुकान दिखती हैं, लेकिन स्टॉक मार्केट पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक रूप में होता है. आप कंप्यूटर के ज़रिए इस पर जाते हैं और वहाँ खरीद बिक्री का काम करते हैं.
एक बात का यहाँ ध्यान रखें कि ये शेयरों की खरीद-बिक्री का काम आप बिना स्टॉक ब्रोकर के नहीं कर सकते है. स्टॉक ब्रोकर एक रजिस्टर्ड दलाल होता है, जिसके बारे में हम आगे विस्तार से बताएंगे.. stock market regulator in hindi
भारत के मुख्य stock exchange कौन से है?
भारत के सबसे मुख्य स्टॉक एक्सचेंज है- (Bombay Stock Exchange) बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज – BSE, (National Stock Exchange) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज- NSE इसके अलावा कई स्टॉक एक्सचेंज है जैसे- बैंगलोर स्टॉक एक्सचेंज, मद्रास स्टॉक एक्सचेंज, क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज पर अब ना के बराबर लोग हिस्सा लेते हैं.
शेयर मार्किट में किस तरह के लोग हिस्सा लेते है उनको रेगुलेट करने की क्या जरुरत है?
शेयर मार्किट में एक व्यक्ति से लेकर बहुत सी कंपनी भी इन्वेस्ट करती है जो भी मार्किट में share को बेचता/खरीदता है उसे market participants कहा जाता है. इनको कई केटेगरी में बाँट दिया है. उनमे से कुछ केटेगरी को सरल भाषा में समझाया गया है. stock market regulator in hindi
- DomesticRitailParticipants– भारत में रहने बाले जैसे की आप और हम.
- NRIऔरOCI– जो लोग दूसरे देश में रहते है.
- DomesticInstitutions– इसमें काफी बड़ी-बड़ी कंपनी आती है जैसे की LIC (Life Insurance Company of India)
- AssetManagementCompanies– इसमें SBI, DSP ब्लैक रॉक, फिडेलटी इन्वेस्टमेंट्स HDFC, AMC आदि घरेलु म्यूचुअल फंड कंपनी होती है.
- Foreign Institutional Investers- इसमें विदेश की कंपनिया और विदेश एसेट मैनेजमेंट कंपनिया, हेज फंड आदि.
इन्वेस्टर किसी भी केटेगरी का हो लेकिन वह share market में इन्वेस्ट करने के बाद प्रतेक कंपनी से मुनाफा कमाने की सोचते है. और पैसे के मामले में इंसान बहुत लालची और डरा हुआ होता है कोई भी व्यक्ति लालच और डर से कुछ भी गलत काम कर सकता है जैसे की share market में हर्षद मेहता ने बहुत बड़ा घोटाला किया था जिसके बारे में लोग अभी भी जानते है.
इसलिए मार्किट में इस तरह के घोटाले को रोकने के लिए नियम कानून बनाये जिससे सभी लोगों को पैसा कमाने का मौका मिले. इस तरह की स्थति के लिए रेगुलेटर की जरुरत पड़ती है. Share market में रेगुलेटर क्या होता है?
Share market में रेगुलेटर क्या होता है?
भारत में शेयर मार्किट की सिक्योरिटीज के लिए SEBI (The Securities and Exchange Board of India) रेगुलेटर है.
जिसको हम सब सेबी के नाम से भी जानते है इसका मुख्य उद्देश्य छोटे-छोटे investers की सुरक्षा करना है. दूसरे शब्दों में कहा जाये तो, ऐसे कई बड़े इन्वेस्टर/कंपनी बाले होते है जो अधिक मुनाफे के चक्कर में कोई बड़ा खेल खेल जाते है ऐसे में नय इन्वेस्टर और छोटी कंपनी वालों को पैसे कमाने का अबसर इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग कैसे सीखें ख़त्म ना हो जाये.
SEBI के क्या कार्य है/ मुख्य कर्तव्य –
- NSE और BSE दोनों एक्सचेंज अपना काम सही ढंग से करे.
- स्टॉक ब्रोकर्स नियम को मान कर काम करे.
- शेयर मार्किट में जो भी कंपनी हिस्सा ले वह गलत काम ना करे.
- कोई भी कंपनी अपने फायदे के लिए share market के उपयोग ना करे.
- छोटे इन्वेस्टर की सुरक्षा हो.
- जिनके पास अधिक धन है, वह बड़े-बड़े इन्वेस्टर अपने हिसाब से मार्किट में हेरा फेरी ना करे.
- पूरे share market में अच्छा विकास हो.
- शेयर मार्किट में (खुदरा व्यापारी, बैंक, निवेशक, संस्थागत निवेशक) आदि के लिए नियम और विनियमों को स्थापित करना.
इन सभी उदेश्यों को ध्यान में रखते हुए ये बहुत जरुरी है की सभी कंपनी को रेगुलेट करे. BSE ने सभी एंटिटी के लिए अनेक प्रकार के नियम कानून बनाये है जिनके दायरे में रहकर काम करना होता है. निचे दिए गय फोटो की जानकारी को ध्यान से पढ़े-
Stock Market Regulator in Hindi Stock Market Regulator in Hindi 2022| what is SEBI Stock Market in Hindi
इस अध्याय की ज़रूरी बातें
- अगर आपको शेयर खरीदना – बेचना है तो शेयर बाज़ार या स्टॉक मार्केट के ज़रिए करना होगा.
- शेयर मार्किट में इलेक्ट्रॉनिक तरीके से शेयर खरीदना और बेचना होता है और यह काम एक स्टॉक ब्रोकर के ज़रिए कर सकते हैं.
- 3. शेयर बाज़ार में कई भागीदार / खिलाड़ी होते हैं.
- शेयर बाज़ार में भाग लेने या ऑपरेट करने वाले सभी एंटिटी को रेगुलेट करना ज़रूरी है और सबको रेगुलेटर द्वारा बनाए गए नियमों को पालन करना होता है.
- SEBI – सेबी सिक्योरिटी बाज़ार का रेगुलेरटर है. वो नियम कानून बना कर शेयर बाज़ार में हिस्सा लेने वाले सभी एंटिटी को रेगुलेट करता है.
6.SEBI को share market में चलने बाले सभी गैर – कानूनी कार्य के बारे में पता रहता है और उनके खिलाफ एक्शन लिया जाता है.
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरन ट्रेड, नई दिल्ली में फुल टाइम डिप्लोमा कोर्स
भारत सरकार द्वारा 1963 में स्वायत्त निकाय के रूप में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरन ट्रेड की स्थापना की गई. फॉरन ट्रेड मैनेजमेंट में करियर बनाने के इच्छुक स्टूडेंट्स इस कोर्स में आवेदन कर सकते हैं.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 05 जुलाई 2014,
- (अपडेटेड 15 जुलाई 2014, 3:27 PM IST)
कॉलेज का नाम: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरन ट्रेड, नई दिल्ली (IIFT, New Delhi)
कॉलेज का विवरण: भारत सरकार द्वारा 1963 में स्वायत्त निकाय के रूप में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरन ट्रेड की स्थापना की गई. फॉरन ट्रेड मैनेजमेंट में करियर बनाने के इच्छुक स्टूडेंट्स इस कोर्स में आवेदन कर सकते हैं.
फैसिलिटी
लाइब्रेरी
ऑडिटोरियम
कम्प्यूटर सेंटर
क्लासरूम
लेक्चर हॉल
कांफ्रेंस हॉल
हॉस्टल
इंटरनेट
स्पोर्टस ग्राउंड
संपर्क: आईआईएफटी भवन, बी-21, कुतुब इंस्टीट्यूशनल एरिया, नई दिल्ली, दिल्ली- 380 015
ईमेल आईडी: [email protected]
वेबसाइट: www.iift.edu
फोन न: 011- 26965124, 26965051
कोर्स का नाम: एग्जीक्यूटिव पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन इंटरनेशनल बिजनेस (EPGDIB)
कोर्स का विवरण: यह पोस्ट ग्रेजुएट फुल टाइम कोर्स है. कोर्स को तीन सेमेस्टर में कराया जाता हैं.
अवधि: एक साल
योग्यता: एडमिशन के लिए ग्रेजुएशन की डिग्री, मैनेजमेंट में पांच साल का अनुभव जरूरी है. इस कोर्स में तीन साल के मैनेजमेंट अनुभव वाले पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स भी आवेदन कर सकते हैं.
कोर्स का नाम: इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग कैसे सीखें एग्जीक्यूटिव पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन इंडस्ट्रियल मार्केटिंग (EPGDIM)
कोर्स का विवरण: यह पोस्ट ग्रेजुएट फुल टाइम कोर्स है. इंडस्ट्रियल मार्केटिंग में करियर बनाने के इच्छुक स्टूडेंट्स इस कोर्स में आवेदन कर सकते हैं.
अवधि: 18 महीने
योग्यता: एडमिशन के लिए ग्रेजुएशन की डिग्री जरूरी है.
कोर्स का नाम: एग्जीक्यूटिव पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन कैपिटल एंड फाईनेंशियल मार्केट्स
कोर्स का विवरण: यह एक फुल टाइम कोर्स है. कोर्स को छह-छह महीने के तीन सेमेस्टरों में कराया जाता हैं. कोर्स का मकसद फाइनेंस मार्केट के लिए प्रोफेशनल्स को तैयार करना है.
अवधि: 18 महीने
योग्यता: एडमिशन के लिए ग्रेजुएशन की डिग्री और कम से कम तीन साल का अनुभव जरूरी है.
कोर्स का नाम: एग्जीक्यूटिव पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन इंडस्ट्रियल मार्केटिंग (EPGDM)
कोर्स का विवरण: यह पोस्ट ग्रेजुएट फुल टाइम कोर्स है. इस कोर्स का मकसद स्टूडेंट्स को इंडस्ट्रियल मार्केटिंग के लिए तैयार करना है. कोर्स में स्टूडेंट्स की प्रबंधकीय क्षमता को बढ़ाने का काम किया जाता है.
अवधि: 18 महीने
योग्यता: एडमिशन के लिए ग्रेजुएशन की डिग्री जरूरी है.
फीस: 3,50,000
कोर्स का नाम: पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन इंटरनेशनल बिजनेस फॉर यंग मैनेजर्स
कोर्स का विवरण: यह एक फुल टाइम कोर्स है. यह कोर्स खास तौर पर युवा मैनेजर्स के लिए तैयार किया गया है.
अवधि: 18 महीने
योग्यता: 50 फीसदी अंकों के साथ ग्रेजुएशन की डिग्री और डेढ़ साल का अनुभव जरूरी है.
Derivative क्या हैं?
वित्त में, एक Derivative एक Contract है जो एक अंतर्निहित इकाई के प्रदर्शन से अपना मूल्य प्राप्त करता है। यह अंतर्निहित इकाई एक परिसंपत्ति, सूचकांक या ब्याज दर हो सकती है, और इसे अक्सर "Underlying" कहा जाता है।
डेरिवेटिव क्या हैं? [What is Derivative? In Hindi]
डेरिवेटिव वित्तीय अनुबंध (Contract) हैं जिनका मूल्य अंतर्निहित परिसंपत्ति या परिसंपत्तियों के समूह पर निर्भर है। आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली संपत्ति स्टॉक, बॉन्ड, मुद्राएं, कमोडिटीज और मार्केट इंडेक्स हैं। अंतर्निहित परिसंपत्तियों का मूल्य बाजार की स्थितियों के अनुसार बदलता रहता है। डेरिवेटिव अनुबंधों (Contracts) में प्रवेश करने के पीछे मूल सिद्धांत भविष्य में अंतर्निहित परिसंपत्ति के मूल्य पर अनुमान लगाकर लाभ अर्जित करना है।
कल्पना कीजिए कि किसी इक्विटी शेयर का बाजार मूल्य ऊपर या नीचे जा सकता है। स्टॉक मूल्य में गिरावट के कारण आपको नुकसान हो सकता है। इस स्थिति में, आप एक सटीक शर्त लगाकर लाभ कमाने के लिए एक डेरिवेटिव अनुबंध (Derivative Contract) में प्रवेश कर सकते हैं। या बस अपने आप को स्पॉट मार्केट में होने वाले नुकसान से बचाएं जहां स्टॉक का कारोबार किया जा रहा है।
डेरिवेटिव के लाभ [Benefits of Derivatives] [In Hindi]
- अपना निवेश सुरक्षित करें (Secure your investment):
एक Derivative Contract एक निवेश के खिलाफ खुद को बचाने का सबसे अच्छा तरीका है जिसे आप खट्टा (tart) होते हुए देख सकते हैं। जब आप शेयर बाजार में डेरिवेटिव में व्यापार करते हैं, तो आप अनिवार्य रूप से अपनी निश्चितता पर पैसा लगा इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग कैसे सीखें रहे हैं कि एक निश्चित स्टॉक या तो अच्छा करेगा या डूब जाएगा। डेरिवेटिव ट्रेडिंग का एक बड़ा हिस्सा अटकलों पर आधारित है और यह आवश्यक है कि इस तरह के व्यापार में उद्यम करने से पहले बाजार के बारे में आपका ज्ञान पर्याप्त हो। नतीजतन, यदि आप जानते हैं कि जिन शेयरों में आपने निवेश किया है, वे मूल्य में गिरावट शुरू कर रहे हैं, तो आप एक अनुबंध (Contract) में प्रवेश कर सकते हैं जिसमें आप स्टॉक मूल्य में कमी का सटीक अनुमान लगा सकते हैं।
- आर्बिट्रेज का लाभ (Advantage of arbitrage):
अनुभवी निवेशकों के बीच एक सामान्य व्यापार तंत्र को आर्बिट्रेज ट्रेडिंग कहा जाता है, जिसमें एक वस्तु या सुरक्षा को एक बाजार में कम कीमत पर खरीदा जाता है और फिर दूसरे बाजार में काफी अधिक कीमत पर बेचा जाता है। डेरिवेटिव ट्रेडिंग आपको आर्बिट्रेज ट्रेडिंग के संदर्भ में एक लाभ प्रदान करती है, जो आपको विभिन्न बाजारों में मूल्य निर्धारण के अंतर से लाभ उठाने में सक्षम बनाती है।
- बाजार की अस्थिरता से सुरक्षित रहें (Stay safe from market volatility):
डेरिवेटिव में निवेश करने से आप बाजार की अस्थिरता से सुरक्षित रह सकते हैं। उदाहरण के लिए, आप एक निश्चित बाजार में स्टॉक खरीद सकते हैं और फिर एक Derivatives Contract में प्रवेश कर सकते हैं जिसके माध्यम से आप अपने निवेश की रक्षा करते हैं, भले ही आपको बाजार में नुकसान हो।
- डूबते शेयरों पर लाभ (Profit on sinking stocks):
डेरिवेटिव में निवेश करने के लिए अक्सर आपको तस्वीर के दोनों पक्षों को देखने की आवश्यकता होती है। एक निवेशक के रूप में, यह संभावना है कि आपने उन शेयरों में निवेश किया है जो आपको विश्वास है कि अच्छा प्रदर्शन करेंगे। हालांकि, अगर वे नहीं हैं और आप इसे बाकी बाजार से पहले सटीक रूप से मापने में सक्षम हैं, तो आप डेरिवेटिव अनुबंध में प्रवेश करके लाभ कमाने में सक्षम हो सकते हैं। Delisting क्या है?
- अपने अधिशेष फंड का निवेश करें (Invest your surplus funds):
जबकि अधिकांश व्यापारी सट्टा और लाभ के लिए डेरिवेटिव बाजार में प्रवेश करते हैं, यह भी अक्सर आपके पास किसी भी अधिशेष धन को पार्क करने के लिए सबसे अच्छा होता है। अपने अधिशेष निधियों के साथ डेरिवेटिव अनुबंधों में प्रवेश करके, आप अपने किसी भी मौजूदा, अंतर्निहित प्रतिभूतियों को छुए बिना अतिरिक्त लाभ उत्पन्न करने के लिए अपने धन का उपयोग कर रहे हैं।
Money Making Idea: ये हैं 50 रुपए से सस्ते 5 शेयर, शॉर्ट टर्म में बड़े रिटर्न की उम्मीद
इन्वेस्टर्स बाजार की तेजी में इन 50 इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग कैसे सीखें रुपए से सस्ते 5 शेयर सुजलॉन, फ्यूचर कंज्यूमर, रतनइंडिया पावर, में सौदे बनाकर अच्छे रिटर्न पा सकते है।
Ankit Tyagi
Published on: April 06, 2017 7:21 IST
Money Making Idea: ये हैं 50 रुपए से सस्ते 5 शेयर, शॉर्ट टर्म में बड़े रिटर्न की उम्मीद
नई दिल्ली। घरेलू शेयर बाजार में तेजी का सिलसिला लगातार जारी है। इस तेजी में लार्जकैप शेयरों पर स्मॉलकैप शेयरों का रिटर्न भारी पड़ा रहा है। इस साल में जनवरी से अब तक सेंसेक्स ने 12 फीसदी का रिटर्न दिया है। वहीं, इस दौरान बीएसई के स्मॉलकैप इंडेक्स ने 25 फीसदी का रिटर्न दिया है। ऐसे में इन्वेस्टर्स इन 50 रुपए से सस्ते 5 शेयर सुजलॉन, फ्यूचर कंज्यूमर, रतनइंडिया पावर, विकास इकोटेक और प्राइम सिक्युरिटी में सौदे बनाकर अच्छे रिटर्न हासिल कर सकते है। माना जा रहा है कि बेहतर आर्थिक हालात से इन कंपनियों के स्टॉक्स में तेजी देखने को मिल सकती है।
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क्यों है इन्वेस्टमेंट का मौका
- एचआरबीवी क्लाइंट सॉल्युशन के टी एस हरिहर का कहना है कि मिडकैप शेयर में इन्वेस्टमेंट का अच्छा मौका है। उनका कहना है कि बाजार यहां से 10-15 फीसदी या जितना भी ऊपर जाएं तो सबसे ज्यादा मिडकैप से फायदा मिल सकता है। अगर वेल्थ क्रिएशन के लिहाज से देख रहे हैं तो मिडकैप शेयर अच्छे होंगे। लिहाजा मिडकैप शेयरों में निवेश की सलाह होगी।
- मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज में इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के एमडी और सीईओ रजत राजगढ़िया का कहना है कि बाजार में घरेलू संस्थागत निवेशकों का पैसा लगाना चालू रहेगा। राज्यों के चुनावों में बीजेपी की जोरदार जीत के बाद FIIs (विदेशी निवशकों) का भारत पर भरोसा बढ़ गया है। लिहाजा आने वाले शेयर में विदेशी निवेशक भारत में निवेश बढ़ाएंगे।
- मार्केट एक्सपर्ट अजय बग्गा के मुताबिक आने वाले दिनों में बाजार के फंडामेंटल और एफआईआई निवेश में कोई तब्दील होती नजर नहीं आ रही है। एशियाई बाजारों में ताइवान और कोरिया के अलावा भारतीय बाजारों में एफआईआई निवेश बढ़ रहा है। अगले 2-3 महीनों तक एफआईआई निवेश के इस रुख में कोई बदलाव की गुंजाइश नजर नहीं आ रही है।
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इन 50 रुपए से सस्ते शेयरों में है बड़े रिटर्न पाने का मौका
(1) सुजलॉन एनर्जी खरीदें, (बुधवार को बंद भाव: 19.30 रुपए)
मार्केट एक्सपर्ट अंबरीश बलिगा का कहना है कि मौजूदा स्तरों पर सुजलॉन में खरीदारी की जा सकती है। कंपनी की ओर से अपनी बैलेंसशीट में सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों के बाद कंसोलिडेशन खत्म होने पर सुजलॉन के 26-28 रुपए तक जाने की उम्मीद है। यही नहीं 12-15 महीनों में सुजलॉन 30 रुपए के पार भी जा सकता है।
(2) फ्यूचर कंज्यूमर खरीदें, (बुधवार को बंद भाव: 33.25 रुपए)
यस सिक्युरिटी के मुताबिक कंपनी का शेयर 41 रुपए का लक्ष्य छू सकता है। फ्यूचर कंज्यूमर, फ्यूचर ग्रुप की फूड और एफएमसीजी कंपनी है। कंपनी बीते कुछ सालों से नए मार्केट और ब्रांड पर जोर दे रही है। कंपनी के पास गोल्डन हार्वेस्ट, प्रीमियम हार्वेस्ट, देसी आटा कंपनी, फ्रेश एंड प्योर, टेस्टी ट्रीट, सनकिस्ट, क्लीन-मेट, केयर-मेट जैसे ब्रांड्स हैं। इसके अलावा सच, नीलगिरी, एकता, सांघीज किचन, कारा ये सभी ब्रांड्स कंपनी के पोर्टफोलियो का हिस्सा है। फूड, एफएमसीजी के अलावा कंपनी के पास 400 स्टोर्स है। केबीएस फेयर प्राइस, आधार, बिग एप्पल, नीलगिरी के नाम से स्टोर चेन है। वहीं कर्नाटक के तुमकुर में 110 एकड़ का फूड पार्क है।
फ्यूचर कंज्यूमर, देश की सबसे बड़ी सोर्सिंग से सुपर मार्केट एफएमसीजी कंपनी है। फूड, एफएमसीजी का काफी बड़ा पोर्टफोलियो कंपनी के पास है। फ्यूचर कंज्यूमर, रिटेल किंग किशोर बियानी की कंपनी है। फ्युचर ग्रुप का देश के 244 शहरों में नेटवर्क हैं। कंपनी सालाना 32 करोड़ ग्राहकों को सर्विस करती है। देशव्यापी नेटवर्क से कंपनी को खुद के ब्रांड को प्रोमोट करने में मदद मिलती है। कंपनी का स्टार बजार, इजीडे, मेट्रो, स्पार जैसी रिटेल चेन से करार हैं। फूड प्रोसेसिंग पर सरकार का फोकस, एफडीआई को मंजूरी से कंपनी को फायदा मिल सकता है। कंपनी का मार्केट कैप करीब 4 हजार करोड़ रुपए है और कंपनी के प्रोमोटर के पास 43.57 फीसदी हिस्सा है।
(3) रतनइंडिया पावर खरीदें (बुधवार को बंद भाव: 8.72 रुपए)
ट्रेड स्विफट के हेड संदीप जैन के मुताबिक पावर सेक्टर में तेजी से सुधार हो रहा है। पिछले एक महीने में कंपनी के शेयर ने 22 फीसदी का रिटर्न दिया है। हाल में शुरू हुए कंपनी के नई पावर यूनिट से आय आनी शुरू हो गई है। लिहाजा लॉन्ग टर्म में स्टॉक 15 रुपए का स्तर छू सकता है। फाइनेंशियल ईयर 2016 के चौथे क्वार्टर में रतनइंडिया पावर को 227.3 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। जबकि, अक्टूबर-दिसंबर क्वार्टर में रतनइंडिया पावर को 29.5 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। कंपनी की आय 12.8 फीसदी बढ़कर 979.8 करोड़ रुपए पर पहुंच गई है। तिमाही दर तिमाही आधार पर जनवरी-मार्च तिमाही में रतनइंडिया पावर का एबिटडा 269 करोड़ रुपये से बढ़कर 483.6 करोड़ रुपये रहा है। तिमाही आधार पर जनवरी-मार्च तिमाही में रतनइंडिया पावर की एबिटडा मार्जिन 31 फीसदी से बढ़कर 49.4 फीसदी रहा है
(4) विकास इकोटेक खरीदें (बुधवार को बंद भाव: 21.90 रुपए)
ब्रोकरेज हाउस इन्वेस्टमेंट इम्पेरेसिव की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी का शेयर 49 रुपए का लक्ष्य छू सकत है। पिछले चार क्वार्टर में कंपनी का मुनाफा 25.5 करोड़ रुपए से बढ़कर 312 करोड़ रुपए हो गया है। कंपनी अपने प्लांट की क्षमता विस्तार कर रही है। लिहाजा आने वाले समय में कंपनी की आय बढ़ने की उम्मीद है। आपको बता दें कंपनी स्पेशियेलिटी केमिकल बनाती है।
(5) प्राइस सिक्युरिटीज खरीदें, (बुधवार को बंद भाव: 33.50 रुपए)
मायस्टॉकरिसर्च के हेड लोकेश उप्पल के मुताबिक नितिन फायर का शेयर मौजूदा स्तर पर आकर्षक नजर आ रहा है। हालांकि कंपनी के शेयर ने पिछले के साल में 800 फीसदी का बड़ा रिटर्न दिया है। शेयर 3 रुपए से बढ़कर 33.30 रुपए का हो गया है। आगे भी शेयर बाजार में तेजी जारी रहने की उम्मीद है। लिहाजा कंपनी के ब्रोकिंग बिजनेस में ग्रोथ देखने को मिलेगी।
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